कोबरापोस्ट ने भारतीय मीडिया के सबसे विस्मयकारी रूप को किया उजागर
कोबरापोस्ट ने भारतीय मीडिय पर एक बड़ी तहकीकात को अंजाम दिया है। ऑपरेशन 136: पार्ट-2 असल में भारतीय मीडिया के सबसे विस्मयकारी रूप को दिखाता है, जहां “मीडिया के बड़े घराने” भी ऐसे अभियान को करने के लिए सहमत हो जाते हैं। जिसकी वजह से न केवल देश के नागरिकों के बीच सांप्रदायिक तनाव हो सकता है बल्कि ऐसा करने से किसी खास राजनीतिक पार्टी के खिलाफ झुकाव भी हो सकता है। यही नहीं इस तरह की कोशिश किसी खास पार्टी के पक्ष में चुनावी परिणाम का रूख भी पलट सकती है।
पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्री मद भागवत गीता प्रचार समिति उज्जैन के प्रचारक बनकर अपने प्रस्ताव के साथ इन मीडिया घरों से संपर्क किया। इस मौके को भुनाने के लिए लगभग सभी मीडिया संस्थानों ने अपने सिद्धातों से समझौता कर लिया। हालांकि दो संस्थानों ने ऐसा ना करके एक मिसाल भी पेश की है। जो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। वर्तमान पत्रिका और दैनिक संवाद ने पत्रकार पुष्प के इस अभियान को चलाने से साफ इनकार कर दिया।
मीडिया घरों के मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करते हुए शर्मा ने मोटी रकम के बदले उनसे एक मीडिया अभियान चलाने के लिए कहा। पुष्प ने अपने अभियान के तहत नीचे दिए गए खास बिंदुओं पर चर्चा की-
1 – शुरूआती दौर में पहले तीन महीने हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार ताकि धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक अनुकूल माहौल तैयार हो सके।
2 – इसके बाद विनय कटियार, उमा भारती और मोहन भागवत जैसे हिंदुत्व कट्टरपंथियों के भाषणों को बढ़ावा देने के साथ अभियान को सांप्रदायिक लाइनों पर मतदाताओं को संगठित करने के लिए तैयार किया जाएगा।
3 – जैसे ही चुनाव नजदीक आएंगे तो ये अभियान राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ उग्र हो जाएगा। विरोधी नेताओं के लिए पप्पू, बुआ और बबुआ जैसे उपनामों का इस्तेमाल कर जनता के सामने इनकी छवि खराब की जाएगी।
4 – उन्हें इस अभियान को अपने प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, रेडियो और डिजिटल जैसे- न्यूज़ पार्टल, वेबसाइट और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और ट्वीटर जैसे सभी प्लेटफॉर्म पर चलाना होगा।
इस काम को करने के लिए इन सभी मीडिया घरानों ने पुष्प का गर्मजोशी से स्वागत किया और एजेंडे को हाथों-हाथ लिया। जो बड़े मीडिया संस्थान इस अभियान को चलाने के लिए तैयार दिखें उनमें टाइम्स ग्रुप, इंडिया टुडे ग्रुप, एचटी मीडिया, नेटवर्क 18, ज़ी न्यूज़, स्टार इंडिया, एबीपी न्यूज़, दैनिक जागरण, रेडियो वन, रेड FM, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी-5, दिनामलार, बिग FM, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, Paytm, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी और ओपन मैग्जीन शामिल हैं।
इनमें से कुछ media संस्थानों ने हमारे Questionnaire के जवाब भेजे है जिन्हे हमने शामिल किया है। साथ ही जिन मीडिया संस्थानों ने अभी तक हमारे प्रशनों के जवाब या कोई प्रतिक्रिया हमें नहीं भेजी है अगर वो अपने जवाब भेजते हैं तो हम उन्हें आगे शामिल करेंगे।
24 मई 2018 को मिले माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार हम अपनी तहकीकात में दैनिक भास्कर समूह को फिलहाल शामिल नहीं कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने हमारा पक्ष सुने बिना ही दैनिक भास्कर के पक्ष में आदेश पारित किया है और हम इस आदेश को चुनौती देंगे।
ऑपरेशन 136: पार्ट-2 इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें ना केवल इन सभी मीडिया संस्थानों को उजागर किया है बल्कि इस तथ्य को भी सामने लाए हैं कि तकनीक के इस दौर में किसी भी खास एजेंडे को मोबाइल ऐप के जरिए जनता तक पहुंचाने में एक प्रभावी माध्यम ढूंढा जा सकता है। पेटीएम को लेकर जो हमने खुलासा किया है वो इसका सटीक उदाहरण है। ये इस बात को दर्शाता है कि किसी खास एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पारम्परिक मीडिया जैसे टीवी चैनलों या अख़बारों की जरूरत नहीं है। एक साधारण से मोबाइल ऐप के जरिए भी आप पलक झपकते ही आप वो कर सकते हैं जो पारम्परिक मीडिया की मदद से नहीं किया जा सकता। पेटीएम के बड़े अधिकारियों से हुई पुष्प की बातचीत में ना केवल इनकी बीजेपी विचारधारा का खुलासा हुआ बल्कि संघ के साथ कंपनी के संबंधों की भी बात सामने आ गई। यहां तक कि इस बात की पोल खुल गई कि पेटीएम जैसे जानी-मानी ऐप पर उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित नहीं है, जैसा कि कंपनी का दावा है।
ऑपरेशन 136: पार्ट-2 में तहकीकात के दौरान पुष्प शर्मा की इन मीडिया संस्थानों से हुई बातचीत को इन बिंदुओं के जरिए आसानी से समझा जा सकता है:
- आध्यात्मिकता और धार्मिक प्रवचन के जरिए हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए।
- सांप्रदायिक राह के साथ मतदाताओं को ध्रुवीकरण करने की क्षमता के साथ सामग्री प्रकाशित करने पर सहमत हुए।
- सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए ये उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अपमानजनक content पोस्ट और प्रकाशित करने के लिए तैयार हुए।
- इनमें से कई इस सौदे को हर हाल में हासिल करने के लिए और अपने ग्राहक के काले धन को खपाने के लिए cash payment के लिए भी तैयार दिखे।
- इनमें से कई संस्थानों के अधिकारी third party या agency के माध्यम से काले धन को सफेद कर उसे दूसरे रास्ते से हासिल करने के लिए सहमत हुए। यहां तक कि कुछ ने तो अंगडिया जैसे हवाला के रास्ते का भी सुझाव दिया।
- कुछ मीडिया समूह के मालिकों ने तो बातचीत में अपने हिंदुत्व और संघ की विचारधारा से जुड़े होने का भी खुलासा किया। इसी वजह से वो पुष्प के अभियान पर काम करने के लिए राजी दिखाई दिए। जाहिर है ऐसे में पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों से समझौता होना ही था।
- इनमें से कुछ ने तो सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में स्टोरी चलाने पर अपनी सहमति जताई। जबकि कुछ ने विरोधी दलों के खिलाफ बाकायदा एक जाल बुनकर अपनी टीम से उनकी तहकीकात कराने और स्टोरी चलाने पर रजामंदी जाहिर की।
- इनमें से कई विशेष तौर पर इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए बाकायदा advertorials विकसित करने के लिए भी सहमत हुए।
- इनमें से कई अपनी creative team को नियोजित करके इस दुर्भावनापूर्ण अभियान के लिए content विकसित करने पर सहमत हुए।
- इनमें से कई इस अभियान को अपने प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, FM रेडियों, डिजिटल platform जैसे न्यूज़ पार्टल, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर चलाने के लिए सहमत हुए।
- इनमें से कुछ ने केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, मनोज सिन्हा, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी के खिलाफ स्टोरी चलाने पर सहमति जताई।
- इनमें से कुछ भाजपा गठबंधन के नेताओं जैसे अनुप्रिया पटेल, ओम प्रकाश राजभर और उपेंद्र कुशवाह के खिलाफ story को चलाने के लिए भी सहमत हुए।
- उनमें से कुछ ने किसानों को अपनी खबरों में माओवादियों द्वारा उकसाए हुए दिखाने पर सहमति व्यक्त की।
- इनमें से कई राहुल गाँधी जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और विपक्षी नेताओं के character assassination करने के लिए सहमत हुए।
- इनमें से कई संस्थान content को इस तरह से चलाने के लिए तैयार हुए ताकि वो paid न्यूज़ जैसा ना दिखे।
- इनमें लगभग सभी FM रेडियो स्टेशन खास ग्राहक को अपने free air time पर एकाधिकार करने की अनुमति देने के लिए सहमत हुए।
- कई FM रेडियो स्टेशन भी एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए RJ mentions का इस्तेमाल करने पर सहमत हुए। इसमें हिंदुत्व का प्रचार और rivals के character assassination करने पर भी सहमति जताई।
जैसा कि साल 2017 में भारत को प्रेस इंडेक्स में 136 स्थान देने पर Reporters Sans Frontiers (RSF) पर सवाल खड़े हुए। (https://rsf.org/en/ranking#) दरअसल RSF पेरिस स्थित एक स्वतंत्र निकाय है जो अलग-अलग देशों के 18 प्रेस संगठनों के साथ मिलकर काम करता है। RSF प्रेस और सूचना की स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है और उनका बचाव करता है। तीन दशक पुराना ये समूह आज संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सलाहकार के तौर पर मौजूद हैं। ऑपरेशन 136 का नाम RSF रैंकिंग के आधार पर ही रखा गया है।
ऑपरेशन 136: पार्ट-2 में पाया गया है कि अधिकांश मीडिया हाउस, खासकर क्षेत्रीय या तो राजनेताओं के स्वामित्व में हैं या राजनेताओं द्वारा संरक्षित हैं। जैसे ABN आंध्र ज्योति, एक प्रमुख तेलुगू टीवी समाचार चैनल टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू द्वारा संरक्षित है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है अगर हम इनके Chief Marketing Manager ई.वी शशिधर को सुनें। शशिधर कहते हैं “We have very good connects with TDP … We have do [sic] lot of what do you call we have main official what do you call for A.P. government Andhra Pradesh government, we have official event telecaster rights for Andhra Pradesh government.”( हमने टीडीपी के साथ बहुत अच्छा जुड़ाव किया है … हमने बहुत कुछ किया है जिसे आप कह सकते हैं कि हमारे पास मुख्य अधिकारी हैं, आप आंध्र प्रदेश सरकार के लिए क्या कहते हैं, हमारे पास आंध्र प्रदेश सरकार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम टेलीकास्टर अधिकार हैं।)
शशिधर ये भी कहते हैं कि उनका समाचार पत्र आंध्र ज्योति इतने बड़े पैमाने पर है कि वे कर्नाटक चुनाव के नतीजे को भी प्रभावित कर सकते हैं। उम्मीद है कि ये बातें भारत का चुनाव आयोग सुन रहा है!
दूसरी तरफ चेन्नई से प्रकाशित 70 साल पुराने प्रमुख तमिल दैनिक के मालिक लक्ष्मीपति आदिमूलम और उनका परिवार भी संघ को लेकर गहरी निष्ठा रहता है। ये बात बेहद चौंकाने वाली थी कि इन्होंने विशेष रूप से डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर को आयात किया है जो ब्रांड मोदी के प्रचार में मदद कर सकता है। आदिमूलम कहते हैं कि “You have newsletters … sent to … brochures, leaflets sent to party workers … say there is Modiji’s picture is there, just move your camera over here … it gives audio of Modiji.” (आपके पास न्यूजलेटर हैं … ब्रोशर, पार्टी कार्यकर्ताओं को भेजी गई पत्रिकाएं … कहें कि मोदीजी की तस्वीर वहां है, बस अपने कैमरे को यहां ले जाएं … यह मोदीजी का ऑडियो देता है।)
दरअसल, हमारी जांच इस तथ्य को स्थापित करती है कि आरएसएस एक अनुशासनिक हिंदुत्व के रूप में, न केवल न्यूज़रूम में बल्कि भारतीय मीडिया घरों के boardroom में भी गहराई से घुसपैठ कर चुका है। यहां तक कि मालिक भी या तो सत्ता में पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को स्वीकार करते हैं और इनके वैचारिक एंकर उनके साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। जैसे कि बिग FM के सीनियर बिजनेस पार्टनर अमित चौधरी अपनी कंपनी और सत्ताधारी पार्टी के बीच रिश्ते को स्वीकार करते हैं और कहते हैं कि “वैसे भी रिलांयस बीजेपी का सपोर्टर ही है”
इसमें बाद नंबर आता है ओपन मैग्जीन के Regional Sales Head बसब घोष का। इस मैग्जीन के मालिक आर.पी-संजीव गोयनका समूह है जो खुलेआम अपनी आरएसएस के साथ निष्ठा को स्वीकार करते हैं। “आचार्य जी शायद आप भी बिज़ी रहते हैं आप शायद ‘ओपन’ देखते नहीं हैं रेगुलर। मैं आपको एक बात बताता हूं ‘ओपन’ जितना सपोर्ट करते हैं संगठन का शायद ही कोई करता होगा”
ऑपरेशन 136: पार्ट-2 के दौरान एक और दिलचस्प बात सामने आई कि हालांकि ये लोग आरएसएस या बीजेपी के प्रति अपनी कड़ी निष्ठा दिखा रहे हों लेकिन ये काले धन के खिलाफ उठाए गए पीएम मोदी के सबसे बड़े फैसले की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिस रिश्वतखोरी और काले धन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने नबंवर 2016 में नोटबंदी के जरिए बड़ा कदम उठाया था। जिसे काले धन के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के नाम से महिमा मंडित करके देश की जनता को दिखाया गया था उसी को ये लोग मुंह चिढ़ा रहे हैं। हमें टाइम्स ग्रुप के Managing Director विनीत जैन और उनके सहयोगी Executive President संजीव शाह से बातचीत में पुष्प deal के कुछ हिस्से का payment cash में करने की बात करते है। जिस पर Sanjeev Shah और Vineet Jain पहले तो मना करते है लेकिन फिर cash की मोटी रकम को अलग अलग तरीको से route करने की सलाह देते है। इतना ही नहीं Sanjeev Shah last installment cash में लेने को भी राजी थे। विनीत जैन कहते हैं कि “और भी businessmen होंगे जो हमें cheque देंगे आप उन्हें cash दे दो” वहीं उनके सहयोगी शाह ने हमें बताया कि “Who will take that from him in Delhi suppose if Goenka says I want it in Ahmedabad so that I Angadia will have contact in Ahmedabad where they will exchange in number on a note or whatever.” (दिल्ली में उससे कौन ले जाएगा मान लीजिए कि गोयनका कहते है कि मैं इसे अहमदाबाद में चाहता हूं ताकि मैं आंगड़िया अहमदाबाद में संपर्क कर सकूं जहां वे एक नोट या जो भी हो, पर नंबर का आदान-प्रदान करेंगे।)
इस तहकीकात के दौरान पत्रकार पुष्प ने कई बड़े मीडिया संस्थानों के मालिक और उनके वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। इन सबमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला खुलासा किया मंदा ताई ने।
अपनी पार्टी की आलोचना करते हुए मंदा ताई ने दावा किया कि यह आरएसएस नेतृत्व ही था जिसने उन्हें NCP से हटकर बीजेपी में शामिल कराया और ऐसा करने पर बीजेपी की तरफ से पुणे के बेलापुर से विधायक का टिकट भी दिलाया। मंदा ताई ने जो खुलासा किया वो बेहद चौंकाने वाला था। बकौल मंदा ताई “मेरे को संघ वाले बोल रहे थे कि मुस्लिम मस्जिद तोड़ो ये करो। मैं बोली sorry मैं ये नहीं कर सकती। मस्जिद स्थल सब कचरे के माफिक देखते हैं। इतना लोग का हम हाय नहीं ले सकते हैं क्योंकि अच्छे लोग अपने से जुड़ गए हैं।”
हम ये अच्छी तरह से जानते हैं कि आरएसएस की विचारधारा के प्रति उनके निष्ठा के खुलासे को व्यक्तिगत राय के रूप में लिया जा सकता है लेकिन उनके संगठन में वो जिस मुकाम पर हैं उसे हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता है। इसकी वजह से है कि अपने व्यवसायिक हितों को पूरा करने वाली इनकी सोच एक मीडिया संगठन की संपादकीय नीति पर बुरा प्रभाव डाल सकती है और ऑपरेशन 136 ने इसे एक बार फिर से पर्याप्त मात्रा में दिखाया है।
ऑपरेशन 136 के इस भाग में हम टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी न्यूज, स्टार इंडिया, Network 18, सुवर्णा, एबीपी, दैनिक जागरण, पेटीएम, रेडियो वन, रेड FM, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी 5, दीनामलार, बिग FM, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी, ओपन मैग्जीन, वर्तमान पत्रिका और दैनिक संवाद के साथ पुष्प शर्मा की बातचीत के अंशों का पुनरुत्पादन कर रहे हैं।
TIMES OF INDIA
प्रदीप.वी, ग्रुप हैड सेल्स, रेडियो मिर्ची; बिनीत कुमार, सीनियर मैनेजर, रेडियो मिर्ची, पटना; प्रभू झा, स्टेशन डायरेक्टर, रेडियो मिर्ची; Aaron D’Mello, अकाउंट मैनेजर, रेडियो मिर्ची, मैंगलोर; अंशुमन डे, डिप्टी जनरल मैनेजर एंड हैड नोर्थ ईस्ट इंडिया, टाइम्स ग्रुप, गुवाहाटी; विजय भास्कर रेड्डी, डिप्टी मैनेजर रिस्पोंस द टाइम्स ग्रुप, हैदराबाद; विजय प्रकाश सिंह, ग्रुप हैड, रेडियो मिर्ची; विशाल गुलेरी, डिप्टी मैनेजर रिस्पोंस, द टाइम्स ग्रुप; बिपिन कुमार, चीफ़ मैनेजर, NBT लखनऊ; अतुल मेहता, सीनियर मैनेजर ब्राण्ड सोल्युशंस, टाइम्स ग्रुप कंपनी Worldwide मीडिया; प्रियदर्शी बनर्जी, जनरल मैनेजर प्रॉडक्ट स्ट्रेटजी, रौनक राजे, सीनियर मैनेजर डिजिटल, संजीव शाह, Executive प्रेजिडेंट– Mergers and Acquisitions Corporate, टाइम्स ग्रुप; विनीत जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, टाइम्स ग्रुप
The Times Group, Bennett, Coleman & Co. Ltd. जी हाँ देश का सबसे बड़ा मीडिया समूह। The Audit Bureau of Circulations की साल 2014 की report के मुताबिक Times of India दुनिया में सबसे ज़्यादा circulation वाला अँग्रेजी अख़बार है। लगभग 11 हज़ार employee वाले The Times Group की Chairperson Indu Jain और Managing Director Vineet Jain है। The Times Group का Publishing, Broadcasting, Radio, Film, Entertainment और Web portals का व्यवसाय है। Times of India, Economic Times, Navbharat Times अख़बार के अलावा Times Now, ET Now, Mirror Now और Zoom channel भी The Times Group के ही है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र में भी क्या मीडिया मोटी रकम लेकर ख़ास agenda या फिर paid news चला रहा है? हकीकत जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात कर्नाटक में रेडियो मिर्ची के Group Head Sales Pradeep V से हुई। पुष्प ने इनसे हिंदुत्व के agenda की बात की और आगे सवाल किया कि क्या आपने पहले भी कभी इस तरह के program किए है तो रेडियो मिर्ची के Group Head Sales Pradeep V ने जवाब दिया कि उन्होने BJP के लिए campaign run किए है। “we have runs campaign for BJP… मतलब…. Absolutely, मतलब बहुत high decibel, बहुत ही high decibel… yea party was directly handling…”
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात रेडियो मिर्ची Patna में Senior Manager Binit Kumar और Station Director Prabhu Jha से हुई। पुष्प इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के साथ rivals के लिए political satire के बारे में बताते हुए कहते है कि उनका मकसद बीजेपी को elections में फ़ायदा पहुंचाना है। रेडियो मिर्ची Patna में Senior Manager Binit Kumar अपनी सहमति देते हुए कहते है, “मैं अपने Script Writer से आपको मिलवा दूंगा वो अपना बना लेगा…. थोड़ा थोड़ा, धीरे धीरे… ठीक है…”
बातचीत में पुष्प रेडियो मिर्ची Patna के Station Director Prabhu Jha को बताते है कि agenda के जरिये political rivals को thrash करना है ताकि बीजेपी को फ़ायदा हो सके। इस पर Prabhu Jha बताते है कि वो भी RSS से जुड़े है। “by the way मैं भी RSS से ही belong करता हूं…” आगे इन्होने एक और बात कही “don’t worry ये हम पे जो भी हमारे Programming head हैं या मैं हूं या we have been brought up in RSS तो इसलिए आप वो और Last Time हम लोगों ने BJP के लिए Campaign भी किया था…”
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई रेडियो मिर्ची Manglore के Account Manager Aaron D’Mello से। पुष्प ने इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताया कि कैसे वो इसके जरिये कर्नाटक चुनावों में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाना चाहते है। रेडियो मिर्ची Manglore के Aaron D’Mello ने पुष्प को बताया कि हम लोग भी ऐसे लोगों को देख रहे थे जो हमारे साथ campaign चलाना के इच्छुक हों। बकौल Aaron, “Actually we were also looking out… Who are interested in campaign with us” पुष्प ने जब रेडियो मिर्ची Manglore के Account Manager Aaron D’Mello से जब thrashing my political rival through political satire की बात कही तो Aaron ने हामी भरते हुए कहा,“yea, by tweaking you need to tweak it little bit”.
पुष्प की अगली मुलाक़ात हुई Guwahati में Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey से। पुष्प Anshuman को अपना हिंदुत्व का agenda बताते है और चुनावों में इसका फ़ायदा लेने की बात करते है। अपनी सहमति देते हुए Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey कहते है, “yes, it should look like a general awareness kind of thing…Agenda के तहत political rivals को thrash करने की बात पर Times Group के Deputy General Manager और Head Northeast India Anshuman Dey कहते है, “नहीं देखिए उस type का आपको बहुत tactfully करना पड़ेगा, tactfully in the sense कुछ कुछ चीज तो है जिसे direct हम छाप नहीं सकते…”।
पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात The Times Group Hyderabad के Deputy Manager Response Vijaya Bhasker Reddy से हुई। पुष्प इन्हें हिंदुत्व के अपने agenda के बारे में बताते है और कहते है कि कैसे Times Group में इसे चलाकर बीजेपी के लिए माहौल बनाया जा सकता है। बातचीत में Vijaya Bhasker Reddy पुष्प को सलाह देते हैं कि ऐसे कार्यक्रम को हिंदुत्व का नाम न देकर सत्संग के नाम पर किया जाए। पुष्प की Vijaya Bhasker Reddy से एक और मुलाक़ात हुई। इस बार The Times Group Hyderabad के Deputy Manager Response Srikanth Redddy भी Vijaya के साथ मौजूद थे। Vijaya Bhasker Reddy agenda को लेकर कहते है, “उन लोगों को पहले समझाओ कि भाई आप हिंदू हैं, you should feel proud of it”.
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है Vijay Prakash Singh से जो रेडियो मिर्ची के Group Head हैं। और वो कहते हैं “No problem… this will be under four month December to march. I will ask my team to send you plan…”
पुष्प शर्मा आगे मिलते है चंडीगढ़ में The Times Group के Deputy Manager Response Vishal Guleri से। पुष्प विशाल को आने वाले elections के मद्देनज़र अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताते है जिसके तहत events करने की भी बात होती है। चंडीगढ़ में The Times Group के Deputy Manager Response Vishal Guleri पुष्प को सलाह देते है कि Times of India के नाम पर schools बड़ी आसानी से events की permission दे देते है। “Advertisement or all either benefit what… See we do these events and it is very simple we go to school we get sanction or we does things… If you go to school it will be difficult for you to get a sanction but when we go times of India…”
पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई NBT Lucknow and Language- BHH के Chief Manager Bipin Kumar से। पुष्प ने बिपिन को अपना हिंदुत्व का agenda बताया जिसे सुनने के बाद बिपिन ने कहा कि अभी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी TOI group से खुश नहीं है।“But otherwise also अभी जो हालात है आपको बताउं मैं हमारे यहां की, कि Modi and Amit Shah is not very happy with TOI group. So they want to do something for them, so that they are happy… अभी एक पहला signal उससे मिलेगा जो ये global business meet है अगर उसमें PM चले गए that means he is mellowing down.”
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई मुंबई में Times Group की company Worldwide Media में Senior Manager Brand Solutions Atul Mehta, General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee और Senior Manager Digital Sales Raunaq Raje से। पुष्प इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताते है और बातचीत के दौरान Maharastra Achiever Award program करने की बात करते है। जिस पर Atul Mehta अपनी सहमति देते हुए budget के लिए बोलते है, “सर उसका अगर title हम post करते हैं तो बैठेगा about 1 cr.” इतना ही नहीं अतुल Maharastra Achiever Award को पहले ही fix करते हुए कहते है, “DGP को दे दें सतीश माथुर जी को”
बातचीत के दौरान political satire create करने की भी बात होती है जिस पर Worldwide Media में Senior Manager Brand Solutions Atul Mehta और Senior Manager Digital Sales Raunaq Raje अपनी सहमति देते है। Raunaq Raje आगे कहते है, “Micro site अलग से create करेंगे”
बातचीत के दौरान Times Group की company Worldwide Media में General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee कहते है, “Media company है दिखना चाहिए कि neutral है”। पुष्प आगे बताते है कि कैसे धीरे धीरे heat देकर मामले को polarize करना है और agenda को आगे लेकर जाना है।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है Times Group के Executive President – Mergers and Acquisitions Corporate Sanjeev Shah से और ये मुलाक़ात कराते है Times Group की company Worldwide Media में General Manager Product Strategy Priyadarshi Banerjee. पुष्प अपनी requirement समझाने के साथ साथ polarization और communalization की बात करते है। पुष्प के हर सवाल का जवाब संजीव “yes, ya and correct” में देते हैं।
पत्रकार पुष्प शर्मा की एक बार फिर मुलाक़ात होती है Times Group के Executive President – Mergers and Acquisitions Corporate Sanjeev Shah से। संजीव पुष्प को बताते है कि agenda को लेकर उनकी Times Group के Managing Director Vineet Jain से बात हुई है। संजीव बातचीत के दौरान Times Group की reach बताते हुए कहते है कि उनके मुक़ाबले का कोई नहीं है। संजीव कहते है, “तो India में कोई भी एक platform नहीं है जो आपको एक दिन में 65 to 75 millions को आप touch कर सको”
Times Group के Executive President Sanjeev Shah पुष्प को सलाह देते है कि हिंदुत्व के agenda के लिए ज़्यादा financial commitment करने पर Times Group के Managing Director Vineet Jain ज़्यादा interested होंगे। “No this one I have told him also I said this is important for him to decide it is his choice and I think meeting him and bigger the commitment is the more he will be personally interested”
इसी मुलाक़ात के दौरान संजीव शाह पुष्प को Times Group के Managing Director Vineet Jain से मिलवाते है। बातचीत में पुष्प विनीत जैन से पूछते है कि क्या transactional relationship के अलावा भी उनका जुड़ाव संगठन से रहेगा? विनीत कहते है कि corporate होने के नाते उन्हें दिखने में तो neutral होना है। बक़ौल विनीत, “मतलब देखने में तो neutral होना चाहिए पूरा जितनी कोशिश करके”।
पुष्प आगे कहते है कि वो इतना investment कर रहे है तो वो selfish भी हो सकता है। पुष्प आगे femina जैसे event में हिंदुत्व के सवाल पूछने की बात करते है। जवाब में विनीत कहते हैं कि “जहां जहां हमारा limitation होगा then you should accept कि है मतलब हमें comfortable नहीं लग रहा suppose Miss India को मैं final question ये नहीं पूछना चाहता then this…”
पुष्प बातचीत में विनीत जैन को बताते है कि payment parts में होगी और कुछ हिस्सा cash में भी होगा जिस पर Times Group के Managing Director Vineet Jain कोई सवाल नहीं करते। यहाँ तक कि वो पुष्प को कहते हैं कि “नहीं that I will.. is not a problem There is cash component which we discuss”
पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात एक बार फिर Times Group के Executive President Sanjeev Shah और Times Group के Managing Director Vineet Jain से हुई। इस बार ये मुलाक़ात दिल्ली में हुई। बातचीत में पुष्प deal के कुछ हिस्से का payment cash में करने की बात करते है। जिस पर Sanjeev Shah और Vineet Jain पहले तो मना करते है लेकिन फिर cash की मोटी रकम को अलग अलग तरीको से route करने की सलाह देते है। इतना ही नहीं Sanjeev Shah last installment cash में लेने को भी राजी थे। जरा आप भी गौर से देखिए cash को route करने के इन तरीकों को। “तो मेरा request ऐसा था Lets us start with full cheque just now and then lets us se क्योकि just now thing is we don’t have any use of cash neither abroad nor in India” आगे cash को route करने की बात पर संजीव कहते हैं कि “तो Routing कर लिजिए Hemandra भाई को बोल दो कि आप का खर्चा हो रहा है” cash route करने की बात पर संजीव किसी कुमार का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि “हमारा ये हैं की आप अगर कुमार जी के through request कर लो तो फिर वो भी एक route हैं कुमार जी का और हमारा…”
बातचीत में Times Group के Managing Director Vineet Jain ने एक और सुझाव दिया। विनीत ने नामी businessman के through cash adjustment करने का रास्ता बताया। क्या है ये रास्ता जरा आप भी देखिए। बक़ौल संजीव “Essar is being, Ambani is being Adani is there” आगे संजीव कहते हैं कि उन्हें किसी corporate से पैसा लेने में कोई दिक्कत नहीं हैं “हम को किसी भी corporate से लेने मे problem नहीं हैं”
Times Group के Executive President Sanjeev Shah ने हिंदुत्व का agenda चलाने के लिए e-mail के जरिए 500 करोड़ का proposal भी भेजा। एक दिन में England की जनसंख्या से भी ज़्यादा यानि लगभग 65-70 million लोगों तक पहुँच का दावा करने वाले Times Group के ऊंचे पदों पर आसीन लोग पत्रकारिता और सामाजिक जिम्मेदारियों को सरेआम नीलाम कर रहे है। क्या कभी इस पर कोई लगाम लग पाएगी या पत्रकारिता सिर्फ व्यापार बनकर रह जाएगी।
ZEE MEDIA GROUP
संतोष सेल्स एंड मार्किटिंग, गौरी महापात्रा हेड सेल्स एंड मार्किंग ज़ी कलिंगा; संजोय चटर्जी, बिजेनेस हेड ज़ी रीजनल ईस्ट, पुरुषोत्तम वैष्णव, सीईओ रिजनल न्यूज़ चैनल्स; सागर आरोड़ा, सीनियर मैनेजर सेल्स, ज़ी पंजाब, हिमाचल एंड हरियाणा; अमित कुमार, असिस्टेंट मैनेजर, ज़ी पुरवैया; प्रदीप कुमार सिन्हा, टर्शरी हेड सेल्स; अभिषेक पांडेय, सीनियर मैनेजर सेल्स, उत्तराखंड ज़ी न्यूज़
ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने करीब दो दशक पहले साल 1999 में ज़ी न्यूज़ लॉन्च किया, आज ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तीन नेशनल चैनल्स हैं जिनमें ज़ी न्यूज़, ज़ी हिन्दुस्तान और ज़ी बिजनेस शामिल हैं साथ ही इसी ग्रुप का ‘ज़ी व्योन’ अंग्रेजी का इंटरनेशनल चैनल है। इसके अलावा ज़ी मीडिया ग्रुप के ज़ी 24 तास (मराठी), ज़ी 24 कलक (गुजराती), ज़ी 24 घंटा (बंगाली), ज़ी मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़, ज़ी उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड, ज़ी राजस्थान, ज़ी पंजाब/ हरियाणा/ हिमाचल, ज़ी कलिंगा न्यूज़ (उड़िया), ज़ी बिहार/ झारखंड और ज़ी सलाम (उर्दू) भी इसी ग्रुप के रीजन्ल चैनल्स हैं। आज इस मीडिया ग्रुप के 19 करोड़ व्यूवर्स हैं।
इसके न्यूज़ चैनल्स के अलावा 9X मीडिया भी ज़ी ग्रुप का हिस्सा है जिसके अंदर 6 म्यूजिक चैनल्स और www.spotboye.com नाम से बॉलीवुड न्यूज़ पोर्टल है। Daily News and Analysis-DNA भी मुंबई आधारित अंग्रेजी समाचार पत्र है। ज़ी न्यूज़ अक्सर अपनी कट्टर हिंदूवादी मानसिकता को लेकर चर्चाओं में रहता है। चाहे वो ज़ी न्यूज़ और जिंदल प्रकरण जिसमे ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी और उनके सहयोगी समीर आहुवालिया द्वारा जिंदल समूह से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का मामला हो या खुद को राष्ट्रवादी चैनल घोषित करने की बात हो। जिंदल प्रकरण मे तो जी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी और समीर आहुवालिया को दिल्ली पुलिस ने 2012 मे गिरफ्तार भी किया था। जितना संभव हो उतनी आंखों को आकर्षित करने के अपने उत्साह में सुधीर चौधरी ने एक फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को भी अंजाम दिया था। सितंबर 2007 में सुधीर चौधरी लाइव इंडिया के सीइओ और एडिटर थे। ये स्टिंग ऑपरेशन एक महिला के खिलाफ था जो दिल्ली के सरकारी स्कूल में टीचर थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में उस महिला को वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने वाली के रूप में दिखाया गया था। इस फर्जी वीडियो को चैनल पर दिखाए जाने के बाद महिला को ना सिर्फ समाज में बदनामी का दंश झेलना पड़ा बल्कि गुस्साई भीड़ ने उसपर हमला तक कर दिया था। हालांकि जब जांच में स्टिंग ऑपरेशन के फर्जी होने की सच्चाई सामने आई तो इस स्टिंग ऑपरेशन को करने वाले सुधीर चौधरी के सहयोगी प्रकाश सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और झूठी खबर दिखाने के आरोप में चैनल को भी तीन महीने के लिए ब्लैक आउट किया गया था।
पिछले कुछ वर्षों में ज़ी न्यूज राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का एक सम्मानित चैंपियन बनने की कोशिश में लगा है खासतौर पर बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद ज़ी समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्र ने बीजेपी के सपोर्ट से राज्यसभा में जगह बनाई। फरवरी 2016 में भी दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को सत्तारूढ़ पार्टी और उसकी सरकार द्वारा निंदा का सामना करना पड़ा इसकी वजह थी ज़ी न्यूज पर प्रसारित किया गया वो सिद्धांतिक वीडियो जिसमें कुछ जेएनयू छात्रों को भारत विरोधी नारे लगाते दिखाया गया था। वीडियो प्रसारित होने के तुरंत बाद जेएनयू के छात्रों और छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई हालांकि पुलिस अभी तक इस वीडिया की प्रमाणिकता का पता नहीं लगा पाई कि वाकई ये वीडियो वास्तविक था भी या नहीं।
26 मार्च 2018 को कोबरापोस्ट द्वारा ऑपरेशन 136 पहले पार्ट के रिलीज होने के बाद ज़ी न्यूज़ और ज़ी हिंदुस्तान ने ‘कोबरापोस्ट का काला सच नाम’ से एक सनसनीखेज़ कार्यक्रम प्रसारित किया। इस कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य कोबरापोस्ट की तहकीकात को गलत साबित करने का था। हालांकि इस कार्यक्रम में ज़ी न्यूज़ ने अपने मुताबिक वीडियो और स्क्रिप्ट के जरिए खुद को पाक साफ दिखाने की पुरजोर कोशिश की।
ऑपरेशन 136 पार्ट-1 में कोबरापोस्ट ने DNA और 9X Tashan के बड़े अधिकारियों का खुलासा किया था जिन्होंने हिंदुत्व को बढ़ावा देने पर अपनी सहमति जताई थी, इन अधिकारियों ने कुछ राजनीतिक नेताओं के खिलाफ चरित्र हत्या अभियान चलाने और पैसे के लिए अनुकूल कहानियां चलाने पर भी रजामंदी दी थी। 9X Tashan के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट (एड सेल्स) राजीव शर्मा ने अपने ग्राहक पुष्प शर्मा को वादा किया था कि वो एजेंडे के अनुसार हिंदुत्व का प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था कि “आप जो ये points बोल रहे हैं इसमें हम ऐसा भी कर सकते हैं कि जैसा अभी हमने brand songs हम create करते है तो हम ये जो आपके items हैं इनके through भी हम कुछ कर सकते हैं मान लीजिए song create किया हमने और वो हमारी property भी होगी तो हम उसको throughout the day promote करेंगे वो चलेगा एक बड़े level पे तो वो एक buzz create कर देगा” ज़ी सिनर्जी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर रजत कुमार जो कि DNA के प्रभारी भी हैं। इन्होनें भी अपने ग्राहक से इस मीडिया कैंपने पर काम करने का वादा किया था। इन्होंने कहा था कि “बिल्कुल मैं इसमें बहुत युद्ध गति से काम करता हूं”
DNA और 9X Tashan के बड़े अधिकारियों का खुलासा करने के बाद पुष्प शर्मा ने ज़ी मीडिया ग्रुप के अलग-अलग रीजनल चैनल्स में बड़े पदों पर बैठे आठ और मार्किटिंग अधिकारियों से बातचीत की यह देखने के लिए कि क्या उनके दुर्भावनापूर्ण प्रस्ताव को ये अधिकारी गर्मजोशी से ले रहे हैं या नहीं। हैरानी वाली बात ये है कि ये सब अधिकारी पुष्प शर्मा की मांगों से भी ऊपर जाकर इस एजेंडे पर काम करने के लिए राजी हो गए। भुवनेश्वर में ज़ी कलिंगा में सेल्स एंड मार्केटिंग टीम के सदस्य संतोष ज़ी न्यूज के साथ इस एजेंडे के लिए कॉर्पोरेट गठबंधन को तुरंत सहमत हो गए। इन्होंने कहा “नहीं-नहीं खाली ज़ी कलिंगा का बात खत्म कर लेते हैं और top level में जो भी हो सकता है मैं यहीं से करवा दूंगा, कोई problem नहीं है सब मैं करवा दूंगा ”
पुष्प के पूछने पर कि क्या आपका मतलब है कि आप भुवनेश्वर से ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का भी करा सकते हैं संतोष ने कहा कि “हां-हां link हैं सब ना कोई problem नहीं है direct बात आप भी कर सकते हैं कोई problem नहीं है खाली ज़ी कलिंगा को लेकर जो प्रोग्राम है आपको उसका detail मेरे को दे दीजिए और छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश बोल रहे हैं छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के लिए मैं करवा दूंगा”
संतोष बोर्ड पर अपनी वरिष्ठ गौरी महापात्रा को लाने के लिए तत्पर थे जो पत्रकार भुवनेश्वर कॉफी शॉप में मिले थे। उनके जूनियर ने ज़ी कलिंग सेल्स एंड मार्केटिंग हेड को पहले से ही इस एजेंडा के बारे में अवगत करा दिया था।
अपने भारी भरकम बजट पर चर्चा करते हुए पुष्प गौरी महापात्रा को बताते हैं कि वो ओडिशा समेत तीन राज्यों में अपने मीडिया अभियान में ‘निवेश’ करना चाहते हैं, वो कहती हैं ऐसा लगता है कि यह एक भुगतान नहीं है, इसलिए यह एक और मदद होगी।
महापात्रा की बातों पर हामी भरते हुए पत्रकार पुष्प शर्मा कहते हैं कि यही तो वो चाहते थे। पुष्प महापात्रा से ये भी कहते हैं कि चूंकि आपका मालिक स्वयं बीजेपी से जुड़ा हुआ है, ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपका चैनल अनावश्यक रूप से हमारा पक्ष ले रहा है इसपर महापत्रा कहती हैं “हाँ, बिल्कुल … ऐसा दिखना चाहिए कि हम सभी के साथ हैं … हम हमेशा ऐसा कर सकते हैं“
पुष्प महापात्रा को बताते हैं कि हमारे आश्रम में डोनेशन द्वारा मिला बहुत सारा कैश है और पूछते हैं कि क्या हम कैश में पैंमेंट कर सकते हैं महापात्रा कहती हैं “Cash is welcome हां हां यहां एक बड़ी एजेंसी है वो हमेशा ऐसा कर सकते हैं”
पुष्प आगे पूछते हैं कि अब, मुझे बताएं कि आपका चैनल इन तीन राज्यों में सरकार बनाने में हमारी मदद कैसे कर सकता है? इसपर महापात्रा कहती हैं “We have days out total FPC, we call it FPC fixed point chart, like we have to plan for whole week that is our FPC. So what we have planned is we are going to remote [areas]. What is the agenda of the chairman? So it will be like totally going to each and every panchayat, each and every block, to the local corner of Odisha. We won’t be leaving any place. So that way we can add-on like आपका कहीं पर कुछ हो रहा है (if you have organized a programme) … like our 30 senior [staff members] will be there in all places, and 30 will be multiplied, can go to 100, 200 people, so they will be in one network. So if it goes well, if it is okay with chairman … we will be working like a partnership programme.”(हमारे पास कुल FPC के दिन हैं, हम इसे FPC fixed point chart कहते हैं, जैसे कि हमें पूरे सप्ताह के लिए योजना बनानी है वही हमारा FPC है। तो हमने योजना बनाई है कि हम दूर-दराज इलाकों में जा रहे हैं। यही चेयरमैन का एजेंडा भी है। तो यह पूरी तरह से हर एक पंचायत, हर एक ब्लॉक, ओडिशा के एक-एक कोने में जाने जैसा होगा। हम कोई जगह नहीं छोड़ेंगे। तो इस तरह हम add-on कर सकते हैं जैसे आपका कहीं पर कुछ हो रहा है… जैसे हमारे 30 वरिष्ठ [स्टाफ मेंबर] सभी जगहों पर होंगे, और 30 गुणा किए जाएंगे, 100, 200 लोगों तक जा सकते हैं, इसलिए वे एक नेटवर्क में होंगे। तो अगर ये अच्छी तरह से चला जाता है, अगर यह चेयरमैन के लिए ठीक है … तो हम साझा कार्यक्रम की तरह काम करेंगे)।
इसतरह इस तरह ज़ी कलिंग के साथ सौदा हो जाता है इसके बाद पुष्प महापात्रा से पूछते हैं कि अगर वह उसे किसी ऐसे व्यक्ति के पास ले जा सकती हैं जो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए इसी एजेंडे पर हमला करने में मदद कर सकती है, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसपर महापात्रा पुष्प को ज़ी रिजनल ईस्ट के बिजनेस हेड संजोय चटर्जी से मिलाने की बात कहती हैं, लेकिन इस बैठक के पहले, चटर्जी पहले से ही ज़ी ग्रुप के कुछ रीजनल चैनल्स के संपादकीय टीम के प्रमुख और सीईओ पुरूषोत्तम वैष्णव से बात कर चुके थे
लिहाजा जब पुष्प चटर्जी से पूछते हैं कि वह राजस्थान में चुनाव के दौरान एजेंडा को बढ़ावा देने में कैसे मदद कर सकते हैं, तो चटर्जी कहते हैं “हमारी तरफ से आपके इस कार्यक्रम के लिए we will do anything and everything that is required to make your plan successful, that’s our commitment, okay. It has to be spread across length and breadth of the day and the evening and in the night and the afternoon because the audience is everywhere. You know to capture all kinds of audiences you have to instill [in] them the confidence about the Hindutva thing. Some speak out like you do, some don’t like I do. I am also [a] Brahmin, I am Chatterjee. So we also know that whatever our country is going through, and I am not giving you any sales talk … okay, because sales has already been done. Let’s assume that. So, it’s good thing and before coming here we been sat down with Purshottamji. He has assured that [quoting him] ‘You go and tell him every single help from the channel to make your plan successful.’ That is the one liner that we are telling you.”(हम आपकी योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कुछ भी और सब कुछ करेंगे, यह हमारी प्रतिबद्धता है, ठीक है। इसे दिन, रात, दोपहर, शाम में फैलाना होगा क्योंकि दर्शक हर जगह हैं। आप जानते हैं उन सभी प्रकार के दर्शकों को पकड़ने के लिए जिन्हें आपको हिंदुत्व चीज़ के बारे में विश्वास कराना है। कुछ आप की तरह बात करते हैं, कुछ मुझे पसंद नहीं करते हैं, मैं भी एक ब्राहमण हूं मैं चटर्जी हूं। इसलिए ये हम भी जानते हैं कि जो हमारा देश है वो कहां जा रहा है, और मैं आपसे कोई सेल्स वाली बात नहीं कर रहा हूं… ठीक है क्योंकि सेल्स पहले ही हो चुकी है। चलिए मान लेते हैं तो ये अच्छी बात है और यहां आने से पहले हम पुरुषोत्तमजी के साथ बैठे थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आप जाइए और उन्हें बताइए कि आपकी योजना को सफल बनाने के लिए चैनल हर एक मदद के लिए तैयार है। वह एक लाइनर है जो हम आपको बता रहे हैं।)
पुष्प चटर्जी को कहते हैं कि जो plan आपने मुझे अभी बताया उससे अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता लेकिन हम आपको सारी रकम कैश में देंगे जो कि आस्ट्रेलिया के एकाउंट से आपके खाते में आएगी दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यहां पुष्प ने चटर्जी से गैरकानूनी तरीके से लेन-देन की बात की जिसपर चटर्जी ने कहा “ठीक है जहां तक finance की बात है what we can do is we can include, you know, a person see after??? from our Noida office … Okay, my and her job basically is understanding your requirement, communicating, interrelate and service that requirement, okay, and the price should be [Rs.] 10 cr net. You know how the nuances of that shall be handled by a person Mukesh Jindal.”(हम क्या कर सकते हैं हम शामिल कर सकते हैं, आप जानते हैं, एक व्यक्ति बाद में देखता है ??? हमारे नोएडा कार्यालय से … ठीक है.. मेरा और उसका काम मूल रूप से आपकी आवश्यकता को समझना है, संचार करना है, बातचीत करना है और उस आवश्यकता का ध्यान रखना है, ठीक है, और कीमत [रुपये] 10 करोड़ नेट होना चाहिए। आप जानते हैं कि उसकी बारीकियों को मुकेश जिंदल ने कैसे किया)
इसपर पुष्प चटर्जी से उस उस आदमी के बारे में पूछते हैं तो चटर्जी उस शख्स के बारे में और उसकी विशेषता के बारे में विस्तार से बताते हैं “He is based in our Noida office. He handles the finances for any such things that’s we do. He knows how we can manage this keeping your objective in mind, keeping our objective in mind.” ( वो हमारे नोएडा ऑफिस से है.. वह ऐसी किसी भी चीज के लिए finance को संभालता है जो हम करते हैं… वह जानता है कि हम अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, इसे कैसे प्रबंधित कर सकते हैं।अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए “)
इन्होंने आश्वासन दिया कि ज़ी के रीजनल चैनल अपना एजेंडा चलाएंगे, पत्रकार पुष्प अब यह जानना चाहते थे कि वे नकद भुगतान कैसे समायोजित करेंगे और किस अनुपात में। इसपर पुरुषोत्तम वैष्णव अपने ग्राहक को आश्वस्त करते हैं “वो तो हमारी टीम है वो कर देगा जैसा भी होगा हमारी बात हो जाएगी” इसके बाद चटर्जी पैमेंट का अनुपात बताते हुए कहते हैं “Fifty percent cash और fifty percent….”( 50 प्रतिशत नकद और 50 प्रतिशत ….)
