ED का फायदा कुछ यूं उठाया था शरद पंवार ने, चुनाव में फायदे के लिए बिन बुलाए गए थे ED दफ्तर
अजित पवार ने बताया कि कैसे पांच साल पहले ईडी से शरद पवार को नोटिस मिलने पर पार्टी के नेताओं में चिंता का माहौल था। इस दौरान मुंबई में चव्हाण प्रतिष्ठान में पार्टी की बैठक हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बड़े खुलासे से राजनीति को गरमा दिया है। उन्होंने 2019 के महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में शरद पवार के ईडी दफ्तर जाने के पीछे की ‘असल’ कहानी बताई है। उन्होंने बताया कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले (तत्कालीन) एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने खुद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर जाने का फैसला किया था। अजित ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से जुड़े कथित घोटाले में ईडी से समन नहीं मिला था लेकिन इसके बावजूद शरद पवार ने ईडी के कार्यालय जाने का फैसला किया। 27 सितंबर को पवार ईडी दफ्तर जाने के लिए निकले और बाद में इसका इस्तेमाल एनसीपी ने चुनाव में किया।
अजित पवार ने बताया कि कैसे पांच साल पहले ईडी से शरद पवार को नोटिस मिलने पर पार्टी के नेताओं में चिंता का माहौल था। इस दौरान मुंबई में चव्हाण प्रतिष्ठान में पार्टी की बैठक हुई थी जिसमें प्रमुख नेताओं में नवाब मलिक भी शामिल थे। इस नोटिस को लेकर चर्चा करते समय नवाब मलिक ने सुझाव दिया कि शरद पवार को खुद ईडी कार्यालय जाकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और वही दिन चुना जाए जब वह उपलब्ध हों। इस योजना का असर चुनाव पर भी पड़ा, जिससे एनसीपी को फायदा मिला।
अजित पवार ने कहा, “पांच साल पहले जब (शरद पवार) साहब के पास एक नोटिस आया तो हम लोग चव्हाण प्रतिष्ठान में बैठे थे। मलिक हमारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता थे। हम सब वहां बैठे थे। हमें चुनाव प्रचार के लिए जाना था। ऐसे में अगर दौरा शुरू हो जाता और उस दौरे से दोबारा बुला लिया जाए तो सारी प्लानिंग गड़बड़ा जाती है। फिर मैंने सोचना शुरू किया कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।”
अजित पवार ने कहा, “जब हमारी चर्चा चल रही थी, तब नवाब मलिक ने कहा, हम ऐसा करेंगे कि हम ही उनको (ईडी को) डेट देंगे और उसी दिन हम वहां जायेंगे। ऐसे में नवाब मलिक ने सुझाव दिया कि हम खुद ईडी को बताएंगे कि शरद पवार फलानी तारीख को जाएंगे और प्रचार की व्यस्तता के कारण अन्य समय पर नहीं जा सकेंगे। हमने इस योजना के तहत ईडी को खुद ही अपनी उपस्थिति का दिन और समय बता दिया।” इसके बाद शरद पवार ईडी ऑफिस गए और चुनाव में इसका फयदा उठाया। एनसीपी ने 2019 में 54 सीटें जीती थीं।
इस खुलासे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि चुनावों के बाद क्या राजनीतिक समीकरणों में फिर कोई बदलाव आएगा? एनसीपी नेता नवाब मलिक और दिलीप वलसे पाटील के हाल के बयानों ने इस ओर संकेत दिए थे, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि यह उनके निजी विचार हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि महायुती (भाजपा-एनसीपी गठबंधन) के प्रचार में किसी तरह का गलत संदेश नहीं जाना चाहिए। अजित पवार ने कहा, “प्रत्येक के विचार होते हैं, लेकिन चुनावी प्रचार में किसी तरह की गलतफहमी पैदा नहीं होनी चाहिए। अगर प्रचार सही ढंग से किया गया तो महायुती आराम से सत्ता में आएगी।”