बिहार में दैनिक भास्कर ने छेड़ा होर्डिंग वार, प्रभात खबर को चौथे नंबर पर खिसकने का डर
बिहार में एक बार फिर होर्डिंग वार शुरू हो गया है। हिंदुस्तान ने जहां सबसे पहले होर्डिंग वार की शुरुआत की वहीं अपने अस्मत बचाने में जुटा प्रभात खबर भी कहां पीछे रहने वाला था पर आज रात्रि भास्कर ने भी 100 से ऊपर पटना में होर्डिंग लगाकर अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि भास्कर प्रबंधन ने आज रात्रि बोलो बिहार के नाम से राजधानी को होर्डिंग लगाकर पाट दिया है। इसमें न केवल बिहार के बारे में स्लोगन है बल्कि होर्डिंग वार से उसने यह भी दिखाने की कोशिश की है कि आने वाले दिनों में वह किसी से भी पीछे नहीं रहने वाला है। वैसे भी इस लड़ाई में सबसे बड़ी हार केवल और केवल प्रभात खबर के माथे लगेगी क्योंकि पटना समेत पूरे बिहार में भास्कर के साथ उसी की लड़ाई है।
सूत्र बता रहे हैं कि वैसे तो होर्डिंग वार की शुरुआत हिंदुस्तान ने की और जो खबर हिंदुस्तान में नहीं वह खबर नहीं के नारे के साथ अपनी दस्तक दी। उसके बाद प्रभात खबर सामने आया। उसके बाद भास्कर। हालांकि दैनिक जागरण अभी भी इस दौड़ में सबसे पीछे चल रहा है।
एक सूत्र ने बताया कि भास्कर की बिहार में सीधे सीधे लड़ाई प्रभात खबर के साथ है। क्योंकि हिंदुस्तान यहां इतना आगे है कि वहां भास्कर पहुंच भी नहीं सकता। रही बात जागरण की तो वह भी दूसरे नंबर पर काबिज है और पिछले कुछ महीनों से अपनी ठीक ठाक उपस्थिति बनाए हुए है। लेकिन प्रभात खबर यहां तीसरे नंबर पर है। हालांकि बीच बीच में हवा बनाया जाता है कि प्रभात खबर काफी आगे चल रहा है वह बिहार में सबको पटकनी देने वाला है आदि आदि….पर उसे अब चौथे नंबर पर खिसकने का डर सताने लगा है।
बताया जा रहा है कि भास्कर प्रबंधन ने पटना में एक हजार लोगों की टीम उतारने जा रहा है जो घर घर जाकर बुकिंग करेंगे। चूंकि बिहार में हिंदुस्तान में पाठकों की कमजोर नस है वहीं जागरण का एक अलग पाठक वर्ग है। इसलिए कुछ मिलाकर उसे प्रभात खबर से ही टकराना है और दोनों को तीसरे और चौथे नंबर की लड़ाई लड़नी है। अब देखना है कि भास्कर प्रबंधन कितनी कापियों के सामने पाठकों के सामने उपस्थित होता है। यदि वह 20 हजार कापियों के साथ बाजार में उतरता है तो उसी दिन से ही प्रभात खबर चौथे नंबर पर खिसक जाएगा और उसकी महत्ता अन्य अखबारों की अपेक्षा कमतर आंकी जाने लगेगी और धीरे धीरे अपनी साख को भी खो देगा। वैसे सूत्र बता रहे हैं कि प्रभात खबर प्रबंधन इस डर से कई बड़े निर्णय कुछ ही दिनों में करने जा रहा है जिससे उसे कम से कम भास्कर से नुकसान उठाना पड़े पर इतना तो तय है कि सांप नेवले के इस खेल में आखिर जीत उसी की होगी जो सही रणनीति और बाजार की मंशा के अनुसार लड़ाई लड़ेगा।