वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने हिरासत में लिया
गाजियाबाद के इंदिरापुरम से खबर है कि बीबीसी समेत कई बड़े मीडिया संस्थानों में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ की पुलिस ने हिरासत में लिया है. विनोद फिलहाल हरिभूमि समेत कई अखबारों के लिए बतौर सलाहकार अपनी सेवाएं दे रहे थे. चर्चा यह है कि वह छत्तीसगढ़ में आदिवासी मसलों पर भी काम कर रहे थे और इसको लेकर कई इनवेस्टिगेटिव खबरें तैयार की थीं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के किसी मंत्री की पोर्न सीडी उनके हाथ लगी थी जिसको लेकर पुलिस ने यह कार्रवाई की है.
हिरासत में लिए गए विनोद वर्मा को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में रखा गया है. उन्हें रात में ही हिरासत में ले लिया गया था. सूचना मिलते ही कई वरिष्ठ पत्रकार थाने पर पहुंचने लगे हैं. बताया जा रहा है कि कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस विनोद वर्मा को रायपुर ले जाएगी और कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी. जानकार कहते हैं कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा निर्दोष पत्रकारों को जेल भेजने की यह कोई पहली घटना नहीं है. दर्जनों पत्रकार इसी तरह जेल भेजे जा चुके हैं और कोई अपराध न साबित होने के कारण छूट चुके हैं.
इस घटनाक्रम के बारे में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल फेसबुक पर लिखते हैं : Urmilesh Urmil : गुरुवार-शुक्रवार की रात को तकरीबन तीन बजे छत्तीसगढ़ पुलिस ने यूपी पुलिस के सहयोग से BBC और अमर उजाला के पूर्व वरिषठ पत्रकार और लेखक विनोद वर्मा को उनके इंदिरापुरम (गाजियाबाद, यूपी) स्थित घर से हिरासत में ले लिया। वर्मा एडिटर्स गिल्ड आफ़ इंडिया के सदस्य भी हैं। इस वक्त उन्हें इंदिरापुरम थाने में बैठाकर रखा गया है। उन्हें एक पोर्न सीडी रखने का आरोपी बनाया जा रहा है। वह सीडी किसी प्रांतीय मंत्री की बताई जा रही है! पत्रकार को हिरासत में लेने की यह शैली मुझे इमरजेंसी की याद दिला रही है। मैं यहीं थाने में एक शीशे की दीवार के पार विनोद से हो रही पुलिसिया पूछताछ को देख रहा हूं। वकील ओमवीर सिंह और अमित यादव थाने पहुंच चुके हैं।
पुलिस हिरासत में विनोद वर्मा ने मीडिया वालों से बातचीत में क्या कहा, सुनिए :