पत्रकार पुष्प कहते हैं कि मैं कुछ समझा नहीं इसके बाद चटर्जी पूरे लेन-देन के बारे में विस्तार से समझाते हैं “Firstly, we will look at 25 crores if you [are] looking [at] four states, 50% of the money will be in cash and 50% will be in cheque. Cheque part needs to come in totality,” (सबसे पहले, अगर आप चार राज्यों में देख रहे हैं तो हम 25 करोड़ लेंगे, 50% पैसा नकद में होगा और 50% चेक में होंगे। कुल मिलाकर चैक की रकम को ही दिखाना है)
पुष्प इनकी मंशा जानने के लिए फिर पूछते हैं कि इसका मतलब हम 12.5 करोड़ रूपये कैश में दे सकते हैं इसपर चटर्जी हां में जवाब देते हैं और contract sign करने की बात कहते हैं “Yes, we will start signing the contract, okay. We will be giving you how questions should be designed.” (हां, हम contract पर हस्ताक्षर करना शुरू कर देंगे, ठीक है। हम आपको देंगे कि प्रश्न कैसे डिजाइन किए जाने चाहिए।)
इसके बाद पुष्प पुरुषोत्तम से पूछते हैं कि हमारे एंजेडा को चलाने के लिए जो रेट आपने हमें बताए हैं क्या उसमें थोड़ी छूट मिल सकती है इसपर पुरुषोत्तम कहते हैं “ये चीजें ये जाने मैं तो पत्रकार आदमी हूं मैं इससे ज्यादा नहीं जानता” खुद को पत्रकार बताकर पुरुषोत्तम बड़े ही शातिराना अंदाज में खुद को मुद्दे से बचाते नज़र आते हैं।
पुष्प इन अधिकारियों से बताते हैं कि चैक द्वारा 12.5 crore रूपये का पैमेंट कर पाना उनके लिए मुश्किल भरा होगा लिहाजा बढ़िया होगा कि आप पूरी पैमेंट कैश के जरिए ले लें। इसपर पुरुषोत्तम पुष्प को आश्वस्त कराते हैं और कहते हैं ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं है ये आपकी सुविधा के अनुसार हो जाएगा। पुरुषोत्तम कहते हैं “हमारी टीम है जो payments के part को देखती है वो लोग बात करेंगे आपके साथ आपके convenience पे हो जाएगा कोई बड़ा issue नहीं है …हम लोग उसके बहुत quoted unquoted commit नहीं कर सकते वो आपकी convenience पे हो जाएगा”
ये सब देखने के बाद ये समझने की गुंजाइश ही नहीं बचती कि ज़ी समूह में एक अच्छी तरह से स्थापित तंत्र है जो अपने ग्राहकों से कैश में मिलने वाले पैसे को भी ठिकाने लगा सकता है। ये बात उस वक्त और ज्यादा पुख्ता हो जाता है जब एक वरिष्ठ पत्रकार, सीईओ और रीजनल चैनल के हैड के पद पर कार्यरत जिम्मेदार अधिकारी इस बात का आश्वासन देते हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा के चार राज्यों में अभियान चलाने के लिए पूरे दिन दो घंटे के लिए चटर्जी 25 करोड़ रुपये की बात कहते हैं और पूरा सौदा कैसे विभाजित होगा ये भी बताते हैं “25cr is the deal, okay, net … yes [excluding GST], देखिए कैश के ऊपर सवाल नहीं है 12.5जो जा रही है वो clientको देना है इसके ऊपर We will give you the deal. ये जो हमारी जो deal बनेगी वो 12.5 crore की deal बनेगी उसमें entitlement दिया जाएगा आपको and accordingly payment has to be made as full advance. Full advance means 12.5 [crore] which is 50 % is to be [paid] fully advance. That money will come from which account? Australian account?” (और उसके हिसाब से पूरा भुगतान पहले ही किया जाना है.. तो वो पैसा किस खाते से आएगा? ऑस्ट्रेलियाई खाते से? )
पुष्प चटर्जी को बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में मेरे खाते से धन हस्तांतरित नहीं किया जाएगा आप मुझे अपना ऑस्ट्रेलियाई खाता देते हैं तो खाते में रकम कोई और भेजेगा। चटर्जी उत्सुकता से पूछते हैं कि तो आप आस्ट्रेलिया से कब भेजेंगे इसी बीज इसके सहयोगी पुरुषोत्तम कहते हैं कि “Worldwide है जी Zee का तो” इसपर चटर्जी निश्चित रूप से मदद करने का आश्वासन देते हैं। “अगर वो Australia से नहीं हुई if in the country then obviously Zee Unimedia के नाम से cheque बनेगा” आगे पुरुषोत्तम कहते हैं कि “Zee International के नाम से deal हो जाएगी इसमें क्या है” इन अधिकारियों की बातों से पुष्प को पता लगता है कि सौदा करने के लिए ज़ी यूनिमीडिया या ज़ी इंटरनेशनल के नाम पर भुगतान स्थानांतरित किया जा सकता है।
पुष्प इन्हें बताते हैं कि ज़ी इस सौदे पर कैसे चल रहा है इस बारे में एक आवधिक समीक्षा होगी। इसपर चटर्जी आश्वासन देने हुए कहते हैं कि “वो तो कल जब मैं आपको बताया था ना कि पुरुषोत्तम जी का one liner view था मेरे को कि आपको जो भी help चाहिए from the editorial beat we have kept in mind. We will do everything.” (संपादकीय स्तर पर हमने ये ध्यान में रखा है, हम हर चीज़ करेंगे)
आगे बढ़कर पुरुषोत्तम पुष्प को आश्वस्त कराते हैं कि उनकी टीम पुष्प के एजेंडा को पूरा करने के लिए कुछ investigative stories भी चलाने को तैयार है “Content में जो आपकी तरफ से input आएगा वो absorb हो जाएगा …हमारी तरफ से जो content generate होगा investigative journalism हम लोग करते हैं करवा देंगे जितना हम लोगों ने किया है उतना किसी ने नहीं किया होगा वो हम लोग करेंगे”
जाहिर है ज़ी मीडिया के दोनों अधिकारी चटर्जी और पुरुषोत्तम एजेंडा को बहुत अच्छी तरह समझ चुके हैं और उन्होंने अपने कार्यों को भी बांट लिया है मसलन पेमेंट का लेने-देन चटर्जी संभालेंगे और संपादकीय स्तर पर पुरुषोत्तम मदद करने के लिए तैयार दिखे
पत्रकार के पूछने पर कि कैसे वो investigative stories के जरिए हमारे एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे इसपर पुरुषोत्तम बताते हैं कि वो इस तंत्र का उपयोग कैसे करेंगे- “ये सारे AFP के part ही part रहेंगे … उसको screen पर किस तौर पर लेकर आना है वो script में देखेंगे तो आपको लग जाएगा ”
पुष्प इनसे ये भी पूछते है कि क्या वो विज्ञापन या किसी प्रायोजित कार्यक्रम की तरह टैगलाइन चलाकर इसकी घोषणा करेंगे कि ये कार्यक्रम प्रायोजित है इसपर पुरुषोत्तम आश्वस्त करते हैं कि “वो आप छोड़ दीजिए” इसपर पुरुषोत्तम के सहयोगी चटर्जी बताते है कि वो कैसे इस तंत्र का इस्तेमाल करेंगे “वो newspaper में आता है advertorial लिखा हुआ … लेकिन TV में ऐसा नहीं आता”
पत्रकार पुष्प कहते हैं कि चुनाव से कुछ महीने पहले आपको हमारे एजेंडा पर और ज्यादा aggressive होना होगा इसपर पुरुषोत्तम आश्वासन देते हैं कि “वो तो जो plan आप चाहें … election के time में तो वैसे भी इतनी अग्नि प्रजवलित हो चुकी होती है कि वो ऊर्जा अलग होती है ”
ये पुष्टि करने के लिए ये अधिकारी हमारे एजेंडा को अच्छी तरह से समझ चुके हैं और इसे चलाने के लिए भी तैयार हैं पत्रकार उन्हें फिर से बताते हैं कि उनके एजेंडे के चार अंक हैं। पुष्प एक बार फिर कहते हैं कि चुनाव के दौरान उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को टारगेट करना होगा ताकि हवाओं का रुख बदला जा सके इसपर पुरुषोत्तम कहते हैं कि “Done.”
पुष्प शर्मा का अगला पड़ाव था ज़ी मीडिया का चंडीगढ़ दफ्तर। यहीं से ज़ी के पंजाब, हरियाणा और हिमाचल रीजनल चैनल का संचालन होता है। यहां पुष्प की मुलाकात होती है सीनियर सेल्स मैनेजर सागर अरोड़ा से। पुष्प सागर को अपना एजेंडा समाझते हैं और उन्हें बताते हैं कि चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए वो हिंदुत्व का प्रमोशन चाहते हैं, कट्टर हिंदूवादी नेताओं के भाषणों का प्रचार चाहते हैं और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का चरित्र हरण कराना चाहते हैं। व्यंग्यात्मक तरीके से पप्पू और बहनजी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उनकी छवि खराब की जा सके। पुष्प उन्हें बताते हैं कि उनकी पार्टी के लिए पंजाब में एक जमीन तलाशना सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमारे मीडिया अभियान के माध्यम से अकालियों को उखाड़ फेंकना जरूरी है, और ये काम हम आपके चैनल को सौंपेंगे। तो वो investigative stories के जरिए कैसे उनकी मदद कर सकते हैं।
इसपर सागर अरोड़ कहते हैं कि “सर वो तो निकालते रहते हैं अभी इन्होंने बहुत लगाया बहुत पैसा कमाया है और election time में अगर हमारा चैनल closely watch किया हो पंजाब में.. हमारे चैनल ने अकालियों की जो बैंड बजाई है आप सोच नहीं सकते”
पुष्प पूछते हैं कि क्या वाकई आपने ऐसा किया है इसपर सागर कहते हैं कि “हां that is there …इन्होंने अकालियों को बिल्कुल नहीं छोड़ा.. इनके पांच-छह दिनों में एकदम change कर दिया और कुछ वोट convert भी हुई ”
अरोड़ा पुष्प को जिस तरीके से बता रहे हैं उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि आज के दौर में मीडिया कितना शक्तिशाली हो सकता है, मीडिया किसी की किस्मत, राजनीतिक या व्यक्ति को बना भी सकता है और मार भी सकता है।
भोजपुरी में ज़ी मीडिया का प्रयास 2015 में ज़ी पुरवैया के लॉन्च के साथ शुरू हुआ था। भोजपुरी भाषा अधिकतर पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और नेपाल तराई के इलाकों में बोली जाती है। आज देश में भोजपुरी भाषा के दर्जनों समाचार और मनोरंजन चैनल हैं इन्हीं में से एक है ज़ी पुरवैया। ये चैनल ज्यादातर बिहार और झारखंड के मुद्दों को उठाता है। पुष्प शर्मा ज़ी पुरवैया के पटना ऑफिस में जा पहुंचे यहां इनकी मुलाकात एसिस्टेंट मैनेजर अमित कुमार से हुई। पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या वो इनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे कांग्रेस, RJD, सपा और बसपा के खिलाफ अपने चैनल पर कंटेंट चला सकते हैं। पुष्प के सवाल पर अमित कहते हैं कि उनका चैनल pro-BJP है यानी चैनल की विचारधारा बीजेपी के पक्ष में है। “लाख हम कहें या दुनिया कहे कि हम भाजपा से supported हैं या भाजपा minded हैं जो कुछ भी हो but as a channel आपको अपनी विश्वसनियता को बनाए रखना होता है ठीक है मेरे मन में जो बात है वो तो कहीं न कहीं से निकलेगी और लोग समझते भी हैं इस चीज को pro होना ये लोग समझते हैं but directly नहीं बोलते”
यह सुझाव देते हुए कि यदि हम पैनल चर्चा के दौरान अपने विरोधियों पर हावी होना चाहते हैं हमारे पास मजबूत मुद्दे होना चाहिए और इसमें अनिवार्य कौशल होना चाहिए इसपर उन्होंने वादा किया कि वो इस संबंध में चैनल के क्षेत्रीय प्रमुख (regional head) से बात करेंगे “वही-वही वाकपटुता चाहिए वो तो ये चीज मैं Resident Director साहिब से बात कर लूंगा..आवश्यकता पड़ी तो मैं आपकी बात भी करा दूंगा वो उस level पर हमारी पूरी कोशिश रहेगी पैरवी रहेगी कि इन्हें chance दिया जाए Hope they may consider”(उम्मीद है कि वे इसपर विचार कर सकते हैं)
पुष्प की अगली मुलाकात प्रदीप कुमार सिन्हा से होती है। प्रदीप ज़ी पुरवैया चैनल में Territory Sales Head के पद पर कार्यरत हैं। पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो अपने मीडिया अभियान को चैनल पर चलाने के बदले जो पेमेंट देंगे वो कैश में होगा इस पर सिन्हा कहते हैं कि इसके लिए उन्हें किसी तीसरी पार्टी को बीच में शामिल करना पड़ेगा “इसमें तो हमें फिर एजेंसी को involve करना पड़ेगा क्योंकि होगा क्या हमारे यहां क्या है ना कि सब आपके GST number, PAN card जैसे ही डालेंगे ना तो white money …या अगर हम यहां से agency involve करते हैं तो कुछ हमें agencyसे रास्ता निकालना पड़ेगा” तुम्हारा मतलब है कि परेशानी हो सकती है ?
यह जानने के बाद कि उनके पास कुछ एजेंसी है जो उन्हें उनके ग्राहकों से भुगतान के लिए मिलने वाले मोटे कैश को कम करने में मदद कर सकती है पुष्प ने इनसे अगला सवाल पूछा कि क्या वो बिहार और झारखंड दोनों में अपनी पैनल चर्चाओं में प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों को झुका सकते हैं इस पर सिन्हा कहते हैं कि हम ऐसा केवल ज़ी के पटना स्टेशन पर ही कर सकते हैं “ये तो यहीं से होगा वो तो हो जाएगा सर ये चैनल it covers Bihar and Jharkhand दोनों”
आगे ये हमें बताते हैं कि “जब हमारा negotiations सब चीज़ हो जाएगा तो we can manage that… वहां पर लोग different party के बैठेंगे जो representativeहोंगे उनको भी बिठाएंगे..वो कोई दिक्कत नहीं है… वो identify कर देंगे कि किनके कैसे करना है किनके तो clear picture हो जाएगा”
जब एक territory sales head जैसे पद पर बैठा उच्च अधिकारी इस एजेंडा पर काम करने के लिए राजी हो जाता है इसके बाद शक की गुंजाइश ही खत्म हो जाती है कि ज़ी मीडिया एक जिम्मेदार पत्रकारिता की कसौटी पर कितना खरा उतर रहा है।
सिन्हा ये भी आश्वासन देते हैं कि वो पुष्प के एजेंडा को पूरी कवरेज देने के लिए चैनल कुछ रिपोर्टर भी नियुक्त करेगा “जहां जहां आप करोगे वहां हमारा रिपोर्टर पहुंच जाएगा हर जगह Even then प्रखंड level पर हमारा रिपोर्टर है, block में है, district में है हर जगह”
ज़ी समूह के ये कर्मचारी इस सौदे को पक्का करने के लिए इतने उत्सुक थे कि इन्होंने शर्मा को प्रस्तावित एजेंडा को चलाने के लिए बाकायदा प्रपोजल भी भेजे। लेकिन जब पुष्प ने इनके email का कुछ कारणों की वजह से जवाब नहीं दिया तो अमित कुमार ने पुष्प को फोन कर इस एजेंडे को चलाने की बात कही “हां एक revert कर दिया जाए मैं call arrangeकरता हूं बाकी सारी details मैंने अपने deed के साथ आपने देखा होगा banking details वगैरह सब दिया हुआ था उसमें”
पुष्प ने अमित से कहा कि वो इस एजेंडा के बारे में अपने सीईओ पुरुषोत्तम से बात करें, इसपर अमित ने कहा कि “मैं वो बिल्कुल discuss कर लूंगा सर आज ही मैं arrange करा दूंगा आपकी call.”
पुष्प ने कहा कि आप प्रपोजल में उल्लेख नहीं कर सकते हैं कि आपका हिंदुत्व के प्रति एजेंडा और प्रतिद्वंदी झुकाव रहेगा लेकिन यह आपके बॉस पुरुषोत्तम के संज्ञान में होना चाहिए। यहां अमित कहते हैं कि “बिल्कुल मैं बिल्कुल आज ही call arrange कराऊंगा वो तो वैसे भी written में नहीं आएगा वो तो verbally चलेगा” अमित कहता है कि उन्हें पुष्प के प्रस्ताव की स्वीकृति है कि “हां तो आप एक revert कर दें सर मैं फिर पुरुषोत्तम जी से बात करा दूंगा आपकी बात करा….”
उत्तराखंड ज़ी न्यूज़ के सीनियर मैनेजर सेल्स अभिषेक पांडे से भी पुष्प की मुलाकात हुई इन्होंने भी एजेंडा को सुना और हर बात पर तैयार दिखे जैसा भी पूरे ज़ी समूह में देखा गया है। पत्रकार के साथ अपनी बातचीत में, पांडे ने फिर से समर्थक हिंदुत्व और समर्थक भाजपा के बारे में बताया। पुष्प ने पांडेय को पप्पू वाले FM jingles सुनाए और पूछा कि क्या आप इस तरह का मीडिया कैंपन चला सकते हैं। पांडेय को इसमें कोई गुरेज नहीं था वो बोले “Indirect way में है वो तो.. कोई दिक्कत नहीं है उसमें”
पांडेय की बात से ये साफ जाहिर था कि उन्हें पुष्प के प्रतिद्वंदियों के चरित्र हरण में भी कोई गुरेज नहीं है आगे पुष्प ने पांडेय को बताया कि सपा और बसपा जैसे प्रतिद्वंदी दलों के खिलाफ आक्रामक झुकाव होना चाहिए। पांडेय ने सहमति जताते हुए कहा कि “इन्होंने ही सबसे ज्यादा dent मारा है हिंदुत्व पे” अब पुष्प पांडेय से कहते हैं कि वो इस बात को लिखें कि शुरुआती तीन महीने उन्हें soft Hindutva का एजेंडा चलाना है लेकिन जैसे ही चुनाव नज़दीक आएगा वो चाहेंगे कि ज़ी उनके अभियान को उग्र तरीके से चलाए ताकि सांप्रदायिक लाइनों पर मतदाताओं को ध्रुवीकरण किया जा सके। इसपर पांडेय ने तुरंत जवाब दिया कि “ठीक है.. हां हां ठीक है”
आगे पुष्प ने पांडेय से मांग की कि आपको एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के खिलाफ investigative stories चलानी होंगी इस पर पांडेय ने हां में जवाब दिया “जी जी जी हूं ठीक है..हूं हूं”
पुष्प ज़ी के इस अधिकारी को बताते हैं कि इस सौदे में संपादकीय व्यवस्था का हिस्सा होगा लेकिन हम इस बारे में संपादकीय टीम से चर्चा नहीं करेंगे इसी बीच पांडे कहते हैं कि “नहीं नहीं वो हम करेंगे”
पुष्प कहते हैं कि जब हमारे किसी भी नेताओं या उनके रिश्तेदारों के खिलाफ मीडिया में कहानियां दिखाई देती हैं, तो उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है तो पांडेय कहते हैं कि “ठीक बात है.. नहीं हम वहीं करते हैं सर ज़ी को तो आप जानते ही हैं soft Hindutva और भाजपा”
पत्रकार पुष्प एक बार फिर इन्हें इनका वायदा याद दिलाते हैं और बतातें है कि उन्हें ऐसे नेताओं और पार्टियों पर खास ध्यान देना होगा जो उनके खिलाफ हैं इसपर पांडेय कहते हैं “हां हम देख लेंगे” पुष्प पांडेय को याद दिलाते हैं कि उनके चैनल को खास तौर पर तीन प्रतिद्वंदी पार्टियों की बैंड बजानी होगी इस पर पांडेय कहते हैं कि “ठीक है वो तो बज जाएगी.. खूब बज जाएगी”
इस सौदे को हासिल करने की उत्सुकता में, ज़ी अधिकारियों ने अपने संभावित ग्राहक पुष्प शर्मा को तीन प्रस्ताव(प्रपोजल) भेजे। इससे से स्पष्ट हो जाता है कि ज़ी मीडिया पत्रकारिता की आड़ में सिर्फ हिंदुत्व और बीजेपी की सेवा कर रही है।
TV Today Network
हिशाम अली खान, मैनेजर, इंडिया टुडे इंपैक्ट; जय कुमार मिस्त्री, जनरल मैनेजर इंपैक्ट, इंडिया टुडे; आकांक्षा सिंह, डिप्टी मैनेजर, इंडिया टुडे, अनीता खन्ना, असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट, टीवी टुडे ग्रुप; राहुल कुमार शॉ, चीफ़ रेवेन्यू ऑफिसर, टीवी टुडे; कल्ली पूरी Vice Chairperson, इंडिया टुडे ग्रुप
टीवी टुडे नेटवर्क हिन्दी और इंग्लिश न्यूज़ टेलिविजन नेटवर्क है। BSE और NSE में listed टीवी टुडे नेटवर्क के आजतक, इंडिया टुडे टेलीविजन, तेज़ और दिल्ली आजतक जैसे कई न्यूज़ चैनल है। व्यापक रूप से टीवी टुडे नेटवर्क का स्वामित्व अरुन पूरी नियंत्रित Living Media Inc के पास है जो इंडिया टुडे, बिज़नस टुडे मैगज़ीन भी पब्लिश करती है। Magazines, newspapers, books, television, printing और Internet जैसे कई क्षेत्रों में ये कंपनी व्यापार कर रही है। इसके अलावा Cosmopolitan, मेल टुडे में भी कंपनी का joint venture है। क्या मीडिया में पैसों के दम पर खास agenda या propaganda चलाया जा सकता है? क्या paid न्यूज़ का वास्तव में कोई अस्तित्व है? सच्चाई जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा श्रीमद् भागवद गीता प्रचार समिति के प्रचारक बनकर इंडिया टुडे इम्पैक्ट के मैनेजर हिशम अली खान से मिले। पुष्प ने इन्हे बताया कि वो चुनाव के मद्देनजर इनके नेटवर्क पर हिंदुत्व के एजेंडाके साथ पॉलिटिकल satire और फ़ायर ब्रांड हिन्दू लीडर्स का प्रमोशन करना चाहते है। बातचीत के दौरान इंडिया टुडे इम्पैक्ट के मैनेजर हिशम अली खान ने कहा, “my only motive is, my only vision is, my only objective is that BJP has to come in power”( मेरा एकमात्र उद्देश्य है, मेरा एकमात्र दृष्टिकोण है, मेरा एकमात्र उद्देश्य यह है कि बीजेपी को सत्ता में आना है।)
जब पुष्प ने हिशाम से aggressive और पॉलिटिकल rivals की thrashing की बात की तो हिशम ने जवाब दिया,“आपने एक हाथ बढ़ाया सर मैं दो हाथ बढ़ाऊंगा सर”
पत्रकार पुष्प शर्मा की टीवी टुडे नेटवर्क के अधिकारियों से एक और मुलाक़ात मुंबई में भी हुई। इस मुलाक़ात में India Today के General Manager Impact Jay kumar Mistry; India Today की Deputy Manager Akanksha Singh से हुई। पुष्प के अपना हिन्दुत्व का agenda समझने के बाद Jaykumar Mistry ने कहा, “This would be a theme पर उसके अलग अलग creatives होंगे अलग अलग रूप होंगे….”। अपने नेटवर्क पर agenda चलाने के लिए India Today के General Manager Impact Jay Kumar Mistry ने कहा कि payment advance में ही आती है और बोले, “तो ये cash में होगा या cheque में होगा”
मुंबई में पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात टीवी टुडे की असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट Assistant Vice President अनीता खन्ना से भी हुई। इस मुलाक़ात में अनीता के साथ India Today के जनरल मैनेजर Impact Jay Kumar Mistry भी थे। मुलाक़ात के दौरान Anita ने पुष्प को पूरा plan बताते हुए कहा, “आपने points दिए हैं उसके हिसाब से अलग property create करेंगे”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई टीवी टुडे के Chief Revenue Officer राहुल कुमार शॉ से। राहुल को पुष्प के एजेंडा के बारे में मुंबई की टीम पहले ही ब्रीफ़ कर चुकी थी। पुष्प से बातचीत के दौरान राहुल ने बताया कि वो very very pro government है। “I say I must tell you I am very very pro very pro to the government”(मैं कहता हूं कि मुझे आपको बताना होगा कि मैं सरकार के लिए बहुत समर्थक हूं)
पत्रकार पुष्प शर्मा की इंडिया टुडे ग्रुप की Vice Chairperson कल्ली पुरी से भी मुलाक़ात हुई। बातचीत में पुष्प ने कल्ली को अपना एजेंडा विस्तार से बताया। देखिए कैसे करोड़ों की रकम को देखते हुए कल्ली पुरी कैसे पुष्प के हिंदुत्व के एजेंडा इंडिया टुडे ग्रुप के सभी platform पर चलाने को तैयार हो जाती है। बातचीत के दौरान जब पुष्प ने कहा कि वो कैम्पेन को पॉलिटिकल gains के लिए इस्तेमाल करेंगे तो कल्ली का जवाब था, “Agree But at the same time if you are doing some infield activities that we don’t agree with editorially we will be criticizing you”( सहमत हैं लेकिन साथ ही यदि आप कुछ अंतर्निहित गतिविधियां कर रहे हैं कि हम संपादकीय से सहमत नहीं हैं तो हम आपकी आलोचना करेंगे) पुष्प ने आगे जब कल्ली से polarization की बात कही तो कल्ली ने कहा, “But you will have to separate all two things right I stand by being a friend of yours but we don’t necessary agree on everything”( लेकिन आपको सभी दो चीजों को सही तरीके से अलग करना होगा। मैं तुम्हारी दोस्त बनकर खड़ी हूं लेकिन हम सब बातों पर सहमत नहीं हैं)
बातचीत में कल्ली ने पुष्प से संगठन के लोगो को उनके program में लाने की भी गुजारिश की। कल्ली ने कहा, “it would be very good if you would like to engage some of those people in the program because it’s a platform” (यदि आप कार्यक्रम में उन लोगों में से कुछ को शामिल करना चाहते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा क्योंकि यह एक मंच है)
मुलाक़ात के बाद टीवी टुडे के chief revenue officer Rahul Kumar Shaw ने 17 february 2018 को email के जरिये 275 करोड़ रुपए plus applicable taxes का advertising proposal भी भेजा जिसमें India Today Group के कई verticals शामिल है। पत्रकारिता के सिद्धांतों से किस स्तर तक समझौता किया गया इसका अंदाज़ा आप खुद ही लगा लीजिये। इस network से देश और विदेश में करोड़ों लोग जुड़े हुए है ऐसे में ये समझ पाना मुश्किल नहीं है कि कोई भी agenda या propaganda किस हद तक लोगों की सोच को प्रभावित या भ्रमित कर सकता है।
NETWORK 18
अयान भट्टाचार्य, सीनियर मैनेजर सेल्स, ETV न्यूज़; हर्षवर्धन द्विवेदी, नेशनल सेल्स एंड मार्केटिंग हैड, न्यूज़ नेटवर्क 18; धीरज सारस्वत, सीनियर मैनेजर, नेटवर्क 18 नेटवर्क; ETV न्यूज़ नेटवर्क; Edwine Crasto, एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट सेल्स, न्यूज़ 18, नेटवर्क; प्रियंका दत्ता, Executive वाइस प्रेजिडेंट, न्यूज़ 18 नेटवर्क; जॉय चक्रबोर्ती, CEO Forbes एंड प्रेजिडेंट रेविन्यू, नेटवर्क 18; दीपक लूथरा, नेशनल एड सेल्स हैड, वायकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड; परोमा, एड सेल्स डिपार्टमेंट, वायकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड
नेटवर्क 18 ग्रुप, media और entertainment group है जिसके broadcasting, digital, movies, e-commerce, magazines और mobile content में व्यापार है। 15 भाषाओं और 26 राज्यों के साथ news channels में देश का ये सबसे बड़ा समूह है। CNBC-TV18, CNN News18 और News18 इनके प्रमुख न्यूज़ चैनल हैं। साल 2014 में Reliance Industries Limited ने Network18 को take over किया और इसके बाद 2015 में Network 18 ने ETV Network को take over किया। इसके अलावा Viacom18 Motion Pictures, moneycontrol.com,firstpost.com, news18.com, cnbctv18.com, bookmyshow.com, Yatra, Forbes India, Overdrive, Better Photography और Better Interiors भी इस ग्रुप के ventures है। क्या नेटवर्क 18 ग्रुप में भी मोटी funding लेकर पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है? क्या यहाँ भी पेड न्यूज़, एजेंडा या फिर propaganda का कोई अस्तित्व है? हकीकत जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा श्री मद भागवत गीता प्रचार समिति के प्रचारक बनकर नेटवर्क 18 ग्रुप के लोगों से मिले और उनसे मोटी funding के बदले हिंदुत्व का एजेंडा चलाने की बात की ताकि elections के दौरान इसका फ़ायदा लिया जा सके। इसी सिलसिले में पुष्प की सबसे पहले मुलाक़ात होती है कोलकाता में ETV न्यूज़ के सीनियर मैनेजर सेल्स आर्यन भट्टाचार्य से। पुष्प इनसे कहते हैं कि हमारा न्यूज़ वाला understanding है उसमें हमारे पैनल डिस्कशन जो होंगे तो वो कैसे होगा,…इसपर जवाब में भट्टाचार्य चैनल को बीजेपी सपोर्टर बताते हैं और कहते हैं कि अभी हम आपको 80% सपोर्ट दे रहे हैं मैं बोल दूंगा तो 90% सपोर्ट करने लगेंगे। भट्टाचार्य कहते हैं कि “देखिए वो पूरा एडिटोरियल का पार्ट है, वो पहले बात करना है और आपका जो पैनल डिस्कशन है आप जो बोल रहे हैं न वो हम लोग नहीं कर सकते… मगर मैं आपको बोल रहा हूं कि और जो आपको भी पता है कि मेरा जो चैनल है वो बीजेपी को ही सपोर्ट करता है… लेकिन मैं बात करके अलग से बोल दूंगा कि इसको थोड़ा देखें… जो कर रहे हैं, 80% कर रहे हैं तो 90% करने के लिए…”
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है दिल्ली में नेटवर्क 18 के नेशनल सेल्स एंड मार्केटिंग हैड नेटवर्क 18 हर्षवर्धन द्विवेदी से। पुष्प हर्षवर्धन को अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताते है जिस पर हर्षवर्धन कहते है, “आप मुझे strong हिन्दू आदमी समझिए… वो समझिए जो अंदर से, दिल से राष्ट्रवादी बात करता है…”। पुष्प नीमच और मंदसौर जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए political rivals को thrash करने की बात करते है जिस पर हर्षवर्धन कहते है, “जहां भी होगा, जो भी इस तरह की चीजें होंगी वहां हर जगह मैं involve रहुंगा…”। पुष्प हर्षवर्धन से पश्चिम बंगाल और odisha में elections के मद्देनज़र खास तौर पर perception building और hammering की बात करते हैं जिस पर हर्षवर्धन कहते है, “ठीक है…”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है चंडीगढ़ में News 18 Network के सीनियर मैनेजर धीरज सारस्वत से। पुष्प धीरज से हिंदुत्व के एजेंडा और thrash my political rival की बात करते हैं। इसके अलावा FCT की भी बात होती है जिस पर धीरज सलाह देते हैं, “धीरे धीरे धीरे डालो…वो हो जाता है…” Fire brand Hindu leaders के digital और social media में promotion के साथ साथ supportive team members द्वारा favor में tweet करने की बात पर धीरज कहते है, “कोई दिक्कत नहीं है…”। चंडीगढ़ में News 18 Network के Senior Manager Dheeraj Saraswat पुष्प को चक्रव्यूह program में बुलाने का आश्वासन देते हुए कहते है, “आप से question तीखे भी होंगे वो पहले से आपको बता देंगे…”
पुष्प शर्मा आगे मिलते है मुंबई में Network 18 के Associate Vice President Sales Edwine Crasto से। पुष्प इन्हे अपने हिंदुत्व के agenda, fire brand Hindu leaders के promotion और thrashing to my political rivals की planning के बारे में बताते है। तमाम बातें सुनने के बाद Edwine Crasto कहते हैं, “I will brief Priyanka so tomorrow we will have a meeting…”
पत्रकार पुष्प शर्मा की मुंबई में अगली मुलाक़ात होती है नेटवर्क 18 की Executive वाइस प्रेजिडेंट प्रियंका दत्ता और जॉय चक्रबोर्ती से जो CEO-Forbes के साथ साथ प्रेजिडेंट रेविन्यू नेटवर्क 18 भी हैं। पुष्प इन से अपने हिंदुत्व के एजेंडा के साथ साथ सेमी पॉलिटिकल और thrashing to our political rivals की बात करते है जिस पर प्रियंका, “sure, sure…” कहकर अपनी सहमति देती है। आगे जब बात polarization की आती है तब प्रियंका कहती है, “Absolutely…”
बातचीत में CEO-Forbes के साथ साथ प्रेजिडेंट रेविन्यू नेटवर्क 18 जॉय चक्रबोर्ती प्रियंका दत्ता को निर्देश देते हुए कहते है, “This deal only you and me will get involve, not anybody of team because I don’t want anybody come to know…” (इस सौदे में केवल आप और मैं शामिल होंगे, टीम का कोई और इसमें शामिल नहीं होगा, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि किसी को पता चल जाए …”)
पुष्प की मुंबई में नेटवर्क 18 की Executive वाइस प्रेजिडेंट प्रियंका दत्ता से एक और मुलाक़ात होती है। प्रियंका बताती है कि उन्होने agenda को लेकर teaser भी तैयार कराया है।
नेटवर्क 18 की Executive वाइस प्रेजिडेंट प्रियंका दत्ता से पुष्प एक बार फिर मिलते है।बातचीत में प्रियंका बताती है, “कुछ होगा Part जो हमको uncomfortable लग रहा है तो we can balance it out. उसको देखेंगे कि कैसे उसको neutralize कर लें…”। प्रियंका आगे बताती है कि उन्होने CEO-Forbes एंड प्रेजिडेंट रेविन्यू नेटवर्क 18 जॉय चक्रबोर्ती को सब बताया हुआ है।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात होती है वायकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल एड सेल्स हैड दीपक लूथरा से । इस मुलाक़ात में दीपक के साथ उनके department की Paroma भी साथ थी। पुष्प इन से हिंदुत्व के agenda के साथ साथ political satire के जरिये विपक्षी दलों पर निशाना साधने और चुनाव में polarization की बात करते है। दीपक पुष्प की सभी बातों पर सहमत दिखते है उन्हे ऐसा करने में कोई ऐतराज नहीं। “हमारे यहां है third party vendor आपको मिला देंगे आप उनके साथ content create करो और हमें दो we will put it on TV and promote it everywhere”
बातचीत में आगे जब पुष्प कहते है कि rivals को एंटी नेशनल दिखाना है तो वायकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के एड सेल्स हैड डिपार्टमेंट की परोमा कहती है, “दिखाना है I will mention that”( मैं इसका जिक्र करूंगी)
Network 18 group देश के सबसे बड़े media group में से एक है। दर्जनों चैनल के साथ विश्व के कई देशों में इसकी पहुँच है। अच्छी ख़ासी funding के एवज में Network 18 से जुड़े बड़े पदों पर आसीन लोग एक खास agenda चलाने को तैयार हो गए ताकि elections में माहौल बनाकर एक खास पार्टी को फ़ायदा पहुंचाया जा सके। ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया कितना निष्पक्ष रह गया है? जवाब हम सबको ढूँढना है?
