अरूण चट्ठा ने दिया जनवाणी को झटका, अमर उजाला गए, गिरिराज सिंह ने जागरण ज्वाइन किया
दैनिक जनवाणी मेरठ को अलविदा कहने वालों का सिलसिला जारी है। लंबे समय बाद बीमारी से ठीक होकर लौटे सीनियर रिपोर्टर अरूण चट्ठा ने प्रबंधन के तानाशाही पूर्ण और निरंकुश रवैये से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया है। वह अमर उजाला मेरठ में सीनियर रिपोर्टर के रूप में जल्द ज्वाइन करेंगे। पेट की बीमारी के कारण लंबे समय तक अरूण अस्पतालों में भर्ती रहे। इस दौरान भी जनवाणी प्रबंधन ने उनकी कोई मदद नहीं की, उल्टे दिसंबर 2012 की तनख्वाह रोक ली थी।
ठीक होने के बाद अरूण ने यह सोचकर जनवाणी में वापसी की कि पुराने संस्थान में काम करना ठीक रहेगा। लेकिन यहां आकर अरूण को अपनी गलती का अहसास हुआ। तभी से वह जनवाणी को करारा झटका देने की तैयारियों में लगे थे। अमर उजाला में सेटिंग होते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। क्योंकि वह जानते थे कि जुलाई की तनख्वाह जनवाणी का क्रूर प्रबंधन फिर भी नहीं देगा, इसलिए वह इस्तीफा देकर चले गए। अभी कुछ दिन पहले ही सिटी डेस्क पर कार्यरत गिरिराज सिंह ने भी जनवाणी को अलविदा कह दिया और दैनिक जागरण बिजनौर में ज्वाइन कर लिया। मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले गिरीराज की गिनती अच्छे रिपोर्टरों में होती है। बिजनौर में पहले दिवाकर झा जिला प्रभारी थे। जनवाणी के सह संपादक रहे रवि शर्मा ने दिवाकर की छुट्टी कर दी थी। जिस पर गिरीराज को प्रभारी बनाया गया था। रवि शर्मा के जाने के बाद दिवाकर झा को फिर से जिला प्रभारी बना दिया तो अपना सम्मान बचाने को गिरीराज को डेस्क पर आना पड़ा। यहां भी गिरीराज ने अच्छा काम किया। कई दूसरे पत्रकार भी जल्दी ही जनवाणी को अलविदा कहने की तैयारी में लगे हैं।
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