कानून से हम नहीं, हम से है कानून

बरेली/लखनऊ। गत् कुछ महीनों से यूपी में उदयपुर की भविष्य कोआपरेटिव सोसाइटी अपने एग्रीकल्चर के कामों को लेकर चर्चा में आई। इस कोआपरेटिव सोसाइटी का काम एग्रीकल्चर से संबंधित है और देश के आठ राज्यों में अपना कार्य बखूबी निभा रही है।
मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, पंजाब,महाराष्ट्र और राजस्थान में उत्कृष्टï कार्य का प्रदर्शन करते हुए यह सोसायटी अब उत्तर प्रदेश में भी  स्थापित हो गई है। इस कंपनी ने गत्ï कुछ महीने से प्रदेश को काफी लाभ भी पहुंचाया है, लेकिन कुछ प्रतिद्वंद्वी कंपनियां इस सोसायटी को यहां से हटाने में अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं। ताजा मामला बरेली एसपी सिटी के हवाले से है। बरेली एसपी सिटी  डा. त्रिवेणी सिंह ने इस सोसायटी के खिलाफ एकाएक उग्र होते हुए कुछ अजीबो गरीब तरीके से एक्शन ले लिया। न इस कंपनी के खिलाफ किसी ने शिकायत की, न कंपनी के कार्य को लेकर सरकारी तौर पर कोई गलत बात सामने आई, बावजूद इसके एसपी सिटी ने व्यक्तिगत लाभ के लिए कंपनी के खिलाफ अनायास ही एक्शन शुरू कर दिया। इतना ही नहीं जब उनके इस काम को एक मातहत ने गलत बताया तो उसे भी बिना किसी कारण के सस्पेंड कर दिया। एसपी सिटी से बात करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन वो मीडिया से भाग रहे हैं और किसी भी सवाल का जवाब नहीं देना चाह रहे हैं। एसपी सिटी ने जिस तेजी से इस सोसायटी के खिलाफ कार्रवाई करके इसके दो बैंक एकाउंट सीज करवाए उससे तो यही लगता है कि इस कंपनी की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां माननीय एसपी सिटी को व्यक्तिगत लाभ के माध्यम से कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही हैं और एसपी साहब व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कानून को ताक पर रखकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। जब हमारे रिपोर्टर एसपी सिटी से मिलने गए और इस कार्रवाई पर कुछ जानना चाहा तो वह महोदय उससे मिलना भी उचित नहीं समझे, इतना ही नहीं फोन करने पर फोन भी नहीं उठाते हैं। मामला अब न्यायालय में भी है और संभवत: डा. त्रिवेणी सिंह को यह अहसास भी हो गया है कि उनसे बड़ी गलती हुई है।

सस्पेंडेड मातहत से भी बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह भी साहब के खिलाफ कुछ बोलने से कतरा रहा है, बावजूद इसके एसएसआई ने इतना जरूर कहा कि साहब ने जो तेजी इसमें दिखाई है उससे कहीं न कहीं यह बात सामने आ गई है कि यह कार्रवाई कानून न होकर व्यक्तिगत है। सूत्रों की मानें तो एक प्रतिद्वंद्वी कंपनी ने इस काम के लिए एसपी साहब को काफी पैसा भी दिया है। एसपी सिटी ने फौरी तौर पर कोतवाली के एसएसआई संजीव कुमार तोमर को विवेचना करने को बोला और विवेचना के नाम पर उसे यह आदेश दिया कि आप जाएं और इस सोसाइटी के बैंक खाते को सीज कराएं। इसमें यह कहीं नहीं कहा गया कि क्या विवेचना करनी है या किस मामले में विवेचना करनी है। जब संजीव कुमार तोमर ने खाते तो सीज करा दिए लेकिन इस मार्फत अपने साहब से पूछा कि सर आखिर किस मामले में ये विवेचना है तो साहब की त्योरी चढ़ गई और उन्होंने आव देखा न ताव एसएसआई संजीव कुमार तोमर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। संजीव कुमार तोमर भी इस बात को समझ चुके थे कि खाते सीज करने की कार्रवाई पूरी तरह से गैरकानूनी है। शायद इसी के चलते उनके इस सवाल से साहब इतना नाराज हो गए। खातों को सीज कराने के पहले कंपनी के किसी भी अधिकारी से एसपी सिटी ने कोई बात करना उचित नहीं समझा और इस मामले में दो लोगों को आरोपी बताकर गिरफ्तार भी कर लिया। इस बात से भविष्य कोआपरेटिव सोसाइटी के मालिकान और डायरेक्टर कोर्ट की शरण में जाने को तैयार हैं। इतना ही नहीं वह सरकार से भी इस मामले में अपनी बात रखेंगे ताकि उनको न्याय मिल सके।

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