DAINIK JAGRAN
वैभव गुप्ता, सीनियर मैनेजर (एड सेल्स), रेडियो सिटी, चंडीगढ़; मयंक श्रीवास्तव, सीनियर मार्केटिंग मैनेजर और अनुराग गुप्ता, जनरल मैनेजर, दैनिक जागरण, देहरादून; अनिल रेड्डी, सेल्स मैनेजर, रेडियो सिटी, हैदराबाद; राजेश कुमार महाशा, एडवरटाइजिंग मैनेजर और रजनीश, दैनिक जागरण, कांगड़ा, हिमाचल; मनोज वालिया, जनरल मैनेजर(मार्केटिंग), दैनिक जागरण, दिल्ली और रवि कुमार पांडेय, असोसिएट वाइस प्रेजिडेंट (मार्केटिंग), दैनिक जागरण, नोएडा, अनिल गुप्ता, रीजनल सेल्स हेड, रेडियो सिटी, दिल्ली
दैनिक जागरण निस्संदेह सबसे बड़ी हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में से एक है। हर दिन चार लाख प्रतियां बेची जाती हैं। उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, झारखंड, पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल से अलग संस्करणों के साथ नौ प्रमुख शहरों से एक साथ प्रकाशित होने वाला ये हिंदी दैनिक समाचार बड़ा नाम बनकर उभरा है। ऑपरेशन 136 के पहले भाग में, हमने संजय प्रताप सिंह का खुलासा किया था, जो बिहार के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में इस पेपर के साथ काम करते हैं। सिंह न केवल पुष्प के एजेंडे को अपने अख़बार में उपयुक्त विज्ञापन बनाने और इसके लिए अपनी रचनात्मक टीम (creative team) को तैनात करके इस अभियान में भाग लेने पर सहमत हुए, बल्कि पश्चिम बंगाल में हिंदुत्व की हवा फूंकने में मदद करने के लिए भी सहमत हुए थे। उन्होंने कहा- “हां हां कर देंगे आप निश्चिंत रहिए, हम आपको बंगाल का भी रिलीज कर देंगे.. ठीक है, तो उससे क्या होगा? हम जो आपको बोलेंगे वो वहां पर लोग लिख के आर्टिकल भी दे देंगे आपको time to time न्यूज़ भी देते रहेंगे”
इतना ही नहीं ये न केवल अपने ग्राहक पुष्प शर्मा के लिए हर हद तक जाने को तैयार दिखे, बल्कि उन लोगों के बड़े नेटवर्क को तैनात करने के लिए तैयार थे, जो ममता बनर्जी सरकार को लक्षित करे और फिर बंगाल सरकार की निंदा अपने अखबार में करें “ममता बनर्जी tarnish हो? सबसे पहले तो अपने जो stronghold हैं जो हिंदू होल्ड हैं वहां पे आपके लोग घूमें वहां की social life में mix करें वहां पे धीरे-धीरे देखिए सारा खेल perception का है आज एक player top player होता है कल नीचे चला जाता है और perception रहता है उसमें मीडिया क्या करता है उन चीजों को reassess करती है बढ़ाती है और साथ-साथ articles लिखना ये सब चीज में लोगों को रैली-वैली इन सब चीज में लोगों को involve करना”
पत्रकार पुष्प के साथ दैनिक जागरण क्षेत्रीय प्रमुख (regional head) और रेडियो सिटी के उपाध्यक्ष (vice president) जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कम खुलासा करने वाली नहीं थी। दैनिक जागरण अखबार और इसी ग्रुप के रेडियो सिटी स्टेशन में senior sales manager वैभव गुप्ता प्रिंट और रेडियो दोनों में पुष्प द्वारा प्रस्तावित दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाने के लिए सहमत हुए इतना ही नहीं ये पेमेंट की राशि को आधे से ज्यादा कैश में लेने पर भी राजी हुए। बशर्ते की दोनों के बीच थर्ड पार्टी की मदद से ये काम किया जाए।
चूंकि पुष्प शर्मा ने जागरण के कार्यालय में वैभव से मुलाकात की, उन्होंने उन्हें अपने एजेंडे के पहले दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी दी। पुष्प ने बताया कि हमारे हिंदुत्व के एजेंड को चलाने के बाद, हम चाहते हैं कि हमारे प्रतिद्वंदियों को पप्पू जैसे उपनामों (nicknames) का इस्तेमाल करके सार्वजनिक रूप से उनकी छवि खराब की जाए। वैभव पुष्प की बात को तुरंत समझ जाते हैं। वो कहते हैं कि “Everybody knows [who] you are … targeting,” (हर कोई जानता है आप किसे target कर रहे हैं”)
पुष्प कहते हैं कि इस तरह के उपनामों पर किसी का पेटेंट थोड़े ही है। इसपर पुष्प की प्रशंसा करते हुए वैभव आगे कहते हैं कि “I mean … would say targeting the rivals in [a] sophisticated [way].” (मेरा मतलब है … प्रतिद्वंदियों को लक्षित करना)
इसके बाद दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनती है कि ये अभियान जागरण के अलग-अलग वर्टिकल्स में चलाना होगा। इसपर वैभव कहते हैं कि “मैं premium position कहूंगा… Premium position तो हम आपको तीनों verticals में दे सकते हैं, प्रिंट, FM, digital के बारे में बात करते हुए. FM में हम क्या कर सकते हैं ad break start होते हैं। सबसे पहला ad आपका होगा तो प्रवृत्ति के बारे में बात नहीं कहेंगे सारी add breaks को हर कोई सुनता है लेकिन एक दो ad तो सारे ही सुन लेते हैं l”
पत्रकार ने कुछ दिनों बाद वैभव से मुलाकात की और अभियान के पहले महीनों के लिए उनके प्रस्ताव को लेकर वैभव से बजट के बारे में पूछा। इसपर वैभव ने बताया कि “ये three months को जो मैंने आपको propose किया है टेक्स के साथ 2 करोड़ 8 लाख 9 लाख” पुष्प पूछते हैं कि क्या हमारा अभियान FM रेडियो पर भी चलाया जाएगा, जवाब में वैभव कहते हैं कि “FM and जो मैंने आपको digital का दिया था that is also again 18 percent” इसके बाद पुष्प एक बार फिर वैभव से पूछते हैं कि हमारे एजेंडा का क्या हुआ, क्या आपने इसके बारे में अपने सीनियर अधिकारियों से विचार विमर्श किया। वैभव कहते हैं कि “मैंने प्रिंट एड जो आपने मुझे sample रेडियो का दिया था अपने बॉस को भी सुना दिया था if we can carry this or not और वो मैंने यहां पर भी अपना सबको सुना दिया था। This is the message which is going to be floated … Majorly it is about Hindutva only, indirectly targeting the opposition in this case targeting the state government only” (ये वो संदेश है जो चलने जा रहा है … मुख्य रूप से यह केवल हिंदुत्व के बारे में है, अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले में विपक्ष को लक्षित करने के लिए राज्य सरकार को लक्षित करना है)
पुष्प पूछते हैं कि क्या आप सब हमारे एजेंडा को चलाने में सहज हैं, जवाब में वैभव कहते हैं “हां” इस बातचीत से ये तो स्पष्ट हो चुका था कि दैनिक जागरण की टीम पैसों के लिए पुष्प के घृणास्पद एजेंडा को चलाने के लिए तैयार थी। पुष्प ने वैभव से सवाल किया कि पेमेंट के बारे में क्या बात हुई। क्या आपने इस बारे में अपने सीनियर अधिकारियों से चर्चा की। जवाब में वैभव कहते हैं कि “पैसे का मैंने चैक किया था. I mean what is your comfortable mode of payment”(मेरा मतलब है कि भुगतान का आपका आसान तरीका क्या है) पुष्प इन्हें बताते हैं कैश, इसपर वैभव कहते हैं कि “ कैश हां हम ले लेंगे..but we will be routing it through some agency, (लेकिन हम इसे कुछ एजेंसी के माध्यम से रूट करेंगे) direct तो हम ले नहीं सकते we will be routing(हम उसे रूट करेंगे) हां लेकिन वो कर लेंगे अपने level पे” आगे पुष्प एक बार फिर इनसे पूछते हैं कि आपका मतलब है कि आप नकद में 50 प्रतिशत भुगतान स्वीकार कर सकते हैं? वैभव पुष्प को आश्वस्त कराते हैं कि कैसे पूरा लेनदेन कैश में लेकर उसे काले से सफेद किया जाएगा। “वो हम कर सकते हैं क्योंकि हमें तो चैक ही आएगा payment but we will route it through other sources.(लेकिन हम इसे अन्य स्रोतों के माध्यम से रूट करेंगे) Agencies होती हैं trade partners होते हैं तो हम उनके through route करते हैं” पुष्प इनकी नब्ज़ टटोलते हुए पूछते हैं कि इस तरह के रूटिंग कैश के लिए आपके पास सरोगेट साझेदार हैं? इसपर वैभव पुष्प को समझाते हैं कि “Surrogate partner जितने भी होते हैं उनके through कर लेते हैं inhouse उससे हमारा सारा का सारा …” आगे पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या ऐसा करना सुरक्षित रहेगा। वैभव पुष्प का आश्वस्त कराते हैं और बताते हैं कि “नहीं नहीं हमारे को मतलब billing सारी white में दिखानी है तो अपने level पर उसको adjust करेंगे जैसे करेंगे”
जब शर्मा ने जागरन के देहरादून कार्यालय का दौरा किया, तो उन्होंने सीनियर मार्केटिंग मैनेजर मयंक श्रीवास्तव और उनके मालिक महाप्रबंधक अनुराग गुप्ता से मुलाकात की। इस दौरान पुष्प ने प्रिंट और डिजिटल दोनों में अपने दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान चलाने की बात कही। हैरत की बात ये है कि ये दोनों ही ऐसा करने लिए काफी इच्छुक थे। यहां, पत्रकार ने पहले मयंक से मुलाकात की और उन्हें अपने एजेंडे के बारे में विस्तार से बताया। पुष्प ने मयंक को एजेंडे से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखने के लिए कहा, मतदान परिदृश्य के ध्रुवीकरण और कट्टर हिंदुवादी नेताओं के डिजिटल प्रचार समेत उन सभी बिंदुओं के बारे में बताया, तो मयंक ने उन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एक-एक शब्द का पालन करने की बात कही। जब पुष्प उन्हें बताते हैं कि हिंदुत्व के चरण के बाद अर्द्ध राजनीतिक चरण (semi political phase) का पालन करेंगे, मयंक ने समझौते में जवाब दिया: “ semi political “। अब पुष्प फायरब्रांड हिंदुत्व के नेताओं के डिजिटल प्रचार पर वापस आकर मोहन भागवत, उमा भारती, विनय कटियार और राजू भाई जैसे फायरब्रांड हिंदुवादी नेताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलाने के लिए कहा। आगे पुष्प इन्हें बताते हैं कि मेरे एजेंडे का अगला बिंदु हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना है। पप्पू जिंगल का जिक्र करते हुए पुष्प इन्हें बताते हैं कि ये जिंगल्स पहले से ही रेडियो पर चल रहे हैं, लिहाजा आप इन्हें अखबार में कैसे चलाएंगे। इसपर मयंक कहते हैं कि “प्रिंट में innovative creative आप बना सकते हैं” मयंक पुष्प को कार्टून का आईडिया देते हुए बताते हैं कि “Caricature आप बना सकते हैं” आगे मयंक कहते हैं कि “उसपे best idea जो दिया इसने अमूल का करंट अफेयर में जो चल रहा है उसमें रिलेट करके आप बना सकते हो तो वो जल्दी recall हो जाता है।”
पुष्प इनसे कहते हैं कि जब मैं अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने की बात करता हूं तो इस तरह के कार्टिकेशंस कांग्रेस, जनता दल, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लक्षित करेंगे। मयंक कहते हैं कि “यहां पर तो कांग्रेस ही मिलेगी mostly तो ”
मयंक ने इस सौदे को विस्तार से जानने के बाद पुष्प को अपने मालिक अनुराग गुप्ता से मिलने के लिए कहा। पुष्प ने इस अभियान को चलाने के लिए जागरण को 1.5 करोड़ का बजट बताया। पुष्प ने इन्हें ये भी बताया कि पैमेंट का कुछ हिस्सा वो चैक या RTGS से देंगे जबकि बाकी का पैसा दूसरे माध्यम से दिया जाएगा। इसपर जागरण के जनरल मैनेजर कहते हैं कि “[You mean]In cash,” (आपका मतलब कैश से है) वो कहते हैं “That is not an issue(वो कोई मुद्दा नहीं है) कोई दिक्कत नहीं है” पुष्प इनसे पूछते हैं कि 1.50 करोड़ में से आप कितना पैसे कैश में ले सकते हैं। अपने बॉस की तरफ देखकर मयंक कहते हैं कि “उसमें सर का point ये भी है कि बिल कम का ही चाहिए होगा” पुष्प कहते हैं कि हम आपको 50 फीसदी रकम RTGS के माध्यम से देंगे जिसपर GST भी लगेगा जबकि बाकी का पैसा कैश में देंगे। जवाब में मयंक कहते हैं कि “ठीक है” “चलिए देख लेंगे वो तो once it takes forward, we will see(एक बार यह आगे बढ़ने के बाद, हम देखेंगे)”
पुष्प शर्मा का अगला पड़ाव हैदराबाद था जहां वह अनिल रेड्डी से मिले जो जागरन के रेडियो सिटी में बिक्री प्रबंधक(sales manager) के रूप में काम करते थे। उन्हें अपने एजेंडा पर ब्रीफ करते हुए, पुष्प ने उनके सामने पप्पू जिंगल्स भी बजाए। पुष्प ने रेड्डी को बताया कि श्रीमद् भगवद् गीता के उपदेशों का उपयोग करके हिंदुत्व को बढ़ावा देना है, लेकिन इसमें कहीं भी हमारे संगठन का नाम अभियान के प्रायोजक के रूप में नहीं आना चाहिए। इसे इस तरह से पैकेज करें ताकि हम दोनों एक सुरक्षित पक्ष पर हों। रेड्डी इसपर जवाब देते हैं कि “Yes, yes … We are on a safer side.( हाँ, हाँ … हम एक सुरक्षित पक्ष पर हैं)” हमारे एजेंडे का दूसरा बिंदु राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना है, पुष्प ने रेड्डी को उन जिंगल्स की तर्ज पर काम करने के लिए बताते हैं। रेड्डी इसका जवाब “ओके” कहकर देते हैं। व्यापार का बढ़िया मौका देखकर रेड्डी सीधे बिजनेस की बात करते हैं कि और कहते हैं कि “तो हम लोग एक काम करते हैं स्वामी जी we can play Hindi jingle also we can change Hindi jingle which is also direct of Hindi jingle So, let us do it this way Swamiji. (हम हिंदी जिंगल भी चला सकते हैं, हम हिंदी जिंगल को बदल भी सकते हैं जो हिंदी जिंगल का ही सीधा होगा, तो हम इसे इस तरह से करें स्वामीजी)” पुष्प रेड्डी की बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं यही तो हमें चाहिए। “We direct conversation also we do it and now getting to commercial parts and all. We need to know how many days and all, generally we do. I will tell you this is not for political rate.” (हम सीधी बातचीत भी करते हैं और हम commercial parts और ये सब करते हैं। हमें यह जानने की जरूरत है कि कितने दिन और ये सब, आम तौर पर हम करते हैं। मैं आपको बता दूं कि यह राजनीतिक दर के लिए नहीं है।)
रेड्डी हमें बताते हैं कि 2014 के चुनावों के दौरान, रेडियो सिटी पर विज्ञापनों की दर 600 रुपये प्रति सेकंड थी। लेकिन वे इसे रुपये के लिए कर सकते हैं। इस बार 550 प्रति सेकेंड। पुष्प इनसे कहते हैं कि आप जो भी चार्ज करेंगे, हम उसके साथ सहज हैं। बशर्ते कि आप ये सौदा पेपर पर नहीं दिखाएंगे। आप दिखा सकते हैं कि यह एक सामाजिक कारण के लिए किया जा रहा है। सहमति जताते हुए रेड्डी कहते हैं कि “Free kind of publicity(मुफ्त प्रकार का प्रचार), just to लोगों को जागरूक करने के लिए” पुष्प इन्हें सलाह देते हैं कि इसके लिए हम थर्ड पार्टी का इस्तेमाल करेंगे। रेड्डी कहते हैं कि “समझ में आ गया understood”
अब पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या आप पैमेंट का कुछ हिस्सा कैश में ले सकते हैं इसपर रेड्डी कहते हैं कि “Cash? Yes, will take for sure,” (नकद? हाँ, निश्चित रूप से ले जाएगा) आगे रेड्डी कहते हैं कि “Now ये आपके points और ये जो jingles हैं… forward कर देंगे और उसके ऊपर ये मेजर रहेगा पैसा जो आप देंगे इसी का देंगे” पुष्प कहते है कि हम केवल इस चरण के खिलाफ पेपर पर भुगतान दिखाएंगे। हम आपको राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अभियान के लिए भुगतान करेंगे लेकिन हम इसे कागज पर नहीं दिखाएंगे। “पेपर पर नहीं आएगा that come other way (वह दूसरे तरीके से आते हैं)… Okay”
आखिरकार दोनों पार्टियों के बीच 1.20 करोड़ में सौदा तय हो जाता है। पुष्प इन्हें बताते हैं कि अगर सब ठीक से काम करता है तो वे इसे आगे ले जाएंगे। पुष्प इनसे कहते हैं कि क्या वे पैमेंट का 50 प्रतिशत भुगतान कैश में ले सकते हैं। इसपर रेड्डी कहते हैं “ऐसे कर सकते हैं”
बातचीत खत्म करने से पहले पुष्प रेड्डी से पूछते हैं कि क्या वो उनके एजेंडा के बारे में सबकुछ समझ गए हैं। इसपर रेड्डी एजेंडा के सभी बिंदुओं को एक-एक करके दोहराते हैं। यह सुनना दिलचस्प है कि वह आगे क्या कह रहा है “I am very much clear… one is Hindutva ka packaging hona hai aur jo bhi packaging karoonga that and with Shrimad Bhagwad Gita Prachar Samiti ke through hee jana hai … sangathan ko nahi ana hai. Number2 in funny or humorous way creative’s banaana … political rivals ko thrash karna hai” (मैं पूरी तरह स्पष्ट हूं पहले है कि हिंदुत्व का पैकेजिंग होना है और जो भी पैकेजिंग करूंगा वो श्रीमद भगवत गीता प्रचार समिति के जरिए ही जाना है..संगठन को नहीं आना है, नंबर दो हास्य तरीके से क्रिएटिव बनाना..राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना है)
आगे पुष्प कहते हैं कि हम एक एजेंडा पर काम कर रहे हैं और इस एजेंडा को इस तरह से चलाने की जरूरत है कि सांप्रदायिक तनाव हो क्योंकि यह हमारे लिए अधिक वोट प्राप्त करता है। रेड्डी इसके जवाब में कहते हैं कि “It’s a agenda okay … okay, okay और jingles पर आप कुछ घटिया बात नहीं कर रहे to be very frank जो बात है वही कह रहे हैं ”
आगे पुष्प इनसे अपने एजेंडा का RJ mentions द्वारा प्रचार कराना चाहते हैं। इसपर रेड्डी कहते हैं कि “यहां पर ले गए RJ आएगा” “बीच बीच में mentions होगा” “मेरे को तो बड़ा study करके आपने”
इसके बाद पुष्प शर्मा ने हिमाचल में कंगड़ा में जगरन के कार्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने मार्केटिंग मैनेजर राजेश कुमार महाशा और उनके सहयोगी रजनीश से मुलाकात की। जैसे ही पुष्प ने अपने अभियान के पहले चरण यानी हिंदुत्व के एजेंडा पर चर्चा शुरू की। इसी बीच रजनीश पूछते हैं “आपके पास ये proposal बनाया है क्या है?” पुष्प इन्हें बताते हैं कि हिंदुत्व एजेंडा इस अभियान का पहला चरण होगा जो मार्च 2018 तक पहले तीन महीनों तक चलता रहेगा। पुष्प इन्हें इस अभियान के पीछे छिपे असली उद्देश्य के बारे में भी बताते हैं, अब वो उनके साथ भुगतान के तरीके पर चर्चा करने के लिए आगे बढ़ते हैं। पुष्प इन्हें बताते हैं कि हमें दान में ज्यादातर कैश मिलता है। यदि आप कैश में भुगतान स्वीकार कर सकते हैं तो यह बेहतर होगा। इसपर रजनीश कहते हैं कि “कैश में कोई दिक्कत नहीं है वो कैसे भी आप कर सकते हैं” महाशा आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “कर सकते हैं वो कोई नहीं है ऐसी problem” ये तय हो जाने के बाद पुष्प इनसे कहते हैं कि वो उम्मीद करते हैं कि जागरण के ये अधिकारी 2019 के चुनावों के संबंध में हमारी दृष्टि को बढ़ावा देंगे। राजेश ने स्पष्ट रूप से कोई संदेह नहीं छोड़ा “इसका करेंगे इसका एक बार ना rate discuss करके”
अब, ये जानकर कि हिंदुत्व एजेंडा का ख्याल रखा जाएगा, पत्रकार मुद्दे को आगे बढ़ाते हैं और इनसे कहते हैं कि बीजेपी और उसके खिलाफ नेताओं से जुड़ी खबरों को फ्रंट पेज पर प्रकाशित ना करके अंदर के पन्नों में जगह दी जाए। महाशा इसका जवाब “ठीक है” कहकर देते हैं। आगे महाशा कहते हैं कि “आप देखते होंगे कि अखबार में बीजेपी के पक्ष में ही होता है कभी भी इसमें कोई दूसरा नहीं आता आप देखते होंगे बल्कि हमारे जो owner हैं संजय गुप्ता जी उनका खुद का Sunday को आता है उसी के ऊपर वो भी उसी के ऊपर आधारित होता है कि उसमें मोदी जी highlight हों …यानी daily मैं देखता रहता हूं ये है तो ऑफिस से चला हुआ है यहां भी ऐसे ही रखते हैं हम हिमाचल में भी same उसी pattern के ऊपर अब अखबार है हमें न्यूज़ तो पब्लिश करनी पड़ेगी opposition की भी करनी पड़ेगी नहीं तो लोग भी पसंद नहीं करते इस करके ये है ” आगे राजेश कहते हैं कि “किसका ज्यादा करना है किसका कम करना है वो कर लेते हैं हम”
अब तक, शर्मा ने उन प्रबंधकों से बात की थी जो समाचार पत्र के पदानुक्रम में ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं थे। इसके लिए, वरिष्ठ प्रबंधन के साथ अपने एजेंडे पर चर्चा करने के लिए पुष्प आगे बढ़ते हैं और जागरण के नोएडा कार्यालय में General Manager (Marketing) मनोज वालिया और Associate Vice President (Marketing) रवि कुमार पांडे से मिलते हैं। पुष्प इन्हें बताते हैं कि उनके अभियान का पहला बिंदु हिंदुत्व एजेंडा होगा, पत्रकार वालिया से सभी बिंदुओं को नोट करने के लिए कहते हैं। हालांकि जब वालिया ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो पत्रकार उन्हें बताते हैं कि उनके अभियान के तीन मुख्य बिंदु हैं। अभियान को एक नए तरीके से पैकेज करने के लिए उन्हें उनके समर्थन की जरूरत है। पुष्प ने इन्हें बताया कि कांग्रेस, बसपा और सपा जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को रेडियो पर झुकाना बहुत आसान है क्योंकि आरजे स्क्रिप्ट के अलावा कहानी में अपना इनपुट भी जोड़ देते हैं। हालांकि प्रिंट में ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। अब पुष्प इनसे पूछते है कि आप इसे कैसे करेंगे। ताकि हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के घोटालों की पोल खोलकर उन्हें झुकाया जा सके। वालिया पुष्प को बताते हैं कि वे रचनात्मक (creative) समर्थन को बढ़ाने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि उनके पास ऐसा अनुभव नहीं है इस काम के लिए हमें किसी थर्ड पार्टी की मदद लेनी चाहिए। आगे वालिया दैनिक जागरण और बीजेपी के बीच नजदीकियों को उजागर करते हुए कहते हैं कि “आप जानते ही हैं दैनिक जागरण जो ग्रुप है वो थोड़ा हम लोग support तो बीजेपी को करते हैं उसमें कोई दो राय नहीं और हम लोग जुड़े ही हैं उनके साथ पुराने समय से वहीं से राज्यसभा के MP बनते रहे हैं यहां के डायरेक्टर्स तो ये तो एक बात उसमें मैं चाह रहा था कि आप बता रहे थे आपको कि ये clear cut हो जाएगी आपका एजेंडा थोड़ा क्रिएटिव को डाल दिया attachment में जाए इस टाइप का हम रन करें मान लीजिए quarter page quarter page आप समझते हैं”
पुष्प इनसे कहते हैं कि हमने आपके अखबार के लिए 20 करोड़ का बजट रखा हुआ है। वालिया “Okay” कहकर पुष्प की बात का समर्थन करते हैं। अपने संभावित ग्राहक पुष्प को ये जाहिर करने के लिए कि दैनिक जागरण पूरी तरह इनके साथ है वालिया पुष्प को अपने बॉस रवि कुमार पांडेय से मिलवाने की बात कहते हैं। अपने एजेंडे को दोहराते हुए, पत्रकार पुष्प शर्मा समूह के प्रिंट, रेडियो और डिजिटल के सभी तीनों वर्टिकल में अपने अभियान के लिए समर्थन मांगते हैं। पांडेय ने आश्वासन दिया है कि पूरी तरह से समझते हैं कि उनके ग्राहक को क्या चाहिए। “हां प्रिंट हमारा flagship है एक बार प्रिंट में हम लोगों एक understandingपे आ गए कि ये advertisement, ये creative, ये advertorial तो मेरे को नहीं लगता कि digital में या रेडियो में कहीं पर भी ऐसे complication आंएंगी ”
पांडे आगे कहते हैं कि “हां जब हम प्रिंट दिमाग में तो वो हमारे लिए issue नहीं है हमारे और आपके बीच में जितना मेरे को समझ आ रहा है या जो छत्रपाल साहब का अभी issue भी होगा ये होगा कि the kind of advertorial he wants to go … give whether that can go as it is या it needs certain modification … the kind of creatives could be he wants to get released that require certain modification (वह किस तरह का विज्ञापन चाहते हैं … दे दो या तो वो वैसा का वैसा ही जा सकता है या उसमें कुछ संशोधन की जरूरत होगी … क्रिएटिव की तरह वह रिलीज करना चाहते हैं जिसके लिए कुछ संशोधन की आवश्यकता है)”
पांडे कहते हैं कि वो इस एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने को तैयार हैं। यह सुनना दिलचस्प है कि पांडे क्या कह रहे हैं “इसके अंदर मैं clear कर देता हूं और मैं एक step आगे जाकर as far as marketing, sales perspective is concern obviously these are things getting revenue also as a revenue centre I don’t see there would be large format challenges. Challenge kahan par aayega when it goes completely against the organization guidelines and ethics … (sales perspectiveचिंता का विषय है कि ये revenue प्राप्त कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि बड़ी प्रारूप चुनौतियां होंगी। चैलेंज कहां पर आयेगा जब यह संगठन दिशानिर्देशों और नैतिकता के खिलाफ पूरी तरह से चला जाता है) जागरण के इन वरिष्ठ अधिकारियों के मुंह से Ethics की बात सुनना हैरान कर देने वाला था। क्योंकि एक तरह हर हद तक एजेंडा को चलाने की बातें कह रहे थे और दूसरी तरफ Ethics का जिक्र हो रहा था।
लेकिन जब कोई समस्या हो तो समाधान भी होना चाहिए। जैसा कि पांडे ने हमें इस बात पर फिर से आश्वस्त करने के लिए कहा है कि “उसके लिए there is a team also for editorial also तो normal case पर भी challenge रहता है हमें तो किसी भी advertisement को लेकर आज भी बड़ी सारी चीजें आती-जाती रहती हैं तो there is a team of our … हां हा advertorial, editorial, brand के साथ इनके साथ combine meeting हो जाती है और उसके basis पर we go ahead तो I don’t see there would be some such challenges and your requirement would be require in all these department or may be other vertical also. Once we received communication for जैसे मनोज जी ने कहा ये communication है इसके बाद में जो आपकी expectation है in terms of creatives ये सारी चीजें clear कर देते हैं We can immediately let’s say within 24 hours we are in position to get back to you कि हां ठीक है this is …”
बाकी वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी मंशा के बारे में जानकर अब पत्रकार पुष्प शर्मा रेडियो सिटी दिल्ली के Regional Sales Head अनिल गुप्ता से मिलते हैं। जैसा ही पुष्प ने अपने हिंदुत्व के एजेंडे के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा शुरू की, गुप्ता बताते हैं कि हालांकि एक माध्यम के रूप में उसका रेडियो स्टेशन संभावित ग्राहक प्रस्तावित नहीं कर सकता है, फिर भी इसे करने के तरीके हैं। पुष्प उन्हें पहले ही जिंगल्स सुना चुके होते हैं। अनिल गुप्ता कहते हैं कि “Radio as a medium cannot promote or … any policy and all but yes there are ways on FCT में encapsulate करके चला सकते हैं वैसे कर सकते हैं उसको” पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या आपका मतलब विज्ञापन के रूप में इसे चलाने से है। इसपर अनिल कहते हैं कि “हां वैसे कर लेंगे वो दिखाई वैसे दे content है पर content हो ना हो वैसा कर लेंगे सुनाई दे कि content में जा रहा है लेकिन content ना हो FCT बोला अभी”
रेडियो सिटी के विभिन्न स्टेशनों पर अभियान चलाने के तरीके के बारे में चर्चा करने के बाद, गुप्ता दोहराता है कि उसे क्या करने के लिए कहा गया है। “ठीक है तो तीसरा मोहन भागवत जी की जो दशहरे वाली speech है encapsulate करके उससे हम कैसे चला सकते हैं… Multiple जैसे on air रहे या digital platform के ऊपर है बस हम आपके content को कैसे advertorial wise not directly but advertorial wise content में उसको portray कर सकते हैं. फिर आपने बताया किसी श्लोक को लेकर भी हम एक को बताया फिर वहां से हमने relate कर दिया ”
पुष्प कहते हैं कि इस तरह आप उन श्लोकों को राजनीति से जोड़ सकते हैं जैसे आजतक चैनल पर “So Sorry” में किया जाता है। आप भी वही तरीका अपना सकते हैं। आखिरकार गुप्ता “करेंगे करेंगे correct” कहकर पुष्प को उनके एजेंडे का चलाने का आश्वासन दे देते हैं और 20 करोड़ के डील के साथ ये मुलाकात यहीं खत्म हो जाती है। तहकीकात के दौरान जिन वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत हुई और जिस तरह उन्होंने पुष्प शर्मा के एजेंडा को चलाने के लिए हामी भरी वो वाकई पत्रकारिता के मूल सिद्धतों के खिलाफ जाता है।
PAYTM
सुधांशु गुप्ता, वाईस प्रेजिडेंट; अजय शेखर शर्मा, सीनियर वाईस प्रेजिडेंट, पेटीएम, नोएडा
पेटीएम ने 2010 में अपनी मोबाइल ऐप आधारित भुगतान सुविधा के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। इसकी स्थापना वन79 कम्यूनिकेशन के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने की थी। 2016 में इसका सबसे बड़ा ब्रेक आया जब 8 नवंबर को बीजेपी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की, जिसमें तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। नोटबंदी का प्रभाव ऐसा पड़ा कि रातोंरात ये कंपनी मशहूर हो गई, हालांकि नोटबंदी के दौरान पेटीएम को पैसा कमाने का खूब मौका मिला। अनुमान है कि मार्च 2017 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में कंपनी ने 813 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, उपयोगकर्ता आधार के हिसाब से कंपनी के व्यापार में 150 मिलियन से 200 मिलियन तक भारी वृद्धि देखी गई, जबकि आम नागरिकों की कड़ी मेहनत के पैसे बेकार हो गए और उन्हें घंटों तक बैंकों की कतार में खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुराने नोट जमा कराने के लिए। इस दौरान 50 दिनों में करीब 150 लोगों ने अपनी जानें गंवाईं। इस दौरान किराना तक का सामान लेने के लिए सरकार ने digital modes of payment को खूब बढ़ावा दिया। देश के करोड़ो नागरिक उस वक्त सकते में पड़ गए जब एक वीडियों में उन्होंने पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को जनता के दर्द और मौतों पर मजाक उड़ाते देखा। एक प्रोग्राम में विजय को ये कहते देखा गया था कि “हम हत्यारे हैं, हम हत्यारे हैं … जो हमारे साथ नहीं है वो रोएंगे … एक साल में वो किया जो उन्होंने दस साल में नहीं किया… कलेजा दिया, खून दिया, जान दी, सब कुछ लागा दिया बहनचोद”
देश भर में 7 मिलियन से अधिक पंजीकृत व्यापारियों और 200 मिलियन से अधिक वॉलेट उपयोगकर्ताओं के साथ, पेटीएम अब एक बहुत ही विविध ई-कॉमर्स कंपनी है, जो भारतीय खरीदारों के लिए अनिवार्य हो रही है, फ्लिपकार्ट के बाद दूसरा नंबर इसी का है।
वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने यह जांचने का फैसला किया कि क्या पेटीएम भी अपने ऐप पर उनके एजेंडे को बढ़ावा दे सकता है। हैरानी की बात है कि पुष्प अपनी इस कोशिश में निराश नहीं हुए। जब वो उपाध्यक्ष सुधांशु गुप्ता और सीनियर उपाध्यक्ष अजय शेखर शर्मा से पेटम के नोएडा कार्यालय में मिले थे। पुष्प के साथ हुई उनकी ये मुलाकात काफी चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि टॉप लेवल के इन अधिकारियों ने न केवल आरएसएस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का खुलासा किया बल्कि यह भी स्वीकार किया कि वे अपने लाखों ऐप उपयोगकर्ताओं को केंद्र सरकार के साथ साझा करने के लिए कबूल कर सकते हैं।
पुष्प शर्मा की पहले मुलाकात सुधांशु गुप्ता से होती है इससे पहले कि पुष्प अपने एजेंडा के बारे में इन्हें बता पाते सुधांशु पुष्प को संघ और सरकार से अपने नजदीकियों को बताने में लग जाते हैं। पुष्प को एक पेटीएम ऐप दिखा कर वो कहते हैं कि “By the way मैं आपको एक चीज़ और दिखाता हूं in case you should obviously know our political affiliation … this is our Paytm app. Nowdays Mr.Modi is right here. उनकी book आई है अभी extra Exam Warriors. We are … We are actually promoting this book …”
ये पुष्प को आगे बताते हैं कि इनके e-format में पीएम की बुक भी है, आगे सुधांशु कहते हैं कि “So मेरे को ना what I will have to do is I really have to understand how do you want to propagate and what is your content” (मुझे क्या करना होगा मुझे वास्तव में समझना है कि आप प्रचार कैसे करना चाहते हैं और आपका content क्या है)
अपनी जिज्ञासा को पूरा करने के लिए, पुष्प इन्हें अपने एजेंडे के बारे में बताते हैं और सुधांशु से पूछते हैं कि वो कैसे पेटीम के जरिए इसे प्रमोट करना पसंद करेंगे। पुष्प की बात पूरी होते ही सुधांशु इन्हें बताते हैं कि “While you talking I am getting some ideas of that (जब आप बात करते हैं तो मुझे इसके कुछ आइडिया मिल रहे हैं)…तो हम क्या करते हैं ना हम पेटीएम एप पे क्विज चलाते हैं …हम आपकी भगवत गीता के राऊंड चला देंगे ” पुष्प कहते है कि हिंदुत्व को प्रमोट करने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। सुधांशु आगे कहते हैं कि “बिल्कुल वो ही क्विज चला देते हैं लोग मतलब आप विश्वास नहीं करोगे कुछ को डेली कम से कम 25-30 हजार लोग आकर ये क्विज खेलते हैं..ये चला देते हैं हम आपके लिए”
इसके बाद पुष्प की इनसे एक और बैठक दिल्ली के होटल में होती है। इस बैठक में सुधांशु के साथ पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट और विजय शेखर शर्मा के छोटे भाई अजय शेखर शर्मा भी थे। अजय शेखर पुष्प से पूछते हैं कि वह अपने ग्राहक यानी पुष्प के लिए क्या कर सकते हैं, तो पुष्प दोहराते हैं कि उसने पहले से ही उनके सहयोगी सुधांशु को इसके बारे में बताया था। दरअसल उनका एजेंडा श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति के माध्यम से हिंदुत्व का प्रचार करना है। लेकिन हम संगठन को इस अभियान के प्रायोजक के रूप में शामिल नहीं करना चाहते हैं। इसपर अजय शेखर पूछते हैं कि “संगठन को सामने नहीं लाएंगे ? मैं तो संघ से बहुत जुड़ा हुआ हूं” इस एक वाक्य के जरिए अजय शेखर संघ से अपने जुड़ाव का खुलासा करते हैं। आगे अजय शेखर अरुण कुमार, कृष्णा गोपाल, एस के मिश्रा और यहां तक कि शिव राज चौहान से भी अपनी नजदीकियों के बारे में बताते हैं। अजय शेखर बताते है कि उनकी संघ के इन सभी बड़े नेताओं से बातचीत है, और उनसे व्यावसायिक रिश्ते भी है, “संघ में centre में मिला हुआ हूं अरुण कुमार जी, प्रफुल केल्कर जो एडिटर… मतलब मेरे कभी discussion में ये बात आई नहीं निकलकर जो बात आप बोल रहे हो मतलब मेरे हर तरह के discussion होते हैं” पुष्प इन्हें बताते है कि वह “गुप्त व्यवस्था” के तहत काम कर रहे हैं, यानी एक गुप्त व्यवस्था है, और फिर संघ तो पूरी तरह से गुप्त काम करने के लिए जाना जाता है।
आखिर में पुष्प अजय शेखर के सामने एक पैंतरा फेंकते हैं और इन्हें बताते हैं कि संघ के सुप्रीमो मोहन भागवत भी इनके आश्रम में आ चुके हैं। और वो इन्हें व्यग्तिगत तौर पर जानते भी हैं। पुष्प इनसे ये भी कहते हैं कि अगर अजय शेखर को उनपर विश्वास नहीं हो तो वो हमेशा इंटरनेट पर चैक कर सकते हैं क्योंकि सबकुछ वहां उपलब्ध है। पुष्प की बातों से अजय शेखर इस कदर उत्सुक और प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा “इतना बड़ा काम कर रहे हैं और हम तो क्या बताएं हम क्या-क्या काम कर रहे होते हैं कुछ हम भी नहीं बता सकते आपको मतलब कुछ ऐसा काम हमसे करवाए संघ ने मैं आपको बता नहीं सकता ठीक है”
लेकिन ये तो कुछ भी नहीं इसके अगले ही पल अजय शेखर जो खुलासा करते हैं वो वाकई चौंकाने वाला है। अजय शेखर बताते हैं कि पंचजन्य के संपादक केलकर उनके अच्छे मित्र हैं और कहते हैं कि “अरे मेरी दोस्ती तो उनसे दोस्ती का मतलब आप अगर पंचजन्य को उठाएंगे ना तो उसमें पेटीएम के एड दिखेंगे आपको..आप देखना कभी जाके आपको दिख जाएगा…वो उनके कहने से करे हैं हमने”
अजय शेखर इस बात पर जोर देकर कहते हैं कि वह आरएसएस में विशेष रूप से केलकर से बात करेंगे। आरएसएस को इस तरह के तरीके को अपनाने की क्या जरूरत थी जबकि वो खुद उनके साथ सीधी बात कर सकते थे। अजय शेखर बड़े पैमाने पर आश्चर्य करते हैं, आगे अजय शेखर आरएसएस और बीजेपी मंत्रियों के कुछ और नाम गिरते हुए कहते हैं कि “मैं थोड़ा confidence … confidence क्या मेरी समझ नहीं आ रहा कि हमसे क्यों नहीं कह रहे वो” आगे पुष्प इनसे अपने गुरुजी की वीडियो उनके एप पर अपलोड करने के लिए आग्रह करते हैं। इसपर अजय शेखर पुष्प को आश्वस्त कराते हुए कहते हैं कि “नहीं नहीं वो सब हम कर देंगे अगर RSS कहेगा क्योंकि RSS तो हमारे ब्लड में है” आगे अजय शेखर बताते हैं कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं “मैं पूछूंगा करना है तो फिर उनको बताकर करेंगे हम भी तो अपने नंबर बनाएं सीधी सी बात है जब इतना कर चुके हैं तो करना ही क्या है”
अजय शर्मा एक तरफ कहते हैं कि वह बचपन से आरएसएस के करीब है, और दूसरी तरफ हमें बता रहे हैं कि हम बिजनेस से जुड़े हुए हैं। ये साबित करने के लिए कि वे सरकार और आरएसएस दोनों के करीब कितने करीब हैं, अजय शेखर ने एक और खुलासा किया “जब JK में बंद हुए थे ना पत्थर… तो हमारी personally PMO से फोन आया था कहा गया था कि data दे दो हो सकता है कि Paytm user हों?
जैसा कि paytm का दावा है “हम आपकी व्यक्तिगत जानकारी किसी तीसरे पक्ष को नहीं बेचेंगे, साझा नहीं करेंगे या अनचाहे email और sms के लिए email address या मोबाइल नंबर इस्तेमाल नहीं करेंगे। paytm द्वारा भेजे गए कोई भी email या sms केवल सहमत सेवाओं के तहत होता है जो की इस गोपनीय नीति के प्रावधान के संबंध में होता है” लेकिन तहकीकात में ये भी पता लगा कि ये उनकी इस नीति का पूरी तरह उल्लंघन है। सरकार के साथ data share करते वक़्त भी paytm ने अपनी सुरक्षा नीति का भी उल्लंघन किया “हमारे नियंत्रण में जानकारी के नुकसान, दुरुपयोग और परिवर्तन की सुरक्षा के लिए पेटीएम के पास कड़े सुरक्षा उपाय हैं। जब भी आप अपनी खाता जानकारी बदलते या एक्सेस करते हैं, तो हम एक सुरक्षित सर्वर का उपयोग करते हैं। एक बार आपकी जानकारी हमारे कब्जे में हो जाने के बाद हम सख्त सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करते हैं, इसे गलत हाथों में पहुँचने के खिलाफ सुरक्षित करते हैं।”
बीजेपी और संघ के बड़े नेताओं से अपने संबंधों का जिक्र करने के बाद अजय शेखर एक और खुलासा करते हैं। ये बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीया का जिक्र करते हुए कहते हैं कि “देखो ये जो कैलाश जी हैं ये मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं.. मतलब इन्होंने हमारे बहुत काम किए हैं.. मेरे एक दोस्त बंगाल में IPS है, इनके लिए बहुत काम कर रहा है वो इस टाइम.. ये शिवराज जी हैं इनसे ओह मतलब ये जानते हैं अजय शेखर”
आगे पुष्प कहते हैं कि मोहनभागवत जी उनके गुरूजी से मिलने आश्रम आए थे और वहां पर उन्होंने इन सब बातों पर चर्चा की थी। लिहाजा ऐसा कुछ है कि आप इसपर उनसे बात करें और कहें कि उन्होंने सीधा आपको आदेश क्यों नहीं दिया। इसपर अजय शेखर कहते हैं कि “नहीं छोटी नहीं है मैं मान रहा हूं लेकिन जब मैं मोहन भागवत जी के साथ सारे काम कर रहा हूं और मोहन भागवत जी कहें भैया तुम ये कर रहे हो तो उनको बता तो दूं कि आपके लिए कर रहा हूं”
केंद्र और अन्य राज्यों में आरएसएस और बीजेपी सरकारों के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के इस तरह के खुलासे हैरानजनक हैं। सवाल ये खड़ा होता है कि पिछले कुछ वर्षों में पेटीएम ने जिस तरह जबरदस्त तरक्की हासिल की है क्या उसके पीछे इस भगवा ब्रिगेड का हाथ तो नहीं। केंद्र में सरकार बनाने वाली बीजेपी ने एक साल के भीतर ही यानी अप्रैल 2015 में पेटीएम ने भारतीय रेलवे के साथ एक समझौते में प्रवेश किया, जिसमें पेमेंट वॉलेट टिकटिंग से संबंधित transactions के लिए स्वीकार्य था, और उसी वर्ष दिसंबर में, आईआरसीटीसी ने घोषणा की कि Paytm ऐप के इस्तेमाल से आप रेलवे में खानपान सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह वह साल था जब पेटीएम और इसकी होल्डिंग कंपनी ने चीनी ई-कॉमर्स प्रमुख अलीबाबा के जैक मा जैसे निवेशकों के साथ विजय शेखर शर्मा के venture में निवेश किया था। उस वर्ष मार्च में जैक मा ने भारत का दौरा किया और वो प्रधान मंत्री मोदी से मिले थे। इसके अगले ही साल बीजेपी सरकार ने डिजिटल इंडिया के लिए अपना अभियान शुरू किया। हालांकि, “surgical स्ट्राइक” शुरू होने से दो महीने पहले, पेटीएम अपनी उपस्थिति में सर्वव्यापी बन गया था, समाचार पत्रों के पहले पन्नों में और प्राइम टाइम टेलीविजन के ब्रेक स्लॉट्स में पेटीएम का कब्जा होने लगा था। यहां तक कि पेटीएम ने अपने विज्ञापनों में पीएम मोदी को ब्रांड एम्बेस्डर के तौर पर प्रस्तुत किया। हालांकि बाद में इसे हटा दिया गया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि विजय शेखर ने अपने विज्ञापनों में से एक में पीएम मोदी को उनके साहसी फैसले के लिए सराहा भी। हालांकि नोटबंदी से आम जन बेहाल हुए लेकिन दूसरी तरह यही नोटबंदी पेटीएम के लिए आविष्कार साबित हुई। नोटबंदी के दौरान पेटीएम ने विज्ञापनों में मोटा पैसा खर्च किया और जन-जन तक अपनी पहुंच बनाने की भरपूर कोशिश की।
पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हुए खुलासे वाकई किसी को भी हैरान परेशान कर सकते हैं।
Hindustan Times Media Limited
शैलजा सिन्हा, मैनेजर, हिंदुस्तान; अवनीश बंसल, असोसिएट वाईस प्रेजिडेंट, एचटी मीडिया लिमिटेड; सौरभ मिश्रा, SVP एंड बिजनेस हेड, साउथ इंडिया एंड इंटरनेशनल बिजनेस; गौरव शर्मा, चीफ प्रोग्रामिंग ऑफिसर,फीवर 104 FM ; अभिषेक गोसांई, सीनियर मैनेजर, एचटी मीडिया लिमिटेड; विनीता नरूला, एड सेल्स डिपोर्टमेंट, एचटी, नोएडा; रिचा महाजन, मैनेजर सेल्स, फीवर 104 FM, दिल्ली; डी.के मित्तल, हेड मीडिया मार्केटिंग, एचटी मीडिया, चंडीगढ़; इंद्रजीत, यूनिट हेड, एचटी मीडिया, देहरादून; सौरभ गुप्ता, डिप्टी मैनेजर, एचटी मीडिया, मेरठ; प्रवीण मिश्रा, एजीएम, एचटी मीडिया वैंचर लिमिटेड, लखनऊ; अनिल दुआ, चीफ रेवेन्यू ऑफिसर, एचटी मीडिया वेंचर्स लिमिटेड, दिल्ली
HT Media Limited जिसमें Hindustan Times, हिंदुस्तान जैसे अखबार, कादंबनी, नंदन जैसी magazine, Fever 104 FM, Wall Street Journal के साथ partnership में Mint अखबार के अलावा news websites भी हैं। HT Media Limited की chairperson और Executive Director Shobhana Bhartia हैं जो साल 2006 से 2012 तक काँग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद रही है। HT group की print, electronic और digital media में अच्छी ख़ासी presence है। KK Birla group की HT Media में बड़ी हिस्सेदारी है। साल 1924 में शुरू हुआ Hindustan Times अखबार circulation के मामले में आज देश का सबसे बड़ा अख़बार है। क्या अच्छी ख़ासी funding के बदले HT Media Limited में भी paid news, कोई खास agenda या propaganda चलाया जा रहा है? क्या यहाँ भी पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है? जवाब जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा की पटना में मुलाक़ात हुई हिंदुस्तान अख़बार की मैनेजर शैलजा सिन्हा से। पुष्प ने शैलजा को अपने हिंदुत्व के एजेंडा के बारे में बताया। जिस पर शैलजा ने कहा, “Exactly see we have that one of our product that kind it is not product it is a byproduct like it appear in Hindustan but we call BP brand promotion so what happen actually its surrogate way of advertising we call it that way” (वास्तव में क्या है हमारे पास जो प्रोडक्ट है वो प्रोडक्ट जैसा नहीं है। यह हिंदुस्तान में एक बायप्रोडक्ट है, लेकिन हम इसे बीपी ब्रांड प्रमोशन कहते हैं, इसलिए वास्तव में विज्ञापन के अपने सरोगेट तरीके से क्या होता है जिसे हम इसे इस तरह कहते हैं) शैलजा ने बताया कि गुड़गाँव में बैठकर भी बिहार और झारखंड को target किया जा सकता है। बक़ौल शैलजा, “I always be at your service if you want to do it through Gurgaon whatever convince because we need to sit I need we need to sit 4-5 couple of sittings than only can things can materialize” (अगर आप गुड़गांव के माध्यम से ऐसा करना चाहते हैं तो मैं हमेशा आपकी सेवा में रहूंगा क्योंकि हमें बैठने की ज़रूरत है क्योंकि मुझे जरूरत है कि हमें 4-5 बार बैठने की ज़रूरत है) एजेंडा को आगे चलकर political angle देने के सवाल पर शैलजा ने हामी भरते हुए कहा, “Exactly हां BP team को political angle देंगे ही नहीं लोगों को खुद ही लगेगा कि यार मेरे को bjp के साथ… हां अगर हमारे लोग हिंदु धर्म को follow करते हैं तो कहीं ना कहीं अपने आप को RSS से करते हैं RSS से अपने आप को associate करते हैं”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात गुरुग्राम में HT Media LTD के Associate Vice President अवनीश बंसल से हुई। पुष्प ने अवनीश को अपना हिंदुत्व का agenda बताया जिस पर अवनीश ने पहले approval की बात कही लेकिन बातचीत में आगे खुलकर कहा कि जब आप करोड़ों रुपया दे रहे है तो editorial team भी pressure में रहती है। अवनीश ने कहा, “if you are giving me couple of crore rupees right to talk positive about you right automatically my editorial is under pressure” (अगर आप मुझे अपने बारे में सकारात्मक बात करने के लिए कुछ करोड़ रुपये देने का अधिकार दे रहे हैं तो मेरे संपादकीय दबाव में हैं) अवनीश बंसल से जब पुष्प ने political satire के बारे में बात की तो अवनीश ने कहा, “we will come up with something different क्योंकि प्रिंट में unanimously carry हो जाएगा हिंदी, इंग्लिश, मिंट सब जगह”
पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात के दौरान fever 104 FM के बैंगलोर ऑफिस में SVP and Business Head- South India and International Business सौरभ मिश्रा से भी हुई। पुष्प ने सौरभ को चुनावों के मद्देनजर पॉलिटिकल rivals को thrash करने और हिन्दुत्व का agenda चलाने की बात कही। जिस पर सौरभ मित्रा ने कहा, “तो उसी zone में we can convey your messages… Right तो आपका शो create करना है शो बना सकते है हम आपके लिए”।
बातचीत में fever 104 fm के चीफ प्रोग्रामिंग ऑफिसर गौरव शर्मा ने तो इस कैंपेन का content partner बनने के मंसूबे भी जाहिर किए और बोले, “हम एक कंटैंट पार्टनर भी बनना चाहते है रेडियो एक conceptualization है”।
पुष्प शर्मा ने एक बार फिर fever 104 fm बैंगलुरू के SVP and Business Head- South India and International Business सौरभ मिश्रा से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सौरभ ने show का टाइम suggest किया और कर्नाटक में काँग्रेस पर attack करने के लिए बनाए गए content पर बोले, “sir देखो ये हम बनवा देते हैं——-economy crisis live”।
पत्रकार पुष्प शर्मा अगली मुलाक़ात की नोएडा में HT के सीनियर मैनेजर अभिषेक गोसांई और Ad Sales department की विनीता नरूला से। Political rivals को thrash करने की बात पर अभिषेक बोले, “We need to come up with media plan or you want creative ideas as well” Fire brand हिंदू leaders की कवरेज की बात पर HT के सीनियर मैनेजर अभिषेक गोसांई ने कहा, “Mohan Bhagwat ji ki गुरुवाणी जो होगी so how we have to push through digital media we will plan and let you know”
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात दिल्ली में FEVER 104 FM की मैनेजर सेल्स रिचा महाजन से हुई। आपको बता दे दिल्ली में Fever Fm 104 popularity charts में नंबर 2 पर है। पुष्प ने रिचा को अपने हिंदुत्व के agenda के बारे में बताया जिस पर रिचा ने कहा, “I don’t think Sir मुझे ये फ़र्स्ट मीटिंग में बोलना चाहिए I am a hard core RSS believer…. पुष्प ने जब रिचा महाजन से jingles के जरिए अपने political rivals को thrash करने की बात की तो रिचा ने कहा, “हाँ ठीक है ये तो सब ok है कोई problem नहीं है”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की मुलाक़ात दिल्ली में एक बार फिर HT के सीनियर मैनेजर अभिषेक गोसांई और Ad Sales department की विनीता नरुला से हुई। इस मुलाक़ात में FEVER 104 FM की मैनेजर सेल्स रिचा महाजन, वाईस प्रेजिडेंट एंड सेल्स हेड अरिंदम पाल के साथ कंपनी के कुछ और लोग भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान पुष्प ने अपने हिंदुत्व के agenda के जरिए perception built करने की बात कही जिसपर विनीता नरुला ने कहा, “करना ही है”।
पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात चंडीगढ़ में D.K. Mittal से हुई जो HT Media में Head Media Marketing है। बातचीत में पुष्प ने कहा कि संगठन के मन में agenda चलने को लेकर संशय है क्योंकि HT Media Limited की chairperson Shobhana Bhartia काँग्रेस party से राज्यसभा सांसद रही है। इस बात पर D.K. Mittal ने सफाई देते हुए कहा, “सर वो बेशक राज्यसभा से काँग्रेस की एमपी बनी थी लेकिन वो she is very close to Arun Jaitely”. Political rivals को thrash करने की बात पर D.K. Mittal ने कहा कि उन्हे पहले creatives देखने होंगे। बात जब fire brand hindu leaders के प्रमोशन की हुई तो DK Mittal ने कहा, “देखिये डिजिटल के लिए I can recommend one or two agencies who can handle your digital things”. बातचीत के दौरान HT Media Limited चंडीगढ़ में Head Media Marketing DK Mittal ने कहा कि वो event के जरिए भी agenda चला सकते हैं। डी.के. ने कहा, “नहीं वो हम लोग manage करा देंगे लेकिन एचटी का नाम नहीं दे सकते उसमें…. हाँ वो सब manage हो जाएगा we have our activation team वो सब manage हो जाएगा जो टीम वगेराह solid होगी bouncer वगैरह भी मिल जाएंगे सब हो जाएगा”। Students को प्रभावित करने की पुष्प की मंशा पर DK Mittal schools में HT Media के चल रहे events और shows को sponsor करने का सुझाव देते हुए कहते है, “हम integration कर सकते है”।
पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात देहारादून में HT Media के यूनिट हेड इंद्रजीत से हुई। पुष्प ने इन्हे अपने हिंदुत्व के एजेंडा के बारे में बताया जिस पर इंद्रजीत ने पुष्प को local connect होने की सलाह दी और बोले, “one advantage you will have doing a local connect if you do some activities and all we can cover that up”.
हिंदुत्व के एजेंडा को लेकर पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई मेरठ में HT Media के डिप्टी मैनेजर सौरभ गुप्ता से। एजेंडा के बारे में सुनने के बाद सौरभ गुप्ता ने कहा, “देखिये हम जब हिन्दुत्व के agenda को लेकर निकले हैं तो by hook or by crook काम हमारा होना है”।
पुष्प ने जब कहा कि संगठन के मन में संशय है कि HT Media Limited की चेयरपर्सन शोभना भरतिया कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद रही है। इस बात पर मेरठ में HT Media के डिप्टी मैनेजर सौरभ गुप्ता ने पुष्प को भरोसा दिलाते हुए कहा, “देखिये लेकिन अगर आप 2017 का चुनाव आप देखे तो बीजेपी को जितना ज्यादा हमने support किया हिंदुस्तान को किया… मैं मानता हूं कि शशि शेखर जी ने बहुत अच्छा support बीजेपी को उन्होंने इस चुनाव में किया”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात हुई लखनऊ में HT Media Venture Limited के AGM प्रवीण मिश्रा से। हिंदुत्व का agenda चलाने की बात पर प्रवीण मिश्रा ने पुष्प को brand promotion की सलाह दी और बोले, “it would be much more better and refined version of what you see on a advertorial overall और अच्छा impact पड़ेगा”।
पत्रकार पुष्प शर्मा की अगली मुलाक़ात दिल्ली में HT Media ventures Limited के Chief Revenue Officer अनिल दुआ से हुई। इस मुलाक़ात में HT Media Venture Limited लखनऊ के Regional Head Media Marketing मनीष झा भी मौजूद थे। पुष्प ने अनिल दुआ को अपना एजेंडा बताया जिस पर अनिल ने कहा, “first two is possible देखिये आप जो अपनी तरफ से करना चाहते हैं उसमें हमें करने में कोई problem नहीं है”
Hindustan Times Group के ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने हिंदुत्व का agenda चलाने के लिए e-mail के जरिए proposal भी भेजे। Forbes ने Hindustantimes.com को दुनिया की top 10 news sites में शुमार किया है। इस website के हर महीने 100 million page views है। Indian Readership Survey (IRS) के साल 2011 के पहले तिमाही आकड़ों के मुताबिक Hindustan Times के 3.7 million readers थे वही Hindi दैनिक अखबार Hindustan के 36.6 million readers थे। यानि देश और विदेश में करोड़ों लोग HT media के विभिन्न माध्यमों से जुड़े है। ये अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होगा कि इतने बड़े platform का इस्तेमाल अगर किसी खास agenda या propaganda चलाने के लिए किया जाता है तो कितनी बड़ी जनसंख्या भ्रमित या प्रभावित होगी।
BARTAMAN
आशीष मुखर्जी, सीनियर जनरल मैनेजर (एडवरटाईज़मेंट सेल्स), बर्तमान पत्रिका, कोलकाता
किसी खास एजेंडे से चलने वाली आज की पत्रकारिता के दौर में जब खबरें सिर्फ खरीद-फरोख्त की चीजें बनकर रह गई हैं। पुष्प शर्मा की तहकीकात में ऐसे दो मीडिया संस्थान भी सामने आए जहां पत्रकारिता बिकाऊ माल नहीं है। इसके दो जीवंत उदाहरण दैनिक संवाद और वर्तमान पत्रिका हैं। दोनों ही स्थानीय समाचार पत्र हैं। ये दोनों अखबार इसलिए भी बेमिसाल हैं कि ये क्षेत्रिय भाषा के अखबार हैं। क्षेत्रिय भाषाई अखबारों पर हमेशा से एजेंडा पत्रकारिता करने का आरोप लगता आ रहा है।यह ऑपरेशन 136 की जांच पड़ताल के दौरान यह स्पष्ट हो चुका है कि क्षेत्रिय अखबार इस तरह की पत्रकारिता में सबसे आगे हैं।
आनंदबाजार पत्रिका के बाद वर्तमान पत्रिका दूसरा सबसे लोकप्रिय बंगाली समाचार पत्र है, जिसके पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी, बर्दवान और मिदनापुर से तीन संस्करण प्रकाशित होते हैं। 1984 में ये हिंदी दैनिक पत्रकार वरुण सेनगुप्ता ने शुरू किया था, जो अब तक आनंदबाजार पत्रिका के साथ काम करते थे। पुष्प शर्मा ने वर्तमान के सीनियर जर्नल मैनेजर आशीष मुखर्जी से मिलने के लिए वर्तमान पत्रिका के कोलकाता कार्यालय का दौरा किया। जैसे ही पुष्प ने इन्हें अपने उद्देश्य यानी हिंदुत्व के एजेंडे के बारे में और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने के बारे में बताया, मुखर्जी ने एजेंडा को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि “… that is not permissible.”
