कौशांबी में अवैध बालू खनन की कवरेज करने गए पत्रकारों पर हमला,प्रदर्शन
मंझनपुर। यमुना घाट रूसहाई में अवैध बालू खनन की कवरेज करने गए पत्रकारों पर प्राणघातक हमले से पत्रकारों में गहरा आक्रोश है। मीडियाकर्मियों ने सोमवार को एसओ सरायअकिल और तिल्हापुर चौकी प्रभारी के निलंबन की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। डीएम को प्रार्थनापत्र देकर हमले के लिए एसओ-चौकी इंचार्ज को कसूरवार ठहराया। साथ ही दोनों के निलंबन की मांग की। चेताया कि मांगे पूरी नहीं की गई, तो जिलेभर के पत्रकार आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बता दें कि 25 अप्रैल को नेवादा ब्लाक के जमालपुर बरेठी गांव में आपदा पीड़ितों को मुआवजे का चेक बांटने के बाद डीएम राजमणि यादव और एसडीएम रजनीश मिश्र अवैध रूप से हो रही बालू खनन की शिकायत की जांच करने रूसहाई यमुना घाट पहुंचे थे। इसकी सूचना लगते ही स्थानीय पत्रकार पुष्पेश त्रिपाठी और आलोक मिश्र भी वहां पहुंच गए। बताया जाता है कि मुआयना करके जैसे ही डीएम, एसडीएम घाट से निकले। बालू माफिया समीर सिंह और उसके गुर्गों में दोनों पत्रकारों पर लाठी-डंडे और असलहों से हमला कर दिया। बेरहमी से दोनों की पिटाई करके उन्हें मरणासन्न कर दिया। साथ ही मोबाइल, कैमरा भी तोड़ डाला। चीख-पुकार पर आसपास के लोगों के पहुंचने पर दोनों पत्रकारों की जान बची। इस मामले में घायल पुष्पेश की तहरीर पर पुलिस ने हमलावर बालू माफिया समीर सिंह निवासी काजू चरवा और उसके अन्य साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। उधर, डीएम के निर्देश पर सरायअकिल पुलिस ने मुख्य आरोपी समीर सिंह को गिरफ्तार तो कर लिया है। आरोप है कि घटना की रात ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। पर, रविवार को दिनभर थाने में ही उसे बैठाए रखा गया। शाम को सरायअकिल इलाके से गिरफ्तारी दिखाई गई। इल्जाम है कि इस दौरान सरायअकिल पुलिस ने उसके साथ पूरी सहानुभूति बरती। जबकि वह पुलिसवालों के सामने ही पत्रकारों को जानलेवा धमकियां देता रहा है। इस मामले को लेकर सोमवार को पत्रकारों को गुस्सा फूट पड़ा। जिलेभर से जुटे पत्रकारों ने हमलावर बालू माफिया की थाने में आवभगत पर गुस्सा जताते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी आफिस में प्रदर्शन किया। एसओ और चौकी इंचार्ज के निलंबन की मांग की। डीएम ने जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। वहीं पत्रकारों ने चेताया है कि 24 घंटे में कार्रवाई नहीं की गई, तो पत्रकार आंदोलन को बाध्य होंगे।