मोदी जी ने टीवी का नुकसान कर दिया !
न्यूज़ चैनलों के जंगी बेड़े तैयार हो चुके थे। कैमरों, गनमाइक से लैस परम प्रतापी रिपोर्टर बख्तरबंद गाड़ियों में सवार हो चुके थे। एंकरान स्टूडियो से जंग का उद्घोष कर रहे थे। बड़ी-बड़ी मूछों वाली पूर्व फौजी अफसरान बतौर एक्सपर्ट्स टीवी पर अपनी हाहाकारी ज़ुबान से रोज़ाना दुश्मन पर सर्जिकल स्ट्राइक किए जा रहे थे। घर में घुसके मारो, नेस्तनाबूद कर दो, नामोनिशान मिटा दो जैसी प्रलयंकारी हुंकारें गूंज रही थी। बैकग्राउंड में बॉलीवुडिया देशभक्ति के गीत माहौल को और घनघोर और तेज़ाबी बना रहे थे। देखने/ सुनने वालों की भुजायें फड़फड़ा रही थी। धमनियों में लहू उबाल मार रहा था। बस अबके आर या पार।
टीवी के जरिये दुश्मन देश पर निशाने तय हो चुके थे। पीओके, सिंध, कराची, लाहौर, इस्लामाबाद …और भी न जाने क्या-क्या…। मन किया कि आखिरी बार दुनिया के मैप पर पाकिस्तान का नक्शा ढंग से देख लूं। कल ये नक्शा हो न हो। कल को हम अपने नाती-नातिनों, पोते-पोतियों को तो बता सकेंगे कि इस नक्शे में कभी पाकिस्तान नाम का एक मुल्क भी हुआ करता था, जिसको हमने मिट्टी में मिला दिया। माहौल ही ऐसा बन गया था जी। कोई तोपें चला रहा था, कोई मिसाल दाग रहा था। कोई बम बरसा रहा था।
मशीनगन, मोर्टार, रॉकेट… जिसे जो मिला, उसी के जरिये टीवी से हमला बोल दिया। आसमान पर एफ-16 और राफेल गर्जन-तर्जन कर रहे थे। ये बात अलग है कि राफेल हमें 2019 से पहले नहीं मिलने वाला,लेकिन टीवी पर राफेल उड़ाने में अपना क्या जाता है जी… !
टीवी के स्क्रीन पर भीषण ग्राफिक्स, क्रोमा के जरिये वॉर रूम सज चुके थे। ‘एक के बदले 10 दस सिर’ का प्लान तैयार हो चुका था। पल-पल स्क्रीन पर ‘सबसे पहले इसी चैनल पर’ की पट्टियां उभर रही थीं। कुछ चैनलों पर तो ऐसा लग रहा था कि गु्स्से से भरा एंकर मानो अभी स्क्रीन से निकलकर पाकिस्तान पर बम बरसा देगा और तुरंत लौटके अपने चैनल पर उसकी ब्रेकिंग न्यूज़ भी चला देगा।
पाकिस्तान पर चढ़ाई का रूट भी तय हो चुका था। सुबह का नाश्ता दिल्ली में, लंच अमृतसर में और डिनर इस्लामाबाद में। दुश्मन देश और उसकी सेना तो कहीं मैदान में थे ही नहीं जी। बस हम ही हम थे। हमारे एंकर, हमारे रिपोर्टर, हमारे फौजी एक्सपर्ट्स, हमारे प्रोड्यूसर, हमारी हाहाकारी रिपोर्टें, हमारी ही फौज, हमारे ही हथियार, हमारी ही तोपें, हमारा राफेल, हमारे बम…. और तो और, हमले की तारीख भी हम तय कर रहे थे।
हमने हुंकार भर ली थी कि जगह और समय भी हम ही तय करेंगे। लेकिन कल केरल में मोदी जी के एक भाषण ने सब पर पलीता लगा दिया। सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। लाहौर तक चढ़ाई करने के मंसूबे एक भाषण से धूल में मिल गए। टीवी को बड़ा नुकसान हो गया जी। टीवी वालों को अपने सारे जंगी बेड़ों को वापस बुलाने की नौबत आ गई है।
ऐन टाइम पर मोदीजी ने कह दिया जंग लड़नी है तो ग़रीबी से लड़ो, बेरोज़गारी से लड़ो। अरे भई मोदीजी…! टीवी को तो पाकिस्तान से ही जंग सूट करती है। ग़रीबी, बेरोज़गारी और अशिक्षा से भी कभी टीवी ने जंग लड़ी है भला…?