पुष्प ने लालच देते हुए मुखर्जी को बजट बढ़ाने की बात कही और सीधे एक करोड़ के बजट से बढ़ाकर 10 करोड़ बता दिया। लेकिन हैरानी वाली बात ये थी कि मुखर्जी ने फिर भी एजेंडा चलाने से इनकार कर दिया । मुखर्जी ने कहा “It’s not …” पुष्प फिर से उन्हें मनाने की कोशिश करते हैं, और कहते हैं कि आप इस पैसे के लिए अपना आदर्शवाद नहीं छोड़ेंगे। मुखर्जी दृढ़ होकर एजेंडा को अस्वीकार करतें हैं। और दो टूक जवाब में कहते हैं “नहीं”।
हालांकि जिस पत्रकार ने इस अखबार को जिन मूल्यों के साथ पाल पोसकर बड़ा किया था उन्हें गुज़रे हुए दो दशक हो चुके हैं लेकिन वो मूल्य आज भी जिंदा हैं।
DAINIK SAMVAD
अंजान अधिकारी, दैनिक संवाद, अगरतला, त्रिपुरा
वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा का अगला पड़ाव था दैनिक संवाद अखबार का अगरतला दफ्तर। जो त्रिपुरा की राजधानी शहर से प्रकाशित एक प्रमुख बंगाली दैनिक है। त्रिपुरा की मुख्य बंगाली आबादी के बीच दैनिक संवाद काफी लोकप्रिय है। यहां शर्मा ने एक ऐसे अधिकारी से मुलाकात की जिसने न केवल उनके एजेंडे को चलाने से इनकार कर दिया बल्कि अपने कॉलिंग कार्ड को भी पुष्प के साथ साझा करने से इनकार कर दिया। हालांकि पुष्प के साथ इनकी बातचीत ज्यादा लंबी नहीं चल पाई। लेकिन दिलचस्प ये है कि पत्रकार पुष्प और दैनिक संवाद के इस अधिकारी के बीच क्या कुछ बातें हुईं।
खुद को श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति का प्रचारक बताकर पत्रकार पुष्प ने उन्हें अपने एजेंडे के बारे में बताया और 2019 के चुनावों को लक्षित करने वाले इनके अखबार में विज्ञापन अभियान चलाने की मांग की। दैनिक संवाद के आधिकारी ने प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया। दैनिक संवाद के आधिकारी ने पुष्प को सुझाया कि उनके पास गणाशक्ति नाम से एक राजनीतिक पत्र भी है, लेकिन उनकी नीति किसी धार्मिक विज्ञापन को सपोर्ट नहीं करती। वो कहते हैं कि “नहीं, political advertisement नहीं … हम लोग only धर्म वाला advertisement नहीं छाप सकते कोई भी हो”
निश्चित तौर पर एक क्षेत्रीय अखबार होने के बावजूद जिस तरह वर्तमान और दैनिक संवाद के अधिकारियों ने पुष्प के कथित एजेंडे को चलाने से पूरी तरह मना कर दिया, आज के पेड मीडिया के दौर में ये किसी मिसाल के कम नहीं है।
इंडिगो FM
प्रतीप गौड़ा सीएस, सीनियर सेल्स मैनेजर; एस अनिल, वाइस प्रेजिडेंट (एड सेल्स), स्वर्णा न्यूज़ 24X7, बैंगलुरू ; रवि हेगड़े, एडिटर स्वर्णा न्यूज़ 24´7 और कन्नड प्रभा (अखबार), बैंगलुरू; नागराज करकरे, सीनियर ऑफिसर (एड सेल्स), कन्नड प्रभा/ स्वर्णा टीवी, मंगलौर, मंयक चावला, असिस्टेंट मैनेजर सेल्स, इंडिगो FM, दिल्ली, शोएब रफी, एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट एंड हेड सेल्स, इंडिगो FM, बैंगलुरू
एक दशक पहले 31 मार्च 2008 में शुरू हुए स्वर्णा न्यूज़ 24X7 कन्नड समाचार और इनफोटेनमेंट चैनल के मालिक बीजेपी के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर हैं। औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल होने से पहले, चंद्रशेखर 2006 और 2012 में कर्नाटक से दो बार राज्यसभा के स्वतंत्र सदस्य रहे हैं। राज्यसभा सांसद के साथ-साथ चंद्रशेखर और भी कई पदों का आनंद ले रहे हैं। ये रक्षा पर संसद स्थायी समिति, वित्त पर सलाहकार समिति, राष्ट्रीय कैडेट कोर के लिए केंद्रीय सलाहकार समिति और जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति के सह-अध्यक्ष भी हैं। अतीत में उन्होंने रियल एस्टेट पर चयन समिति के सदस्य और जीएसटी पर चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है।
चंद्रशेखर की जूपिटर कैपिटल के बैनर के नीच एशिया नेट न्यूज़, स्वर्ण न्यूज और कन्नड प्रभा भी है (जो स्थानीय भाषा का अखबार है) कन्नड प्रभा कन्नड भाषा का चौथा सबसे बड़ा अखबार है।
कन्नड़ प्रभा को 4 नवंबर, 1967 को पौराणिक रामनाथ गोयनका ने शुरू किया था, जिन्होंने 1935 में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ खरीदा था, विशेष रूप से बैंगलोर, शिवमोग्गा, मैंगलोर, हुब्बाली, बेलगावी और कलाबुरागी से प्रकाशित विशेष संस्करणों के साथ, इस दैनिक की हर रोज़ लगभग 190,000 प्रतियां बेची जाती हैं। चंद्रशेखर ने 2011 में कन्नड़ प्रभा में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।
स्वर्ण न्यूज चैनल और कन्नड़ प्रभा के अलावा, समूह में FM रेडियो सहित विविध मीडिया ऑपरेशंस भी हैं। बैंगलोर और गोवा से प्रसारित होने वाले इंडिगो FM रेडियो स्टेशन का स्वामित्व भी बीजेपी के सांसद राजीव चंद्रशेखर के पास है। रेडियो इंडिगो 2002 में देश में अपनी तरह का पहला ‘सैटेलाइट डांस पार्टी’ आयोजित करने के लिए जाना जाता है, जहां पूरे देश के युवाओं को नृत्य और संगीत में लाया गया था। इसे औपचारिक रूप से 2006 में लॉन्च किया गया था।
समूह के मालिक को बीजेपी और हिंदुत्व के प्रति खुली निष्ठा को देखते हुए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि स्वर्ण समाचार और कन्नड़ प्रभा को बीजेपी के समर्थक और हिंदुत्व के रूप में कवरेज करने में आरोप लगा है, और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पुष्प शर्मा की जांच में स्वर्णा न्यूज, कन्नड़ प्रभा और इंडिगो FM को पैसे के लिए दुर्भावनापूर्ण एजेंडा चलाने पर सहमत होते देखा गया है।
जब पत्रकार सुवर्ण न्यूज के बैंगलोर कार्यालय गए, तो वहां उनकी मुलाकात हुई सीनियर सेल्स मैनेजर प्रदीप गौड़ा से। पुष्प ने शर्मा ने पूछा कि हिंदुत्व के एजेंडे को AFP के रूप में पैकेजिंग के अलावा, आने वाले चुनावों में उनका चैनल किस तरह इसका समर्थन करेगा। इसपर प्रदीप कहते हैं कि “News, yeah, always there … News is always there.” (न्यूज़..हां.. हमेशा तैयार हैं) पुष्प ने इनसे पूछा कि मतदाताओं के बीच हिंदुत्व की सकारात्मक धारणा बनाने और कांग्रेस जैसे हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को तोड़ने के लिए क्या अपके चैनल से हमें संपादकीय समर्थन प्राप्त होगा? इसपर प्रदीप कहते हैं कि “That is there Sir … I will talk to CEO once this deal [is] done. You know after that we will sit with CEO,” (इस समझौते के बाद मैं सीईओ से बात करूंगा। इसके बाद आप जानते हैं कि हम सीईओ के साथ बैठेंगे) इसी बीच प्रदीप पुष्प पूछते हैं कि क्या वे कर्नाटक में चुनाव लड़ रहे हैं। पुष्प इन्हें बताते है कि नहीं, हम नहीं लड़ रहे, हमारे संगठन का समर्थन आरएसएस ने किया है और हमारे पास हमारा अपना संगठन है।
प्रदीप जल्दी ही ये बात समझ जाते हैं कि उनका ग्राहक कौन है और वह किसका प्रतिनिधित्व कर रहा है। प्रदीप कहते हैं कि “Our chairman is also [a] Hindutva guy … Rajeev Chandrasekhar.” (हमारे अध्यक्ष भी हिंदुत्व समर्थक हैं… राजीव चंद्रशेखर) आगे ये हमें बताते हैं कि “The BJP MP is a “big follower of Modi” who owns Asianet News Network and Suvarna News channel.” (बीजेपी सांसद” मोदी का बड़ा अनुयायी “है, जो एशियानेट न्यूज़ नेटवर्क और सुवर्णा न्यूज़ चैनल के मालिक हैं।)
इसके बाद प्रदीप पुष्प को अपने सीनियर एस.अनिल से मिलवाने के लिए ले जाते हैं। अनिल इस कन्नड चैनल में एड सेल्स डिपार्टमेंट में वाइस प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत हैं। अपने को उनके सहयोगी प्रदीप ने पहले ही पूरा एजेंडा विस्तार से बता दिया था। पिष्प ने उन्हें बताया कि उनके आश्रम के गुरुजी का एक AFP होगा, जिसके लिए वे ON AIR TIME खरीदेंगे, इससे पहले कि पुष्प इन्हें बताते कि इनके चैनल से वो क्या उम्मीद कर रहे थे, अनिल कहते हैं कि “Okay,हां वो बताया कि हां बताया … editorial support वगैरह करवाना है हमम ठीक है वो मैं करवा दूंगा editorially जो जो हो सकता है मैं करवा दूंगा”
पुष्प इन्हें कहते हैं कि आपको संपादकीय मदद के जरिए हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना होगा। प्रदीप कहते हैं कि “हां ठीक है” पुष्प इन्हें ये भी कहके हैं कि संपादकीय मदद के बदले हम आपको अलग से भी पैसा देने को तैयार हैं। अनिल पूछते हैं कि “Okay, but आप यहां कर्नाटक में क्या करोगे” पुष्प इन्हें बताते है कि देश के हर कोने में चुनाव हैं और हमारे पास कांग्रेस और जेडी(एस) जैसे प्रतिद्वंदी हैं। सहमति जताते हुए अनिल कहते हैं कि “Okay against [Congress and JD(S)] … problem ये है कि अभी बीजेपी का भी स्ट्रेटजी गलत हो गया ”
अनिल बताते है कि जो जिस काम के लिए पुष्प इनके पास आए हैं वो काम तो लोग पहले से ही कर रहे हैं अनिल विचारधारात्मक रूप से अपनी निष्ठाएं प्रकट करते हैं “नहीं-नहीं संघ तो करता रहता है हम लोग भी करते हैं हम भी वहीं के हैं सारे वो भी हमारे रवि हेगड़े भी इन्हीं का side है but the problem is कर्नाटक में थोड़ा clash politics हो जाता है ना उसकी वजह से बीजेपी का strategy वही problem है anyway let’s see अभी टाइम आ रहा है तो अमित शाह जी तो बहुत turn कर देंगे.”
इसके बाद अनिल पुष्प शर्मा को रवि हेगड़े से मिलवाने ले जाते हैं। रवि हेगड़े जनवरी 2017 से सवर्णा न्यूज़ चैनल और कन्नड़ प्रभा के एडिटर इन चीफ हैं। रवि हेगड़े से अनिल कन्नड भाषा में वो सब बताते हैं जो उनकी और पुष्प के बीच बातचीत हुई थी।
अनिल के बताने के बाद पुष्प एक बार फिर रवि हेगड़े के सामने अपना एजेंडा बताना शुरू करते हैं। पुष्प हेगड़े को बताते हैं कि आने वाले कर्नाटक चुनावों के लिए मैं आपसे संपादकीय समर्थन प्राप्त करने आया हूं। हेगड़े पूछते हैं कि वो किस तरह की मदद चाहते हैं “Yeah, what kind of support you need?” (हां.. आप किस तरह की मदद चाहते हैं) पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो हिंदुत्व को संपादकीय रूप से चुनावों के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करें। हेगड़े कहते हैं कि “Off course, we are doing [that] already” (बिल्कुल हम पहले से ही ऐसा कर रहे हैं) आगे हेगड़े ये भी कहते हैं कि “Already doing [that]. In fact, sometime we are branded as too much Hinduism and sometime even the Congress and other party fellows decline to come [to our programmes] … you know because sometimes to support Hindu, we go little from far… we shouldn’t do that.” (हम पहले से ही ऐसा कर रहे हैं बल्कि कई बार तो हम इतने हिंदूवादी हो जाते हैं कि कांग्रेस और दूसरी पार्टियां हमारे प्रोग्राम में आने से भी इनकार कर देती हैं) इस काम के लिए पुष्प इनकी सराहना करते हैं, हेगड़े फिर कहते हैं कि “Any specific issue you have?” (आपका कोई और खास मुद्दा) पुष्प बताते हैं कि मैं यहां आपके पास सिर्फ हिंदुत्व के प्रोत्साहित कराने के इरादे से आया हूं इसपर हेगड़े कहते हैं “We will do that … that, of course, we are doing.” (हम कर देंगे.. बिलकुल हम ऐसा कर रहे हैं) उनके स्पष्ट समर्थन के कारण हिंदुत्व और बीजेपी वो सरकार से बहुत सारे व्यवसाय खो रहे हैं। हेगड़े बताते हैं कि “Because of our story, he [the owner] is losing his business.” (हमारी स्टोरी की वजह से मालिक को बिजनेस में नुकसान हो रहा है) अब पुष्प इनसे उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को तोड़ने के लिए कहते हैं और कहते हैं कि वो उनके विरोधियों के खिलाफ कुछ investigative stories दिखाएं और चैनल पर होने वाले panel discussions or debates में भी उन्हें झुकाने की कोशिश करें। पुष्प कहते हैं कि इस काम के लिए वो उन्हें अलग से भी पैसा देने को तैयार हैं। इसके अलावा पुष्प हेगड़े से कहते हैं कि जब चुनाव प्रचार में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक आएंगे तो वो उनके चैनल के लिए अलग से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देंगे। हेगड़े पुष्प को अपने अखबार में एक दिन पहले ही प्रकाशित हुई कांग्रेस के खिलाफ स्टोरी दिखाते हैं। हेगड़े पुष्प को बताते हैं कि इस एक स्टोरी के वजह से आज सुहब तक भी उनके पास फोन आ रहे थे। हेगड़े के सहयोगी अनिल कहते हैं कि “Because मैं बिजनेस side में हूं बिजनेस दोनों साइड से आता है अभी ये जो स्टोरी है वो पूरा मारा हुआ है उनका ” अनिल ने बताया कि इस स्टोरी के प्रकाशित होते हैं कि उनके पास फोन और मैसेज आने लगे। वे कहते हैं कि उनके अख़बार को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा ताकि उनका व्यापार चलता रहे। कन्नड प्रभा अखबार में प्रकाशित ये स्टोरी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के खिलाफ थी। जिसमें सिद्दरमैया पर आरोप लगा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अवैध रूप से जमीन को दर्शाया है जिससे बेंगलुरु विकास प्राधिकरण 300 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। चुनाव के समय पर इस स्टोरी से बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है यही वजह है कि बीजेपी ने राज्य के Anti-Corruption Bureau के साथ मिलकर एक शिकायत दर्ज कराई है।
इन दोनों अधिकारियों के बाद पत्रकार पुष्प की मुलाकात होती है नागराज करकरे से। नागराज करकरे सीधे वास्तविक व्यापार की बात करने आए थे। शर्मा उन्हें अपने मैंगलोर कार्यालय में मिले और कन्नड़ प्रभा में विज्ञापन देने की मांग की। पुष्प की मंशा जानने के बाद करकरे कहते हैं कि “आप advertisement देख रहे हैं कि कवरेज देख रहे हैं ” पुष्प के बताने पर कि वो कवरेज चाहते हैं। नागराज हामी भरते हुए कहते हैं कि “Coverage, कवरेज ही ठीक है” पुष्प इन्हें बताते है कि हम आपके अखबार में दोनों चीज़ें चाहते हैं कि विज्ञापन भी और कवरेज भी। वो करकरे को बताते हैं कि वह चाहते हैं कि उनकी संपादकीय टीम कांग्रेस को नीचा दिखाए और उनकी पार्टी को अनुकूल कवरेज देकर प्रचार करे। इसका जवाब नागराज “Okay,” कहकर देते हैं। पुष्प इनसे पूछते है कि वो अपने अखबार में इनके एजेंडे को कैसे जगह दे सकते हैं। जवाब में नागराज कहते हैं कि “Editorial help मिलेगा.. मैं बता दूंगा तो वो कर देंगे, हां editorial में किस-किस आदमी को support करना है वो support कर देंगे कहां पर campaign करना है वो सब कर देंगे” पत्रकार पुष्प कहते हैं कि अगर आप कांग्रेस और जेडीएस के खिलाऱ कहानियां प्रकाशित करते हैं तो हम इसके लिए आपको अलग से भी भुगतान दे सकते हैं। करकरे आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “वो कर सकते हैं.. वो निकाल सकते हैं..वो कोई problem नहीं है”
पुष्प एक बार फिर इन्हें याद दिलाते हैं कि उन्हें आपकी संपादकीय टीम से समर्थन की आवश्यकता होगी और इनसे इस मीडिया अभियान के लिए रेट कार्ड भेजने के लिए भी कहते हैं। नागराज कहते हैं कि “वो मैं दे दूंगा वो इधर हो जाएगा…. advertisement के बजाए अगर आप news दे देंगे तो वो ज्यादा ये होगा ” पुष्प करकरे से कहते हैं कि अपने पत्रकारों को तैनात करें, इस काम के लिए हम उन्हें अतिरिक्त भुगतान करेंगे। जवाब में करकरे “ठीक है,ठीक है” कहते हैं। आगे पुष्प इन्हें कहते हैं कि कांग्रेस और जनता दल के खिलाफ जितना हो सके स्टोरी चलाएं। इसपर करकरे कहते हैं कि “जनता दल को नहीं कर सकता है कांग्रेस का कर सकता है”
पुष्प इन्हें कहते है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ जमकर स्टारी निकालो, जहां उन्होंने कोई अनैतिक काम किया है उसकी जांच करो जैसे कोई भूमि घोटाला। अगर आप ये कहानियां अपने अखबार के माध्ययम से उठाएंगे तो हम इनके खिलाफ सीधे हाईकोर्ट में जाएंगे। इसपर करकरे कहते हैं कि “ऐसा कर सकते हैं”
स्वर्णा न्यूज़ चैनस और कन्नड प्रभा के अधिकरियों से बातचीत करने के बाद पुष्प शर्मा आगे रुख करते हैं कि Indigo FM के अधिकारियों से मिलने पहुंच जाते हैं। उनकी तहकीकात का पहला पड़ाव था Indigo FM का दिल्ली दफ्तर। जहां इनकी मुलाकात होती है असिस्टेंट सेल्स मैनेजर मयंक चावला से। पुष्प इनसे कहते हैं कि उनके हिंदुत्व के एजेंडा को श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति की पैकेजिंग में चलाना है। ताकि उनके विरोधियों को ये ना पता लग पाए कि इस एजेंडा के पीछे अगली चेहरा किसका है। चावला पुष्प की बातों का “ठीक है” कहकर जवाब देते हैं। चावला पुष्प से ये जानने की कोशिश करते हैं कि क्या आप किसी राजनीतिक दल को सपोर्ट नहीं करते तो पुष्प उन्हें बताते है कि हम संघ और बीजेपी के समर्थक हैं लेकिन वो तस्वीर में सामने नहीं आना चाहते। यही वजह है कि इस अभियान के पीछे श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति को ही रखा जाएगा। पुष्प की बात को समझते हुए चावला कहते है कि “मतलब indirectlyहो गया एक तरीके से ”
अब पुष्प इन्हें अपने एजेंडा के बारे में बताना शुरू करते हैं। पुष्प कहते हैं कि उनके अभियान के दो पहलू होंगे, पहला एजेंडा हिंदुत्व का होगा जिसे आपको अपने रेडियो स्टेशन पर चलाना होगा। चावला पूछते हैं कि “Run करना है” पुष्प कहते हैं कि एजेंडा का दूसरा पहलू होगा व्यंग्यात्मक तरीके से हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना जैसे कांग्रेस, सपा, बसपा और जनता दल। चावला ने जिस तरीके से कहा उसे सुनकर स्पष्ट था कि चावला पुष्प की बातें समझ चुके हैं। चावला कहते हैं कि “Main parties ये ही हैं …उनकी मतलब जब भी ये रहे होंगे उस टाइम क्या क्या issues face किए हैं आपने … create करना है” पुष्प कहते हैं कि हां हां आप समझ गए मैं क्या कहना चाहता हूं। लेकिन आपको उनका दुष्प्रचार सिर्फ व्यंगात्मक तरीके से करना होगा, उनका मजाक उड़ाकर या फिर उनपर ताने कसकर। ताकि लोगों को पता लग सके कि हम किसके बारे में बोल रहे हैं। अब पुष्प इनके सामने एक और मांग रखते हैं वो कहते है कि आप RJ mentions के जरिए हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर वार करें। जो कुछ भी हम कर रहे हैं वो सब RJ mentions के जरिए होना चाहिए। लेकिन इसमें कहीं भी संगठन या बीजेपी का नाम सामने नहीं आना चाहिए। पूरे अभियान का खर्चा हम करेंगे लेकिन किसी को भी अभियान के बारे में खबर नहीं लगनी चाहिए। इसपर चावला कहते है कि “अच्छा…मतलब एक तरह से universal होगा किसी का नाम mention नहीं होगा यहां पर बस ये चलेगा support में आपके” पुष्प कहते हैं हां हां बिल्कुल सही समझे आप, पूरा अभियान गुमनाम तरीके से चलेगा। आप हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाएं, अपने RJ mentions में उनका चरिएहरण कर उन्हें बदनाम करें। यहां भी “Through RJs,” कहकर चावला अपने ग्राहक की बातों पर सहमति जताते हैं।
आगे पत्रकार पुष्प शर्मा अपने एजेंडा के डिजिटल प्रमोशन की बात कहते हैं। पुष्प पूछते हैं कि क्या आप इसे कवर करने में सक्षम हैं। “जो हमारा पेज है उससे” यह कहकर कि उनके पास निश्चित रूप से डिजिटल उपस्थिति है, वह हमारे अभियान कवरेज देने के लिए सहमत हैं चावला पुष्प की बातों के लिए तैयार हो जाते हैं। आगे पुष्प कहते हैं कि नागपुर में बैठे हमारे मुखिया हर दशहरे के मौके पर भाषण देते हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि आप उनके भाषणों को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रमोट करें। चावला पुष्प से पूछते हैं कि “Facebook live करके ” पुष्प कहते हैं हां जैसे भी आप चाहें। पुष्प इनसे कहते हैं कि अगर आप अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमें जगह देंगे तो हम आपको इसके लिए अलग से पैसा देंगे। चावला पुष्प से पूछते है कि “सर digital promotion तो जब हम plan create करते हैं ना मतलब वो value अगर हम radio spots से count करेंगे तो कभी हमारे पास कब होता है करेंगे तो कुछ भी नहीं है तो कभी हमारे पास क्या होता है अगर value अच्छा आ रहा है तो हम उसको complementary भी कर देते हैं”
जब पुष्प चावला को कहते है कि वो नहीं चाहते कि उनके रेडियो स्टेशन पर उनके अलावा किसी और राजनीतिक पार्टी के विज्ञापन चलें। वो चाहते हैं कि first come first serve के तौर पर उन्हें सबसे पहले मौका मिले और उनके विरोधियों के विज्ञापन तक ना चलने पाएं। अपने ग्राहक की बातों पर सहमति जताते हुए चावला कहते हैं कि “हां वो है अगर हम road block कर दें तो ऐसा कुछ कर सकते हैं क्यों कि अगर हमारे पास campaign चलाने की जगह ही नहीं होती तो फिर …” चावला पुष्प को सलाह देते हैं कि ऐसा करने के लिए आपको Indigo FM के free commercial time को खरीदना पड़ेगा।
इसके बाद पुष्प एक बार फिर चावला से पूछते हैं कि जो कुछ उन्हें समझाया गया है क्या उन्हें सबकुछ समझ आ चुका है इसपर चावला जवाब में कहते है कि “काफी हद तक ..बाकी तो अगर आपके कोई coordinator हों जिनसे मैं coordinate कर सकूं आपके hand से तो आप मुझे नंबर दे देना उनका”
इससे पहले कि मुलाकात खत्म होती पुष्प इन्हें कहते हैं कि वो उन्हें एक प्रपोजल बना के भेजें जिसपर अभियान की सारी details दर्ज हों। चावला कहते हैं कि “ठीक है तो मैं एक proposal बनाकर आपको भेज देता हूं”
पुष्प शर्मा ये मुलाकात खत्म करने के बाद Indigo FM के बैंगलूरू ऑफिस का रुख करते हैं। यहां उनकी मुलाकात शोएब से होती है। जैसे ही पुष्प शोएब को अपना एजेंडा बताना शुरू करते हैं शोएब पुष्प को अपनी कंपनी के बारे में बताना शुरू कर देते हैं जो चंद्रशेखर की है। पुष्प के सामने ये स्पष्ट करने के लिए कि मीडिया हाउस के रूप में उनका निष्ठा कहां है शोएब कहते है कि “So obviously there is ideology that you know even though he was very independent candidate when he started of but now he is aliening with the BJP and he has president of the Kerala BJP” (तो जाहिर है कि विचारधारा है कि आप जानते हैं कि वह बहुत स्वतंत्र उम्मीदवार था जब वह शुरू हुआ था लेकिन अब वह भाजपा के साथ जुड़ा है और वो केरल भाजपा का अध्यक्ष है) पुष्प को लगता है कि उन्हें बीजेपी से जोड़कर देख रहे हैं लिहाजा वो शोएब को बताते है कि उनका लोकल बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है। पुष्प इन्हें बताते है कि वो जिस एजेंडा पर काम कर रहे हैं उसका संचालन नागपुर से हो रहा है। शोएब बताते हैं कि स्थानीय बीजेपी नेतृत्व पहले से ही उननी कंपनी के साथ बात कर रहा है। “So is there anything most specific? You will tell us that. Communication needs to go out. I will tell you what? Obviously [at the] end of the day, we will give you some ideas that how it should sound. But you need to give me some pointers that I need to keep in mind.”( तो क्या कुछ खास है? आप हमें बताएंगे। बातचीत बढ़ाने जाने की जरूरत है। मैं आपको बताऊंगा क्या? जाहिर है [दिन के अंत में, हम आपको कुछ विचार देंगे कि इसे कैसे आवाज देनी चाहिए। लेकिन आपको मुझे कुछ संकेत देने की ज़रूरत है कि मुझे ध्यान में रखना होगा।) पुष्प कहते हैं कि उनके पास दो बिंदु हैं जिन्हें ध्यान में रखकर ये अभियान चलाना होगा। पहला बिंदु है व्यंगात्मक तरीके से कर्नाटक में हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का दुष्प्रचार। जैसे उनके नाम बिगाड़कर उनकी छवि खराब करना। शोएब पुष्प से पूछते हैं कि . “Not telling you directly but …,” (सीधे उनका नाम लिए बैगर) पुष्प कहते है कि हां बिल्कुल ठीक समझा आपने। पुष्प इन्हें समझाते है कि आपको क्या करना चाहिए उनके लिए मतदाताओं के बीच नकारात्मक प्रभाव बनाने के लिए उनके उपनाम चुनने हैं। मिसाल के तौर पर, जब हम पहले दिल्ली चुनावों में कांग्रेस पार्टी को लक्षित करते थे तो हमने “मां बेटे की सरकार” वाक्यांश का इस्तेमाल किया, यानी मां-बेटे की जोड़ी द्वारा संचालित सरकार। इसी प्रकार आप बेटे का नाम दिए बिना “बाप बेटे की सरकार” का उपयोग कर कर्नाटक कांग्रेस में को टारगेट सकते हैं। इस तरह आपके RJ हमारे प्रतिद्वंद्वियों के आस-पास नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन चोट लगातार लगती रहनी चाहिए। जवाब में शोएब कहते है कि “Correct … ठीक है” अब पुष्प शोएब को बताते है कि उनके अभियान के लिए मार्च के आखिर में फंड रिलीज़ होगा और उनका अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। शोएब कहते है कि वो पहले creative पर काम करना चाहते हैं फिर वो अपने ग्राहक यानी पुष्प को मिलेंगे। “ठीक है Commercial we will not talk right now अभी हम सिर्फ we will just work on creative, we will work on creative right now. Creative पे हम करके आपको बताएंगे कि हम ऐसा कर सकते हैं … as you said we will talk to the programming then also keep my CEO informed because next हमारा CEO है” शोएब पुष्प को आश्वस्त करते हैं कि वो अपने बॉस सत्यनारायण मूर्ति को लूप में रखते हुए अपनी रचनात्मक टीम को संक्षेप में कुछ नमूना रचनात्मक (sample creatives) तैयार करने के लिए तैनात करेंगे। इस आश्वासन के साथ ही पुष्प इस मीटिंग को खत्म कर देते हैं।
MV TV NEWS
मंदा म्हात्रे, मालिक और बीजेपी विधायक, एमवीटीवी, बेलापुर, ठाणे, महाराष्ट्र
MVTV “24 घंटे ‘समाचार और मनोरंजन’ टीवी चैनल है। इस मराठी चैनल का स्वामित्व और संचालन मंदा म्हात्रे करते हैं। जो कि पूर्व एनसीपी-काउंसिलर-बीजेपी विधायक हैं। चैनल मूल रूप से महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बेलापुर और उसके पड़ोस पर केंद्रित है। मंदा म्हात्रे की शादी एक civil contractor से हुई, जिन्हें मंदा ताई के रूप में जाना जाता है। वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्रीमद् भगवद् गीता के उपदेशों को सुनाते हुए हिंदुत्व के अपने एजेंडे को मंदा ताई से अवगत कराया। जिसके बाद मंदा ताई पुष्प को कहती हैं कि “वो तो हमारा चालू है” पुष्प कहते हैं कि अगर आप पहले से ही ऐसा कर रहे हैं तो ये बहुत अच्छी बता है। लेकिन हम चाहते हैं कि हमारा एजेंडा आपके चैनल पर चले। मंदा ताई कहती हैं कि “हां चालू रखो उसको करो ना, मेरा मंदिर है खुद का मैं खुद हिंदूवादी हूं पर दिखाती नहीं” पुष्प को लगता है कि शायद उनका एजेंडा मंदा ताई की समझ में नहीं आया लिहाजा वो मंदा ताई से दोबारा कहते है कि वो अपने चैनल के जरिए हमारे हिंदुत्व के एजेंडे का प्रचार-प्रसार करें। मंदा ताई कहती हैं कि “चालू है चालू है चौबीस घंटे चालू है आपने देखा नहीं क्या” पुष्प बताते हैं कि हमने देखा है कि आपका चैनल ऐसा कर रहा है लेकिन हम चाहते हैं कि आप इसे हमारे तरीके से आगे बढ़ाएं। मंदा ताई कहती हैं कि “तो वो तरीके से दे दो ना CD देते जाओ ना…देते जाओ चलाते जाएंगे”
पुष्प कहते हैं कि मुझे पता लगा है कि आप बीजेपी विधायक हैं और इस चैनल के मालिक भी हैं। चूंकि मेरा एजेंडा पूरी तरह हिंदुत्व है, और कभी-कभी चैनल मालिक इसे चलाने से इनकार करते हैं। तो मैं आपको देखने आया था। यह पूरी तरह से एक व्यापारिक सौदा है। मंदा ताई हमें फिर से बताती हैं “अभी देखो मेरा पूरा टाइम चैनल में ये ही चलता है बीजेपी का ही चलता है प्रोग्राम चौबीसों घंटे” इसके बाद आरएसएस की अत्यधिक दंगा राजनीति और पार्टी के विरोधाभासों की बात करते हुए वो अपने निर्वाचन क्षेत्र बेलापुर के बारे में बताती हैं, मंदा ताई यहां एक चौंकाने वाला खुलासा करती हैं। बकौल मंदा ताई “”अभी तुम लोगों ने भी तो कलाम को बनया था फिर भी करना पड़ता है … राजनीति और ये अलग रख के करना पड़ता है। मेरे को संघ वाले बोल रहे थे कि मुस्लिम मस्जिद तोड़ो ये करो। मैं बोली sorry मैं ये नहीं कर सकती। मस्जिद स्थल सब कचरे के माफिक देखते हैं। इतना लोग को हम हाय नहीं ले सकते हैं क्योंकि आधे लोग अपने से जुड़ गए हैं। अपनी सरकार से जुड़ गए हैं अभी वो पाशा भाई हैं लाखों की जायदाद डालते हैं अपनी बीजेपी के मोदी जी के अमित शाह बोलो कैसे कुछ कर सकते हैं और अपने कार्यकर्ता के पास एक पैसा नहीं है और अपनी बीजेपी हर बार कुछ कमाने नहीं दे रही है तो कहां से लाएंगे बढ़िया पोस्टर प्रोग्राम पे प्रोग्राम देती जा रही है करो करो करो
मंदा ताई बिना रुके अपने चौकानें वाले बयान जारी रखती हैं और कहती हैं कि जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकुर और हार्दिक पटेल ने उन्होंने यानी बीजेपी ही गुजरात में जन्म दिया है जो आज उनके लिए ही सबसे बड़ा सिरदर्द बने हुए हैं।
“इसलिए तो कितना तीन बच्चों ने दम छाक कर दिया” पुष्प कहते हैं हां हां गुजरात में। आगे मंदा ताई कहती हैं कि “क्यों करा दी, क्यों पप्पू करना है क्या जरुरत क्या है। अभी तो कांग्रेस है भी नहीं। यहीं मैं और गणेश नायक में झगड़ा है यहां बाकी कुछ नहीं है और मुझे किसी की ज़रूरत भी नहीं है। मैं उससे सक्षम हूं लड़ने में। उसके बहुत सारे मंदिर हैं उसके तीन मंदिर टूटने को आया अपनी बीजेपी सरकार उसको बचा रही है। क्यों बचा रही है। 400 करोड़ की जगह acquire की एक मंत्री ने और बीजेपी सरकर उसको बचा रही है मंदिर के लिए और उस मंदिर में भगवान भी नहीं हैं।”
यहां मंदा ताई नाइक के परिवार के सदस्यों द्वारा बृह्न मुंबई नगर निगम के तहत बेलापुर और पावने में सरकारी संपत्तियों के कथित अवैध अतिक्रमण के बारे में बात कर रही है। इस संबंध में RTI कार्यकर्ता द्वारा 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक PIL भी दायर किया गया था।
आरएसएस के सांप्रदायिक चेहरे को बेपर्दा करने के बाद, मंदा ताई हमें यह भी बताती है कि कैसे एक आरएसएस नेता ने पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी टिकट को सुरक्षित करने में मदद की, जिसे उन्होंने NCP मंत्री गणेश नायक को हराकर जीता।
जाहिर है मंदा ताई बीजेपी परिवार की सदस्य हैं। और संघ और बीजेपी के झोल को लेकर जिस तरह उन्होंने खुलासे पर खुलासे किए वो वाकई चौंकाने वाले थे।
DINAMALAR
मार्टिन, लक्ष्मीपति आदिमूलम, डायरेक्टर, दिनामलार, चेन्नई
6 सितंबर, 1951 को टीवीआर द्वारा स्थापित, दीनामलार अपने जीवनकाल के दौरान तिरुनेलवेली, तिरुची, चेन्नई, मदुरै और इरोड से एक साथ प्रकाशित किया जाता है। हर रोज़ लगभग दस लाख प्रतियां बेचने वाला ये अखबार दक्षिण में जाना-माना नाम बन चुका है। आज अख़बार चेन्नई, कोयंबटूर, इरोड, मदुरै, नागरकोइल, पांडिचेरी, सेलम, तिरुचिराप्पल्ली, तिरुनेलवेली और वेल्लोर सहित तमिलनाडु के 10 शहरों से प्रकाशित हो रहा है। लेकिन जिन मूल्यों के साथ टीवीआर ने दीनामलार को खड़ा किया है, उनके पोते लक्ष्मीपति आदिमूलम के साथ पत्रकार पुष्प शर्मा की जब बातचीत हुई। तो कुछ और ही सच्चाई निकलकर सामने आई।
इस बड़ी तहकीकात के दौरान पत्रकार पुष्प शर्मा ने तमिल दैनिक चेन्नई कार्यालय का दौरा किया जहां वह पहली बार मार्टिन से मिले थे। मार्टिन के साथ बैठे उनके कुछ अन्य सहयोगी भी थे। शर्मा अपने एजेंडे के बारे में मार्टिन को बताते हैं कि मीडिया अभियान के तीन महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु हिंदुत्व का प्रचार है, जिसे भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के प्रचार के माध्यम से किसी भी तरह से चलाना है। दूसरी बात राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे पप्पू को झुकाना है। पुष्प पूछते हैं कि आप जानते हैं कि यह पप्पू कौन है? मार्टिन ने जवाब दिया, “नहीं, ठीक है” इसी बीच मार्टिन के सहयोगी उन्हें बताते हैं “पप्पू राहुल गांधी हैं।” पुष्प इन्हें बताते हैं कि इस अभियान को ‘उपनाम’ (nickname) का इस्तेमाल करके डिजाइन किया जाना है, ताकि व्यंग्य के माध्यम से उसकी “चरित्र हत्या” (character assassination) के अपने उद्देश्य को पूरा किया जा सके, राहुल गांधी के अलावा, आपको ऐसे ही उपनामों का इस्तेमाल करते हुए बूआ और बबुआ, यानी मायावती और अखिलेश की चरित्र हत्या को लक्षित करना है।
मार्टिन ने हमें बताया “और बात ये है कि हम इसे संपादक से बात करने के बाद ही बना सकते हैं, हमें संपादकीय मंजूरी की आवश्यकता है।”
इसके बाद पत्रकार पुष्प दिनामलार अखबार के मालिक लक्ष्मीपति आदिमूलम से मिले, हैरानी वाली बात ये है कि अखबार के मालिक इस दुर्भावनापूर्ण एजेंडा को चलाने के लिए तैयार हो गए। उसका समाचार पत्र उद्देश्य लोगों को हकीकत औऱ खबरों से वाकिफ कराने के बजाए अखबार की आड़ में व्यापार करना था, क्योंकि उनसे बातचीत में पता लगा कि वो आरएसएस यानी संघ की विचारधारा से जुड़े हुए हैं।
पुष्प शर्मा इन्हें अपने एजेंडे के बारे में बताना शुरू करते हैं, आदिमूलम ने बताया कि इस बारे में मार्टिन पहले ही उन्हें विस्तार से बता चुके हैं। आदिमूलम कहते हैं “I think Martin briefed me on your visit … You want to take some space and that’s not an issue. We have a lot of same wavelength with the BJP family is around … true Hindu family. We believe in Hindu spirituality.” (मुझे लगता है कि मार्टिन ने मुझे आपकी यात्रा पर बताया … आप कुछ जगह लेना चाहते हैं और यह कोई मुद्दा नहीं है। हमारे पास बीजेपी परिवार के आसपास बहुत सारे wavelength हैं … सच्चे हिंदू परिवार। हम हिंदू आध्यात्मिकता में विश्वास करते हैं) अगले ही पल आदिमूलम कहते हैं कि चूंकि उनके परिवार आरएसएस और बीजेपी के लिए अपनी निष्ठा रखते हैं, इसलिए उन्होंने अपने व्यापार को बहुत नुकसान पहुंचाया है। “हम बहुत मजबूत आरएसएस रहे हैं … लेकिन समाचार पत्र हम सीधे ईमानदार हैं। हम दोनों सरकारें नहीं हैं। वास्तव में, पिछले 35 वर्षों में हमें कोई सरकारी विज्ञापन नहीं मिला है। हम छह महीने पहले अदालत में गए और उसे मिला। तो, 35 साल से कोई भी सरकार विज्ञापन नहीं करना चाहती [हमारे साथ घिरा हुआ] और हम जो भी महसूस करते हैं हम सिर्फ लिखते हैं। हम किसी भी सरकार के बारे में परेशान नहीं हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार हमारे परिवार के बहुत करीब है, “आदिमूलम कहते हैं कि चूंकी हमारा परिवार हुत पहले से RSS और बीजेपी के प्रति निष्ठावान है लिहाजा इससे हमारे व्यापार को बहुत नुकसान हुआ है, हमने बहुत कुछ खोया है। “We have been very strong RSS … but newspaper we are straight forward honest. We don’t… both the governments. In fact, last 35 years we haven’t got any government ads. We went to the court six month back and got it. So, 35 years no governments want to advertise with us and we whatever we feel we just write. We don’t bother about any government. That is why the central government is very close with our family,” (हम बहुत मजबूत आरएसएस रहे हैं … लेकिन समाचार पत्र हम सीधे ईमानदार हैं। हम दोनों सरकारें नहीं हैं। वास्तव में, पिछले 35 वर्षों में हमें कोई सरकारी विज्ञापन नहीं मिला है। हम छह महीने पहले अदालत में गए और उससे मिला। तो, 35 साल की कोई भी सरकार विज्ञापन नहीं करना चाहती [हमारे साथ घिरा हुआ] और हम जो भी महसूस करते हैं हम सिर्फ लिखते हैं। हम किसी भी सरकार के बारे में परेशान नहीं हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार हमारे परिवार के बहुत करीब है)
इसके बाद आदिमूलम अपने पिता आर लक्ष्मीपति के बारे में बताते है, जो कई वर्षों तक भारत की प्रेस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे और जिन्होंने भारतीय समाचार पत्र सोसायटी की दो बार अध्यक्षता की थी। अब, वे केंद्र में एक अनुकूल सरकार है। आदिमूलम ने बताया कि “So Central government we have been doing lot of things. You know after very, very long time, we have got honest straight forward government. A government who doesn’t want … who doesn’t run a government for elections,”(तो केंद्र सरकार के लिए हम बहुत सी चीजें कर रहे हैं। आप जानते हैं बहुत लंबे समय के बाद हमें ईमानदार सीधी सरकार मिली है। एक सरकार जो नहीं चाहती … जो चुनाव के लिए सरकार नहीं चलाती है) वर्तमान सरकार पर बातचीत करते हुए आदिमालूम कहते हैं कि चूंकि उनके पिता समेत उनका पूरा परिवार प्रधान मंत्री के काफी करीब है। जब भी प्रधानमंत्री किसी राज्य में किसी यात्रा पर आते हैं तो वो व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस परिवार के एक दोस्त हैं। उनके पिता अभी भी हर महीने एक बार दिल्ली जाते हैं, आदिमूलम कहते हैं कि “Anything we are open for it and what best …,”(कुछ भी हो हम इसके लिए खुले हैं और इससे अच्छा क्या है) पुष्प को ये बताने के लिए कि आदिमूलम पूरी करह उनके साथ हैं आदिमूलम पुष्प को कुछ सॉफ्टवेयर के बारे में बताता है जिसे उन्होंने लाइसेंस पर खरीदा है। इस सॉफ्टवेयर को उनके अभियानों में मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आदिमूलम कहते हैं कि “Sent to broachers, leaflet sent to party workers … say there is Modi ji’s picture is there, just move your camera over here … it gives audio of Modi ji,” (ब्रोशर्स को भेजा गया, पार्टी कार्यकर्ताओं को पत्र भेजा गया … कहें कि मोदीजी की तस्वीर वहां है, बस अपने कैमरे को यहां ले जाएं … यह मोदी जी का ऑडियो देता है)
हिंदुत्व के अपने एजेंडे पर वापस आकर, पुष्प आदिमूलम को बताते हैं कि श्रीमद् भगवत गीता और भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों पर फील्ड गतिविधियों(field activities) और वीडियो के माध्यम से हिंदुत्व का माहौल बनाने के लिए कैंपिंग कैसे चलनी है। आदिमूलम ‘okay’ कहकर अपना समर्थन देते हैं और मदद का आश्वसन देते हैं। “Okay … anything let me know.”( ठीक है … कुछ भी है तो मुझे बताओ)
पुष्प मार्टिन से कहते हैं कि आप मेरे एजेंडा को कैसे चलाओगे इसके लिए मुझे एक प्रस्ताव भेजिए। तो आदिमूलम फिर से इन शब्दों में पुष्प को आश्वस्त करते हैं “What best we can do … rest you can be assured.” (हम सबसे अच्छा क्या कर सकते हैं … बाकी आपको आश्वासन दिया जा सकता है)
दिनामलार अखबार जिस तरह पुष्प के एजेंडा को चलाने के लिए तैयार हो जाता है। इससे ये साबित होता है कि जब कोई मैनेजमेंट किसी खास विचारधारा से प्रभावित हो, तो उसके द्वारा चलाई जाने वाली कंपनी पर भी कहीं न कहीं इसका गहरा असर पड़ता है। जो वाकई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
SUN GROUP
एलेक्स जॉर्ज, नेशनल सेल्स हेड (GEC चैनल्स), सन ग्रुप; राजेश बी. कन्नन, सीजीएम (मार्केटिंग), दीनाकरन; अनुपम ज्योति दास, एकाऊंट मैनेजर, रेड FM, हैदराबाद; अमित शर्मा, सेल्स हेड, रेड FM, चंडीगढ़; शिव मंगल सिंह, असिस्टेंट मैनेजर, रेड FM, दिल्ली; दीपक सिंह भंडारी, सेल्स हेड, रेड FM, लखनऊ
1993 में डीएमके नेता मुरासोली मारन के पुत्र कलानिधि मारन ने सन ग्रुप को स्थापित किया, सन ग्रुप का दावा है कि वो सबसे बड़ा मीडिया समूह है, क्योंकि ये 33 टीवी चैनल चला रहा है। तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम समेत चार दक्षिण भारतीय भाषाओं के जरिए सन ग्रुप आज भारत में 95 मिलियन से अधिक परिवारों तक पहुंच चुका है। रेड FM के तहत 48 FM रेडियो स्टेशन, 2 दैनिक समाचार पत्र, दिनाकरन, जो एक दिन में लगभग 1.4 मिलियन प्रतियां बेचते हैं, और एक प्रमुख शामक तमिल मुरासु समेत 5 पत्रिकाएं भी हैं। देश के मीडिया परिदृश्य में दक्षिण की कणों की मजबूत उपस्थिति के अलावा, ये समूह फिल्म बनाने में भी है, जबकि यह अन्य व्यवसायों के बीच एक डीटीएच सेवा और आईपीएल फ़्रैंचाइजी भी चलाता है
पत्रकार पुष्प शर्मा जब सन ग्रुप चेन्नई मुख्यालय गए तो वहां उनकी मुलाकात एलेक्स जॉर्ज से हुई, एलेक्स सन ग्रुप में नेशनल सेल्स हेड हैं। पुष्प ने जॉर्ज को अपने एजेंडे के बारे में बताया इस पर जॉर्ज ने पूछा कि सर आप असल में चाहते क्या हैं। इस सवाल पर पुष्प ने जॉर्ज से कहा कि मैं साल 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र हिंदुत्व को लेकर एक मीडिया अभियान चला रहा हूं और इसके लिए आपके सन ग्रुप की मदद चाहता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप मेरे अपने सभी मीडिया प्लेटफार्म पर मेरे एजेंडे को आगे लेकर जाएंगे। लेकिन इस बार हम अयोध्या और राम के नाम पर राजनीति नहीं करेंगे बल्कि इस बार हमारा अभियान श्रीमद् भागवत गीता और श्रीकृष्ण के जरिए होगा। जॉर्ज ने पूछा कि क्या आप विज्ञापन चलाना चाहते हैं। पुष्प जवाब देते हैं कि हां मैं चाहता हूं कि मेरा अभियान आपके सभी प्लेटफॉर्म डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक सब जगह चले। इसके साथ ही पुष्प अपने फोन के जरिए जॉर्ज को मीडिया अभियान के दौरान चलने वाले एक विज्ञापन का नमूना भी दिखाते हैं। विज्ञापन में श्रीमद् भगवत गीता का नाम सुनकर जॉर्ज पुष्प से दोबारा जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस तरह के विज्ञापन के पीछे उनकी मंशा क्या है। पुष्प बताते हैं कि इस हिंदुत्व अभियान के माध्यम से, लोगों को ये पहचान कराई जाएगी कि वो हमें पहचान सकें कि हम हिंदुत्व के लिए हैं। जैसे कि आप जानते हैं कि बीते 25 साल में हमने अयोध्या और राम के नाम को राजनीतिक रूप से भरपूर इस्तेमाल किया है। पुष्प जॉर्ज को बताते हैं कि वो भगवत गीता के कट्टर समर्थक हैं। जैसे जैसे बातचीत आगे बढ़ती हैं जॉर्ज पुष्प को बताते हैं कि एक नीति के रूप में या एक सेटअप के रूप में, हम राजनीतिक रूप से अलगाव वाले लोग हैं। हम व्यापार के संदर्भ में नहीं करते हैं, हम इसके साथ मिश्रित नहीं होते हैं। आपको भी ये जानकर आश्चर्य होगा।
जॉर्ज पुष्प को बताते हैं कि हालांकि, उनके समूह की नीति अच्छी व्यवसाय को सुरक्षित करना है। क्योंकि मेरा विज्ञापन सीमित है और मुझे एक्स राशि (X amount) को लक्ष्य के रूप में बनाना है, क्योंकि मुझे शेयरधारकों के हितों की देखभाल भी करनी है, और साथ ही अन्य निवेशक का भी ध्यान रखना है जो हमसे लाभ प्रणाली के बारे में पूछते हैं। लिहाजा अपने निवेशकों को खुश करने के लिए हमारी कोशिश रहती है कि हम ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाएं। अपनी कंपनी की बिजनेस पॉलिसी बताने के बाद जॉर्ज कहते हैं कि “ये सभी चैनल आप हमें बता सकते हैं कि आप क्या चाहते हैं। हम आपको पैकेज के रूप में पेश किए जाने के संदर्भ में [प्रस्ताव] भेज सकते हैं और फिर आप … इस बारे में निर्णय ले सकते हैं” इसके बाद जॉर्ज ने अपने ग्रुप के चैनलों के बारे में बताना शुरू किया जिसमें कॉमेडी, सिनेमा और म्यूजिक चैनल भी शामिल थे। जॉर्ज ने पूछा कि “जैसे म्यूजिक चैनल में ब्रेक के तुरंत बाद अगर हम आपका भगवत गीता का विज्ञापन चलाएं तो इसके लिए आपको कोई आपत्ति तो नहीं है” पुष्प ने कहा हां बिल्कुल हम भी यही चाहते हैं। जॉर्ज इसी तरह अपने दूसरे चैनलों में भी इस तरह के मीडिया अभियान को चलाने के लिए तैयार थे उन्होंने कहा कि “We are ok with that. Similarly in comedy channel it will be a film comedy clipping … we don’t??? … Yeah, for every few clippings run, break comes [and] we run commercial and go on.” (यानी हम इसके लिए तैयार हैं, इसी तरह हम दूसरे चैनलों में भी आपके क्लिप चलाएंगे, जैसे ही ब्रेक होगा हम ब्रेक के दौरान आपके क्लिप चलाते रहेंगे।) इसके बाद जॉर्ज पूछते हैं कि उन्हें अपने विज्ञापन कौन सी भाषा में चलवाने हैं। पुष्प बताते हैं कि सन टीवी के लिए उनके पास 20 करोड़ का बजट है और वो चाहते हैं कि इस बजट का 50 फीसदी तमिल पर खर्च किया जाए। बजट, भाषा और विज्ञापन के समय जैसे मुद्दे पर चर्चा होने के बाद जॉर्ज पुष्प को प्रपोजल भेजने के लिए तैयार हो जाते हैं “Okay. So, this is your e-mail ID, so I will tell the team to work out and mail it to you. How, what is the best combination in terms of seconds. So, this is from which day to which day?” (ठीक हैं तो ये आपका ईमेल आईडी है तो मैं अपनी टीम से कहूंगा कि इसपर काम करे और आपके मेल भेजे, सेकंड के मामले में सबसे अच्छा संयोजन क्या है और यह किस दिन से किस दिन तक है) पुष्प जॉर्ज को बताते हैं कि 31 मार्च से हमारे विज्ञापन चलने शुरू हो जाएंगे
मोटी रकम देने वाले इस ग्राहक को लपकने के लिए जॉर्ज ने पुष्प की राजेश बी कन्नम से भी मुलाकात कराई। राजेश सन ग्रुप के दैनिक अखबार दिनाकरन में CGM के पद पर कार्यरत हैं। जैसे ही पुष्प ने राजेश को अपना हिंदुत्व वाला एजंडा बताना शुरू किया कन्नम खुद को मोदी समर्थक साबित करने की कोशिश करते दिखे। राजेश पुष्प से पूछा कि 2019 में मोदी को लेकर क्या लगता है। पुष्प कहते हैं आने वाले 2019 के चुनाव में हम मोदी को जिताने की पूरी कोशिश करेंगे इसके लिए उनके पास काफी बजट है। आगे पुष्प राजेश को अपने हिंदुत्व के एजेंडा के बारे में बताना शुरू करते हैं। पुष्प बताते हैं कि अभियान की शुरूआत श्रीमद् भगवत गीता और कृष्ण की प्रवचनों से होगी ताकी चुनाव से 6 महीने पहले वो लोगों का रुझान अपनी तरफ मोड़ सकें और इस तरह वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके उस समय में जब विरोधी दल minority card जैसे हथकंडे अपनाएंगे। दिनाकरन अखबार के लिए प्रस्ताव और व्यापार संभावनाओं पर चर्चा करने के बाद मोदीभक्त के तौर पर राजेश कहते हैं “It has to be seen. There is current situation Modi ji has to win. In fact, I was telling him he will be here for 2025.” (ये देखना होगा फिलहाल मौजूदा हालात बता रहे हैं कि मोदी जी ही जीतेंगे, हालांकि मैं तो ये कहता हूं कि मोदी ही 2025 तक सत्ता में रहेंगे)
आखिरकार पुष्प राजेश से कहते हैं कि वो उन्हें एक प्रपोज़ल बना के भेजें जिसपर रेट कार्ड वगैरह दर्ज हो। राजेश कहते हैं “It will be coming to you … I will give you the card rate what, what will be card rate what we are offer rate we are giving you … Everything will put in a complete way.” (ये आपतक पहुंच जाएगा, मैं आपको कार्ड रेट भेज दूंगा, कार्ड रेट और ऑफर रेट जो हम आपको देंगे, सब चीज़ तैयार तरीके से आपतक पहुंच जाएंगी)
एलेक्स जॉर्ज और कन्नन से मुलाकात में पाया गया कि सन ग्रुप के ये दोनों ही वरिष्ठ अधिकारी पुष्प के एजेंडा को चलाने के लिए तैयार थे। इसके बाद पुष्प ने हैदराबाद का रूख किया और यहां इनकी मुलाकात Red FM के एकाऊंट मैनेजर अनुपम ज्योति दास से हुई। आपको बता दें कि यहां Red FM का संचालन सन ग्रुप कर रहा है और इस रेडियो नेटवर्क के देशभर में 48 रेडियो स्टेशन हैं। इसे जनवरी 2006 में इंडिया टुडे ग्रुप से अधिग्रहित किया गया था। अन्य कंपनियों के अलावा, एनडीटीवी के पास भी Red FM में हिस्सेदारी भी है।
पुष्प से बातचीत में अनुपम इस बात को अच्छी तरह जान गए थे कि पुष्प उनके रेडियो स्टेशन से किस तरह मकसद पूरा करना चाहते हैं बावजूद इसके ज्योति दास पुष्प को बताते हैं कि वो उनके पक्ष में श्रीमद् भगवत गीता और भगवान कृष्ण की quotes भी बदल सकते हैं। ज्योति दास बताते हैं कि “Quote को हम लोग design कर लेंगे language and all for the easy understanding of the people in a commercial way … वो quote basically क्या है कि quote है जो हम लोगों ने simplify करके लोगों को सुनाया है और आप लोगों को उसमें high light किया है”
पुष्प ज्योति दास से पूछते हैं कि क्या आपने इससे पहले भी कभी इस तरह का प्रमोशन किया है जिसपर ज्योतिदास आश्वस्त कराते हुए कहते हैं कि “ऐसा कुछ हम लोगों ने पहले किया है लेकिन ऐसा आश्रम का हो वो भी कर सकते हैं मतलब कुछ भी किया है कुछ भी event है आप लोगों का वो हम promote कर सकते हैं लेकिन जो satire part है उसमें थोड़ा हम लोगों को workout करना पड़ेगा”
पुष्प ज्योति दास को बताते हैं कि हमारे आश्रम को भारी मात्रा में donation मिलता है तो क्या आप पेमेंट cash में ले सकते हैं। अपनी लाचारी व्यक्त करते हुए ज्योति दास कहते हैं “Cash route out करने में वो थोड़ा issue है” पुष्प ज्योति से दोबारा सवाल पूछते हैं कि अगर ये काम किसी third party के जरिए कराया जाए इसपर ज्योति दास कहते हैं फिर कोई दिक्कत नहीं है “हां वो हो जाएगा that [we] can do.”
