नहीं बचाया जा सका, अमर उजाला, बस्ती के ब्यूरो चीफ धीरज पांडेय को
आखिरकार धीरज पांडेय को नहीं बचाया जा सका। उन्होंने आज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में आखिरी सांस ली। उनके पैर का इंफेक्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था जिससे यह जुझारू पत्रकार जूझ रहा था।
आपको बता दें कि धीरज पांडेय पिछले दिनों उस समय घायल हो गए थे जब वे एक शादी समारोह से लौट रहे थे। रात्रि में एक स्कार्पियों ने उनके बाइक में पीछे से टक्कर मारी जिससे वे गिर पड़े और बेहोश हो गए। पहले उन्हें बस्ती के अस्पताल में भर्ती कराया गया पर उनकी हालत को देखते हुए उन्हें तत्काल लखनऊ रेफर कर दिया गया। वे कोमा में थे। पर तीन दिन पहले ही उन्हें होश आय़ा था और लगा कि वे अब संकट के दौर से बाहर निकल आए हैं पर आज उनका निधन हो गया। वे अपने सभी साथियों को छोड़कर चले गए। इस खबर से पूरा मीडिया जगह स्तंब्ध है। वे अमर उजाला के ब्यूरो चीफ थे। पिछले दिनों खबर ऐसी भी आई थी कि यह दुर्घटना जानबूझ कर करायी गई थी। इसमें एक सपा नेता का नाम सामने आय़ा था। आपको बता दें कि यह दुर्घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के मालवीय रोड पर 5 जून को हुई थी। इस मामले में पुलिस ने एक की गिरफ्तार भी की थी। जिस वाहन से धीरज का एक्सीडेंट हुआ था वह सिद्धार्थनगर जनपद के बांसी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक की बताई गई थी। घटना के बाद चालक फरार हो गया था। जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया। इस मामले को लेकर भी वहां के स्थानीय पत्रकार आंदोलनरत थे और उनकी मांग थी कि पूर्व विधायक को पुलिस गिरफ्तार करें। हालांकि उनकी अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है पर धीरज के निधन से पुलिस अब इस केस की दूसरे तरीके से विवेचना करेगी।