9 मार्च के आश्वासन के बाद जागरण, नोएडा के कर्मचारी वापस काम पर लौटे

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अभी अभी खबर मिली है कि आखिरकार तीन घंटे के संघर्ष के बाद जागरण के हड़ताली कर्मचारी कुछ ठोस आश्वासन के बाद काम पर वापस लौट आए हैं। कंपनी प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि उनकी सभी मांगों को मान लिया गया है। जिसमें मजीठिया को लेकर किसी का भी स्थानांतरण नहीं किया जाना, किसी को भी प्रताडि़त न करना, 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद आदेशानुसार सभी को वेतन दिया जाना शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि प्रबंधन को लगा कि आज अखबार नहीं छप सकेगा। हालांकि इसकी तैयारियां भी उसने कर ली थी। वह नोएडा से सटे सभी यूनिटों में अखबार भेजने लगा था पर इसी बीच प्रबंधन और हड़ताली कर्मचारियों के बीच समझौता हो गया जिसके बाद हड़ताली कर्मचारी पुनः काम पर वापस आ गए। इसका मतलब साफ है कि आज नोएडा में पुनः अखबार सुचारू रूप से प्रकाशित हो सकेगा।
एक सूत्र ने बताया कि हड़लात की अगुवाई रतन सिंह कर रहे थे जो फीचर में तैनात है। बताया जा रहा है कि वह मजीठिया को लेकर कोर्ट भी पहुंचे थे जिससे प्रबंधन खफा था। इसलिए इसी सप्ताह उनका स्थानांतरण कानपुर कर दिया गया था। इस बात से वे काफी खफा भी थे और उन्होंने कोर्ट में भी इस बात की अर्जी लगा रखी है कि प्रबंधन उन्हें परेशान कर रहा है। उन्होंने प्रबंधन को साफ साफ कह दिया था कि वे कानपुर नहीं जाएंगे। यही नहीं रतन सिंह के साथ ही कुछ और लोग मजीठिया के लिए कोर्ट पहुंचे हैं। उनसभी लोगों को प्रबंधन अन्यत्र जगहों पर स्थानांतरित कर रहा है। जिससे लोग खफा थे और आज रतन सिंह की ही अगुवाई में मशीन समेत संपादकीय और पीटीएस के लोग जागरण प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिए। उन्होंने नोएडा दफ्तर के सामने करीब तीन घंटे तक नारेबाजी की। पर अखबार के मालिक संजय गुप्ता नहीं पहुंचे। इन हड़ताली कर्मचारियों को मनाने के लिए घर से विष्णु त्रिपाठी भी पहुंचे। पर उनकी भी बात कर्मचारियों ने नहीं मानी। यहां के जीएम नीतेंद्र श्रीवास्तव और प्रोडक्शन हेड भी हड़ताली कर्मचारियों को मनाने में जुटे रहे पर वे नहीं माने। उनकी मांग थी कि मालिक संजय गुप्ता यहां आएं और उन्हें लिखित आश्वासन दें तभी वे काम पर लौटेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि संजय गुप्ता दफ्तर नहीं आए पर उन्होंने फोन से ही अपने अधिकारियों को हड़ताल खत्म कराने के लिए निर्देश दिए और उनकी मांगों को मानने के लिए कहा। जिसके बाद नीतेंद्र श्रीवास्तव ने इस बात की घोषणा की जिसके बाद हड़ताली कर्मचारी काम पर लौट आए। पर चर्चा है कि हड़ताली कर्मचारी अब नौ मार्च का इंतजार करेंगे और यदि उस समय भी यदि वेतन मजीठिया के अनुसार नहीं मिला तो संभव है कि इस बात अखबार ही नहीं छपे।

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