ज्योति दास से डील पक्की होने के बाद पत्रकार पुष्प शर्मा चंडीगढ़ में Red FM के सेल्स हेड अमित शर्मा से मुलाकात करते हैं। पुष्प इन्हें अपना एजेंडा बताते हैं और कहते हैं कि पंजाब हिंदुत्व का माहौल बनाया जाए ताकि इसका फायदा बीजेपी को हो सके। इसपर अमित शर्मा करते हैं कि सर आपने इस काम के लिए एकदम सही रेडियो प्लेटफॉर्म को चुना है। अमित कहते हैं “यहां पे तो बिल्कुल.. we have 72 stations in all over India..और यहां भी है तो I think we are No. 1”. यहां पुष्प अमित को ये भी बताते हैं कि उनके पास हिंदुत्व पर आधारित 30 jingles तैयार हैं तो पहले से ही गुवाहाटी और कर्नाटक में रेडियो पर चल रही हैं। ये सुनने के बाद अमित इस अभियान को अपने रेडियो स्टेशन पर चलाने के लिए तकरीबन राजी हो जाते हैं। अमित पुष्प को कहते हैं कि “वो तो आप मेरे को ये send कर देना तो मैं इसी pattern पे यहां पंजाब के लिए बना दूंगा” पुष्प अमित से पूछते हैं कि ये काम आप पंजाबी भाषा में करेंगे या फिर हिंदी में। जवाब में अमित सलाह देते हुए कहते हैं कि “Whatever you suggest …(जैसा आप कहेंगे) हिंदी रखें ज्यादा better होता है no doubt पंजाबी भी है पर हिंदी सबको समझ में आती है” आखिरकार दोनों की इस बात पर सहमति बनती है कि इस काम को हिंदी और पंजाबी में मिलाकर किया जाए।
आगे पुष्प अमित को बताते हैं कि हमारे अभियान का मकसद हिंदुत्व को प्रमोट करना है। इसके लिए मजबूत कंटेंट का सहारा लेते हुए, बिना किसी को अपमानित किए। अमित इस बात पर सहमति जताते हैं। पुष्प शर्मा को कहते हैं कि अभियान के प्रसारण के लिए उन्हें सुबह 5 से 7 बजे के बीच का वक्त सुझाएं क्योंकि हमारे पास प्रसारण के लिए पहले से ही तैयार सामग्री है। जिसमें हिंदुत्व का प्रचार होगा। पुष्प बताते हैं कि पंजाब में deal final करने के बाद वो सीधे जम्मू जाएंगे। ये सुनते ही अमित पुष्प को कहते हैं कि हमारा रेडियो स्टेशन जम्मू भी कवर कर सकता है। अमित ने कहा कि “तो जम्मू की जरूरत नहीं है आपको अगर in case हमारा होता है final जम्मू we have station”.
पुष्प अमित से कहते है कि soft Hindutva के जरिए एक माहौल तैयार किया जाएगा इसके बाद वो चाहते हैं Red FM पर उनके अभियान को उग्र तरीके से चलाया जाए और बीजेपी की प्रतिद्वंदी पार्टियों जैसे कांग्रेस, जनता दल, बसपा और सपा तो गिराया जाए। ये सुनते ही बिना एक पल की देरी किए अमित पूछते हैं “बीजेपी को छोड़ सारी” पुष्प अमित को बताते हैं कि जब में हिंदुत्व एजेंडा कहूंगा तो उसका मतलब है सामप्रदायिता के बूते चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण जैसा कि 1990 में राम मंदिर के नाम पर हमने किया था। लिहाजा हमारे प्रतिद्वंदियों को उखाड़ फेंकने के लिए आपके पास व्यंगात्मक तरीके की सामग्री होनी चाहिए।
ये सुनकर अमित पूरी तरह से खुद को नीलाम करने पर उतर आते हैं और कहते हैं कि “वो cover up कर लेते हैं सारी पार्टी को बीच में ले लेते हैं मतलब वो as a channel कर लेते हैं कि उसमें वो common रखें” पुष्प अमित को कहते हैं कि अगर मैंने आपके लिए पैसों से भरा बैग तैयार रखा है तो आप एक ऐसा plan तैयार करें कि आपकी टीम हमारे पक्ष में इस तरह का कंटेट बना सके चाहे इसके लिए आपको बाहर से कुछ निपुण और पेशेवर लोग रखने पड़ें। सहमति जताते हुए अमित कहते हैं कि “हां तो basically हो गई ना…ये तो बीच बीच में ये satire चलेंगे बीच बीच में..ये programming जो आप कह रहे हैं भजन वो सब उसके बीच में ये चलेगा मोटा-मोटा ये है…ये ही कह रहे हो आप कि पांच से सात में भजन चलेंगे कृष्ण भगवान के चल गए किसी के चल गए उसके बीच-बीच में हम ऐसे satire मारेंगे जो….” पुष्प हामी भरते हुए अमित से कहते हैं कि हमारे अभियान का कटेंट इस तरीके से बनाया जाएगा जैसा अयोध्या में पुलिस गोलीबारी में कार सेवक की मौतों की घटनाओं को दिखाता है फिर गोधरा ट्रेन में आग को सांप्रदायिक प्रशंसकों का जुनून दिखाता हो इससे हमारे पक्ष में 2019 चुनावों का निर्माण होगा। पुष्प कहते हैं कि हमारे पूरे अभियान में हिंदुत्व पर पूरा जोर होना चाहिए ये सभी बातें सुनने के बाद Red FM चंडीगढ़ के सेल्स हेड अमित शर्मा हर बात पर सहमति जताते हुए कहते हैं “हां वो तो है ही है”
चंडीगढ़ में अमित शर्मा से मुलाकात कर पत्रकार पुष्प शर्मा Red FM दिल्ली के नोएडा ऑफिस का रुख करते हैं और यहां इनकी मुलाकात होती है Red FM दिल्ली के असिस्टेंट मैनेजर शिव मंगल से। शिव मंगल पुष्प की सारी मांगों को गौर से सुनते हैं। शिव मंगल को बताया जाता है कि अभियान का मुख्य उद्देश्य 2019 के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में हिंदू वोटों को ध्रुवीकरण करना है वो भी संघ का नाम लिए बगैर। इसी बीच पुष्प शर्मा शिव मंगल के सामने अपने फोन पर पप्पू वाला एक Audio Jingle बजा देते हैं। इसे सुनकर वो अभियान शुरू करने के लिए सहमत हो जाते हैं। शिव मंगल कहते हैं कि “बिल्कुल अब जैसे I have heard in this creative तो इसमें RSS का नाम है… RSS का we cannot promote तो ये जो creative है we can run”
रेडियो स्टेशन पर पुष्प का एजेंडा चलाने के साथ-साथ शिव मंगल उनसे वादा करते है कि वो उनके हिंदुत्व वाले एजेंडे को अपने facebook page के जरिए भी promote करेंगे ताकि ये एजेंडा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। शिव मंगल ये भी वादा करते हैं कि उन्हें इस काम के लिए खासतौर पर एक pro-BJP (बीजेपी समर्थित) radio jockey भी रखना होगा। शिव मंगल पुष्प से कहते हैं कि “So we have our Red Fm India Facebook page and different RJs have their own different Facebook pages … different fan following. So we can promote on our Red FM India page that is on pan-India but we cannot [bring on board] any RJ to promote because that page is their individual’s. If they like that post they can share but we cannot force. For example, Raunak is pro-BJP so he can share it [on] his will but if you talk about other RJs.” (तो हमारे पास हमारे RED FM इंडिया फेसबुक पेज हैं और अलग अलग RJ के अपने अलग-अलग फेसबुक पेज हैं… इसलिए हम अपने RED FM इंडिया पेज पर प्रचार कर सकते हैं जो भारत भर में है…हम किसी भी RJ को बढ़ावा देने के लिए [बोर्ड पर ला सकते हैं] क्योंकि वह पेज उनके पर्सनल है। अगर वे उस पोस्ट को like करते हैं तो वे share कर सकते हैं लेकिन हम मजबूर नहीं कर सकते हैं जैसे कि रौनक बीजेपी समर्थक है, तो वो उसे अपनी मर्जी से share कर सकता है लेकिन ऐसी अपेक्षा दूसरे सभी RJs से नहीं कर सकते)
पुष्प कहते हैं कि अगर ऐसा है तो हम अपने अभियान की पैकेजिंग pan-India scale पर चलाने के लिए करते हैं यहां शिव मंगल कहते हैं “हां हां बिल्कुल but the script I have to check with my legal team कि क्या राय है क्योंकि बहुत ज्यादा endorsement…” अभी शिव मंगल ये बात कह ही रहे थे कि अगले ही पल ये उसका समाधान सुझाते नज़र आए। शिव मंगल पुष्प को समझाते हैं कि “कुछ चीज़ें word में नहीं लेकिन जब आप communicate करते हो तो सामने वाले को समझ आ जाती है, for example, अब ये राहुल बोल रहे हैं इधर से आलू निकलेगा उधर से सोना निकलेगा for example we will not use name Pappu but हम आलू और सोने पर ही अगर बात करें people get connected with that incident कि हां उन्होंने बोला था आलू जाएगा सोना आएगा”
शिव मंगल के विचार की सराहना करते हुए पुष्प उनसे कहते है कि वो कुछ ऐसा रास्ता निकालें ताकि उनके दोनों उद्देश्यों को पूरा किया जा सके। पहला उद्देश्य जनता को हिंदूत्व के प्रति जागरुक करना और दूसरा उद्देश्य अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की जड़ें उखाड़ फेंकना। शिव मंगल ने दोहराया कि इस रेडियो स्टेशन से क्या उम्मीद की जा रही है। शिव मंगल करते हैं कि “एक अपना रहेगा हिंदुत्व भगवत गीता की packaging और दूसरा rivals of भी हम moderate way में..”
शिव मंगल से मुलाकात खत्म करने से पहले पत्रकार पुष्प शर्मा इनसे पूछते हैं कि क्या पहले भी उनके रेडियो स्टेशन ने किसी भी राजनीतिक संगठन या फिर बीजेपी के लिए ऐसी गंदी नौकरी की है। Red FM का ये मैनेजर हमें अपने रेडियो स्टेशन की पिछली गतिविधियों के बारे में बताता है जो केवल ये दिखाता है कि रेडियो स्टेशन की ना केवल राजनीतिक वर्ग पर बल्कि चुनाव नौकरशाही पर भी अच्छी पकड़ है। शिव मंगल कहते हैं कि “We have done during Uttar Pradesh election. We are doing in Gujarat election. So pan-India we have done in 2014 during election. At that time we was even official radio partner for Election Commission and we had done a campaign of button daba. You can search [it] on YouTube.” (हमने उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान किया है। हम गुजरात चुनाव में कर रहे हैं। तो पैन-इंडिया हमने चुनाव के दौरान 2014 में किया है। उस समय हम चुनाव आयोग के लिए आधिकारिक रेडियो पार्टनर भी थे और हमने ‘बटन दबा’ अभियान किया था। आप इसे YouTube पर देख सकते हैं।)
Red FM के लखनऊ दफ्तर में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली जब पत्रकार पुष्प शर्मा ने लखनऊ में सेल्स हेड दीपक सिंह भंडारी से मुलाकात की। यहां भी पुष्प ने इनसे अपने एजेंडा पर चर्चा की और बताया कि उन्हें श्रीमद् भगवत जीता प्रचार समिति के सौजन्य से भगवत गीता और भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों के जरिए soft Hindutva का एजेंडा चलाना है। ताकि बीजेपी के पक्ष में एक माहौल तैयार किया जा सके जो सांप्रदायिकता के बूते आगामी 2019 के चुनाव में वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके। और आखिरकार इससे बीजेपी के प्रतिद्वंदी दलों जैसे कांग्रेस, सपा, बसपा और जनता दल की जड़े उखाड़ी जा सकें। हैरानी वाली बात ये है कि दीपक सिंह भंडारी को इस एजेंडा को अपने रेडियो स्टेशन पर चलाने में कोई परहेज नहीं था। भंडारी कहते हैं कि “हां हां चाहे कोई भी हो” पुष्प एक बार फिर पूछते हैं कि आपको इस एजेंडा पर काम करने में कोई दिक्कत तो नहीं है इस पर दीपक कहते हैं कि नहीं कोई दिक्कत नहीं है। भंडारी पुष्प से कहते हैं कि “नहीं नहीं बिल्कुल ही नहीं तो कब से आप लोग plan कर रहे हैं” पुष्प कहते हैं कि वो अपनी टीम से इस बारे में चर्चा करने के बाद उनके पास वापस आएगें। आगे पुष्प भंडारी से पूछते हैं कि क्या उनका रेडियो स्टेशन पैमेंट की रकम को 60:40 के अनुपात में ले सकता है। यानी 60 फीसदी चैक के द्वारा और बाकी 40 फीसदी कैश के जरिए। जाहिर है पुष्प भंडारी को बताते हैं कि उनके पास अथाह पैसा है लेकिन भंडारी को ऐसा करने में भी कोई परेशानी नहीं है वो कहते हैं कि “नहीं नहीं वो एक बार बात कर लेंगे वो कोई issue नहीं है उसको एक बार check कर लेंगे”
भंडारी इस डील को लपकने के लिए बेताब थे वो पुष्प को अपने सीनियर अधिकारियों और टीम के बाकी सदस्यों से मिलवाने का निमंत्रण भी देते हैं। भंडारी कहते हैं कि “अभी आपको ना सर से भी मिलवा देते हैं और सर आप जो plan कर रहे हैं रेडियो पर approx कब तक start करने का है”
पुष्प बताते हैं कि वो कभी भी स्टार्ट कर सकते हैं और उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। भंडारी पूछते हैं कि “चलेगा जो हमारा on air jingles चलेगा या creaters??? चलेगा वो आप लोग बना कर देंगे कि हम लोग उसको…” जवाब में पुष्प कहते हैं कि हमारे लिए आप ये सामग्री अपने यहीं बनवा लीजिए हमें बजट में कोई समस्या नहीं है उसके लिए आपको पैसा दिया जाएगा। पैसे की बात सुनकर भंडारी इस काम के लिए भी तैयार हो जाते हैं और कहके हैं कि “हां वो तो हो जाएगा”
अब पुष्प भंडारी को कहते हैं कि आपको हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को उखाड़ना होगा। जैसा की Red FM की एक हास्य tagline है ‘बजाते रहो’ इसी की तर्ज पर पुष्प भंडारी को कहते हैं कि “political rivals की बजानी है” इसी बीच भंडारी की सहयोगी निधी बीच में कहती हैं कि “हमारा बिल्कुल आपसे matching है हमारा Red FM बजाते रहो” इसके बाद निधी Red FM की USP को विस्तार से बताती हैं और कहती हैं कि “हमारा थोड़ा सा तरीका अलग है और जैसे रेडियो चैनल्स कभी उनकी programming सुनेंगे तो हमारा तरीका और उनका तरीका अलग है.. हम चूंकी we are entertainment industry हम किसी को बोर तो नहीं करेंगे सर हमारे creators भी होंगे I think आपके ही जैसा हमने बनवाया है अब तो आपको परेशान करना हमारा काम है अब आगे बताते रहिएगा कि कैसे क्या creators है और क्या करना है”
लखनऊ में Red FM की टीम के साथ बातचीत खत्म करने से पहले पुष्प इन्हें बताते हैं कि आपको हमारा अभियान चरणों में (phase-wise) चलाना होगा और जो content आप हमारे लिए बनाएंगे वो इस बात को दिमाग में रखकर बनाया जाए कि हमारा एजेंडा भटकने ना पाए। भंडारी पुष्प को अंतिम बैठक के लिए अपने कार्यालय में आमंत्रित करते हैं और कहते हैं “अच्छा तीन महीने का ना हम proposal बना के देंगे”
BHARAT SAMACHAR
आशीष आनंद, मार्केटिंग एंड सेल्स हेड; बृजेश मिश्रा, एडिटर इन चीफ और मालिक, भारत समाचार टीवी न्यूज़ चैनल, लखनऊ
भारत समाचार टीवी ईटीवी उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के पूर्व एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा ने एक साल पहले ही लॉन्च किया था। ये चैनल उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड में राजनीतिक और करंट अफेयर्स पर कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से यूपी टेलीविजन प्राइवेट लिमिटेड अपने कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। चैनल के वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, मेरठ, नोएडा और आगरा में ब्यूरो हैं।
यहां, पुष्प शर्मा ने Marketing and Sales Head आशीष आनंद से मुलाकात की। हमेशा की तरह, वह उन्हें बताते हैं कि उनके मीडिया अभियान के पहले तीन महीने भगवत गीता और भगवान कृष्ण के प्रचार से सॉफ्ट हिंदुत्व पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो मतदाताओं को उनके धर्म का समर्थन करने के लिए अपील करते हैं। फिर, इस प्रारंभिक चरण के बाद, हमारा अभियान चुनाव के दौरान राजनीतिक परिदृश्य को ध्रुवीकरण करने के लिए घूम जाएगा। ताकि हमारी पार्टी अभियान से राजनीतिक लाभ उठा सके। इसपर आनंद “हूं” कहकर जवाब देते हैं।
पुष्प अब इन्हें उमा भारती, विनय कटियार और मोहन भागवत जैसे फायरब्रांड हिंदुत्व नेताओं से संबंधित भाषणों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कहते हैं। भारत समाचार के मार्केटिंग हेड पुष्प को आश्वस्त कराते हुए कहते हैं कि “कोई दिक्कत नहीं है उसकी जब भी होगी ना तो हमारे digital platform पर वो show upload हो जाएगा”
आगे पुष्प आनंद से कहते है कि वो उन्हें 28 मिनट लंबी एक वीडियो देंगे जो स्वतंत्र भारत के इतिहास से जुड़ी 7 बड़ी घटनाओं पर आधारित होगी। जैसे 1965 और 1971 की लड़ाई, 1989 में मंडल आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के चलते राजीव गोस्वामी ने उन्मूलन बोली, अयोध्या आंदोलन, 13 दिन की वाजपेयी सरकार का गिरना, 2002 में गोधरा दंगे और आखिर में मोदी का राष्ट्रीय दृश्य में आना। बाद में पुष्प आनंद को कहते हैं कि इन पैकेज से यह स्पष्ट ना हो कि आप अत्यधिक पक्षपातपूर्ण हैं।
पुष्प इन्हें बताते हैं कि इन 3 मिनट के लंबे वीडियो के अलावा हमारे पास पप्पू और बहन जी पर जिंगल्स हैं। आपको पप्पू और बहनजी और उनकी पार्टियों कांग्रेस, बीएसपी और एसपी जैसे प्रतिद्वंदियों के खिलाफ इस तरह की कंटेट बनाना और चलाना होगा ताकि हम अपने इन प्रतिद्वंदियों को झुका सकें। आनंद पुष्प को कहते हैं कि वो इन जिंगल्स को उनके Whatsapp पर भेज दे। आनंद अपने संभावित ग्राहक यानी पुष्प के एजेंडे के सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, अपना सिर हिलाकर सहमति जताते हैं।
भारत समाचार के मार्केटिंग एंड सेल्स हेड आनंद के साथ अपने एजेंडे के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद, पुष्प ने अब उन्हें बताया कि अक्सर आश्रम में दान कैश (cash donation) में आता है, लिहाजा वो पेमेंट में ज्यादातर पैसा कैश के जरिए देना चाहते हैं। आनंद ने सहमति के साथ कहा, “हां, कैश“। आगे आनंद पुष्प को कहते हैं कि उन्हें अपने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर गंगा आरती को live दिखाने में कोई समस्या नहीं है। आनंद ये भी कहते है कि “उमा भारती दीदी और विनय जी का … भागवत जी का कल्याण जी का इनका जो भी होगा जब भी कहीं कोई statement देंगे वो हम प्लेटफॉर्म पर अपना लगा देंगे”
इसके बाद आनंद चार हिंदूवादी नेताओं के भाषण का प्रचार करने के लिए भी सहमत हो जाते हैं। अब आनंद पुष्प से पूछते हैं कि “अच्छा इसमें आप हमें जो टीवी पर जो हमें न्यूज़ के format जाएं तो उसमें आप हमसे क्या चाह रहे हैं?”
पुष्प कहते हैं कि ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप हमें किस तरीके से संपादकीय मदद दे सकते हैं। आनंद आश्वस्त कराते हुए कहते हैं कि “जो support हम कर सकें?”
भारत समाचार टीवी के Marketing Head के साथ इस बैठक से यह स्पष्ट था कि वो चैनल हमारे एजेंडे के अनुसार कंटेंट चलाने को तैयार है, यहां तक की हमें संपादकीय समर्थन देने के लिए भी तैयार है। पुष्प शर्मा ने एक बार फिर आनंद से उनके लखनऊ कार्यालय में मुलाकात की, आनंद ने यहां खुलासा किया कि उन्होंने एजेंडा पर अपने मालिक ब्रजेश मिश्रा के साथ चर्चा की है और वो इसे जो अपने चैनल पर चलाने के लिए तैयार हो गए हैं। अपने मालिक का जिक्र करते हुए आनंद पुष्प को सूचित करते हैं कि “मैंने कल सब discussion कर लिया था उनसे भाई साहब से तो कह रहे थे ठीक है no problem वो ही वाली बात हमारी आपकी वाली”
पुष्प आनंद से कहते हैं कि जैसे कि आपने बताया कि आपके मालिक हमारे एजेंडा के साथ सहज हैं जवाब में आनंद कहते हैं कि “हां comfortable थे” वो आनंद कहते हैं कि “कल मैंने आपका सब सुना था.. jingles वगैरह सब बहुत जबरदस्त था” पुष्प इन्हें बतातें है कि इन्हीं की मदद से तो हम अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को खत्म करने की कोशिश करेंगे। आनंद पुष्प द्वारा दी गई जिंगल्स की तारीफ करते हुए कहते हैं कि “तरीका भी वही है तरीका यही है इसमें कोई if and but नहीं है” जब पुष्प इन्हें बतातें है कि ऐसे बहुत सारे जिंगल्स एफएम रेडियो पर चलने के लिए तैयार हैं, जवाब में आनंद पुष्प को कहते हैं कि “हां नहीं अपन का तो क्या है एकबार सब चीजें fix हो जाएंगी ठीक है तो वो तो आपका आरती है हम करा ही देंगे…लेकिन जो और जो चीज़ें आप हमें बता रहे थे ना तो वो फिर उस हिसाब से plan out करते रहेंगे… main concern तो उसी का है ना”
कुछ देर बाद आनंद के मालिक ब्रजेश मिश्रा भी इस मीटिंग में पहुंच जाते हैं। ग्राहक के रूप में पुष्प इन्हें बताते हैं कि सौदा जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और ऐसा लगता है कि वो भी हमारे एजेंडा के समर्थक हैं, मिश्रा शक की कोई गुंजाइश ही नहीं छोड़ना चाहते थे लिहाजा वो पुष्प से कहते हैं कि “अरे नहीं पूरी मदद करेंगे आपकी आप जो बोलेंगे करा देंगे ऐसी कोई बात नहीं है.. हम भी चाहते हैं चीजें ठीक रहें.. इस समय जिस तरह से चल रहा है देश ये देश को जरूरत है इस तरह से चलने की क्यों पीछे हम लोग 15-20 सालों से देख रहे थे कि देश और प्रदेश दोनों बहुत ढीला और अनियंत्रित और बिखरा हुआ चल रहा था बिखरा हुआ सभी क्षेत्र में चाहे वो आर्थिक हो चाहे वो सामाजिक हो चाहे वो राजनीतिक हो सभी क्षेत्र में बिखरा हुआ था अब कम से कम एक विचारधारा की चीज़े चलेंगी देश में और ये रहनी चाहिए ताकि इनका जो vision है देश को क्या positive दे रहा है ये reflect होना चाहिए”
जो कुछ भी मिश्रा कह रहे हैं उससे साफ जाहिर हो रहा है कि वो एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए है,
आनंद कहते हैं कि “और तो सब बात हो ही गई है” इसके बाद आनंद के मालिक ब्रजेश मिश्रा पुष्प को कहते है कि “अच्छा लगा आपसे मिल के … और इसके लिए बहुत शुक्रिया” यहां एक ग्राहक के रूप में इनसे बात कर रहे पुष्प इन्हें बताते हैं कि मैने आपके चैनेल के लिए विज्ञापन खर्च 1 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया है। आनंद कहते हैं कि “हां वो तो मैंने आपको भेज दिया”
आगे आनंद कहते है कि “आपने तो महसूस कर लिया बहुत अच्छा लगा आपसे मिलके” पुष्प इनसे कहते है कि बाकी की बातें मैं आपके सहयोगी से कर लूंगा। मिश्रा पुष्प से कहते है कि “हां … आप और ये जो निर्णय कर लेंगे हमें स्वीकार है सब”
जैसे ही भारत समाचार टीवी के मालिक के साथ यह मीठी और छोटी बैठक खत्म हो गई है, पुष्प आनंद से पूछते हैं कि क्या उन्होंने अपने मालिक के साथ अपने हिंदुत्व एजेंडा थ्रेडबेयर पर चर्चा की थी। जवाब में आनंद कहते हैं कि “बता दिया था….सब बता दिया जितना भी लिखा था…उसमें कोई गलत नहीं है” पुष्प कहते हैं कि बहुत बढ़िया तो इन्हीं गर्मियों से आप हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने का प्रयास शुरू कर दो। इस पर आनंद कहते हैं कि “हां वो भी jingle वगैरह सब सुना दिए आपके… हां” अब पुष्प आनंद से पूछते हैं कि क्या आपने उनसे पेमेंट को लेकर चर्चा की थी, 60 फीसदी कैश औऱ बाकी 40 फीसदी चैक। क्योंकि हम लोग आपसे सिर्फ उसी राशी का बिल लेंगे जो हम आपको एक नंबर यानी चैक की मदद से देंगे। पुष्प के इस सवाल पर आनंद कहते हैं कि “हां…वो निश्चिंत रहिए” आगे पुष्प पूछते हैं कि अब बताइए कि पैसा कहां देना होगा। मेरा बंदा आपको पैसा दे जाएगा। आनंद कहते है कि “वो कोई दिक्कत नहीं है”
अगले ही पल आनंद एक और खुलासा करते हुए कहते हैं कि “हम इन सब मामले में बहुत सक्षम हैं बहुत इलेक्शन निकाल दिए” अब हम जानते हैं कि टीम भारत समाचार एक पुराना हाथ है और व्यापार की सभी चाल अच्छी तरह से जानता है। इससे पहले कि इनके साथ ये मुलाकात खत्म हो जाती ये पुष्प के सामने एक और कबूलनामा बताते हैं “आप अगर ETV में भी बात करेंगे तो वो भी कहेंगे वो ही एक आदमी था बस”
यहीं पर आनंद के साथ पुष्प की मीटिंग खत्म हो जाती है। लेकिन आनंद और ब्रजेश के साथ बातचीत में ये साफ हो चुका था कि देश में इस वक्त बिकाऊ मीडिया(paid news) का कारोबार कितने बड़े पैमाने पर चल रहा है। पैसा कमाने के लिए मीडिया हाउसेस पत्रकारिता के पेशे के साथ भी खुली गद्दारी कर रहे हैं।
BIG FM
शालिनी, नेशनल बिजनेस डायरेक्टर और ध्रुति वाकिल, बिजनेस पार्टनर, बिग FM, मुंबई; प्रवीन मलहोत्रा, चीफ बिजनेस ऑफिसर और अमित चौधरी, सीनियर बिजनेस पार्टनर (रिटेल एंड दिल्ली गवर्नमेंट), भारत भूषण (सेल्स बिजनेस पार्टनर), बिग FM, दिल्ली; विकास सिंह, सीनियर सेल्स मैनेजर, बिग FM, हैदराबाद, अल्स्टन ग्लेन सेकीरा, सीनियर सेल्स एकाउंट मैनेजर, बिग FM, मंगलौर, गौरव मलिक, एकाउंट मैनेजर सेल्स, बिग FM, चंडीगढ़
भारत में FM प्रसारण 50 साल पहले 1977 में चेन्नई से शुरू हुआ था। अब बड़े शहर जैसे अहमदाबाद, बैंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पुणे और सूरत में 72 FM रेडियो स्टेशनों के साथ ये अपने आप में एक उद्योग बन चुका है। साल 2019 में FM रेडियो इंडस्ट्री की कीमत 33,390 करोड़ रुपये आंकी जा रही है और अंदाजा है कि अगले 5 साल में FM रेडियो की पहुंच देश के 200 शहरों में होगी। FM रेडियो की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की 64 फीसदी आबादी FM रेडियो सुनती है।
अब सवाल ये है कि जब प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने खुद को एक खास एजेंडा संचालित करने के लिए…उपकरण बनने की अनुमति दे दी तो क्या रेडियो इस काम में अछूता है।
पत्रकार पुष्प को ये जानने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी कि अन्य मीडिया प्लेटफार्मों की तरह ही FM रेडियो कंपनियां भी उनके दुर्भावनापूर्ण एजेंडा पर काम करने के लिए उत्सुक थीं। ऐसी ही एक FM radio कंपनी है 92.7 Big FM. जो ‘सुनो सुनाओ लाइफ बनाओ’ की tagline के साथ करोडों दिलों पर राज कर रही है। 92.7 Big FM का संचालन अनिल अंबानी का Reliance Broadcast Network करता है। ये FM रेडियो स्टेशन 45 शहरों को कवर करता है और लगभग 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी का इन्हीं के पास है। पिछले साल, ज़ी मीडिया कंपनी में 49 प्रतिशत शेयर खरीदे थे। अपने हिस्सेदार ज़ी मीडिया की तरह Big FM के ,अधिकारी भी बीजेपी के लिए पूरी वफादारी निभाते हैं। जैसे की Big FM, दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि “वैसे भी रिलायंस बीजेपी का supporter ही है”।
पुष्प शर्मा ने National Business Director शालिनी और उनके सहयोगी ध्रुति वाकिल से उनके मुंबई कार्यालय में मुलाकात की। पुष्प इन्हें अपना एजेंडा बताते हुए कहते हैं कि हमारे लिए चुनाव में जीतना और सत्ता में रहना जरूरी है लिहाजा वो हमारे राजनितिक प्रतिद्वंदियों को उनके बिगड़े हुए नामों का सहारा लेकर उनकी छवि खराब करें। हमारे खास प्रतिद्वंदी कांग्रेस, बसपा और सपा के बड़े नेता होंगे। पुष्प इनसे कहते है कि हम आपको व्यापार को बढ़ाने में मदद करेंगे लेकिन बदले में आपको अपने रेडियो स्टोशन पर हमारा एजेंडा चलाना होगा। बिना पलक झपके शालिनी कहती हैं “ठीक है, and when are we gonna start this,”(तो हमें ये कब से शुरू करना होगा)”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि वह अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ चर्चा करने के बाद उसके पास वापस आ जाएँगे। शालिनी जानना चाहती थी कि उनका ग्राहक एख दिन में कितने विज्ञापन चलवाना चाहते हैं। वो कहती हैं “मैं आपको ना एक अच्छा सा package बना के देती हूं” पुष्प कहते हैं कि आपके रेडियो जॉकी समेत आपकी टीम से हमें सबसे ज्यादा जरूरत है कि वो हमारे एजेंडे से भावनात्मक रूप से जुड़े इस एजेंडा पर कैसे काम कर सकती हैं इसके लिए शालिनी थोड़ा वक्त लेती हैं। “Give me some time पहले let me find out feasibility of these kinds of ads क्या होता है क्या नहीं … give me a day’s time. Dhruti will work on the proposal” (मुझे थोड़ा समय दो पहले मैं इस तरह के विज्ञापनों की व्यवहार्यता का पता कर लूं…क्या होता है क्या नहीं, मुझे एक दिन का समय दो, ध्रुति आपके प्रपोजल पर काम करेगी)
आगे पुष्प इन्हें बताते हैं कि देखिए हमारे अभियान का पहला चरण सॉफ्ट हिंदूत्व का रहेगा, दूसरा चरण semi-political रहेगा और तीसरे चरण में जब हमारे विरोधी minority card वगैरह खेलेंगे तो हम भी अपने राजनीतिक फायदों के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करेंगे। लिहाजा पहले चरण में हम सिर्फ भगवान कृष्ण और श्रीमद भगवत गीता के उपदेश चलाएंगे। इसी बीच शालिनी पूछती हैं कि “ये creative आप बना के दोगे”
पुष्प इन्हें नागपुर के कुछ सहयोगियों के नाम बताते हैं जो इस काम को करेंगे इसपर शालिनी कहती हैं कि हमारी टीम भी ऐसा कर सकती है “हां आप हमें brief दे दीजिए हम बना देंगे”
पुष्प कहते हैं कि हम Big FM के साथ वो लंबा चलना चाहते हैं तो आप ये सुनिश्चित कर लीजिए कि ये ऑपरेशन लीक नहीं होना चाहिए। आपको इस गोपनीयता को बनाए रखना होगा। शालिनी आश्वसत कराती हैं कि “ठीक है” शुरुआती तीन महीने हम देश में एक धार्मिक माहौल बनाएंगे। दूसरे चरण में आपके हमारे कट्टर हिंदूवादी नेताओं का प्रचार करना होगा और तीसरे चरण में आपको हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे पप्पू की छवि को खराब करना होगा। शालिनी जबाव में कहती हैं कि “So sir we do something call this ‘Actor Calling Actor’. These are, you know, satire capsules [caricaturing] Farhan Akhtar and uske (his) father … So we can work on something like that.” (बिग FM पर एक लोकप्रिय स्पूफ है जिसमें पात्र बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर और उनके जाने-माने गीतकार पिता जावेद अख्तर की आवाज़ की नकल करते हैं।)
मुलाकात खत्म करने से पहले पुष्प शालिनी से पूछते हैं कि क्या उन्हें उनका एजेंडा सही तरीके के समझ आया शालिनी “Yeah” कहकर हां में जवाब देती हैं। पुष्प उनसे ये भी पूछते हैं कि क्या आपको ये एजेंडा चलाने में कोई दिक्कत तो नहीं हैं। इसपर शालिनी जवाब में कहती हैं कि “First what we will do is ठीक है Just give me some time. I will get back to you.” (पहले हम क्या करेंगे, ठीक है मुझे बस थोड़ा सा समय दो, मैं आपको बताती हूं)
इसके बाद पुष्प शालिनी से अपने एजेंडा के डिजिटल प्रमोशन के बारे में पूछते हैं जवाब में शालिनी कहती हैं कि “Digital में तो पूछना पड़ेगा You know … हम अपने page पर we normally don’t encourage that. So I have to check and come back to you” हमें ये बताने के लिए कि वो एजेंडा को अच्छी तरह समझ गई हैं शालिनी पूछती हैं “Third thing was what are very aggressive ad … campaign. So that is much later. So that can be discussed only at that point of time.”(हमारे अभियान का तीसरा और आखरी पहलू आक्रामक ad campaign होगा इस लिए हम उसके बारे में बाद में बात करेंगे) पहले चरण के लिए शालिनी एजेंडा चलाने के लिए तैयार दिखती हैं वो कहती हैं कि “So we can start immediately. This is not a problem.”(तो इसको हम अभी से शुरू कर सकते हैं इसमें कोई समस्या नहीं है ।)
राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने वाली बात पर शालिनी कहती हैं कि “So we have [to] basically write something humorous.” पत्रकार उसे बताते है कि हां आपको व्यंग्य का इस्तेमाल करके ऐसा करना है। आगे ये कहती हैं कि “Witty stuff on, you know, नेताजी ये करते हैं वो करते हैं and then they will come up with nicer thing also ( और फिर वे अच्छी चीज के साथ भी आएंगे) ,” शालिनी ये बात अच्छी तरह समझ चुकी थी कि उनकी टीम द्वारा राजनीतिक झुकाव पर content कैसे बनाया जाना चाहिए।
Big FM मुंबई टीम से मिलने के बाद, पुष्प शर्मा ने ओखला स्थित Big FM के दिल्ली कार्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने सीनियर बिजनेस पार्टनर (Retail and Delhi Govt.) अमित चौधरी और सेल्स बिजनेस पार्टनर भारत भूषण से मुलाकात की। दोनों को अपने एजेंडा के बारे नें विस्तार से समझाकर पत्रकार पुष्प इनसे पूछते है कि Big FM मंगलौर में क्या एलस्टन नाम का कोई व्यक्ति है। ये जानकर कि उनका संभावित ग्राहक पुष्प Big FM के अन्य FM रेडियो स्टेशनों पर से भी सौदा कर रहे हैं भारत भूषण पुष्प को ऑफर देते हुए कहते हैं कि “We will do it centralized for you because(हम इसे आपके लिए केंद्रीकृत करेंगे क्योंकि) अगर इतने बड़े अभियान की हम बात करें तो एक particular point of contact(संपर्क का विशेष बिंदु) आपके लिए throughout the country(देश भर में) होना चाहिए. So that who can take care of the entire (तो जो पूरी तरह से ख्याल रख सकता है) जितनी भी cities हैं क्योंकि हमारे पास तो 60 cities हैं लेकिन आपका एक point of contact (संपर्क का स्थल) होगा तो आपके लिए भी बहुत आसानी होगी।
जैसे जैसे इस सौदेबाजी पर बातचीत आगे बढती है पुष्प इन्हें बताते हैं कि एजेंडा नागपुर(RSS) से तैयार होता है। श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति को केवल अभियान के प्रायोजक के रूप में दिखाया जाना है। चौधरी पुष्प को बताते हैं कि पेमेंट एडवांस करनी होगी और साथ ही सौदे से जुड़े कुछ खास अंक भी बताते हैं। “सर देखिये हर जगह का न जो रेट है वो क्योंकि political के लिए rate और नॉर्मल के दोनों के rate में अंतर है Political rateजहां भी आपका जो भी होता है political rate थोड़ा high होता है. उसमें दो conditions होती हैं. पहला आपका जो ad है review होता है हमारे editorial department से whether we can do it or not(चाहे हम इसे कर सकें या नहीं।). दूसरा,जितना भू आप तय करेंगेजो हमारे बीच में जो भी discussion होगा final होगा, it will be in advance(यह पहले से ही होगा) चाहे वो बीजेपी हो, काँग्रेस हो कोई भी political पार्टी का होता है वो advance होता है तीसरा की इसमें jingle हमें बनाने हैं या आपको बनाने हैं हर एक स्टेशन का अपना अलग रेट है।“
आगे चौधरी अपनी कंपनी के मालिक की वफादारी का जिक्र करते हुए कहते हैं कि “वैसे भी रिलायंस बीजेपी का ही है supporter,” इसके बाद पुष्प शर्मा की अगली मुलाकात दिल्ली के एक होटल में Big FM के Chief Business Officer प्रवीण मलहोत्रा और अमित चौधरी से होती है। आपको बता दें कि अमित चौधरी से पुष्प की ये दूसरी मुलाकात होती है। इस मुलाकात में ये दोनों की अधिकारी इस डील को लपकने के लिए तैयार हो जाते हैं। अमित चौधरी अपनी सहयोगी प्रवीण मलहोत्रा को पहले ही एजेंडा के बारे में सबकुछ बता चुके होते हैं।
अपने एजेंडा के बारे में दोबारा बताते हुए पुष्प प्रवीण से कहते हैं कि हमारे पास पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन इस डील में कहीं भी नागपुर का नाम सामने नहीं आना चाहिए। इसपर प्रवीण पुष्प को आश्वस्त करते हुए कहती हैं “No, no, that will be.”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि उसने आपके सहयोगी के साथ अपनी पिछली बैठक में सब कुछ पारदर्शिता से बता दिया था। अपने सहयोगी अमित की तरफ देखते हुए प्रवीण पूछती हैं कि “What is the kind of … have you checked with legal?( “किस प्रकार की है … क्या आपने कानूनी जांच की है)” जवाब में अमित कहते हैं कि “Yes Ma’am, they are okay.(हाँ महोदया, वे ठीक हैं)” अब अपने ग्राहक यानी पुष्प से प्रवीण पूछती हैं कि “So you would like to spend on pockets or all India?(
तो आप pockets पर या ऑल इंडिया के लिए खर्च करना चाहते हैं)” वो दोबारा पूछती हैं कि “So you are preparing for general election?(तो आप आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं?)” पुष्प कहते हैं हां इसी की तैयारी में हम इस अभियान को चला रहे हैं।
पुष्प प्रवीण से पूछते हैं कि क्या वो अपनी टीम से उनके लिए creatives बनवा सकती हैं। और इस काम के लिए पुष्प इन्हें अलग से पैसा देने को भी कहते हैं प्रवीण जवाब में कहती हैं कि “We can make it(हम इसे बना सकते हैं) अगर आपके पास कोई particular(विशेष) है …” पुष्प पूछते हैं कि क्या आप इसके लिए कोई एजेंसी किराए पर लेगें तो प्रवीण कहती है कि “Agency नहीं Sir. वो हम creative तो खुद ही बना लेंगे copywriting भी कर लेंगे”
आगे प्रवीण पूछती हैं कि “I just saw a whole speech of Modiji which he has given somewhere, where he is saying my ideology, and only picking up one shloka and saying this is my ideology(मैंने अभी मोदीजी का एक पूरा भाषण देखा है जिसे उन्होने कहीं दिया है, जिसे वह अपनी विचारधारा कह रहे हैं, और केवल एक श्लोक उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि यह मेरी विचारधारा है) … तो हम इस तरीके का बना सकते हैं” आखिरकार प्रवीण कहती हैं कि वो खुद श्रीमद् भगवत गीता से कुछ श्लोक लेकर मनचाहा creative भी बना सकती हैं।
इसपर सहमति बनने के बाद आगे प्रवीण पूछती हैं कि “Budget कितना होगा आपका.” पुष्प कहते हैं कि आपको जितना चाहिए आप उतना बताएं। यहां प्रवीण के साथ बैठे उनके सहयोगी अमित चौधरी उनसे कहते हैं कि “सर की सिर्फ शर्त है की किसी भी competition(प्रतियोगी या राजनीतिक पार्टी) के adनहीं होनी चाहिए.” प्रवीण पुष्प से पूछती हैं कि “तो किसी दूसरी political पार्टी का ad नहीं चलनी है.” पुष्प इन्हें बताते हैं कि हां हम इसे एकदम एक्सक्लूसिव रखना चाहते हैं।
चूंकि पुष्प ने इन्हें बताया है कि अभियान का मुख्य फोकस कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ है जहां इस बार चुनाव होने हैं। Big FM की ये टीम पुष्प को बताती है कि कोलकाता, आसनसोल, गुवाहाटी और असवाल समेत पूरे उत्तर और पूर्वोत्तर में उनकी मजबूत उपस्थिति है और पूरे अभियान को केवल Big FM दिल्ली से चलाया जाएगा। जब पुष्प इन्हें बताते हैं कि Big FM मैंगलोर से एक श्री एन्स्टन उनके संपर्क में हैं, प्रवीण मदद के लिए कहती हैं कि “आप ऐसा करिए न सब centralize कर दीजिये वो हमारे लिए भी सही हो जाएगा.” प्रवीण जवाब में कहते हैं कि Big FM की पूरी टीम इस centralized deal के लिए प्रस्ताव दे रही है और यहां इनकी इस उत्सुकता का कारण भी स्पष्ट है।
Sr. Sales Manager विकास सिंह ने हालांकि, पुष्प के सांप्रदायिक और अपमानजनक एजेंडा को Big FM रेडियो पर एक मंच प्रदान करने में कोई हिचक नहीं है। विकास हमें बताते हैं कि वो हमारे हिंदुत्व अभियान को अपने सर्वश्रेष्ठ RJ (Radio Jockey) शेखर बाशा को पेश करने का कार्य सौंपेंगे। जिन्होंने IRF पुरस्कार जीता है। बाशा Big FM पर एक लोकप्रिय शो सलाम तेलंगाना चलाते हैं। “[The] Only thing, he has to say [it] in a such a way that Hindutva … this has been also like Shrimad Bhagwat Prachar Samiti also has been covered … we have our own property(केवल एक चीज, उसे यह कहना है कि हिंदुत्व … यह श्रीमद् भागवत प्रचार समिति की तरह भी है उसे भी कवर किया गया है … हमारे पास अपनी संपत्ति है) तो अभी कोई association उसमें नहीं था. He only says(वह केवल कहता है) Hyderabad में ये होने वाला है… ये होने वाला… ये होने वाला तो अभी कोई association उसमें नहीं था..” पुष्प कहते हैं हां हां क्यों नहीं। अगले ही पल पुष्प इनके सामने Big Fm के लिए डेढ़ करोड़ के बजट के साथ एक शर्त रखते हैं हमारे सभी प्रतिद्वंदियों को उस पूरे स्लॉट के दौरान समय नहीं मिलना चाहिए। इस कार्यक्रम पर उनके विज्ञापनों में से कोई भी नहीं चलना चाहिए। विकास सहमति देते हुए कहते हैं कि “Got it. It will be exclusive(समझ गया। यह अनन्य होगा),”
इसपर सहमति बनने के बाद विकास जवाब में कहते हैं कि “ओके ठीक है सर” विकास बताते हैं कि वे अपने कार्यक्रम में पुष्प के एजेंडे में कैसे फिट करेंगे “हाँ इसमें हम लोग कर सकते हैं सुबह वाला तो एक spot मुझे समझ में आया की उसमें कहाँ इसको कहाँ फिट कर सकते हैं। उसके बाद और ये 10 घंटे जो peek timings हैं where exactly we can fit you also we can find out timings, not a problem for us(जहां हम आपको फिट कर सकते हैं हम भी समय निकाल सकते हैं, हमारे लिए कोई समस्या नहीं).”
