जब मशीनमैन ने प्रभारी की बोलती बंद करवाई
दैनिक जागरण लुधियाना में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस करने वाले कमर्चारियों और प्रबंधन के बीच हो रही वार्ता में एक अधिकारी बेवजह अपने नंबर बढ़ाने के लिए शामिल हो गए। उनका इतना बोलना ही था… कि मैं भी जागरण परिवार का सदस्य हूं, कि एक मशीनमैन गुस्से से भड़क उठा, उसने कहा कि जब हमारे इंक्रीमेंट नहीं लगे थे तो तूं क्या परिवार का सदस्य नहीं था। इतना सुनने पर उन्हें मानों सांप सूंघ गया, बेचारे मुंह लटकाए बैठे रहे। उल्लेखनीय है कि वे वहीं आदमी है जिसे चंडीगढ़ में किए तबादले पर आठ हजार रुपये प्रतिमाह की दर से हाउस रेंट दिया गया था, चंडीगढ़ से लुधियाना तबादला होने पर उसे ईमानदारी से उस हाउस रेंट को बंद करवा देना चाहिए था,लेकिन वह रेंट आज भी बरकरार है, ऊपर से इस बार अपने सर्वाधिक साढ़े चार हजार रुपये बढ़वा लिए, ऐसे में तो वे जागरण के गुण गाएंगे ही न । उन्हें तो पहले ही मजीठिया से बढ़कर मिल रहा है। वे पहले ही साधन संपन्न हो चुके हैं।