सुप्रीम कोर्ट बना नीलामघर, लगने लगी सहारा की संपत्ति की बोली

सुप्रीम कोर्ट बना नीलामघर, लगने लगी सहारा की संपत्ति की बोलीसुप्रीम कोर्ट सोमवार को उस समय नीलामघर में तब्दील हो गया जब सहारा की गोरखपुर स्थित 145 एकड़ भूमि को खरीदने वाले बढ़ चढ़कर बोली लगाने लगे। एक घंटे चली सुनवाई सहारा की इस भूमि के लिए उसे 86 करोड़ रुपये ज्यादा मिले। हालांकि यह रकम भी अभी अंतिम नहीं है, उम्मीद है कि यह राशि अगली सुनवाई 3 अगस्त को और बढ़ सकती है।
सहारा ने 7 मई इस भूमि को महज 64 करोड़ रुपये में सौदा करने की सूचना देने आया था। यह सौदा समृद्धि डेवलपर के साथ किया गया था। लेकिन उसी दौरान एक खरीदार गोरखपुर रियल स्टेट डेवलपर कोर्ट में आया और कहा कि वह संपत्ति को 110 करोड़ रुपये में खरीदने को तैयार है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा है तो वह उसका 10 फीसदी रकम 11 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करवाएं। उसके बाद उनकी सुनवाई13 जुलाई को होगी। सोमवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो गोरखपुर रियल स्टेट की वकील कामिनी जायसवाल ने कोर्ट में शेष रकम के भुगतान की योजना दी। लेकिन इस बीच समृद्धि के वकील पूर्व एएसजी पारस कोहाड़ ने कहा कि वह संपत्ति 115 करोड़ में लेने को तैयार हैं। बस फिर क्या था बोली लगने लगी। दोनों ओर के वकीलों ने मालिकों को आगे बुलवा लिया और 5 से 10 करोड़ रुपये बढ़ाकर बोलियां लगाने लगे। समृद्धि की बोली 145 करोड़ पर आ गई तो रियल स्टेट ने 150 करोड़ की बोली लगा दी। इस पर समृद्धि रुक गया। जस्टिस टीएस ठाकुर की विशेष पीठ ने कहा हमें लगता है संपत्ति ज्यादा मूल्य की है। जायसवाल ने बताया कि गोरखपुर में सर्किल रेट के हिसाब से यह संपत्ति 191 करोड़ की है। विशेष पीठ ने कहा कि फिलहाल दोनों पक्ष 150 करोड़ रुपये का 25-25 फीसदी रकम यानी 37.5 करोड़ रुपये कोर्ट में 31 जुलाई तक जमा करवाएं। इसकी अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा कि कोई भी खरीदार यदि बीच में भागा तो उसकी रकम जब्त कर ली जाएगी। इस दौरान कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया कि वह सेबी- सहारा रिफंड खाते का स्टेटमेंट और उसका निवेश कोर्ट में पेश करें। उधर, मुंबई के वसई में संपत्ति के खरीदार ने कोर्ट में शिकायत की कि सहारा ने संपत्ति के असली कागजात नहीं दिए हैं इसलिए वह अपने 800 करोड़ रुपये के चेक की पेमेंट रोकना चाहते हैं। लेकिन कोर्ट ने इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया और सेबी से कहा कि वह चेक कैश करने की कार्रवाई कर रकम रिफंड खाते में डालें। सहारा प्रमुख सुब्रत राय को जेल से बाहर आने के लिए पांच हजार करेाड़ रुपये कैश और पांच हजार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी कोर्ट को देनी है। कैश में से वह लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये दे चुके हैं।

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