पुष्प विकास से पूछते हैं कि आप अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमें क्या दे सकते हैं। पुष्प को बताया जाता है कि उनके पास Facebook और Twitter पर पेज हैं। और ये सीधे इनके मशहूर RJ (Radio Jockey) से जुड़े हैं। इसके बाद पुष्प विकास से कहते हैं कि हमारे मुख्य नेता हिंदू त्योहार जैसे- दशहरा, होली और दिवाली पर लाइव कार्यक्रम करेंगे ऐसे में आपको अपने मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन कार्यक्रमों को चलाना होगा। इसका जवाब भी विकास “ठीक है” बोलकर दे देते हैं।
पुष्प का अगला पड़ाव था Big FM का मंगलौर ऑफिस यहां इनकी मुलाकात होती है Sales Account Manager अल्स्टन ग्लेन सेकीरा से। मीटिंग की शुरुआत में ही पुष्प इन्हें अपना एजेंडा स्पष्ट कर देते हैं। अभियान का पहला चरण हिंदुत्व का प्रचार, दूसरे चरण में राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना। बीच में ही अल्स्टन ‘हां’ और ‘जी हां’ बोलकर पुष्प की बातों का समर्थन करते हैं। पुष्प इनसे अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को झुकाने के कुछ नए तरीकों के बारे में पूछते हैं और बताते हैं कि हमारा उद्देश्य इस अभियान से राजनीतिक लाभ उठाना है। जवाब में अल्स्टन पुष्प को कहते हैं कि “See means अभी क्या है की अजेंडा आपका बहुत क्लियर है . We will have to highlight the positive points(हमें सकारात्मक पॉइंट को हाइलाइट करना होगा). It can be close(यह करीब हो सकता है) FCT हो सकते हैं, RJ mention हो सकते है या हम जाकर.”
पुष्प कहते हैं कि आप उनपर राजनीतिक व्यंगय का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते। जवाब में अल्स्टन कहते हैं कि “हाँ ऐसा something purely. We will only talk about positive, for example, (हम केवल सकारात्मक के बारे में बात करेंगे, उदाहरण के लिए,) spots जैसे हमारे मोदी जी का जैसे how their marketing strategy went, positive impact, positive impact wahi is mein. We will have to talk about positive for example let’s take Mangalore(उनकी मार्केटिंग रणनीति कैसे हुई, सकारात्मक प्रभाव, सकारात्मक प्रभाव वही इस में। हमें सकारात्मक के बारे में बात करनी होगी उदाहरण के लिए मैंगलोर लेते हैं।).अभी मैंगलोर में क्या अच्छा.” आगे अल्स्टन समझाते हैं कि “What all good things they have been done(वे क्या अच्छी चीजें कर चुके हैं) …सिर्फ वो पॉइंट लेकर localize करके वो पॉइंट में FCT run होना है fix commercial spot (वाणिज्यिक स्थान तय करें)वो 20 सेकंड हो सकते हैं it can be 30 second(यह 30 सेकंड हो सकता है) वो कर सकते हैं.”
आगे पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो Big FM का पूरा time slot खरीदना चाहते हैं ताकि इस रेडियो स्टेशन पर इनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी अपने विज्ञापन ना चला सकें। और आपको इस बात का खास ख्याल रखना है हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने की पूरी कोशिश हो। अब बताओ कि आप ये काम कैसे करेंगे। पुष्प की बात पर अल्स्टन कहते हैं कि “कर सकते हैं FCT वो spot जो रहता है,”
पुष्प इनसे फिर से पूछते हैं.. क्या आप FCT का उपयोग कर ऐसा कर सकते हैं? फिर अल्स्टन बताते हैं कि यह कैसे किया जाएगा। “वो आपको कैसे होता है। You can have the positive spot(आपके पास सकारात्मक स्थान हो सकता है). आपके सकारात्मक के बारे में आपने जो अच्छा किया है There you can go for the shoot(वहां आप शूट के लिए जा सकते हैं) करने के लिए उन्होने जो गलती किया है वहाँ पर आप highlight कर सकते हो so your spots throughout the day can have multiple(तो पूरे दिन आपके स्पॉट एकाधिक हो सकते हैं) वो काम हमारा है हमको content देना है, हमको production करके करना है”
पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या आपने ऐसा पहले भी किया है। ये बताते हैं कि हां इन्होंने पहले भी ऐसा किया है। अल्स्टन बताते हैं कि वो पुष्प के एजेंडे को उछाल देंगे और उठाएंगे। मंगलौर के एक नेता रामनाथ राय का उदाहरण लेकर अल्स्टन कहते हैं कि पिछले चुनाव में उन्होंने ऐसा किया था। “तो हमने कैसे package किया था? We did FCT spots throughout from morning (हमने सुबह भर एफसीटी स्पॉट किया था). Ramanatha Rai, Ramanatha Rai CM is coming Ramanatha Rai.”
पुष्प पूछते हैं कि तो इसका मतलब आप हमारे एजेंडा को हवा देंगे जवाब में अल्स्टन कहते हैं कि वे हमारे एजेंडे के आसपास प्रचार बनाकर ऐसा करेंगे “Yes, just hyping Ramantha Rai. It’s like that(हाँ, बस Ramantha Rai का प्रचार। यह उस तरह से). Same यहाँ करेंगे ये प्लान जैसा लगेगा अगर प्लान… we will do it as a plan(हम इसे एक योजना के रूप में करेंगे)”.
आगे सीनियर सेल्स एकाउंट मैनेजर अल्स्टन ग्लेन सेकीरा बताते हैं कि वो हमारे एजेंडा के लिए RJ का इस्तेमाल कैसे करेंगे। ये बताते हैं कि “So what we can have one is commercial time that is just the spot which keep going throughout the day. We can have RJ mentions.( तो हम क्या कर सकते हैं एक वाणिज्यिक समय है जो सिर्फ वह जगह है जो पूरे दिन चलती रहती है। हम RJ का उल्लेख कर सकते हैं।) RJ mentions means RJजब बात करता है सड़क पे कुछ मैं उस तरफ से जा रहा था सड़क बहुत खराब हो रहा था जैसे मैं हमारे मिनिस्टर आप लोगों में से किसी ने बोला हम तो आकर मदद करके ये सब किया। That will be paid RJ mentions. So RJ exclusively.( तो ये पेड RJ mention होगा। विशेष रूप से RJ)”
पुष्प कहते हैं कि अगर मंत्री ने ऐसा किया भी है तो इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है। अल्स्टन कहते हैं कि “वो हमको नहीं जैसे आप फोन किए कौन किसने शुरू किया था इनकी वजह से यह हुआ था। So these all things will be highlighted and RJ will mention about it.(तो इन सभी चीजों को हाइलाइट किया जाएगा और आरजे इसके बारे में उल्लेख करेंगे।)”
Big FM पर चलने वाले RJ mentions को कोई नेता भी खरीद सकता है। इस तरह Big FM अपने फायदे के लिए श्रोताओं को भटका रहा है।
इससे पहले की ये मुलाकात खत्म होती पुष्प उन्हें बताते हैं कि उनका अभियान अपने रेडियो स्टेशन पर आक्रामक रूप से चलाया जाना चाहिए। इसी बीच अल्स्टन कहते हैं कि “आइडिया बहुत सारे हैं सर आपको आइडिया देने के लिए बहुत सारे हैं I have lot of like (मेरे पास बहुत सारे हैं) वो बोलते हैं ने मेरा पूरा रेडियो जितना साल में रखा था आइडिया सब देने के लिए। Road block जैसा बोलते हैं road block कुछ नहीं सुबह से शाम सिर्फ आपका नाम चलता रहेगा सर … RJ शुरू करेगा आपके नाम से खत्म करेगा पूरे दिन”
Big FM चंडीगढ़ में एकाउंट मैनेजर(सेल्स) के पद पर कार्यरत गौरव मलिक ने भी पुष्प शर्मा का गर्मजोशी से स्वागत किया जब उन्होंने उनका प्रस्ताव सुना। चूंकि एजेंडा पर उनकी चर्चा सुचारू रूप से चलती है, मलिक जानना चाहते हैं “हिन्दुत्व का अजेंडा जो पहले तीन महीने रहेगा.” पुष्प कहते हैं कि हां आप सही समझे। आगे पुष्प इनसे बताते हैं कि उसके बाद एजेंडा राजनीतिक परिदृश्य के ध्रुवीकरण के लिए आगे बढ़ेगा यह ध्रुवीकरण हमें पंजाब में हिंदू वोटों को हमारे लाभ के लिए मजबूत करने में मदद करेगा। अब, मुझे बताएं कि आपके पास डिजिटल पर कुछ प्रस्ताव है। आगे गौरव मलिक कहते हैं कि “डिजिटल करते हैं हम … आप एक बार लिखवा दीजिये क्या कर सकते हैं क्या नहीं कर सकते वो एक बार फिर देख लेंगे”
अब पुष्प इनसे कहते हैं कि उमा भारती, विनय कटियार और कल्याण सिंह जैसे नेता हैं और जब लोग उन्हें देखते हैं तो हमारा हिंदुत्व एजेंडा जीवित रहता है तो, यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी आप इनके भाषणों को बढ़ावा दें। यह हमारे हिंदुत्व एजेंडा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। जवाब में गौरव कहते हैं “नहीं-नहीं, I understand.(मैं समझता हूँ)देख लेते हैं सर एक बार कोशिश कर के डिजिटल का देख लेंगे की क्या करना है डिजिटल में बहुत क्रिटिकल हो जाता है।”
मलिक ने हिंदुत्व के डिजिटल प्रचार पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे का डिजिटल प्रचार के लिए करने से लोग गाली-गलौच पर उतार आते हैं “It has to be very modest….. we can’t write anything which is controversial.”(यह बहुत साधारण होना चाहिए ….. हम कुछ भी लिख नहीं सकते जो विवादास्पद है)
पुष्प कहते हैं कि इसका मतलब हम सिर्फ एफसीटी पर ही ऐसा कर सकते हैं इसपर मलिक सहमति जताते हुए कहते हैं कि “Yeah primarily because(हाँ मुख्य रूप से क्योंकि) FCT में what I’ll tell you …” (मैं आपको क्या बताऊंगा)
फिर पुष्प कहते हैं कि हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे पप्पू और बहनजी को झुकाने में आपका क्या योगदान रहेगा। मलिक इन्हें सुझाव देते हैं कि इसे सही तरीके से किया जा सकता है। “And it has to be(और यह होना है) उसको एक that humor angle can be there.”( वह हास्य की तरह वहां हो सकता है) पुष्प इन्हें फिर बताते हैं कि आपको कांग्रेस, बसपा, सपा और जेडी जैसे हमारे सभी प्रतिद्वंदियों को झुकाना है। बातचीत में ये सभी समझौते तय होने के बाद दोनों लोगों के बीच शुरूआती तीन महीनों के test and trial phase लिए समहति बन जाती है। मलिक पुष्प से कहते हैं कि “मैं एक बार आपको न एक बार उनके साथ बैठते हैं और ये बनवा के देते हैं जो doubt होंगे we will make them speak to you.( हम उन्हें आपसे बात करेंगे)”
मलिक ने पुष्प को बताया कि Big FM एक बेहतर कवरेज देता है क्योंकि उनके स्टेशन जलंधर, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना और शिमला में भी हैं। और इसी के साथ ये मुलाकात यही खत्म हो जाती है।
ABP
गौतम दत्ता, ईस्ट ज़ोन मार्केटिंग हेड और अनिल नायर, मैनेजर (मेजर एकाउंट्स एड सेल्स), कोलकाता; राकेश कुमार, नेशनल हेड (एड सेल्स), एबीपी न्यूज़, नोएडा, उत्तरप्रेदश, वेंकटेश्वरन वी, (रेवेन्यू हेड), डिजिटल बिजनेस, एबीपी न्यूज़, नोएडा
एबीपी न्यूज़ का स्वामित्व एबीपी ग्रुप कर रहा है, प्रकाशन में ये ग्रुप शतक से महज़ तीन साल दूर है, तीन साल बाद ये ग्रुप प्रकाशन में अपने 100 साल पूरे कर लेगा। आनंदबाजार पत्रिका एबीपी ग्रुप का फ्लैगशिप है। बंगाली भाषा में एबीपी ग्रुप का दैनिक कोलकाता, नई दिल्ली, मुंबई और सिल्चर से एक साथ प्रकाशित होता है। Audit bureau of circulation यानी ABC के मुताबिक एबीपी ग्रुप के दैनिक का हर रोज़ 1.1 मिलियन कॉपियों का सर्कुलेशन है। आनंदबाजार पत्रिका के अलावा, ये ग्रुप टेलीग्राफ भी प्रकाशित करता है। जुलाई 1982 में स्थापित ये अंग्रेजी अखबार कोलकाता, दक्षिण बंगाल, उत्तर बंगाल, पूर्वोत्तर संस्करण (गुवाहाटी विभाजन), झारखंड, पटना और भुवनेश्वर के लिए अलग-अलग संस्करण प्रकाशित करता है। टेलीग्राफ की हर रोज़ 466,001 प्रतियां बेची जाती हैं, इसमें कोई संदेह नहीं कि टेलीग्राफ अखबार अंग्रेजी में पांचवां सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार है।
साल 1998 में स्टार इंडिया के साथ मिलकर एबीपी ग्रुप ने एक द्विभाषी शुरू किया था। जब सरकार ने भारतीय मीडिया में विदेशी निवेश को 26 प्रतिशत कर दिया था स्टार इंडिया ने एबीपी के साथ एक साझा उद्यम की शुरुआत की। हालांकि, 2012 में, स्टार इंडिया भारत में समाचार व्यापार से बाहर निकल गया और विभाजन के बाद हिंदी स्टार न्यूज एबीपी के अधीन आया और इस प्रकार इसे एबीपी न्यूज़ का नाम दिया गया। स्टार के बंगाली और मराठी न्यूज़ चैनल एबीपी के ही हिस्से में आ गए। जिसके बाद इन्हें नाम दिया गया एबीपी आनंदा और एबीपी माझा। इसके बाद एबीपी ग्रुप ने अपना एबीपी सांझा के नाम से पंजाबी और एबीपी अस्मिता नाम से एक गुजराती न्यूज़ चैनल भी शुरू किया।
एबीपी न्यूज़ के कोलकाता ऑफिस में पुष्प शर्मा की मुलाकात ईस्ट ज़ोन मार्केटिंग हेड दत्ता से हुई। जैसे ही पुष्प ने दत्ता को अपना एजेंडा बताना शुरू किया। इस मीटिंग में दत्ता के साथ एबीपी के मध्यप्रदेश और झारखंड के मार्केटिंग हेड अनिल नायर भी थे। इनके साथ एजेंडा पर बातचीत में पुष्प इन्हें बताते हैं कि चुनाव के दौरान उन्हें एबीपी न्यूज़ पर होने वाले पैनल डिस्कशन में उन्हें आक्रामक रहना है। इसपर दत्ता कहते हैं “अभी तो नहीं बाद में बात करेंगे वो अभी से कैसे आपको बता सकते हैं” लेकिन दत्ता के सहयोगी नायर पूछते हैं कि “इलेक्शन के वक्त क्या चाहते हैं आप”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि आपको हमारे हिंदुत्व के एंजेडा को ध्यान में रखकर अभियान चलाना है इसपर नायर पुष्प को आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “ये सब उस time हो जाएगा… उस time की बात है वो कर लेंगे” एजेंडा चलाने के लिए एबीपी के ये अधिकारी तैयार थे इसके बाद पुष्प इनसे पूछते हैं कि इस अभियान को चलाने के लिए वो क्या कीमत लेंगे, नायर बताते हैं कि “उसमें सर आपको सीधे तीन हजार रुपये के आस-पास आएगा per ten seconds” पुष्प जब इनसे पूछते हैं कि क्या चुनाव के दौरान रकम बढ़ जाएगी तो नायर कहते हैं कि “देखो इलेक्शन के time पर अगर आप political चलाना चाहते हो तो उसका अलग rate है”
पुष्प कहते हैं कि हम आपके चैनल के साथ एक पारस्परिक समझ के तहत समझौता करना चाहता हैं ताकि चुनाव के दौरान चैनल पर होने वाले पैनल डिस्कशन में आप हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को बर्बाद करने में मदद करें। हालांकि नायर रेट कार्ड को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग दिखे ऐसे में पुष्प इन्हें सहज करते हुए कहते हैं कि हम जानते हैं कि अगर चुनाव में आपके चैनल पर रेट कार्ड अलग होंगे मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मेरा एजेंडा चलना चाहिए बस। इसके बाद नायर आश्वसान देते हुए कहते हैं कि “वो मैं करवा दूंगा सर.. वो मैं करवा दूंगा बेफिक्र रहिए..हम लोग चलाते रहते हैं छत्तीसगढ़ में क्योंकि बॉस को भी ये idea नहीं होता कि हम लोग वहां से कैसे convert करते हैं… कमी क्या है simply हमें ही करना है जो rate है लेकिन हमने चलाना है उसको हमने उसको एक अलग तरीके से निकाल के..तोड़ हर चीज़ का होता है”
पुष्प कहते हैं हां मैं जानता हूं, इस तरह के असाइनमेंट करते समय उनकी टीम के उत्साह की सराहना करते हुए पुष्प नायर को बताते हैं कि यही हम चाहते हैं। नायर मीडिया अभियान को चलाने के लिए तैयार हो जाते हैं अब सुनिए नायर यहां क्या कहते हैं “Sir वो all depends upon the standing power …आप कितना standing कर रहे हैं उसके सामने उसमें वो चीज़ें चलती जाती हैं अब support की आपने मुझे ये बोला कि नौ बजकर 10 मिनट पर मुझे ये चीज़ चाहिए… you will get that but you will have to pay extra (वो आपको मिल जाएगा लेकिन आपको इसके लिए ज्यादा कीमत देनी होगी)” इसके बाद वो दोबारा पुष्प को बताते हैं कि यदि आप ब्रेक के बाद अपना विज्ञापन चलाना चाहते हैं, तो आपसे अधिक premium लिया जाएगा “अब आपने बोला कि जैसे ही पहला break आएगा जैसे break हुआ मेरा पहला चलना चाहिए उसका premium बढ़ जाएगा”
समाचार पत्रों को उनके पृष्ठ के अनुसार कैसे चार्ज किया जाता है इसका उदाहरण देते हुए नायर बताते हैं कि “जैसे पेपरों में होता है front page premium pages होते हैं वो बिल्कुल वैसा ही होता है… everything is possible”
अब पुष्प नायर को अपने अभियान के अंतिम चरण के बारे में बताना शुरू करते हैं, पुष्प नायर को बताते है कि जैसे ही चुनाव नज़दीक आएंगे हम 2-3 महीने पहले ही हम अपने एजेंडा को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ उग्र तरीके से चलाएंगे जैसे कि हमारे विरोध किसानों जैसे मुद्दे उठाकर हमें नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, तो ऐसे में हमारा आपके साथ एक साझा तालमेल होना चाहिए कि ऐसे में एबीपी न्यूज़ हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ investigative और document-based stories चलाए। इससे हमें बड़ा फायदा हो सकता है। अपने ग्राहक की जरूरतों को समझते हुए नायर आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “हां सर, वो सब हो जाता है सर लेकिन क्या है कि specifically आप पहले बोल के चलिएगा कि ये चीज़ चाहिए तो सब मना कर देगा… होने के बाद everything is possible”
पुष्प कहते हैं कि चलो AFP (advertiser-funded programming) से शुरू करते हैं इससे हम आगे एक अच्छा समझौता कर सकते हैं। नायर पुष्प से उनका बजट जानने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि “Understanding… पहले आप ये बताइए कि उनका बजट कितना है मुझे मालूम पड़े उसके हिसाब से मैं आपको guide कर दूंगा” पुष्प बताते हैं कि एबीपी न्यूज़ के लिए उनका 10 करोड़ का बजट है लेकिन वो इसे बढ़ा भी सकते हैं और चुनाव के दौरान वो अलग से और बजट निर्धारित करेंगे। लेकिन यहां पुष्प नायर को बताते हैं कि हमें आपके साथ एक समझौता करना होगा क्योंकि हमारे आश्रम के पास जो पैसा है वो donation का है लिहाजा हम payment cash में करेंगे। नायर को काला धन को cash के रूप में लेने में की परेशानी नहीं थी वो पुष्प को आश्वासन देते हैं कि “वो मैं करवा दूंगा”
पुष्प शर्मा की अनिल राय से एक और मुलाकात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होती है। यहां पुष्प इन्हें बताते हैं कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ investigative stories लाने के लिए कुछ खोजी पत्रकार तैनात करें और इसके लिए वो अलग से पैसे देने को भी तैयार हैं इसपर नायर कहते हैं कि “हो जाएगा सर लेकिन अभी ध्यान रखिएगा धीरे-धीरे start होंगी चीजें…एकदम attack नहीं होगा.. धीरे-धीरे” इन सब बातों के जरिए नायर को एक बार फिर पुष्प के एजेंडा पर सहमत होते देखा गया।
हम अच्छी तरह से जानते थे कि अनिल नायर बहुत बड़ा नाम नहीं है, हालांकि कम महत्वपूर्ण नहीं है इसलिए पुष्प ने एबीपी न्यूज़ में निर्णय लेने वाले और उच्च अधिकारियों से मुलाकात कराने की बात कही। इसके बाद पुष्प की नायर से अगली मुलाकात दिल्ली में थी जहां वो नेशनल मार्केटिंग हैड राकेश कुमार के साथ थे। नायर ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को पुष्प के एजेंडा के बारे में पहले ही बता दिया था, ये भी बताया था कि एजेंडा का प्रमुख अंश हिंदुत्व है। पुष्प ने कहा कि वो चाहते हैं कि संघ के प्रमुख मोहन भागवत जहां भी जाएं एबीपी न्यूज़ पर उनकी कवरेज की जाए। हास्यास्पद बात ये है कि राकेश पूछते हैं कि क्या उन्हें बिना किसी कारण के, घटनाक्रम की कवरेज देने में कमी है। आप भी देखिए राकेश ने क्या कहा “हम तो करते ही रहते हैं नहीं करते हैं कम है क्या… ऐसा लग रहा है कि कमी लग रही है आपको…एबीपी को चाहिए तभी तो support भी कर रहा है क्योंकि… you are so … actually तो अगर कम है तो बताएं” पुष्प कहते है कि नहीं ये सही है, आप देखते हैं कि ऐसी चीजें हैं जो काले और सफेद रंग में रखी जाएंगी और बाकी के लिए हमें व्यापक समझ पर पहुंचना होगा।
राकेश अपने ग्राहक यानी की पुष्प से खुलकर बात करने के लिए कहते हैं “सर आप हमें खुल के बोलें.. मैं आपसे खुल के बात कर रहा हूं.. without any hiccup inside… trust me… and जो भी बातें होंगे वो इसी बंद कमरे की बातें हो रही हैं”
पुष्प राकेश से कहते हैं कि उनके आश्रम को मोटा donation मिलता है लिहाजा वो चाहते हैं कि वो पैमेंट कैश में करें..और इसके अलावा हमारा हिंदुत्व का एजेंडा का खास ध्यान रखा जाए लेकिन समस्या ये है कि एबीपी न्यूज़ अक्सर हमारी विचारधारा को चोट पहुंचाता है। पुष्प की बात से चौंकन्ने होकर राकेश उनसे पूछते हैं कि ऐसी कोई घटना जो आपके ज़हन में हो। इस मुद्दे को चतुराई से देखते हुए, पुष्प कहते हैं कि पैनल चर्चाएं होती हैं, अगर आप हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को नीचा दिखाते हैं तो ये हमारे लिए बेहतर होगा। आप देखते हैं, ऐसी चर्चा मतदाताओं के बीच एक धारणा बनाने में मदद करती है। राकेश दोबारा जानने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि “इसकी कोई भी घटना जो कि हमारे चैनल से मीडिया से आपको याद हो कोई जो देखा हो अगर” पुष्प राजेश को बताते हैं कि अभिसार शर्मा और नेहा पंत जैसे आपके एंकर अक्सर अपने कार्यक्रम में हमारे खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हैं अगर आप इस संबंध में हमारी सहायता करने के लिए कुछ ध्यान देते हैं तो ये बेहतर होगा। राकेश कहते हैं कि “फिलहाल हमारे जो दो व्यक्तियों के नाम बता रहे हैं ये दो आपके ज़हन में आ रहे हैं जो मतलब कहीं न कहीं पे…” पुष्प कहते हैं बिल्कुल, आप मेरी बात समझ गए वो हमारे खिलाफ डटकर खड़े होते हैं चलो मुद्दे को ज्यादा detail में नहीं लेते पुष्प ये कहकर अपनी बात को आगे बढ़ाते हैं। आपको याद है नीमच में पुलिस ने जो गोलीबारी की थी, कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारी सरकारें अनजाने में ऐसी गलतियों करती हैं और चीजें नियंत्रण से बाहर होती हैं और फिर हमारे प्रतिद्वंदियों को हमेशा ऐसी घटनाओं से राजनीति करने का मौका मिल जाता है। पुष्प राकेश से पूछते हैं कि हमें बताएं कि आप इस तरह की घटनाओं को अपने चैनल पर कम रखने में हमें कैसे समर्थन कर सकते हैं। राकेश कहते हैं कि “तभी मैं आपसे पूछा”। राकेश पूरी तरह इस बात को समझ चुके थे कि पुष्प उनसे क्या चाहते हैं। जैसे जैसे बातचीत आगे बढ़ी राकेश ने सहयोगी नायर ने उन्हें बताया कि “मैंने आपको प्रपोजल(proposal) भेजा था सर चार चीज़ें थीं बस ये चीज़ें और कुछ नहीं”
राकेश पुष्प से जानना चाहते हैं कि उनके मीडिया अभियान का focus area कहां होगा, राकेश पूछते हैं कि “इसके अंदर में कहीं न कहीं हमारा focus area छ्त्तीसगढ़ और ओडिशा है या पूरे हिंदुस्तान के जो भी चीजें होती हैं”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो जानते हैं कि एबीपी न्यूज़ की पहुंच दूर तक है आपके सहयोगी नायर से पैसे और रेट कार्ड को लेकर हमारी पहले ही चर्चा हो चुकी है और अगर बजट बढ़ता भी है तो इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि आपकी जांच दल हमारे प्रतिद्वंदियों के खिलाफ आक्रामक कहानियां भी करेगा। अगर आपकी टीम investigative stories लाती है तो यह निश्चित रूप से हमारी सहायता करेगी। तो, आइए पहले तीन महीनों के लिए AFP से शुरू करें और जैसे-जैसे हमारा रिश्ता आगे चलता है हम कुछ और भी कर सकते हैं लेकिन आपने हैदराबाद पर शासन करने वाले लोगों पर कोई तहकीकात नहीं की है! राकेश हमें बताता है कि वे यही करते हैं “अगर ध्यान से देखिए तो उनके जो सबसे बड़े मसीहा जो सरदार बने फिरते हैं फिलहाल जो MP भी हैं उनके हम बहुत कपड़े फाड़ते हैं अगर कभी आपको observe करने का मौका मिला होगा तो हम लोग जब भी बुलाते हैं उनके बहुत कपड़े फाड़ते हैं” पुष्प कहते हैं कि हां, आप जो कहते हैं वह सच है। लेकिन हमें अपनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक समर्पित टीम की जरूरत है, जहां वे निवेश कर रहे हैं। उन नेताओं ने सरकारी योजनाओं से धन की चोरी करके सफलता हासिल की है। आप RTI के माध्यम से बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मेरा मतलब है कि आप पश्चिम बंगाल के लिए भी एक टीम तैनात कर सकते हैं।
पुष्प की बात पर सहमति जताते हुए राकेश इन शब्दों में लालू यादव को समझते हैं “अब देखिए करने को तो कुछ चीजों को लालू प्रसाद यादव ने काफी ज्यादा highlight किया एक interesting सी चीज बताऊं आपको तो लालू प्रसाद यादव when he became Chief Minister …” पुष्प कहते हैं कि हां हम जानते हैं कि मीडिया ने उनके आस-पास धारणा कैसे बनाई और IB से कुछ मदद के साथ वह किया गया था। राजेश कहते हैं कि “तभी मैंने आपसे बोला कि देखिए जहां तक मैं इस कंपनी को समझ पाया हूं कि this company actually carry huge journalistic values and I exactly precisely I told you(इस कंपनी में वास्तव में विशाल पत्रकारिता के मूल्य हैं और मैं बिल्कुल ठीक कहता हूं) कहीं न कहीं we are in proper divisions उस division का क्या काम है उनको अच्छी तरह से पता है”
एबीपी न्यूज़ के इन अधिकारियों से बातचीत के बाद कोई संदेश नहीं है कि ये कैसे इस मौके को कैश करने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे थे।
इन लोगों से बातचीत खत्म होने के बाद, एबीपी न्यूज़ के मार्केटिंग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली के होटल में पुष्प शर्मा से मुलाकात की, जहां रेवेन्यू हेड (डिजिटल बिजनेस) वेंकटेश्वरन वी के साथ उनके वरिष्ठ और एबीपी न्यूज नोएडा कार्यालय के एक सहयोगी भी थे। चूंकि दोनों पार्टियां बिजनेस पर चर्चा करने के लिए बैठ जाती हैं, उनके बॉस पूछते हैं “What is the message that you are thinking about(संदेश क्या है जिसके बारे में आप सोच रहे हैं) … आप message मतलब when do you … you are talking about(आप इस बारे में बात कर रहे हैं) … so just explain to me the thinking.(तो बस मुझे समझाओ)” ये इनके बॉस ही है जो वेंकी के रूप में वेंकटेश्वर को पुष्प से मिलवाते है। पुष्प इन्हें बताते हैं कि मेरा एजेंडा हिंदुत्व का प्रचार है, पुष्प उन्हें भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से बताते हैं कि हम राजनीतिक लाभ के लिए अपने दर्शकों के बीच हिंदुत्व के बारे में सकारात्मक माहौल बनाना चाहते हैं और फिर हम अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को लक्षित(target) करना चाहते हैं। ये आगामी चुनाव आने के लिए संगठन की राजनीतिक रणनीति है। इसके बॉस पुष्प की बात को समझते हुए वेंकटेश्वर से अपने ग्राहक यानी पुष्प की मदद करने के लिए कहते हैं: “ये हमारा एड सेल्स का बॉस है तो आप बताइये आचार्य जी को आप कैसे मदद कर सकते हैं।” पुष्प इन्हें बताते हैं कि वह एबीपी समूह के सभी प्लेटफार्मों पर अभियान लॉन्च करना चाहता है, चाहे वह एबीपी न्यूज, टेलीग्राफ या डिजिटल हो। जैसा ही चर्चा आगे बढ़ती है, वेंकी के बॉस कहते हैं “Also something else, there is a different way in which this can be done(इसके अलावा कुछ और, एक अलग तरीका है जिसमें यह किया जा सकता है).”इसके बाद वेंकी के बॉस अपने सहयोगी अपने ग्राहक के लिए एक प्रपोजल तैयार करने के लिए कहते हैं। वेंकी पुष्प को आश्वासन देते हैं कि वो प्रप्रोजल बना देगा। आगे वेंकी कहते हैं कि “एक तो articleरहेगा और दूसरा नॉर्मल advertising रहेगा social message रहेगा यहाँ पर video generation का we can make video.” ये पुष्प को बताते है कि वीडियो संचार का सबसे बेहतर तरीका का जिसे देखकर अनपढ़ आदमी भी आपका संदेश समझ सकता है। इनके बॉस अपने सहयोगी से कहते है कि वो अपने ग्राहक (पुष्प) को प्रस्ताव भेजकर ये काम शुरू करें। “… then let us just talk to Acharyaji and tell him what we can do with the videos, what you [Venky] can do with creatives. So the point is that the bunches thing you can do with the digital in the range, in terms of print, in terms of the … in terms of video, in terms of the … broadcast, for example, very powerful media. You can do all of that lets just begin the relationship.( तो आइए हम आचार्यजी से बात करें और उन्हे बताएं कि हम वीडियो के साथ क्या कर सकते हैं। आप [वेंकी] क्रिएटिव के साथ क्या कर सकते हैं। तो मुद्दा यह है कि प्रिंट के संदर्भ में, एक सीमा के अंदर में, डिजिटल के साथ आप क्या कर सकते हैं … वीडियो के संदर्भ में … प्रसारण, उदाहरण के लिए, बहुत शक्तिशाली मीडिया। आप यह सब कर सकते हैं बस रिश्ते को शुरू करते हैं।)” इस छोटी सी मुलाकात के बाद वेंकी पुष्प से दोबारा इस डील को पक्की करने के लिए मिलते हैं, और इस काम के लिए वेंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे। थोड़ी ही देर बाद वेंकी कहते हैं कि “So I just made a … hard hitting satire on PAPPU by creating a mock character against Pappu(तो मैंने अभी पप्पू के खिलाफ एक नकली चरित्र बनाकर पप्पू पर हास्य व्यंग्य के साथ प्रहार करना है).” अभियान के पहले चरण में नरम हिंदुत्व पर काम करने के लिए सहमत होने के बाद वेंकी पुष्प को बताते हैं कि वे भगवद् गीता की उपदेशों के आधार पर वीडियो, लेख और अन्य सामग्री जैसे कंटेंट बनाएंगे। पुष्प वेंकी को बताते हैं कि वे पश्चिम बंगाल और seven sister states(जो पूर्वोत्तर है) के लिए एक विशिष्ट योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वे ममता बनर्जी पर अटैक करना चाहते हैं। वेंकी इस विचार पर उछलकर कहते हैं कि “Right. So in these we can do that also(सही। तो इन में हम भी ऐसा कर सकते हैं). आप मेरे को बोलिए we want to use these particular articles or this particular video targeting Mamata ji, we will create(हम इन विशेष लेखों या इस विशेष वीडियो का उपयोग ममताजी को लक्षित करने के लिए करना चाहते हैं, हम बनाएंगे).” जब पत्रकार उन्हें टेलीग्राफ के डिजिटल संस्करण के माध्यम से बंगाली दर्शकों में अपने अभियान को लक्षित करने के लिए कहता है, वेंकी हमें सूचित करता है कि यह एक अच्छा मंच नहीं होगा। लेकिन यह मदद कर सकता है, पुष्प इन्हें बताते हैं, अगर आप पप्पू की तरह ममता पर एक caricature (कैरीकेचर) बनाते हैं। वेंकी सहमति जताते हुए कहते हैं कि “We will, we will that was my idea.” इसी तरह आप हमारे गठबंधन सहयोगियों जैसे अनुपिया पटेल और उपेंद्र कुशवाह को भी लपेट सकते हैं, ताकि वे हमारी सरकार के लिए उत्साहित न हों। फिर, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी हैं। उन्हें भी इस तरह से समेटने की जरूरत है, क्योंकि मेनका अपने बेटे के लिए मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षा रखती हैं। जैसे-जैसे पुष्प अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की इस सूची पर एक-एक करके चर्चा करते हैं, उसी तरह जवाब में वेंकी भी “हां”, “निश्चित” और “ठीक” कहकर जवाब देते हैं। पुष्प की बात सुनते ही वेंकी पूछते हैं कि क्या आपका मतलब अरुण जेटली से है? पुष्प इन्हें बताते है कि हाँ, क्यों नोटबंदी एक खराब कदम था जिसकी वजह से पार्टी की छवि खराब हुई और इनकी जेबें भर गईं। फुसफुसाते हुए वेंकी “ठीक है” कहकर जवाब देते हैं। वेंकी कहते हैं, “और यहां तक कि हम अपने लोगों को भी लक्षित कर रहे हैं जिनके पास बड़ी आकांक्षा है।” पुष्प कहते हैं कि हां बिल्कुल, ठीक समझा आपने।
जब पुष्प इनसे कहते है कि उन्हें विज्ञापन चलाने के लिए इनके प्लेटफॉर्म पर एकाधिकार चाहते हैं। ताकि एबीपी न्यूज़ के किसी भी प्लेटफार्म पर इनके प्रतिद्वंदी अपने विज्ञापन ना चला सकें। इसके लिए पुष्प 200 दिनों के लिए 100 करोड़ के बजट का भी प्रस्ताव रखते हैं। जिसमें एंजेडे का डिजिटल प्रमोशन भी शामिल है। वेंकी आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “You would be present during this time for complete fix 24 hours(आप के 24 घंटे फिक्स इस समय के दौरान उपस्थित होंगे) कोई और एड नहीं देगा”
इसके बाद पुष्प कहते है कि हमारा जितना भी कंटेट जाएगा वो सब तिंरगे के रंगों में बैकग्राउंड के साथ जाएगा। इस पर वेंकी कहते हैं कि “तो पप्पू वाली और बाकी जो satire है ये तो I can communicate ideally I would suggest editor mind से नहीं करते ये creative editorial or video के through करते हैं ” आगे वेंकी सुझाव देते हैं कि “और अगर hard hitting advertisement करेंगे तो बोल नहीं सकते की ये मज़ाक कर रहे है ” पुष्प इन्हें बताते है कि यही उन्हें नहीं करना है।
आगे पत्रकार उन्हें बताते हैं कि वो 1947 में भारत की स्वतंत्रता समेत भारत के सात महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को दर्शाने वाले सात वीडियो बनाना चाहते हैं, जैसे- भारत ने विभिन्न युद्धों को लड़ा, विरोधी मंडल आयोग आंदोलन, बाबरी मस्जिद विध्वंस और 2002 के गोधरा दंगे। इसपर अपनी सहमति जताते हुए वेंकी कहते हैं कि “So I am indicating seven videos on the history of India from 1947.” अपने इरादे को अपने ग्राहक को स्पष्ट करते हुए पत्रकार उन्हें बताता है कि इससे चुनाव परिदृश्य को ध्रुवीकरण में मदद मिलेगी। वेंकी इसका “Perfect” कहकर जवाब देते हैं। पुष्प की वेंकी के साथ कई अजीब बातों पर चर्चा हुई और इन्हें बताया गया कि ये अभियान एबीपी के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कैसे काम करेगा, लेकिन हैरत की बात ये है कि बजाए पुष्प के एजेंडे पर एतराज जताने के वेंकी उन्हें इस एजेंडे को चलाने का आश्वासन दे देते हैं। और इसी आश्वासन के साथ पुष्प इस मीटिंग को यहां खत्म कर देते हैं।
STAR INDIA
कार्तिनारायणन कृष्णराज, एड सेल्स डिपार्टमेंट, दिल्ली; सौरभ श्रीवास्तव, एड सेल्स डिपार्टमेंट, कोलकाता; आर्या चक्रवर्ती, सीएफओ, मुंबई, स्टार इंडिया
21st Century Fox की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्टार इंडिया के कई जाने-माने मनोरंजन चैनल हैं जैसे- स्टार प्लस, स्टार भारत, स्टार गोल्ड, चैनल V, स्टार वर्ल्ड, स्टार मूवीज़, स्टार उत्सव, मूवीज़ OK और हॉट स्टार। इस ग्रुप का स्टार स्पोर्ट्स नाम से खेलों के लिए एक अलग portfolio है। जो विभिन्न भारतीय भाषाओं में एक दर्जन चैनल चलाता है। हाल ही में, इस नेटवर्क ने 2018-2022 के लिए 16,347.5 करोड़ रुपये में आईपीएल मीडिया अधिकार जीते हैं। स्टार इंडिया लॉन्च करने के लिए भी जाना जाता है। साल 1998 में स्टार न्यूज़ भारत का पहला समर्पित समाचार चैनल। पिछले कुछ वर्षों में ये नेटवर्क भारत के दक्षिण में भी पांव पसार चुका है। विजय टीवी और एशियानेट कम्युनिकेशंस लिमिटेड के अधिग्रहण के साथ मिलकर स्टार नेटवर्क हर साल 30,000 घंटे सामग्री तैयार करता है जो 60 से अधिक चैनलों पर प्रसारित होती है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि स्टार नेटवर्क पूरे भारत में एक महीने में लगभग 100 मिलियन दर्शकों तक पहुंचता है और 100 से अधिक देशों में चल रहा है। लेकिन पत्रकार पुष्प शर्मा के सामने बड़ा सवाल ये था कि क्या इतना बड़ा मीडिया नेटवर्क भी अन्य मीडिया चैनलों की तरह पैसों के लिए पत्रकारिता के मूल्यों को दांव पर लगा सकता है।
हालांकि, पुष्प शर्मा दिल्ली में स्टार इंडिया के कार्तिनारायणन कृष्णराज से मुलाकात करते समय काफी निराश थे, कार्तिनारायणन न केवल पुष्प के दुर्भावनापूर्ण एजेंडे के लिए काम करने के लिए सहमत हुए बल्कि कुछ और बड़े ideas पर काम करने का भी सुझाव देने लगे। स्टार इंडिया नेटवर्क के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव देकर पुष्प कृष्णराज को बताते हैं कि 2019 के चुनाव नें हिंदुत्व का प्रचार एक अलग माहौल बनाने के लिए तैयार किया गया है। कृष्णराज जानना चाहते थे कि आखिर पुष्प के दिमाग में क्या चल रहा है। पुष्प कहते हैं कि हम स्टार इंडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स (इलैक्ट्रोनिक और डिजिटल) पर अपना अभियान चलाना चाहते हैं। कृष्णराज अपने ग्राहक (पुष्प शर्मा) को बताते हैं कि उनके पास मनोरंजन चैनल जैसे कई प्लेटफॉर्म हैं, उनके पास दक्षिण भारतीय भाषा चैनल भी हैं और फिर उनके पास हॉट स्टार है। इसी बीच पुष्प शर्मा कृष्णराज के सामने अपने फोन पर पप्पू वाला जिंगल बजा देते हैं।
कृष्णराज इस जिंगल की तारीफ करते हुए कहते हैं “very cleverly done” (बहुत चालाकी से किया) पुष्प दोबारा अपने हिंदुत्व वाले एजेंडा पर वापिस आते हैं और कृष्णराज को बताते हैं कि इस बार हम राम और अयोध्या के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि इस मुद्दे को पर्याप्त रूप से निचोड़ चुके हैं। इस बार हम हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए श्रीमद् भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के प्रचार का उपयोग कर रहे हैं ताकि हमारा एजेंडा मतदाताओं से होकर गुजरे। चैनल को मोटी कमाई देने वाले अपने ग्राहक के मुंह से ये बेतुकी बातें सुनकर भी कृष्णराज उसकी प्रशंसा भरते दिखे। कृष्णराज कहते हैं “That is why I am saying it is a very interesting, I am very happy to see even though limited number of people of your kind but it is very interesting to see.” (यही कारण है कि मैं कह रहा हूं कि यह एक बहुत ही रोचक है, मैं आपकी तरह की सीमित संख्या में लोगों को देखने में बहुत खुश हूं लेकिन यह देखना बहुत दिलचस्प है)
पुष्प कृषणराज को बताते है कि गीता के प्रचार के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा देने के पहले चरण के बाद, हमारा अभियान semi political चरण में प्रवेश करेगा जिसमें आप कांग्रेस, बीएसपी और एसपी जैसे हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को झुकाने का काम करेंगे लेकिन नेशनल level पर हमारी लड़ाई सीधे कांग्रेस से होगी। लिहाजा आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि इस अभियान का 80 प्रतिशत पप्पू पर केन्द्रित रहेगा। दूसरे शब्दों में जिसका मतलब राहुल गांधी हैं। स्टार इंडिया मैनेजर कृष्णराज अच्छी तरह से समझते हैं और पूछते हैं “पप्पू के ऊपर और इसका मतलब है आप direct creative हैं” कृष्णराज को प्रोत्साहित करते हुए, पत्रकार कहते हैं कि उनके पास पप्पू पर patent नहीं है और अगर वो कोई शिकायत दर्ज करतें है तो हम इस अभियान में पप्पू शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसपर कृष्णराज कहते हैं कि “He is between devil and the deep see now”.
कृष्णराज को अपने गंदे प्रस्ताव में दिलचस्पी लेते देख पुष्प इन्हें अपने एजेंडा का सबसे खतरनाक हिस्सा बताते हैं, वो है सांप्रदायिकता के आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण। पुष्प कृष्णराज को कहते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव का समय नज़दीक आएगा सारे राजनीतिक दल अपने अपने गंदे कार्ड खेलने शुरू करेंगे इसलिए स्पष्ट है कि हम भी मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए सांप्रदायिक कार्ड खेलेंगे। ये सुनकर कृष्णराज ने “हूं” में जवाब दिया। पुष्प कृष्णराज से पूछते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा एजेंडा समझ आ गया होगा। कृष्णराज ने एकबार फिर “हूं” में जवाब दिया। पत्रकार ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप स्टार इंडिया के सभी चैनल्स पर मेरे एजेंडा को चलाएं। और एक बार फिर कृष्णराज ने “हूं” कहकर जवाब दिया।
हालांकि “हू” कहकर इस तरह के संवेदनशील प्रस्ताव का कोई समर्थन या स्वीकृति नहीं मानी जाती, आपको आश्चर्यचकित होना चाहिए, सांस रुक जानी चाहिएं लेकिन शक की गुंजाइश तब खत्म हो जाती है जब कृष्णराज आगे बढ़कर उस पार्टी का नाम पूछते हैं जिसके इशारों पर ये सौदेबाजी हो रही है। कृष्णराज पूछते है कि “Deal will happen to which … it’s a…?”(डील जिसके लिए होगी..वो एक है ) पुष्प शर्मा इन्हें बताते हैं कि इस डील के पीछे औपचारिक रूप से श्रीमद् भागवत गीता प्रचार समिति का नाम रहेगा। कृष्णराज कहते हैं “Okay, okay … understand … Very good, all in place … and you have Bhagwad Gita creative’s also?” (ओके,ओके मैं समझ गया.. बहुत बढ़िया, हर जह पर यही रहेगा… और क्या आपके पास भगवत गीता के क्रिएटिव हैं) पुष्प कहते हैं कि हां मेरे पास ऐसे क्रिएटिव तैयार रखे हैं। कृष्णराज बहुत ही उत्सुकता से पूछते हैं कि “And it can be started immediately?” (और यह तुरंत शुरू किया जा सकता है?) पुष्प कहते हैं क्यों नहीं बिल्कुल। इसके बाद भी कृष्णराज “Very good,” (बहुत बढ़िया) बोलकर अपनी संतुष्टी जाहिर करते हैं। कृष्णराज आगे कहते हैं कि “Fine sir I got it now. What is the next step now I should give you the proposal … covering the entire.” (ठीक है सर मैं समझ गया। अब मुझे आपको प्रस्ताव देना चाहिए … इस पूरे को लेकर) पुष्प कहते हैं हां बिल्कुल आप मुझे mail करिएगा।
एक अच्छा व्यापार सौदा करने की संभावना से कृष्णराज उत्साहित होकर अपने ग्राहक यानी पत्रकार पुष्प शर्मा को सलाह देते हैं अगर आप अपने मीडिया अभियान के लिए बजट बढ़ा सकते हैं तो आप IPL का सर्वश्रेष्ठ उपयोग क्यों नहीं कर सकते। IPL के दौरान भारत में टीवी देखने वालों की संख्या सबसे ऊपर होती है और इस प्रकार के टूर्नामेंट में किसी भी विज्ञापन अभियान को चलाकर आप दर्शकों तक प्रभावी ढंग से अपना संदेश पहुंचा सकते हैं। अगले चार टूर्नामेंटों (2018 से 2022 तक) के लिए IPL का एकमात्र मीडिया अधिकार स्टार स्पोर्ट्स के पास है। कृष्णराज का idea सुनने के बाद ग्राहक बनकर गए पुष्प शर्मा ने स्टार इंडिया के लिए अपना बजट 100 करोड़ से बढ़ाकर 250 करोड़ कर दिया। ये सुनकर कृष्णराज अपनी उत्सुकता को छिपा नहीं पा रहे थे, इन्होंने आगे बढ़कर पुष्प को कहा कि “I will give you ideas, don’t worry … I understand you very well…,” (आप चिंता न करें मैं आपको ideas देता रहूंगा… मैं आपकी बात अच्छी तरह समझता हूं)
कृष्णराज से मुलाकात करने के बाद पत्रकार पुष्प शर्मा स्टार इंडिया के कोलकाता ऑफिस का रूख करते हैं जहां इनकी मुलाकात सौरभ श्रीवास्तव से होती है। ये भी अपने खूब कमाई कराने वाले, मोटे ग्राहक के आने की आस में कालीन बिछाए बैठे थे। यह एक संयोग ही था कि सौरभ मुंबई से स्टार के कोलकाता कार्यालय में आधिकारिक यात्रा (official visit) पर आए थे। इस बैठक में सौरभ के सहयोगी भी मौजूद थे। जैसा कि पत्रकार पुष्प सौरभ को अपने एजेंडा और उसके विभिन्न चरणों पर संक्षिप्त में बताना शुरू करते हैं, सौरभ पूछते हैं “So it will be done through like normal commercial …” (क्या ये सामान्य विज्ञापनों की तरह जाएगा) पुष्प बताते हैं हां बिल्कुल। इस बात पर सौरभ कहते हैं कि “So part 1 for example is more like subtle these thing of …,” (तो उदाहरण के लिए पहला भाग इन चीजों को करने के लिए ज्यादा सुक्ष्म है) पुष्प इन्हें बताते है कि हां, इस तरह हिंदुत्व को सूक्ष्म तरीके से बढ़ावा दिया जाना है।
पुष्प इन्हें बताते हैं कि अभियान के पहले चरण में तीन महीने soft Hindutva चलाने के बाद, हमारे अभियान का दूसरा चरण शुरू होगा जो कि semi political होगा। इस चरण में आप हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों जैसे पप्पू यानी राहुल गांधी का व्यंगात्मक तरीके से दुष्प्रचार करेंगे। क्योंकि हम उनकी छवि खराब करना चाहते हैं ये सब इसलिए हैं क्योंकि देशभर में कांग्रेस हमारी सबसे बड़ी विरोधी है। लिहाजा हम कुछ वीडियो बनाएंगे जैसे Pappu Returns, जैसा कि अभी आपने जिंगल सुना था उससे मिलते जुलते और आपको इन वीडियो को हमारे अभियान के तहत चलाना होगा। जवाब में सौरभ सहमति देते हुए कहते हैं कि “Okay, let us …,” पुष्प इन्हें कहते हैं कि जैसे-जैसे अभियान के चरण आगे बढ़ेंगे वो उन्हें निर्देश देते रहेंगे। सौरभ तीसरे चरण के बारे में पूछते हुए कहते हैं कि “हूँ … और फिर then phase three” पुष्प कहते हैं कि खैर, तीसरे चरण में, पालन करने के लिए कोई निर्धारित नियम नहीं होंगे। अगर वे गंदे खेल खेलते हैं तो हम भी खेलेंगे। पुष्प की बातें सुनकर सौरभ कहते हैं “हां but मैं एक चीज़ था कि RSS never been so publically on media that party कभी biased show नहीं किया… party wise नहीं but organization level RSS has built BJP” जवाब में पुष्प कहते हैं कि इसीलिए हम श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति के नाम से इस अभियान को चला रहे हैं।
पुष्प सौरभ से कहते हैं तो हम छह महीने के लिए एक सौदे में घुस जाते हैं। सौरभ ने “ठीक है ..We will take it ahead the right level or your meeting with right level also.”(हम इसे सही स्तर के साथ मीटिंग में आगे लेकर जाएंगे) कहकर अपनी तरफ इस डील को पक्का कर दिया। सौरभ के साथ बातचीत खत्म करने से पहले पुष्प सौरभ से पूछते हैं कि क्या उनके इस एजेंडा या अभियान में कुछ भी अनैतिक लगा। सौरभ जवाब में कहते हैं कि “Unethical का तो वो बात ही नहीं है, but how can we best made your objective and say in the right manner. What is our point of view on that… broad possibility हैं …” (लेकिन हम आपके उद्देश्य को बढ़िया तरीके से कैसे ले जा सकते हैं उसपर हमारा सोचना क्या है..)
हालांकि कृष्णराज और सौरभ से बातचीत के दौरान ये साफ हो चुका था कि स्टार इंडिया के पास एक अस्थिर नीति है और वह अपने चैनल पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री तक चलाने को तैयार है। बावजूद इसके पुष्प शर्मा ने यह देखने का फैसला किया कि स्टार इंडिया का क्या कोई उच्च अधिकारी भी अपने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए सहमत होगा या नहीं। लिहाजा पुष्प ने मुंबई का रूख किया और यहां आर्या चक्रवर्ती से मिलने के लिए स्टार इंडिया मुख्यालय का दौरा किया। आर्या चक्रवर्ती पिछले साल सितंबर में ही chief financial officer (CFO) के पद पर स्टार इंडिया में शामिल हुए थे। हालांकि वो सौरभ ही थे जिन्होंने पुष्प को स्टार इंडिया के मुंबई हेड क्वाटर में CFO से मिलने का आइडिया दिया था। इस बैठक में सौरभ के सहयोगियों में से एक यहां भी उपस्थित था।
हम 2019 के आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रहे हैं, पत्रकार पुष्प इन्हें संक्षिप्त में अपना एजेंडा बताना शुरु करते हैं। हमारे अभियान के दो मुख्य बिंदु हैं। पहला भगवान श्री कृष्ण और श्रीमद् भगवद् गीता के उपदेशों के माध्यम से हिंदुत्व का प्रचार है इसके जरिए पार्टी के पक्ष में एक माहौल तैयार किया जाएगा ताकि आने वाले चुनाव में इससे पार्टी के राजनीतिक लाभ मिल सके। दूसरे चरण में, ये अभियान हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को लक्षित करेगा। जिसके बाद हमारा अभियान एक आक्रामक रूप ले लेगा। चक्रवर्ती पूछते हैं कि “You want it only in the mainline Hindi channel Star Plus …” (क्या आप इस मुख्य हिंदी चैनल स्टार प्लस पर चलाना चाहते हैं) पुष्प इन्हें बताते हैं कि स्टार इंडिया के हर चैनल पर…स्टार इंडिया के CFO पुष्प की बात सुनकर पूछते हैं कि “You mean in also English, Bangla, Marathi and even south Indian language channels?” (आपका मतलब अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी और यहां तक कि दक्षिण भारतीय भाषा वाले चैनलों में भी है) जवाब नें पुष्प इन्हें बताते हैं कि हम अपने अभियान को चलाने के लिए स्टार इंडिया के तमाम चैनलों का गुलदस्ता चाहते हैं और यहां तक कि आपके सभी digital platforms भी चाहते हैं। ये सुनकर चक्रवर्ती बजट के प्रावधान को जानने के लिए उत्सुक हो जाते हैं वो बजट जो उनके संभावित ग्राहक ने स्टार के लिए बनाया होगा। उत्सुकता के साथ चक्रवर्ती पुष्प से पूछते हैं कि “आपका ऐसा कुछ how much Star Plus? How much?ये कौन decide करता है? ये हम decide करेंगे या आप decide करेंगे ” पुष्प इन्हें कहते हैं कि बजट आप decide कर लीजिए। आप मुझे अपना बजट बता दीजिए, ये मेरे लिए आसान होगा।
लेकिन चक्रवर्ती इस बात पर जोर देते हुए कहते हैं कि “देखिए आप एक बजट बताइए” चक्रवर्ती आगे कहते हैं कि “उसको एक बजट में अलग अलग चैनल्स अलग अलग prices” पुष्प उन्हें बताते हैं कि वो उनकी बात समझ गए हैं लेकिन हम इन कीमतों को अलग-अलग चैनल की TRP के हिसाब से निर्धारित करते हैं। चक्रवर्ती कहते हैं कि “Okay तो कितना exposure चाहिए आपको” विभिन्न चैनलों के लिए बजट आवंटित करने के बारे में चर्चा करने के बाद चक्रवर्ती फिर से पूछते हैं “What is the likely budget?” (“संभावित बजट क्या है?”) पुष्प ने जवाब दिया कि मैने ये पहले ही आपकी टीम को बता दिया है। चक्रवर्ती कहते है कि “नहीं वो छोड़िए.. Now we will get (अब हम मिल लेंगे)…” इसी दौरान चक्रवर्ती के सहयोगी हमें ये बताने के लिए बात करते हैं कि वे बजट क्यों जानना चाहते हैं: “Immediately हम इसी के साथ …,” अपने सहयोगी की आधी बात को पूरा करते हुए चक्रवर्ती कहते हैं कि “हम उसी के साथ planning करेंगे”
बजट जानने के लिए इनती उत्सुकता को देखकर पुष्प के लिए इन पर चारा फेंकने का सही समय था। आखिरकार पुष्प इन्हें बता ही देते हैं कि टाइम्स नाऊ और स्टार इंडिया के लिए उनके पास भारी भरकम 500 करोड़ का बजट है। लेकिन शुरुआती चरण के लिए आपको अपने लिए बजट सेट का केवल 10 प्रतिशत ही मिलेगा जो कि महज़ 50 करोड़ रुपये है। यह सिर्फ आपके नेटवर्क के साथ शुरुआत करने के लिए है। हम आपके सुझाव का स्वागत करेंगे। फिर हमारी आंतरिक टीम आपके साथ सौदा का आकलन करेगी। चक्रवर्ती कहते हैं कि “नहीं नहीं बिल्कुल वो तो हम interested हैं” इसी बीच इनके सहयोगी कहते हैं “That’s right. कि शुरू कैसे हो”
चक्रवर्ती ने अपने ग्राहक से अपने प्रस्तावित अभियान की रूपरेखा देने के लिए कहा “मोटा मोटा plan बता दो फिर हम सुना देंगे at least क्योंकि we will start with 100 and then we will see … how it goes.(हम सौ से शुरू करेंगे और फिर देखेंगे कि कहां तक जाता है) Otherwise, वो plan हम freeze कर देंगे तो बाकी सब वो so we will start with the 50 to 100 के बीच में plan करेंगे then we will see how it will go long”(तो पहले हम 50 से 100 के बीच में प्लान करेंगे फिर हम देखेंगे कि कहां तक जाता है)
जवाब में पुष्प done कहकर रजामंदी देते हैं और चक्रवर्ती से कहते हैं कि आप deal freeze कर सकते हैं और उसपर काम शुरू कर दीजिए। इसी के साथ स्टार इंडिया के CFO चक्रवर्ती और उनके सहयोगी इस एजेंडा को चलाने के लिए तैयार हो जाते हैं और यहीं ये मुलाकात खत्म हो जाती है।
जब स्टार इंडिया इस तरह के पक्षपात के लिए तैयार हो सकता है तो एबीपी न्यूज़, स्टार इंडिया के स्टार न्यूज से ही निकला हुआ है। तो अब देखना दिलचस्प होगी कि क्या एबीपी न्यूज़ पत्रकारिता के मौलिक सिद्धांतों पर खरा उतरता है या नहीं।
SWARAJ EXPRESS
राजन शर्मा, जीएम (मार्केटिंग) स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल, मध्य प्रदेश
स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्वराज एक्सप्रेस चैनल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा दर्शकों का दावा करता है। इसके अलावा दावा ये भी है कि उनका वेब पोर्टल सबसे अच्छा है और वेबसाइट को सबसे ज्यादा देखा जाता है। स्वराज एक्सप्रेस चैनल सच्चाई और समय के साथ खबरें दिखाने का भी दावा करता है। हालांकि, पुष्प शर्मा के साथ चैनल के GM राजन शर्मा के साथ हुई छोटी सी मुलाकात में ये बात साफ हो गई कि इस चैनल के पास सिर्फ दावों के अलावा और कुछ भी नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि राजन ने दावा किया कि उनकी वफादारी हिंदुत्व के साथ है। वो न केवल हिंदुत्व का एजेंडा चलाने के लिए सहमत हुए बल्कि न्यूज पोर्टलों के खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाने के लिए भी सहमत हुए। जैसे स्क्रॉल, द वायर और कोबरापोस्ट के खिलाफ एक अपमानजनक प्रस्ताव को चलाने के लिए भी इन्होंने सहमति जताई।
जब पत्रकार अपने एजेंडा के लिए शर्मा से संपादकीय समर्थन चाहते हैं, तो राजन इन शब्दों में अपने ग्राहक को आश्वस्त करते हैं “बाकी के जो editorial की बात है वो जैसा क्योंकि हम लोग एक तो आर्थिक रूप से जुड़े हैं आर्थिक ज्यादा होता है कि मानसिक और वैचारिक रूप से ज्यादा जुड़े..तो उससे ज्यादा तो उसमें तो आपको किसी भी तरह की कोई चिंता या किसी तरह का संदेह या किसी भी तरह की कोई जरूरत ही नहीं है आपको सिर्फ एक इशारा करना है पूरी तरह बोलनी भी नहीं है बात हम समझ जाएंगे वो चलेगा पूरा”
अब पुष्प राजन शर्मा से कहते हैं कि वो उनके अभियान के कुछ खास बिंदू लिख लें… नोटपैड में नहीं अपने मोबाइल में अच्छे से फीड कर लें। पुष्प इन्हें बताते हैं कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में संसदीय उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था, क्योंकि मेनका गांधी चाहती हैं कि उनका बेटा वरुण गांधी यूपी का मुख्यमंत्री बने। इनकी वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। लिहाजा वो चाहते हैं कि चैनल मेनका के खिलाफ स्टोरी चलाए। पुष्प इनसे से भी कहते हैं कि उनके पास वरुण गांधी की सेक्स सीडी है। नागपुर से आदेश मिलने पर उन्हें वरुण गांधी की सेक्स सीडी अपने चैनल पर प्रसारित करनी होगी। इसपर सहमति जताते हुए राजन शर्मा कहते हैं कि “हां हां बिल्कुल… हां हां वो तो खबर होती है खबर तो कभी भी चलाई जा सकती है” पुष्प इनसे कहते हैं कि आपके पास हर वक्त कंटेंट तैयार रहना चाहिए। जैसे किसान आदोलन है, किसानों के आंदोलन को माओवादियों से जोड़कर दिखाएं। आप देखते हैं कि इस देश के किसान बहुत अज्ञानी हैं। वे सरकारी नीतियों के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। तो, अगर उन्हें माओवादियों की मदद नहीं मिल रही होती तो क्या वे इतने बड़े आंदोलन को व्यवस्थित करने में सक्षम थे? सरकार के खिलाफ उन्हें बढ़ावा देने में कांग्रेस का भी हाथ हो सकता है। पुष्प की बात पर हामी भरते हुए राजन कहते हैं कि “हां सही बात जैसे अभी वो मार्च में हुआ था तो उसमें जो पूरा calculation है कि आर्थिक रूप से इतनी funding हुई कहां से कैसे पहुंचते हैं जो बेचारे आर्थिक रूप से इतने सफल नहीं हैं उनके पास इतना आर्थिक…”
पुष्प राजन से कहते है कि देखिए क्या कांग्रेस पार्टी का इनपर हाथ है, अगर है तो आपको उस पर प्रकाश डालना चाहिए और यदि उनका माओवादी कनेक्शन है तो इसे भी प्रकाश में लेकर आइए।
कांग्रेस समर्थन पर “हूं“ के साथ जवाब देते हुए, राजन शर्मा ने अनुमान लगाया कि माओवादियों के बिना इस तरह के एक विशाल आंदोलन को व्यवस्थित करना संभव नहीं है। आगे सुनिए राजन क्या कहते हैं “नहीं उसके बिना तो आचार्य जी संभव नहीं है इतना बड़ा… इतना बड़ा संगठित रूप से इतना बड़ा कोई भी आंदोलन करना.. संभव नहीं है”
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब हमारे पास स्वराज एक्सप्रेस जैसे चैनल हैं, तो कोई आश्चर्य नहीं कि आंदोलन करने वाले गरीब किसानों को राष्ट्रीय मीडिया के कुछ हिस्सों में माओवादियों के रूप में ब्रांडेड किया गया था।
अब यहां पर इन दोनों के बीच चल रही बातचीत में एक दिलचस्प मोड़ आता है। अब पुष्प इनसे कहते हैं कि ‘द स्क्रॉल’, ‘द वायर’ और ‘कोबरापोस्ट’ जैसे कुछ समाचार पोर्टल हैं जो सरकार के विपरीत कहानियां चलाते हैं। पुष्प कहते है कि ऐसे पोर्टल को नुकसान पहुंचाने के लिए क्या करना चाहिए। अपने ग्राहक पुष्प से मिलने वाले इस अपमानजनक असाइनमेंट को लेकर राजन खुश होते हैं और कहते हैं कि “इसका हम प्लान बना के देते हैं” पुष्प राजन को एक सुझाव देते हुए कहते हैं कि क्या आप सभी तीनों पोर्टल खरीद सकते हैं, इसके लिए हम आपको पैसा भी देंगे। उन्हें खरीदकर फिर हम उन्हें नष्ट कर सकते हैं। शर्मनाक बात ये है कि राजन इस काम को करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं और कहते हैं कि “उसका मैं आपको एक प्लान बनाकर के मैं आपको देता हूं next meeting में जब बैठेंगे.. तो उसपे फिर जैसा आपका आदेश होगा उसके बाद के प्लान बनाता हूं उनके लिए.. हां हां समझ गया मैं पूरा समझ गया”
राजन इस काम को पूरा करने के लिए इतने आश्वस्त हो जाते हैं कि पुष्प को कहते हैं “कोबरापोस्ट manage हो जाएगा wire के साथ थोड़ी दिक्कत कि funding भी अब धीरे धीरे दूसरी जगह से आ रही है अब ..कोबरा की नहीं है कोबरा manageable है वो एक plan बनाते हैं धीरे धीरे जैसे आगे बढ़ेंगे जैसे फिर आपका निर्देष होगा निर्देष के अनुसार उसको आगे बढ़ाएंगे”
राजन कहते है कि क्या आपने कभी सोचा है कि अरुण जेटली की बेटी को Indian Hockye Association ने क्यों नियुक्त किया? क्यों लवित मोदी को देश से बाहर जाने की इजाजत मिली? आगे राजन कहते है कि “तो इनमें से हम आचार्य जी दुश्मनों का इस्तेमाल कर लेते हैं आप documents हमें provide करा देना Wire, Cobra इनको पहले चलवाते हैं फिर उसके बाद”
राजन इस मुद्दे को बताने की कोशिश करते हैं इसीबाच पत्रकार फिर से उनका ध्यान जेटली पर बदल देते हैं। पुष्प कहते हैं कि संगठन किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कहानियों को चलाने के लिए आदेश जारी कर सकता है भले ही वह जेटली ही क्यों ना हो और आपको ऐसा करना होगा। इसपर राजन कहते हैं कि “आचार्य जी हमारा उद्देश्य है जी हमारा मुख्य उद्देश्य उस उद्देश्य तक पहुंचना है जैसे आपने बताया”
पुष्प इनसे कहते हैं कि जेटली, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण के अलावा, आपको मनोज सिन्हा को भी लपेटना होगा जो यूपी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं को पालकर बैठे हैं। इसपर राजन कहते हैं कि “हां हां हां” । यूपी की कैराना सीट पर उपचुनाव होने हैं। क्योंकि पीछले साल इस संसदीय सीट से जीतने वाले हुकम सिंह का निधन हो गया था। यूपी की राजनीति में बारीकी से दिलचस्पी लेने वाले राजन शर्मा कहते हैं कि “हुकुम सिंह वाली सीट वहां पे बी पूरा एक गोलबंदी की… जबरदस्त जरूरत है” पुष्प कहते है कि बिल्कुल ठीक कहा आपने, हमें चारों तरह हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करना है। इसपर राजन कहते हैं कि “हां पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मामला है otherwise …”
आगे पुष्प इनसे कहते है कि हालांकि आधार स्कीम आम आदमी के लिए जी का जंजाल बन गई है। ये हाल हो गया है कि श्मशान में जलाने के लिए जगह बुक कराने पर भी अब मरने वाले से पूछा जाएगा कि क्या आपके पास आधार कार्ड है। पुष्प राजन से कहते हैं कि भले ही आधार से लोगों को लाख परेशानी हो लेकिन आप सरकारी की इस स्कीम की अपनी स्टोरी में प्रशंसा करें और इस योजना को देश के हित में होने के बात कहें। पुष्प की बात पर रजामंदी जताते हुए राजन कहते हैं कि “ठीक है”।
अपनी पुरानी मांग पर दोबारा बात करते हुए पुष्प राजन से उन ऑडियो टेप को चलाने के लिए कहते हैं जहां मेनका गांधी को गलत भाषा का उपयोग करते पकड़ा गया है। राजन सहमत होकर कहते हैं कि “वो हमें provide कराइए material और बाकी तो खबरें चलाई जा सकती हैं material आके तो खबरें कभी भी चल सकती हैं.. उसमें कोई दिक्कत नहीं है”
पुष्प की हर एक मांग को पूरा करने के लिए तैयार बैठे राजन अपनी विचारधारा के बारे में बताते हुए कहते हैं कि “तो आचार्य जी आप हमारी तरफ से बिल्कुल भी हल्का सा भी ये चैनल आपका है… वैचारिक रूप से तो हम आपके हैं ही हैं” पुष्प को आश्वासन देते हुए ये कहते हैं कि “सर सीधी सी बात है चैनल अपने घर का है चैनल हमारा है खत्म कहानी” पुष्प इनसे फिर कहते हैं कि मुझे आपसे उम्मीद है कि आप मेरे अभियान को दिल से चलाएंगे। ये कहते हैं कि “हां हां बिल्कुल एकदम बिंदास बोल के” आगे वो कहते हैं कि “तो इसमें अभी कैसे रहेगा कैश भी रहेगा” पुष्प इन्हें बताते हैं कि 80 लाख रुपये वो इन्हें चैक से देंगे जबकि बाकी का एक करोड़ कैश में दिया जाएगा। यहां हम आपको बता दें कि स्वराज एक्सप्रेस के साथ पुष्प की 1 करोड़ 80 लाख में डील तय हुई थी।
आप खुद देख सकते हैं कि ये काला सच है स्वराज एक्सप्रेस चैनल का।
K NEWS
अनुराग अग्रवाल, चेयरमैन, के न्यूज़, कानपुर
कानपुर से प्रसारित होने वाले के न्यूज़ के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। ये एक हिंदी भाषी क्षेत्रिय चैनल है। जिसे 2005 में पांच प्रमोटरों द्वारा शुरू किया गया था और अनुराग अग्रवाल उनमें से एक है। इस चैनल के यूपी और उत्तराखंड के कई शहरों जैसे देहरादून, नोएडा, और लखनऊ में ब्यूरो भी हैं। वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा की के न्यूज़ के चेयरमैन अनुराग अग्रवाल से मुलाकात हुई और पुष्प ने इन्हें अपने हिंदूत्व के एजेंडा के बारे में बताया। पुष्प ने इन्हें ये भी बताया कि उनके चैनल के साथ पहले तीन महीने को वो test and trial के तौर पर रहेंगे। पुष्प ने बताया कि उनके चैनल के लिए वो डेढ़ करोड़ का बजट लेकर आए हैं जो कि वास्तव में एक क्षेत्रीय चैनल है। पुष्प की बातें सुनने के बाद अग्रवाल कहते हैं कि “बहुत सी चीजें हैं सर, अगर आप एडवांस करना चाहें तो कोई कमी नहीं है” पुष्प इन्हें कहते हैं कि वो ऐसा कर सकते हैं लेकिन पहले चीजों के बारे में बातें कर लेते हैं। इसी बीच बैठक में मौजूद अग्रवाल के सहयोगी कहते हैं कि “Creative team बहुत strong है सर, मतलब they are professionals”
आगे अग्रवाल पुष्प को बताते हैं कि चैनल पर प्रसारित होने वाले ‘K Darshan’ नाम के कार्यक्रम में हम हिंदुत्व के एजेंडा को promote करना है। इस कार्यक्रम में हम गंगा आरती और गौरखनाथ मंदिर से लाइव प्रोग्राम प्रसारित कर सकते हैं। पुष्प को ये बताते है कि इनका ‘K Darshan’ प्रोग्राम किसी एक हिंदू मंदिर के बारें में दिखाता है और दर्शकों को उसका महत्व बताता है।
अपने चैनल के लिए एक बड़े व्यापार अवसर को देखते हुए अग्रवाल अपने ग्राहक की विचारधारा को हर हाल में पूरी करने के लिए तैयार हो जाते हैं वो कहते हैं कि “हम लोगों के साथ भी कोई ideology जुड़ती है तो हम लोग भी उसको बड़ा प्लान में कर सकते हैं देखिए हमारे पास में limited resources हैं तो हम लोग limited चल रहे हैं जब हमारे पास ऐसे संग में backing आती है तो हम उसको expand भी कर सकते हैं हमारे लिए expansion बहुत बड़ा वो नहीं है”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो एक प्रपोजल (प्रस्ताव) तैयार करके उन्हें दें ताकि वो उसे अपने दूसरे प्रचारकों को दिखा सकें। पुष्प इन्हें बताते हैं कि पूरी सौदेबाजी किसी तीसरी पार्टी से होगी। अग्रवाल सहमति जताते हुए कहते हैं कि “कोई दिक्कत नहीं” पुष्प इन्हें बतातें हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम नहीं चाहते कि इस अभियान के साथ हमारे संबंध स्थापित किए जाएं। पुष्प की बात पर अग्रवाल कहते हैं कि “नहीं उसके बाद फिर हम भी आपको help नहीं कर पाएंगे. जैसे ही ये चीज़ खुलती हैं direct intake हो रहा है तो लोगों का जो perception है वो खत्म हो जाता है उनको ये लगता है उन्हीं का हो गया है” अग्रवाल भी इस बात को जानते हैं कि जो सौदा वो कर रहे हैं वो निष्पक्ष पत्रकारिता के मूल्यों के खिलाफ है।
पत्रकार पुष्प अब उन्हें बताते हैं कि हिंदूत्व के धार्मिक प्रमोशन के शुरुआती चरण के बाद, हमारा अभियान semi political (अर्ध-राजनीतिक) एजेंडा की तरफ बढ़ेगा और अर्ध-राजनीतिक से आक्रामक हिंदुत्व तक चलेगा। अग्रवाल एक बार फिर सहमति जताते हुए कहते हैं कि “देखिए हमारा funda clear है अगर आपसे हमारा कोई चीज associate होती है तो हम एक ही जगह stand लेंगे हमारा ये नहीं कि इधर भी ball खेलेंगे और उधर भी ball खेलेंगे और पहला तो धर्म के प्रति होता है कोई भी व्यक्ति निकलता है तो धर्म के प्रति होता है (You see, I have a clear funda)”
अब बात आती है एजेंडा के डिजॉल प्रमोशन की, जो कि अभियान का एक महत्वपूर्ण चरण है। पुष्प अब इन्हें बताते हैं कि हमारे कट्टर हिंदूवादी नेताओं जैसे मोहन भागवत, उमा भारती और विनय कटियार के भाषणों का अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म से प्रमोशन करें। अग्रवाल पुष्प को आश्वस्त करते हुए कहते हैं कि “वो हो जाएगा”
पुष्प इन्हें कहते हैं कि अगले चरण में हम चाहते हैं कि हमारे राजनितिक प्रतिद्वंदियों जैसे कांग्रेस, बसपा और सपा को हास्यास्पद कंटेंट के जरिए झुकाया जाए। जैसा कि ‘so sorry’ में किया जाता है और इस तरह के content को आप अपने चैनल और वेबसाइट पर चलाएं। फिर, हम आपके पूरे चैनल के साथ बुक करना चाहते हैं, क्योंकि हम किसी अन्य राजनीतिक दल को आपके एयर-टाइम तक पहुंचने नहीं देना चाहते हैं। अग्रवाल हामी भरते हुए कहते हैं कि “हां बिल्कुल इसमें कोई बुराई नहीं है”
चुनाव 2019 का जिक्र करते हुए, पुष्प उन्हें बताते हैं कि यह एक युद्ध है जो पांच साल में एक बार हमारे पास आता है। अग्रवाल इसके लिए पुष्प को अपने समर्थन का आश्वासन देते हुए कहते हैं “वैसे भी आप देख लीजिए आपके साथ कोई खड़ा है तो आपको भी लगता है कि मुझे भी उसके साथ खड़ा होना है… तो फिर अपने साथ का बंदा है एक ही चीज़ पर चल रहे हैं, एक ही तरफ हैं हमारा एक ही directionहै और एक ही सोच है”
अब पुष्प इनसे कहते हैं कि भुगतान के तरीके पर चर्चा किए बगैर समझौता नहीं हो सकता है। लिहाजा पुष्प इन्हें बताते हैं कि वो 60:40 के अनुपात में भुगतान करना चाहता है, यानी 60 फीसदी कैश और बाकी की 40 फीसदी रकम चैक द्वारा। पुष्प इन्हें बताते हैं कि उन्होंने अन्य चैनलों के साथ भी यही व्यवस्था की है। लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि अग्रवाल को ऐसा करने में भी कोई आपत्ति नहीं है। अग्रवाल पुष्प को कहते हैं कि “वो जो भी है जैसे भी है कोई issue नहीं है मैं क्या कि अपना एकदम clear है कि जो चीज़ पर आप चल रहे हैं उसी चीज पर हम चल रहे हैं”
कुछ समय बाद पत्रकार पुष्प, अग्रवाल को फिर फोन करते हैं ये जानने के लिए कि क्या अग्रवाल अपनी बातों से पलटे तो नहीं हैं क्या वो अब भी इस एजेंडा पर काम करने के लिए तैयार हैं। जैसे ही अग्रवाल फोन रिसीव करते हैं वो पुष्प को कहते हैं कि वो तो कब से उनसे मुलाकात की सोच रहे थे। पुष्प अग्रवाल को फोन पर कहते हैं कि वह ग्राहक को पत्रकार से मिलने की उम्मीद कर रहा है। वो अग्रवाल को बताते हैं कि जल्द ही उनके पॉइंटमैन उन्हें हिंदुत्व की जानकारियां और कुछ सीडी सौंपने के लिए मिलेंगे, पत्रकार उन्हें दो और बातें याद रखने के लिए कहते हैं जिनकी उनके चैनल को देखभाल करनी होगी। पुष्प बताते है कि हमारे पास उत्तर प्रदेश में ओम प्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल और उपेंद्र कुशवाह जैसे केंद्र में कुछ गठबंधन पार्टियां हैं, जो विशेष रूप से टीडीपी के तरीकों से अलग होने के बाद पिनप्रिक्स की तरह खेल रहे हैं। इसलिए, इन छोटे साझेदारों को हर समय आपके द्वारा झुकाने की जरूरत है। इसपर भी अग्रवाल “okay” कहकर अपनी सहमति जताते हैं। पुष्प इन्हें कहते हैं कि मेरा दूसरा मुद्दा ये है कि, हमें अपने संगठन और हमारी पार्टी दोनों को संपादकीय समर्थन की आवश्यकता है। हामी भरते हुए अग्रवाल कहते हैं कि “आप निश्चिंत रहिए उसके लिए … बिल्कुल बिल्कुल”
जब हमारे पास अग्रवाल जैसे लोग हैं, तो आप अदांजा लगा सकते हैं कि देश में मीडिया का क्या स्तर है।
INDIA VOICE
अनिरुद्ध सिंह, CEO और एडिटर इन चीफ, इंडिया वॉयस, लखनऊ
साल 2015 में शुरू हुआ इंडिया वॉयस मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर केंद्रित एक क्षेत्रीय समाचार चैनल है। भाग्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले ये कंपनी चल रही है। कंपनी के तीन प्रमोटरों में से एक हैं सीईओ और एडिटर-इन-चीफ अनिरुद्ध सिंह, जो कि मीडिया में एक पुराना नाम हैं। उन्होंने सहारा समाचार, इंडिया न्यूज़, अमर उजाला और दैनिक जागरण के साथ भी काम किया है। इंडिया वॉयस के लखनऊ कार्यालय में अनिरुद्ध सिंह से मुलाकात की वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने। और इन्हें अपने एजेंडे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पुष्प की बातों पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि “आपको जो ये आपका अपना चैनल है इसको इस तरह से समझ करके इसको स्थान देना है आपको”
अगले ही पल अनिरुद्ध पुष्प के सामने इस बात का खुलासा करते हैं कि जिस विचारधारा पर आप काम कर रहे हैं उसी से मैं जुड़ा हुआ हूं। आगे पुष्प कहते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि इस एजेंडे के साथ कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। जवाब में अनिरुद्ध करते हैं कि “किसी भी तरीके का नहीं… वैसे दूसरे लोग आपके एजेंडे को कम follow कर पा रहे हैं, हमारा हम ज्यादा follow कर रहे हैं”
अनिरुद्ध से अपने अभियान में मदद की मांग करते हुए पत्रकार पुष्प शर्मा ने अपना दुर्भावनापूर्ण एजेंडा उनके सामने रख दिया। जिस पर अनिरुद्ध आश्वासन देते हुए कहते हैं कि वो जल्द ही इस एंजेंडे पर काम करना शुरू कर देंगे। “और आप लोगों का सहयोग मिल जाएगा आशीर्वाद मिल जाएगा तो जल्दी इसको कर लेंगे” आगे हिंदुत्व के प्रचार का आश्वासन देते हुए अनिरुद्ध आश्वासन देते हुए कहते हैं कि “सर मैं इस विचारधारा का बहुत स्ट्रॉग सपोर्टर हूं, मतलब मैं उन सब लोगों में से हूं मैं यहीं आपके सामने बैठा हूं मैं सार्वजनिक रूप से कह सकता हूं कि हिंदुस्तान में भगवान राम का मंदिर बनाना चाहिए, इसलिए बनना चाहिए क्योंकि यहां अगर नहीं बनेगा तो कहां बनेगा”
हिंदुत्व पर अपनी निष्ठा स्पष्ट करने के बाद, अनिरुद्ध अपने ग्राहक यानी पत्रकार पुष्प से पूछते है “आप जो भी और चीजें clear करना चाहते हैं मुझे बता दीजिए कोई issue नहीं है” अनिरुद्ध की बढ़ती दिलचस्पी को देखकर अब पुष्प उनके सामने अपने एजेंडा का सबसे खतरनाक पहलू रखते हैं। पुष्प इनसे सांप्रदायिक पहलू की बात करते हुए कहते हैं कि हमारे एजेंडे के तीन मुख्य बिंदू हैं पहला और सबसे महत्वपूर्ण हिंदुत्व है, जिससे हम कभी समझौता नहीं करेंगे। एक सुखद माहौल बनाने के लिए, भगवद् गीता की शिक्षाओं का उपयोग करके हिंदुत्व को बढ़ावा देना होगा और श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति को प्रायोजक के रूप में पेश करना होगा। जैसे-जैसे चुनाव आएंगे, आप देखेंगे कि सभी राजनीतिक दल इस अल्पसंख्यक कार्ड को खेलेंगे। तब हम उन्हें अपने हिंदुत्व मीडिया अभियान के साथ मुकाबला करने में सक्षम होंगे और अगर जरूरत पड़ी तो हम सांप्रदायिक लाइनों पर मतदाताओं को ध्रुवीकरण भी करेंगे। पुष्प की बात का जवाब अनिरुद्ध “ठीक है” कहकर देते हैं, इसके बाद “जी-जी” और फिर कहते हैं “Polarize कर देंगे” अपनी बात को मजबूती से रखते हुए पुष्प कहते हैं कि अगर हमारे प्रतिद्वंदी इसे सीधे खेलते हैं, तो हम भी सीधे खेलेंगे और अगर वे गंदे खेलते हैं, तो हम भी इसी तरह करेंगे। जवाब में अनिरुद्ध कहते हैं “समझ गया” हालांकि, ये सुनिश्चित करने के लिए कि अनिरुद्ध उनके मुद्दे पर पूरी तरह सहमत हैं पुष्प इनसे एक बार फिर पूछते हैं कि क्या आप इस अभियान में हमारे साथ हैं। जवाब में अनिरुद्ध कहते हैं कि “ठीक है, पूरा सपोर्ट मिलेगा”
इसके बाद पुष्प अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए उन्हें पप्पू, बूआ और बबुआ जैसे नामों से इनका दुष्प्रचार करने की बात कहते हैं। पुष्प कहते हैं कि अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की चरित्र हत्या करना भी हमारे एजेंडे का एक हिस्सा होगा। पुष्प कहते हैं कि अगर इन सब में से आपको बबुआ यानी अखिलेश को लेकर कोई हमदर्दी है तो आप इसे इस परिपेक्ष से बाहर रखना चाहते हैं तो रख सकते हैं। एजेंडा पर सहमति जताते हुए अनिरुद्ध कहते हैं कि “हमारी जो भी है ना पप्पू से sympathy है, ना जो बूआ से sympathy है और ना हमारी बबुआ से sympathy है”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि हमारे जिंगल्स केवल पप्पू पर हमला करते हैं, क्योंकि आखिरकार लड़ाई केवल कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगी, वो आगे बताते हैं कि हमने इस नेता को पप्पू के रूप में ब्रांडिंग करने में बहुत गाढ़ी कमाई का निवेश किया है। इसलिए, उनके चरित्र की हत्या नियमित आधार पर की जानी चाहिए, ताकि लोग उसे कभी गंभीरता से न लें। पुष्प इन्हें अपने अभियान के राजनीतिक पहलू पर विस्तार से बताते हैं जिसपर अनिरुद्ध “ठीक” है कहकर जवाब देते हैं। आगे पुष्प कहते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि आपको कांग्रेस, बसपा और सपा और इनके नेताओं के खिलाफ स्टोरी चलाने में कोई दिक्कत नहीं आएगा। अनिरुद्ध आगे कहते है कि “नहीं, हमें कोई दिक्कत नहीं है” अपने अभियान के पहले दो चरणों का जिक्र करते हुए पुष्प इन्हें 1.5 करोड़ रुपये का बजट बताते हैं, पत्रकार उन्हें बताते हैं कि अगर उनका चैनल अभियान को चलाने में अच्छी तरह सहयोग करेगा तो वो छह महीने के बाद बजट में कई गुना वृद्धि कर देंगे। पुष्प इनसे कहते हैं कि आपके उच्च अधिकारियों की तरफ से मेरे अभियान में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। अनिरुद्ध एक बार फिर पुष्प को आश्वस्त करते हैं कि “आप उस चीज के लिए निश्चिंत रहिए बाकी लोगों से अच्छी delivery ना मिले तो आप मुझसे कहिएगा”
मुलाकात खत्म करने से पहले पुष्प एक बार फिर अपने एजेंडे के मुख्य बिंदुओं पर वापस आते हैं ताकि इसे दृढ़ता से चलाया जा सके। पुष्प बताते है कि हमें हिंदुत्व को बढ़ावा देकर एक सुखद माहौल बनाना है, और फिर चिह्नित राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को लगातार झुकाना है। जवाब में अनिरुद्ध कहते हैं कि “ठीक है” पुष्प फिर पूछते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा एजेंडा अच्छे से समझ आ गया होगा। जवाब में अनिरुद्ध कहते हैं कि “मैं समझ गया” पत्रकार फिर पूछते हैं कि बताओ मेरे एजेंडा का पहला बिंदु क्या है, एक आज्ञाकारी छात्र की तरह अनिरुद्ध एक-एक कर सारे बिंदु गिनवाना शुरु करते हैं। “हिंदुत्व.. और दूसरा जो है सरकार की छवि को.. जी पप्पू, बूआ और उनपर attack” पुष्प कहते है कि यही हम आपसे चाहते हैं। आपको हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की चरित्र हत्या कर बार-बार उन्हें झुकाना है ताकि कोई भी उन्हें गंभीरता से ना ले। बदले में अनिरुद्ध कहते हैं कि “जी”
आखिरकार पुष्प इनसे एक बार फिर पूछते हैं कि क्या उन्हें इस एजेंडा के संबंध में किसी और चीज पर चर्चा करनी है। इसपर अनिरुद्ध का जवाब क्या था ये सुन लीजिए “बस मेरा तो मैं clear हूं और मैं बहुत excited हूं”
TV5
श्रीनिवास मूर्ति, वाईस प्रजिडेंट (मार्केटिंग), TV5, हैदराबाद
24x7 तेलुगू टीवी समाचार चैनल 2 अक्टूबर 2007 को बीआर नायडू द्वारा लॉन्च किया गया था। नायडू यात्रा, विनिर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में व्यावसाय करते हैं। इस चैनल का उद्घाटन TRC द्वारा किया गया था। ये चैनल हर घंटे समाचार बुलेटिन और 30 विशेष समाचार बुलेटिन प्रसारित करता है। हैदराबाद, विजाग और विजयवाड़ा में ब्यूरो के साथ, ये चैनल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फैले 294 पत्रकारों की एक टीम का दावा करता है, और खुद को नंबर 1 तेलुगु समाचार चैनल होने का भी दावा करता है। वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने चैनल के Vice Presiedent श्रीनिवास मूर्ति से मिलने के लिए टीवी 5 के हैदराबाद कार्यालय का दौरा किया। मूर्ति को अपना एजेंडा बताते हुए, पुष्प इनसे बताते हैं कि उनके अभियान की तीन मुख्य आवश्यकताओं में से एक भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से हिंदुत्व का प्रचार है। आप इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए विशेष रूप से बनाए गए चैनल पर 20-30 सेकंड लंबे FCT चला सकते हैं, ताकि यह हमारे पक्ष में एक अनुकूल माहौल बनाने में मदद करें। यह श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति द्वारा जारी किया जाएगा। इसपर हामी भरते हुए मूर्ति कहते हैं कि “Okay 30 second का FCT जो है आप मुझे वो material लेकर आप मुझे देंगे” पुष्प इन्हें बताते हैं कि ऑडियो के रूप में ये कंटेंट उनके पास तैयार है।
पुष्प इन्हें बताते हैं कि पहले चरण में हिंदुत्व (soft hindutva phase) के बाद अर्ध-राजनीतिक चरण (semi political phase) का पालन करेंगे, हमारे अभियान के इस चरण में, कांग्रेस, बीएसपी और एसपी जैसे हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को झुकाना होगा। आपको इन प्रतिद्वंदी नेताओं के खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाना है। लेकिन इसे इनके उपनाम जैसे पप्पू का उपयोग करके सूक्ष्म तरीके से किया जाना चाहिए, और जब आप पप्पू जैसे नामों का उपयोग करते हैं, तो लोग तुरंत समझ जाएं कि इसका क्या अर्थ है। तुरंत मूर्ति कहते हैं कि “Pappu of India बोले तो वही आएगा” पुष्प इन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहते हैं कि हां सही समझे आप। पुष्प इन्हें बताते हैं कि हमें अपने विरोधियों का नाम लेकर उनपर सीधा हमला नहीं करना है। इसलिए हमें एक ऐसी प्रोपर्टी बनानी होगी जिससे उनकी चरित्र हत्या हो सके।
हमारे विरोधियों पर हमला करते समय हमें और सीधे पप्पू का मतलब होने पर हमें प्रत्यक्ष होने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, आपको इस प्रकार की चरित्र हत्या (character assassination) के लिए एक नई संपत्ति बनानी होगा, उदाहरण के लिए, ‘पप्पू रिटर्न्स’, उदाहरण के लिए, आज तक पर ‘so sorry’ के पैटर्न पर। जैसे ‘Pappu Returns’ नाम से आप इस प्रोपर्टी को बना सकते हैं जिस तरह आज तक पर ‘so sorry’ में किया जाता है। मूर्ति इस तरह की एक प्रोपर्टी बनाने के लिए सहमत हो जाते हैं जैसा कि वो कहता हैं “प्रोपर्टी बनाना है ठीक है” पुष्प इनसे कहते हैं कि ऐसा करके हम राहुल गांधी और कांग्रेस की छवि को बर्बाद कर सकते हैं। मूर्ति पुष्प की बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि “Okay, one anti-Congress property [hitting] indirectly” अब पुष्प उन्हें बताते हैं कि हमारा सबसे बड़ा विरोधी पप्पू होगा जिसके ऊपर हमें सबसे ज्यादा काम करना होगा। इस बात पर भी मूर्ति “Okay, ठीक है” कहकर पुष्प की बात को मान लेते हैं। पुष्प इन्हें बताते है कि हमारे अभियान के दो शुरूआती चरणों में (पहला हिंदुत्व का प्रचार और दूसरा राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का दुष्प्रचार) के लिए हमने 6 करोड़ रूपये का भारी भरकम बजट तय किया है। अभियान के आखिरी चरण में हम बजट बढ़ा देंगे। मूर्ति “ठीक है” कहकर बात को समझने की कोशिश करते हैं। अब मूर्ति ये जानने की कोशिश करते हैं कि “ये पैमेंट कैसा रहेगा” पुष्प कहते हैं कि पूरा पैमेंट एडवांस किया जाएगा। मूर्ति पूछते हैं कि “Advance, cash or cheque?” तो पुष्प कहते हैं कि पूरा कैश के जरिए। लेकिन हैरत की बात ये है कि मूर्ति को कैश पेमेंट लेने में कोई एतराज नहीं है लिहाजा वो “ठीक है” कहकर हामी भर देते हैं।
जैसे बातचीत आगे बढ़ती है सोफ्ट हिंदुत्व का जिक्र करते हुए मूर्ति पूछते हैं कि “ये semi-political जो है हिंदू धर्म में नहीं डाल सकते?” पुष्प इन्हें बताते हैं कि ये उस चरण के लिए नहीं है। अब मूर्ति एक बार फिर पूछते हैं कि “खाली आपका न्यूज़ में चलेगा..तेलगु और कन्नड़ में डालेंगे” पुष्प इन्हें स्पष्ट करते हुए कहते है कि हां, और जब आपके चैनल पर बहस या पैनल चर्चाएं होती हैं, तो कांग्रेस के खिलाफ हमें समर्थन दें, ऐसा करके आप उन्हें ज्यादा चोट पहुंचा सकते हैं। यदि आप बजट में वृद्धि की उम्मीद करते हैं, तो हमें ऐसा करने में भी खुशी होगी। मूर्ति कहते हैं कि “ठीक है” अपने संभावित ग्राहक का भरोसा जीतने के लिए मूर्ति खुलासा करते हैं कि “आपका जो demonetization में जो है ना TV9वाला जो है आपको एकदम negative किया.. आपके तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में एक ही चैनल TV5 जो है demonetization का positive दिया है that days and उसके लिए हमे चेयरमैन साहिब को मोदीजी ने बुलाया” मूर्ति की बात सुनकर पुष्प इन्हें बताते हैं कि यही वजह है कि मैंने आपसे संपर्क किया है। इसी के साथ पुष्प इस मुलाकात को खत्म करके वहां से निकल आते हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
मूर्ति से मुलाकात के एक महीने बाद, पुष्प शर्मा TV5 के vice president को फोन करते हैं ये जानने के लिए कि क्या अभी भी मूर्ति उनके दुर्भावनापूर्ण अभियान को अपने चैनल पर चलाने के लिए तैयार हैं। जैसा कि मुलाकात के दौरान उन दोनों के बीच समझौता हुआ था।
पुष्प मूर्ति से कहते हैं कि आप मेरे एजेंडा में दो बिंदुओं को नोट कर लीजिए। जिसका आपको खास ख्याल रखना होगा। पहला है -हमारे पास कुछ गठबंधन सहयोगी हैं। आप जानते हैं कि टीडीपी ने हमारे साथ गठबंधन किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश में अपना दल की अनुप्रिया जैसे छोटे दलों के नेता हैं। फिर बिहार से उपेंद्र कुशवाह हैं। आप इन सभी गठबंधन भागीदारों के खिलाफ कहानियां चलाएं, इसलिए हमारी पार्टी उन पर ऊपरी हाथ रखेगी । मूर्ति सहमति जताते हुए कहते हैं “ठीक है, ठीक है” पत्रकार उनसे पूछते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि आप मेरी बातें समझ गए होंगे। मूर्ति हां में हां मिलाते हुए कहते हैं। “Yes, positively yes yes yes. ये बिहार को बिहार का क्या मतलब है अपने उसमें?”
इसी बात पर अपने समझौते को सुरक्षित करने के बाद, पत्रकार अब दूसरे बिंदु पर आता है। पुष्प कहते हैं कि काफी दिनों से देश भर में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं जिससे सरकार की छवि को चोट पहुंची है। आप अपनी खबरों के जरिए किसानो द्वारा किए गए विरोधों को नक्सलियों या माओवादियों के साथ लिंक करें, ताकि उनके विरोध को प्रायोजित या उत्तेजित दिखा कर हम उसकी दिशा बदल सकें। इससे ये संदेश जाएगा कि ये विरोध प्रदर्शन हमारी सरकार के खिलाफ उनके क्रोध का नतीजा नहीं हैं। ये सुनकर भी मूर्ति को अपने पेशे की याद नहीं आती और वो इसपर भी “अच्छा, अच्छा, अच्छा” कहकर अपनी सहमति जता देते हैं।
अब पुष्प इनसे एक और मुद्दे पर बात करते हैं और ये मुद्दा है आधार का। वो मूर्ति को बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इसके प्रतिकूल फैसले पारित किए हो बावजूद इसके उनके चैनल को इस योजना पर सरकार के स्टैंड का समर्थन करना है। मूर्ति ऐसा करने के लिए भी रजामंद हो जाते हैं और कहते हैं कि “ठीक है सर अच्छी बात है”
तो ये हकीकत है TV5 न्यूज़ चैनल की। जिसके वरिष्ठ अधिकारी हर हाल में पत्रकारिता के पेशे के साथ समझौता करने को तैयार हैं।
ABN ANDHRA JYOTHI
E.V. शेषिधर, चीफ मार्केट मैनेजर, एबीएन आंध्र ज्योति, हैदराबाद
तेलुगु न्यूज चैनल एबीएन आंध्र ज्योति 15 अक्टूबर 2009 को तीसरे सबसे बड़े तेलुगु दैनिक आंध्र ज्योति के प्रबंध निदेशक वेमुरी राधाकृष्ण ने लॉन्च किया था। इसे लॉन्च हुए एक दशक पूरा होने जा रहा है, ये अपने विवादित सामग्री को लेकर काफी चर्चाओं में रहा है। दिसंबर 2009 में जब इस चैनल ने एन.डी तिवारी की एक सीडी प्रसारित की थी जिसमें तिवारी को एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखाया गया था। इससे ना सिर्फ तिवारी के सम्मान को काफी ठेस पहुंची बल्कि उन्हें ग्वेर्नेटोरियल कार्यालय में अपने पद को छोड़ना पड़ा था। 2015 में, राधाकृष्ण और उनके चैनल के खिलाफ आंध्र अदालत के आदेश के तहत एक पुलिस जांच शुरू की गई थी ताकि वह चैनल के कथित दुरूपयोग को देख सके। 2012 में संयुक्त रूप से जुड़वां दो बहनें वीना और वनी के ऑपरेशन के लिए जनता से 25 लाख रुपये इक्ट्ठा किया था। आरोप है कि जनता से जमा किया गया ये पैसा आज तक उनके पास नहीं पहुंचा जिनके नाम पर इक्ट्ठा किया गया था।
तेलंगाना में टीएसआर सरकार ने लगभग दो वर्षों तक चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब वह आंध्र ज्योति में जगन रेड्डी और अन्य के खिलाफ अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने के लिए आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे। एबीएन आंध्र ज्योति चैनल के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ टीडीपी के मजबूत नेता और आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से करीबी के लिए जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये नायडू ही थे जिन्होंने उन्हें तमिल दैनिक के मालिक बनने में मदद की, जहां उन्होंने 1999 में एक स्ट्रिंगर के रूप में अपना करियर शुरू किया। पिछले कुछ वर्षों में, आंध्र ज्योति आंध्र, तेलंगान, तमिलनाडु और कर्नाटक के 17 शहरों को कवर करते हुए एक मल्टी-सिटी संस्करण पेपर बनकर बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। वाकई ये कहानी एक ऐसे इंसान की है जो दो दशक पहले तक कुछ भी नहीं था। ये कहानी पुरानी अंग्रेजी कहावत rags-to-riches पर आधारित है।
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कोबरापोस्ट ने एबीएन आंध्र ज्योति को पुष्प शर्मा के प्रस्ताव के लिए स्वीकार्य माना। जब पुष्प शर्मा ने ई.वी. शेषिधर से उनके हैदराबाद स्थित ऑफिस में मुलाकात की और उन्हें अपने एजेंडा के बारे में बताया। पुष्प के मीडिया अभियान के लिए शेषिधर ने अपने समूह के इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल सभी प्लेटफार्मों पर एक साथ इस अभियान को चलाने पर सहमति जताई। चीफ मार्केट मैनेजर शेषिधर ने ये भी बताया कि उनका मालिक टीडीपी के करीब है और यही कारण कि उनका चैनल आंध्र सरकार से जुड़ी सभी खबरों को बढ़चढ़ कर प्रसारित करता है। आप भी सुनिए बातचीत में शेषिधर ने पुष्प से क्या कहा।
“और वह [राधाकृष्ण] मूल रूप से राजनीतिक संवाददाता थे। तो, वह उस पृष्ठभूमि से है। इसलिए, उनके पास कांग्रेस, बीजेपी के साथ बहुत सारे संबंध हैं और हम टीडीपी बाबू के प्रति बहुत अधिक संबद्ध हैं। “उन्होंने दोहराया है” हमने टीडीपी के साथ बहुत अच्छा जुड़ाव किया है … हमने बहुत कुछ किया है [एसआईसी] आप क्या करते हैं कॉल करें हमारे पास मुख्य अधिकारी है, आप आंध्र प्रदेश सरकार के लिए एपी सरकार के लिए क्या कहते हैं, हमारे पास आंध्र प्रदेश सरकार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम टेलीकास्टर अधिकार हैं। “शुरुआत में शेषिधर यह स्पष्ट करता है कि उनके चैनल और समाचार पत्र की वफादारी कहां है। “And he [Radhakrishna] was [a] political reporter basically. So, he is from that background. So, he has lot of connects with Congress, BJP and we are very [much] affiliated towards TDP Babu.” (और वह [राधाकृष्ण] मूल रूप से राजनीतिक संवाददाता थे। तो, वह उस पृष्ठभूमि से है। इसलिए, उनके पास कांग्रेस, बीजेपी के साथ बहुत सारे संबंध हैं और हम टीडीपी बाबू के प्रति बहुत अधिक संबद्ध हैं।)
आगे शेषिधर बताते हैं कि “We have very good connects with TDP … We have do [sic] lot of what do you call we have main official what do you call for A.P. government Andhra Pradesh government, we have official event telecaster rights for Andhra Pradesh govt.” (हमने टीडीपी के साथ बहुत अच्छा जुड़ाव किया है … हमने बहुत कुछ किया है जिसे आप कहते हैं कि हमारे पास मुख्य अधिकारी है। आप आंध्र प्रदेश सरकार के लिए क्या कहते हैं, हमारे पास आंध्र प्रदेश सरकार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम टेलीकास्टर अधिकार हैं।) शुरुआत में ही शेषिधर पुष्प को ये स्पष्ट कर देता है कि उनके चैनल और समाचार पत्र की वफादारी कहाँ है।
हिंदुत्व एजेंडा पर चर्चा करने के बाद और इसे उनके समाचार चैनल द्वारा कैसे प्रसारित किया जाना है, अब पुष्प राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की चरित्र हत्या के बारे में बात करता है। ‘पप्पू’ के विष्य में बात करते हैं, पुष्प शेषिधर को बताते हैं कि इसे व्यंग्य के तौर पर इस्तेमाल करके पैक किया जाना चाहिए ताकि आनेवाले चुनाव में, कोई भी ‘पप्पू’ को गंभीरता से ना ले। यह हमारी पार्टी को बेहद मदद करेगा। पुष्प इन्हें कहते हैं कि आज तक पर प्रसारित होने वाले ‘so sorry’ की तर्ज पर “Pappu Returns” करके कुछ इसी तरीके से बनाओ। “Okay,” कहकर शेषिधर मामले को आगे बढ़ाते हैं और कहते हैं कि हमारे अखबार में इस तरह के राजनीतिक कार्टिकेशंस छापे जाते हैं।
पुष्प अब उससे पूछते हैं कि, आपके लिए “पप्पू रिटर्न्स” जैसे कार्टिकेशंस बनाना और उन्हें चला पाना संभव है। शेषिधर कहते हैं “हाँ, हाँ, वह है,” अपने अभियान के पहले दो चरणों पर चर्चा करने और उन्हें अपने चैनल और समाचार पत्र में एजेंडा ले जाने के लिए सहमत होने के बाद, पत्रकार अपने तीसरे और आक्रामक चरण का जिक्र करते हैं। पुष्प कहते हैं कि जब हर राजनीतिक दल ये कार्ड और वो कार्ड खेलेंगे और हम भी चुनाव को ध्रुवीकरण के लिए अपना कार्ड खेलेंगे। इसपर शेषिधर बताते हैं कि हम न केवल टीडीपी और चंद्रबाबू के करीब हैं, बल्कि बीजेपी के भी करीबी है। शेषिधर कहते है कि ये जाति का ही असर है जिसने वैंकटेश नायडू और उनके मालिक के बीच रिश्ता बना रखा है। वो कहते हैं कि “They hail from same community caste wise.”
शेषिधर हमें बताते हैं कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अपने स्टूडियो में दो बार कैसे आए और उनके मालिक ने ही उनका इंटरव्यू लिया। अब पुष्प इन्हें बताते है कि आपको इस अभियान के पीछे वास्तव में कौन है, ये आपको किसी से नहीं बताना है। हम संगठन से हो सकते हैं लेकिन यह अभियान केवल श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति द्वारा प्रायोजक के रूप में दिखाया जाना है। पुष्प कहते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि आप मेरे बात समझ गए होंगे। इसे “सरोगेट” तरीके से किया जाना है।
अब पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या वे कर्नाटक चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। इसपर शेषिधर हां में जवाब देते हुए कहते हैं कि “Yeah, yeah, basically through states our borders of our [states] geographically so it is too attached,” (हाँ, हाँ, मूल रूप से राज्यों के माध्यम से हमारे [राज्य] भौगोलिक दृष्टि से हमारी सीमाएं इसलिए यह बहुत जुड़ा हुआ है) सवाल का जवाब शेषिधर काफी स्पष्ट तरीके से देते हैं। उनका मुख्य कारण यह है कि उनका मीडिया हाउस ऐसा कर सकता है जो कि आंध्र की सीमाओं से कर्नाटक की सीमा तक है और तेलुगु प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा है, जो बैंगलोर और मैंगलोर जैसे शहरों में बस गए हैं। यदि आप कर्नाटक में शेषिधर के बताए मुताबिक तेलुगू जनसांख्यिकीय वितरण को देखते हैं, तो आप निश्चित रूप से वहां किसी भी चुनाव के परिणाम को बदल सकते हैं।
इस चुनाव अभियान को गुप्त तरीके से चलाए जाने की बात पर शेषिधर कहते हैं कि “We have, we have. What we do is we maintain the unbiased system and sort of stuff, so we very carry curatively???. We never open up.” (हमारे पास है, हमारे पास है। हम क्या करते हैं हम निष्पक्ष प्रणाली और स्टफ की तरह बनाए रखते हैं, इसलिए हम बहुत ही प्रवाहशील होते हैं ??? हम कभी नहीं खुलते हैं) सौदे के बारे में गुप्तता बनाए रखने के लिए शपथ लेते हुए, शेषिधर ने खुलासा किया “Last election, we were supported your coalition in AP and … and that’s the reason Venkaia Naiduji … in Delhi also we take lot of helps in terms of sort of stuff …” (आखिरी चुनाव, हमें एपी में आपके गठबंधन का समर्थन किया गया था … और इसी कारण वेन्काया नायडूजी … दिल्ली में भी हम कुछ स्टफ के मामले में बहुत मदद करते हैं)
इससे पहले कि आंध्र ज्योति ग्रुप के चीफ मार्केट मैनेजर के साथ पुष्प की बातचीत खत्म होती पुष्प इनसे कहते है कि जिस तरह से मैने आपको एजेंडा के बारे में समझाया है आप मुझे एक प्रपोजल बनाकर भेज दें। जवाब में शेषिधर कहते हैं कि “Sure, sure, definitely Acharayaji … Acharyaji I will just. Are you there in this week so you are travelling?” (निश्चित रूप से, निश्चित रूप से, निश्चित रूप से Acharayaji … आचार्यजी मैं बस हो जाएगा। क्या आप इस सप्ताह में हैं या आप यात्रा कर रहे हैं?)
जब आप राजनीतिक मालिकों के प्रति आपकी निकटता का दावा करते हैं, और उनका समर्थन करके उन्हें गलत तरीके से ऊपर पहुंचाने में उनकी मदद करते हैं तो ऐसे में आप किसी खास संगठन द्वारा तैयार किए गए किसी दुर्भावनापूर्ण एजेंडा को चलाने से ना नहीं कर सकते हैं। बिल्कुल भी नहीं।
LOKMAT
नीलेश पनहालकर, एजवरटाइजिंग मैनेजर, लोकमत, पुणे
मराठी दैनिक लोकमत की स्थापना 1952 में स्वतंत्रता सैनानी जवाहरलाल दर्डा ने यॉटमल से साप्ताहिक के रूप में की थी। ये दैनिक हर रोड़ 18,56,000 प्रतियां बेचता है, अब लोकमत दैनिक चौथा सबसे बड़ा बिकने वाले अखबारों की श्रेणी में शुमार हो गा है। 1997 में लोकमत के संस्थापक की मृत्यु हो जाने के बाद, दर्डा की विरासत उनके बेटे राजेंद्र दर्डा और विजय दर्डा को मिल गई। विजय दर्डा तीन बार कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं और राजेंद्र दर्डा कांग्रेस विधायक के साथ-साथ पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। ये हिंदी दैनिक CNN-IBN के साथ साझेदारी में, एक मराठी समाचार चैनल IBN LOKMAT भी चलाता है।
लोकमत अब एक बड़ा ब्रांड बन चुका है। यहां तक कि ये देश के 10 बड़े और सबसे लोकप्रिय अखबारों में से एक है। हालांकि वक्त-दर-वक्त इस अखबार पर बिकाऊ खबरें (paid news) चलाने के आरोप लगते रहे हैं। 2009 में, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर 47 पन्नों की रिपोर्टों को लेकर लोकमत अखबार का जमकर मजाक बना था। फिर 2012 में, दोनों दर्डा भाइयों को कुख्यात कोयला घोटाला में शामिल होने का आरोप लगा था।
अपने एजेंडा को लेकर पत्रकार पुष्प शर्मा ने लोकमत के पुणे कार्यालय में नीलेश पनहालकर से मुलाकात की। जैसे ही पुष्प ने नीलेश को अपने एजेंडा के बारे में बताया कि श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति मोदी की मदद के लिए 2019 चुनावों को लक्षित कर रही है, जिसके लिए वो वहां मीडिया अभियान का प्रस्ताव लेकर आए हैं, ये अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा।
पहला चरण गीता और भगवान श्री कृष्ण के प्रचार के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए होगा। ये चरण पहले तीन महीनों के लिए चलाया जाएगा। फिर दूसरे चरण semi political होगा। पुष्प से बातचीत के दौरान नीलेश बार बार “Okay” कहकर उनका समर्थन कर रहे थे। अपनी वफादारी का जिक्र करते हुए नीलेश कहते हैं कि “Personally thinking I really support to Modi, Sir.” (व्यक्तिगत रूप से सोच रहा हूं कि मैं वास्तव में मोदी का समर्थन करता हूं, सर) वह यह स्पष्ट करते हैं कि इस चुनाव सत्र में कर्नाटक में क्या हो रहा है “On the basis of religion which I seriously like the Karnataka elections are coming up and all this nonsense going on which I seriously don’t like … But yeah I hate Congress.” (धर्म के आधार पर जो मुझे गंभीर रूप से कर्नाटक चुनाव पसंद है, और यह सब बकवास मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है…लेकिन हाँ, मैं कांग्रेस से नफरत करता हूं।) ये जानते हुए कि नीलेश उनके एजेंडा से प्रभावित हैं पुष्प इनके अखबार के लिए 3 करोड़ के बजट की पेशकश करते हैं। पुष्प इन्हें बताते हैं कि आपके पेपर को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी और उनके नेताओं जैसे हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना होगा। नीलेश इसका जवाब “हाँ“ कहकर देते हैं।
पुष्प इन्हें बताते हैं कि हिंदुत्व के पक्ष में एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए हमारे विज्ञापन चलाते समय आप किसी भी अन्य पार्टियों से विज्ञापन स्वीकार नहीं करेंगे, बाबा रामदेव के अलावा वो किसी अन्य से न हों। नीलेश “हां, हां, हां,“ कहकर पुष्प की बात का समर्थन करते हैं। नीलेश मोहन भागवत, उमा भारती और विनय कटियार जैसे फायरब्रांड हिंदुत्व के नेताओं के भाषणों की डिजिटल कवरेज देने के लिए भी सहमत होते हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को तोड़ने के अपने अर्ध-राजनीतिक एजेंडे पर वापस आकर, पुष्प नीलेश से कहते हैं कि वो हास्य तरीके से या फिर व्यंग्य का इस्तेमाल करके हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने की कोशिश करें। ताकि इस अभियान से हमारी पार्टी को चुनाव में राजनीतिक लाभ मिल सके। जवाब में नीलेश कहते हैं कि “Exactly … Exactly, the long things,” (बिल्कुल … बिल्कुल, लंबी चीजें) पुष्प के एजेंडे का पालन करने के लिए अपनी सहमति देते हुए नीलेश पुष्प को कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ने की बात कहते हैं जो उन्हें अन्य लोकमत संस्करणों में उनके एजेंडे को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। नीलेश कहते हैं “I’ll give you the right person name for you and… like Pune as well as Bombay where everything will be…”( मैं आपको आपके लिए सही व्यक्ति का नाम दूंगा … और पुणे और साथ ही बॉम्बे जैसे सबकुछ …) पुष्प इन्हें बताते हैं कि उनके संगठन ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए बजट अलग कर दिया है। पुष्प बताते हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए उनके संगठन ने 742 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। जो कि बीजेपी के बजट से अलग है। अब पुष्प एक बार फिर नीलेश से ये सुनिश्चित करते हैं कि लोकमत पर प्रतिद्वंदी पार्टियों के अभियान और विज्ञापन नहीं चलने। पुष्प कहते हैं कि आपके चैनल पर सिर्फ हम ही हम दिखने चाहिए हमारे अलावा कोई और ना दिखे। सहमति जताते हुए नीलेश कहते है “Exactly.”(बिल्कुल)
जाहिर है, एक बड़े ग्राहक को सेट करने की संभावनाओं से खुश होकर नीलेश पुष्प को सुझाव देते हैं कि “We can do one thing also. During Ganpati festival, we can run a series of this thing, wherein you can have post to going in.” (हम एक काम और भी कर सकते हैं। गणपति उत्सव के दौरान, हम इस चीज की एक श्रृंखला चला सकते हैं, जिसमें आप पोस्ट भी कर सकते हैं)
पत्रकार नीलेश को बताते हैं, और अभियान को ज्यादा से ज्यादा दिखाना होगा। हमारे पास मोटा बजट है और इसे हम अपने अभियान के तहत प्रतिद्वंदियों को झुकाने में इस्तेमाल करेंगे। नीलेश कहते हैं कि “And we have to … this It’s high time,” (और हमें यह करना ही है … यह बढ़िया समय है) इस मीटिंग को खत्म करने से पहले पुष्प इन्हें बताते हैं कि जो लोग इस अभियान में शामिल होंगे वो इस एजेंडा को गुप्त रखें, इसपर नीलेश कहते हैं कि “Yeah and they have to maintain that secrecy and privacy for all this things. It’s a more basic norm of… any business … Those ethics they should carry. So that kind of thing they will have to maintain.” (हाँ और उन्हें इन सभी चीजों के लिए उस गोपनीयता को बनाए रखना है। यह किसी भी व्यवसाय का … मूल सिद्धांत है उस नैतिकता को ले जाना चाहिए। तो उस तरह की चीज उन्हें बनाए रखना होगा)
लोकमत अपने पाठकों के बीच लोकप्रियता के शिखर पर चढ़ रहा है लेकिन इस एजेंडा को चलाने पर जिस तरह इस अखबार के वरिष्ठ अधिकारी अपनी सहमति जता रहे हैं वो वाकई दुखद है।
RADIO ONE
नम्रता नागराज, असिस्टेंट सेल्स मैनेजर और आनंदा नंदी, असिस्टेंट जनरल मैनेजर (सेल्स), रेडियो वन बैंगलुरू; संजोग कुमार, सीनियर सेल्स मैनेजर, रेडियो वन, दिल्ली
94.3 रेडियो वन ने नेक्स्ट रेडियो लिमिटेड द्वारा अगली मीडियावर्क लिमिटेड और बीबीसी वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स बी.वी द्वारा प्रचारित एक दशक पहले लॉन्च किया था, रेडियो वन भारत का एकमात्र रेडियो नेटवर्क है जो तीन सबसे बड़े शहरों में अंग्रेजी भाषा कार्यक्रमों का प्रसारण करता है मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर, जबकि बाकी हिंदी भाषा कार्यक्रम प्रसारित करते हैं। नेक्स्ट रेडियो एफएम प्रसारण में शामिल होने वाले पहले निजी रेडियो स्टेशन में से एक था और दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर, पुणे और अहमदाबाद जैसे शीर्ष सात शहरों में प्रीमियम एफएम ब्रांड के रूप में रेडियो वन की स्थापना हुई। रेडियो वन की असिस्टेंट जनरल मैनेजर कहती हैं कि “See the last campaign which was election where Modi did the campaign I think it was the highest largest ever political campaign we have ever done.” (आखिरी अभियान देखें जो चुनाव था जहां मोदी ने अभियान किया था, मुझे लगता है कि यह अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक अभियान था।)
यह देखना दिलचस्प है कि वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने नंदी और उनके सहयोगी नम्रता नागराज के इंटरव्यू में रेडियो वन बैंगलोर कार्यालय की कलई खोलकर रख दी। यहां, शर्मा पहले नागराज से मिले, जो रेडियो वन के साथ असिस्टेंट सेल्स मैनेजर यानी सहायक बिक्री प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि बीबीसी पार्टनर विज्ञापन अभियानों को स्वीकार करते समय नैतिक तरीके से व्यवहार करता है या नहीं। हालांकि, इस बैठक में कुछ मिनटों के दौरान दुनिया भर में मशहूर बीबीसी जैसे संगठन की मंशा को सवालों में खड़ा कर दिया।
जैसे ही शर्मा अपने एजेंडे के बारे में बताते हैं, वो उन्हें बताते हैं कि उनके अभियान को आगामी चुनावों में लक्षित किया गया है। वो इस रेडियो स्टेशन के जरिए हिंदुत्व को बढ़ावा देना चाहते हैं। तो, क्या आपने कभी अपने रेडियो स्टेशनों पर ऐसे अभियान चलाए हैं?
नागराज कहते हैं कि “Campaign we have, so we regular campaign we do we can just …” (हमारे पास अभियान है, इसलिए हम नियमित अभियान करते हैं जो हम कर सकते हैं) पुष्प इनसे कहते हैं कि ऐसे अभियान विज्ञापनों के रूप में किए जाने चाहिए? जवाब में नागराज कहते हैं : “Yeah, you can do a commercial on our station and if we have any property maybe you can give your tagline thing ʻBrought to you byʼ or ʻPowered byʼ and then your company’s name.” (हाँ, आप हमारे स्टेशन पर एक विज्ञापन कर सकते हैं और आप अपनी टैगलाइन या फिर आपकी कंपनी का नाम दे सकें।) उसका संदेश स्पष्ट है।
पुष्प पूछते हैं कि आपका मतलब है कि हम अपने एजेंडा को विज्ञापन के तौर पर चलाएं। नागराज कहते हैं कि Yeah, commercial” (हां विज्ञापन) पुष्प इन्हें बताते हैं कि फिलहाल इनके पास एक भी विज्ञापन तैयार नहीं है। तो क्या आप हमें कोई थर्ड पार्टी के बारे में बता सकते हैं जो हमारे लिए ये काम कर सके। नागराज कहते हैं कि “No, no, we only do everything. You just have to give me brief what exactly you want to promote on air.” (नहीं, नहीं, हम सबकुछ करते हैं। आपको बस मुझे संक्षेप में देना होगा कि आप वास्तव में on air प्रचार करना चाहते हैं।) इसी बीच नागराज के वरिष्ठ सहयोगी आनंदा नंदी मीटिंग में आ जाते हैं। आनंदा नंदी पुष्प को कहती हैं कि “See you can create some humorous spots,”(देखें कि आप कुछ हास्य स्पोट्स बना सकते हैं) बस वो direct नहीं होना चाहिए। आगे नंदी बताते है कि वो कितने फायदे के हो सकते हैं। वो कहते हैं कि “आप नाम का उपयोग नहीं कर सकते हैं लेकिन आप हमेशा समान नाम का उपयोग कर सकते हैं… हाँ, लेकिन निश्चित रूप से श्रोताओं को यह समझ आए कि आप इस व्यक्ति को लक्षित कर रहे हैं” पुष्प पूछते हैं कि क्या आप आज तक पर चलने वाले “so sorry” जैसे हास्य और व्यंगात्मक तरह के पैकेज की बात कर रहे हैं जवाब में नंदी कहते हैं “हां ठीक समझा आपने हम ऐसा कर सकते हैं”। हम हमेशा अपने प्रतिद्वंदियों पर अभिनव तरीके से इसे कर सकते हैं और हास्य का उपयोग करना एक ऐसा निश्चित तरीका है।
पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या यह आपकी संपादक टीम इसे स्वीकार करेगी? नंदी को इसके साथ कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह कहता है: “तो हम कर सकते हैं। यह समस्या नहीं होनी चाहिए। केवल एक चीज है कि हमें अप्रूवल लेना है। हम अप्रूवल लेंगे। तो आपके लिए राजनीतिक अभियान हमेशा चलाते हैं।” पुष्प इनसे कहते हैं कि जब हमने अपने अभियान के लिए पूरी स्लॉट खरीदी है, तो हमें बताया गया है कि ऐसे में हमारे प्रतिद्वंदियों में से कोई भी उस स्लॉट में जगह नहीं लेता है। इसपर नंदी “ठीक है, ठीक है। उस तरह!” कहकर अपनी सहमति जताते हैं।
पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या आपने कभी पहले ऐसे अभियान किए हैं? जवाब में नंदी कहते हैं कि “आखिरी अभियान देखें, जहां चुनाव हुआ जहां मोदी ने अभियान किया था, मुझे लगता है कि यह अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक अभियान था।“
जब नागराज और नंदी ने पत्रकार को आश्वासन दिया कि उनका एजेंडा रेडियो वन पर प्रचारित किया जाएगा, रेडियो वन दिल्ली में उनके सहयोगी संजोग कुमार बीजेपी एकोलिट बन गए और जब उन्हें अपने ग्राहक यानी पुष्प के मकसद के बारे में पता चला तो वह तुरंत वह करने के लिए सहमत जिसके लिए पूछा जा रहा था। अब पुष्प इन्हें बताते हैं कि वह कैसे चाहते हैं कि उसका हिंदुत्व एजेंडा मतदाताओं पर दो प्रकार के जिंगल्स के माध्यम से पहुंचाया जाए। जिंगल्स का एक सेट भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के श्लोक का होगा जबकि जिंगल्स के दूसरे सेट में, उन्हें बिना नाम दिए प्रतिद्वंदियों पर हिट करने के लिए राजनीतिक व्यंग्य बनाना होगा। पहला सेट हिंदुत्व की तरफ मतदाताओं को आकर्षित करने का काम करेगा और दूसरा सेट विपक्षी दल को झुकाने में मदद करेगा।
बीजेपी के साथ अपने सहयोग का खुलासा करते हुए संजोग सुझाव देते हैं कि “correct- correct- correct मतलब I have been associated with BJP guys past two years (ठीक ठीक ठीक है मैं पिछले जो साल से बीजेपी से जुड़ा हुआ हूं) चार साल जबसे Delhi election तब से तो हम लोग जब जाते थे मीटिंग 11 अशोक रोड़ तो वहां भी हमको ये ही मिलता था कि message boss मुझे बस हिट करना है दिमाग पे..बीजेपी, बीजेपी, बीजेपी मुझे कोई भी ऐसा … type political statement नहीं बोलना जिसे बंदा सुनके… offensive ना हो ना मैं किसको condemn करूं बस मैं अपने बारे में बताऊंगा”
पुष्प इनके विचारों की सरहना करते हुए कहते है कि ये बिल्कुल सही तरीका होगा और इस तरीके से हम अपने हिंदूवादी अभियान को ज्यादा बेहतर तरीके से चला सकते हैं। पुष्प कहते हैं कि बेशक उनका अभियान संघ द्वारा चलाया जा रहा हो लेकिन इसमें कहीं भी संघ का नाम नहीं आना चाहिए इसलिए हम श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति को आगे करके ये अभियान चला रहे हैं। इसपर सहमति जताते हुए संजोग “ठीक है ठीक है” में जवाब देते हैं।
पुष्प आगे इनसे कहते हैं कि हमारे एजेंडा का मकसद हमारे विचारों को आगे लाना तो है ही साथ ही इस अभियान का मुख्य लक्ष्य हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना भी है। वो भी उनका नाम लिए बगैर। व्यंगात्मक तरीके से उनके उपनाम का सहारा लेकर। संजोग पूछते है कि “मैं कैसे पता लगा सकता हूं, क्या मेरे पास कुछ नाम हो या पॉइंटर्स या संक्षिप्त प्रकार की चीजें होंगे। ताकि मुझे पता लग सके कि किस political rival को क्या उपनाम देना है”
कांग्रेस, जनता दल, समाजवादी पार्टी और बीएसपी हमारे प्रतिद्वंदी हैं, और आप जानते होंगे कि ये प्रतिद्वंदियों बहुत सारे भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं। अगर आपके RJ लोगों के बीच हमारा संदेश प्राप्त करने के लिए उनके चारों ओर एक मजेदार माहौल बनाते हैं। संजोग जवाब देते हैं “ये सब creative..ठीक है ठीक है”
पुष्प पूछते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं आपको मेरे एजेंडा की सारी बातें समझ आ गई होंगी। संजोग हां में जवाब देते हुए कहते हैं कि “उन्हें आज तक पर प्रसारित होने वाले ‘so sorry’ जैसे किसी पेटर्न पर जाना होगा”।
पुष्प एक बार फिर दोहराते हैं कि मेरे एजेंडा का पहला बिंदु हिंदुत्व का प्रचार है, अब, आपके द्वारा बनाए जाने वाले creatives में गीता से श्लोक होने चाहिएं और इसे पांच सेकंड के भीतर लक्षित दर्शकों के बारे में समझा जाना चाहिए और फिर इसे हमारे प्रतिद्वंदियों के कुकर्मों से जोड़ना चाहिए, ताकि लोग ऐसे क्रिएटिव वितरित संदेश से कनेक्ट हो सकें। यह स्पष्ट है कि संजोग एजेंडा को बहुत अच्छी तरह समझ चुके हैं, जैसा कि वे कहते हैं: “हम, हमें व्यापक रूप से आपका एजेंडा समझ आ गया है।“
आगे संजोग फिर दोहराते हैं कि “हिंदुत्व packaging श्रीमद् भगवत गीता के umbrella में second direct hit नहीं करना है मुझे … packaging कर देना है”
पुष्प उन्हें कहते हैं कि ठीक समझे आप लेकिन आपको ये काम अभिनव तरीके (innovative way) से करना होगा। अपने ग्राहक पुष्प से creative पर चर्चा करते हुए संजोग कहते हैं कि “So I will have to find(तो मुझे ये निकालना होगा) इसका मुझे ये आप जो creativeदोगे इससे मुझे बड़ी help मिलेगी अभी नहीं मैं जब भी आप दोगे इसके basis पे मैं एक brief निकाल लूंगा …क्योंकि मेरा जो बंदा है artist है उसको मेरे को brief देना पड़ेगा। I will make him listen them seriously he will figure out (मैं ये उसको ध्यानपूर्वक सुनाऊंगा तब उसकी समझ में आएगा) कि क्या है and quote लेकर के काम करना है got it (समझ आया)”।
जब उनके संभावित ग्राहक पत्रकार ने उन्हें अभियान को संभालने के लिए कहा, संजोग इन शब्दों में अपकी निष्ठा प्रकट करता है: “As a client (एक ग्राहक होने के नाते) बीजेपी मैं अपने पास ही रखता था I believe in those Hindutva.(मुझे हिंदूत्न पर भरोसा है)”
पुष्प इनसे मांग करते हुए कहते हैं कि आप यह सुनिश्चित करें कि स्लॉट खरीदे जाने के बाद रेडियो वन पर हमारे प्रतिद्वंदियों के अभियानों को कोई भी स्थान नहीं दिया जाएगा, संजोग सहमति जताते हुए कहते है कि आने वाले चुनाव में इस अभियान से कैसे बीजेपी को राजनीतिक फायदा पहुंचने वाला है। “हां obviously जब एक नाम फर्क तो पड़ता है …बिल्कुल पड़ता है BJP के campaign जितने भी किए हैं मैंने उसमें जो last के चार दिन पांच दिन… इतनी भयंकर advertisement हर ब्रेक खत्म था, हर ब्रेक में दो दो spot open and close it was great strategy… strategy बहुत अच्छी थी no doubt पैसा डाला उसका result मिल गया”
बैठक खत्म होने से पहले, पत्रकार संजोग से आश्वासन मांगते हैं कि अपने एजेंडे को आवश्यक संपादकीय समर्थन देने के दौरान, रेडियो वन भी टीडीपी जैसे गठबंधन सहयोगियों को कोई वेटेज नहीं देगा जिन्होंने अब केंद्र में सरकार को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया है।
इस मोटी डील को लपकने के लिए संजोग ना केवल ऐसा करने के लिए तैयार हो जाते हैं बल्कि अपने ग्राहक पुष्प को कहते हैं कि वो रेडियो वन के लिए कुछ दिशानिर्देश भेजें ताकि जैसे वो चाहते हैं कार्यालय द्वारा ऐसा ही हो सके।
सौदा करने के लिए खुद को पीछे छोड़ने के अपने उत्साह में, संजोग न केवल ऐसा करने के लिए परेशान है बल्कि क्लाइंट से पत्रकार से पूछता है कि वह रेडियो वन के लिए दिशानिर्देश भेज सके। “बिल्कुल नहीं देंगे सर। आप in fact एक guidelines करना अगर आपकी समझ में आए तो मैं आपको अभी एक mail drop कर दूंगा। test mail आपके पास ID पुरानी वाली वरना पता नहीं कहां ढूंढोगे आप और उसी तरह की guidelines भी डाल दीजिएगा आप तो क्या होगा मैं internal all India में सबको भेज दूंगा”
और इसी आश्वासन के साथ पुष्प और संजोग की मुलाकात खत्म हो जाती है। गौरतरब है कि मुलाकात के दौरान जो बातें सामने आई उन्होंने रेडियो वन की हकीकत को सामने ला दिया।
THE NEW INDIAN EXPRESS
महेश बाबू, चीफ मार्केटिंग मैनेजर; जयश्री चक्रवर्ती, सीनियर मैनेजर, ऑनलाइन मार्केटिंग, न्यू इंडियन एक्सप्रेस, चैन्नई
न्यू इंडियन एक्सप्रेस का जन्म 1991 में हुआ था, जब उसके मालिक रामनाथ गोयंका ने अपने परिवार को दो अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया। 1931 में पी. वारादराजुलु नायडू द्वारा शुरू की गई न्यू इंडियन एक्सप्रेस और गोयंका ने 1935 में कानूनी लड़ाई के बाद स्वामित्व संभाला। हालांकि, विभाजन के बाद, मनोज कुमार सोनथेलिया के स्वामित्व वाली न्यू इंडियन एक्सप्रेस, न केवल अपने पाठकों को पीछे हटाने में सक्षम रही है, दक्षिण में अपने आधार का विस्तार भी किया और तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और ओडिशा से एक साथ प्रकाशित 22 संस्करणों के साथ हर दिन 495,618 प्रतियां बेचकर बुलंदियों को छुआ। इस समूह का एक तमिल दैनिक दीनामनी भी है, जिसे सितंबर 1933 में बैंगलोर, चेन्नई, कोयंबटूर, धर्मपुरी, मदुरै, नई दिल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुचिराप्पल्ली, वेल्लोर और विल्लुपुरम से प्रकाशित किया गया था।
पत्रकार पुष्प शर्मा न्यू इंडियन एक्सप्रेस के चेन्नई कार्यालय में पहुंचे, यह देखने के लिए कि क्या ये भी उनके एजेंडे को चलाने के लिए तैयार हैं, हालांकि, जब वो न्यू इंडियन एक्सप्रेस के चीफ मार्केटिंग मैनेजर महेश बाबू से मिले तो वो भी इस एजेंडा को अपने अखबार के साथ-साथ दिनामनी में भी प्रकाशित करने की बात कही।
जैसा कि पत्रकार पुष्प हिंदुत्व के अपने एजेंडे पर उसे बताने लगते हैं और श्रीमद् भगवद गीता और भगवान कृष्ण के प्रचार का उपयोग करके इसे कैसे चलाया जाना है ये भी बताया, महेश बाबू कहते हैं: “हिंदुत्व एजेंडा? ओके, ओके” आगे महेश पूछते हैं कि “तो आप न्यू इंडियन एक्सप्रेस और दीनामनी में विज्ञापन देने की योजना बना रहे हैं।“ पुष्प कहते हैं कि हां, निश्चित रूप से, दोनों में, प्रिंट और डिजिटल। महेश जानना चाहते थे “So you are planning for what type of advertisement?” (तो आप किस तरह के विज्ञापन चलवाना चाहते हैं) पुष्प इन्हें बताते हैं कि हम भगवत गीता और भगवान कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा देना चाहते हैं, ताकि हम आठ-नौ महीने में इस अभियान से राजनीतिक लाभ प्राप्त कर सकें। महेश बाबू को हमारे एजेंडे के साथ कोई समस्या नहीं है, जैसा कि वह फिर से कहते हैं “हिंदुत्व एजेंडा.. ओके … ओके, ओके.”
पुष्प इन्हें बताते हैं कि हम यहां हमारे श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार समिति के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए हैं और पहले तीन महीनों के लिए हमारी campaign केवल भगवान कृष्ण के उपदेश पर ध्यान केंद्रित करेगा। आपके अखबार में ऐसे विज्ञापन जारी किए जाएंगे। महेश पूछते हैं “तो इस प्रकार का विज्ञापन डिजिटल और प्रिंट में दिया जाएगा।“ हां, और यह हमें हिंदुत्व और हमारी पार्टी से हिंदुओं की पहचान के रूप में लोगों को जोड़ने में मदद करेगा।
महेश बाबू पूछते हैं कि अब समझना कि अभ्यास का उद्देश्य क्या है “तो विज्ञापन बड़ी जगह या छोटी जगह के नीचे आता है?” पुष्प इन्हें बताते हैं कि हम इसे जैकेट के रूप में प्रकाशित करना चाहते हैं, महेश बाबू उत्साहित होकर कहते हैं “जैकेट। वाह, वाह, वाह!” कारण स्पष्ट था क्योंकि जैकेट का मतलब बड़ा है भारी revenue यानी राजस्व मिलता है। पुष्प उसे बताते हैं कि उसने न्यू इंडियन एक्सप्रेस में अपने अभियान के लिए 10 करोड़ का भारी-भरकम बजट तैयार किया है, महेश बाबू अपनी खुशी छुपा नहीं पाते और उत्साहित होकर कहते हैं “वाह, वाह … केवल न्यू इंडियन एक्सप्रेस समूह?” पुष्प इन्हें बताते हैं कि हां ठीक सुना आपने।
पुष्प इनसे पूछते हैं कि क्या आप हमारे soft Hindutva वाले एजेंडा को चलाने में समर्थ हैं। इसपर महेश बाबू पुष्प को आश्वस्त कराते हुए कहते हैं कि “Yeah … No, I don’t think so. New Indian Express [is] also close to that party. So I think we [can] carry [your campaign],” (हाँ … नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। न्यू इंडियन एक्सप्रेस भी उस पार्टी के करीब है। तो मुझे लगता है कि हम आपका अभियान ले सकते हैं)
पुष्प ये बात अच्छी तरह से जान गए थे कि अख़बार उनके राजनीतिक झुकाव के संबंध में खड़ा है, आगे वो उन्हें बताते हैं कि वो राहुल गांधी को उनके उपनाम पप्पू का उपयोग करके अपने डिजिटल मंच पर मजाक बनाना चाहते हैं। पुष्प बताते हैं कि हम ऐसी सामग्री तैयार करेंगे जिससे हम उसकी चरित्र हत्या कर सकें। राहुल गांधी पर पुष्प के एजेंडा को समझते हुए, महेश बाबू पूछते हैं: “हूं हूं, आप उसे पूरी तरह नुकसान पहुंचाना चाहते हैं?“ पुष्प जवाब में कहते हैं हां और हमने पिछले दशक के दौरान राहुत गांधी को पप्पू उपनाम देने में गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल किया है ताकि चुनाव के दौरान उसे कोई गंभीरता से ना ले। महेश बाबू पुष्प के एजेंडा को पूरी तरह समझ जाते हैं और कहते हैं कि “Okay, okay, you mean that elections means definitely people will not accept … not … there like is a funny talk only … [Yes] Not [a] mature person. Humm hum,” (“ठीक है, ठीक है, आपका मतलब है कि चुनाव में निश्चित रूप से लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे … नहीं … वहाँ एक मजेदार बात है …कि वो परिपक्व व्यक्ति नहीं है। हां हां, “)
इस बिंदु पर जोर के बाद, अब पुष्प इन्हें बताते हैं कि उसके एजेंडे का दूसरा मकसद क्या है। पुष्प कहते हैं कि हिंदुत्व एजेंडा को अच्छी तरह से खेलने के बाद, हम चुनाव अभियान के दौरान चुनाव को ध्रुवीकरण करेंगे और इस अभियान के माध्यम से ऐसा करने में हमें मदद मिलेगी क्योंकि अन्य पार्टियां निश्चित रूप से अल्पसंख्यक कार्ड खेलेंगी। लेकिन अफसोस कि इस तरह की बेहूदा मांग को मानने के लिए भी महेश बाबू “Okay” कहकर अपनी सहमति जता देते हैं।
महेश बाबू पुष्प को एक मोटी कमाई देने वाला ग्राहक समझ बैठते हैं और वो इस ग्राहक को फंसाने की मुमकिन कोशिश में लग जाते हैं। अपने अखबार की खूबियां गिनाते हुए महेश बाबू पुष्प से कहते हैं कि “So very authentic newspaper” यानी (दीनामनी बहुत प्रामाणिक समाचार पत्र है) पुष्प अब अपने एजेंडे को दोहराते हुए बताते हैं, हम सीधे आपसे संपर्क कर रहे हैं क्योंकि हम विज्ञापन एजेंसी को भर्ती नहीं करके 15 प्रतिशत पैसे बचा सकते हैं, क्योंकि हमारा एजेंडा बहुत गुप्त है। हम न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बहुत विश्वसनीय मानते हैं और इस शुरुआती चरण के बाद, जैसा कि हमने इस पर अपना रिश्ता बनाया है, हम 2019 में मोदीजी के चुनाव के लिए डंका बजा रहे होंगे, जिसके लिए हमने न्यू इंडियन एक्सप्रेस के लिए 50 करोड़ का बजट रखा है। हम जानते हैं कि आपका पेपर प्रिंट और डिजिटल दोनों माध्यमों से इस अभियान के जरिए हिंदुत्व का माहौल बनाने, हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने और हमारे उद्देश्य को पूरा करने में मदद कर सकता है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस का मतलब ही गंभीर पाठकों से है। पुष्प की बात सुनकर महेश बाबू कहते हैं “Yes, yes, very serious reader … lot of things … social media plus political … plus lot of activity we have done.” (हाँ, हाँ, बहुत गंभीर पाठक … बहुत सी चीजें… सोशल मीडिया प्लस राजनीतिक… साथ ही हमने बहुत सी गतिविधियां की हैं)
पुष्प आगे बढ़ते हैं और भुगतान के तरीके की बात करते हुए, महेश को बताते हैं कि वो 30 प्रतिशत नकदी में भुगतान करना चाहता है और बाकी 70 फीसदी चेक द्वारा। पुष्प कहते हैं कि नकद भुगतान के लिए उन्हें कंपनी के किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। हैरानी वाली बात ये है कि नकद (cash) स्वीकार करते समय महेश बाबू को कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे कहते हैं: “Okay, okay, okay. So no legal documents, no need … even that this is not …” (ठीक है, ठीक है, ठीक है। तो कोई कानूनी दस्तावेज नहीं, कोई ज़रूरत नहीं है … यहां तक कि यह नहीं है … ) इन सभी बातों पर सहमति बनने के बाद पुष्प अपने एजेंडा पर वापिस आते हुए राहुल गांधी के चरित्र हरण की बात शुरू करते हैं। ये महेश बाबू को बताते हैं कि हिदुंत्व का प्रमोशन होने के बाद आपको उनके उपनाम जैसे पप्पू का उपयोग करना होगा और मजाक बनाने के लिए उनपर व्यंग्य कसना होगा। महेश बाबू जवाब में कहते हैं कि “Okay, okay, okay. It’s anybody’s name, no, Pappu, Chintu small small [kids’ pet names].” (ठीक है, ठीक है, ठीक है। यह किसी का नाम, नहीं, पप्पू, चिंटू छोटा छोटा [बच्चों के पालतू नाम] है।)
ये आश्वस्त होने के बाद कि उनका निपुण एजेंडा न्यू इंडियन एक्सप्रेस और उसकी सहयोगी संस्था ‘दीनामनी’ प्रकाशन द्वारा चलाया जाएगा। पुष्प ने महेश बाबू से अखबार के डिजिटल हेड से मुलाकात कराने की बात कही।
इन दिनों, डिजिटल अंतरिक्ष भौगोलिक सीमाओं और समय क्षेत्र से परे दर्शकों तक पहुंचने का सबसे प्रभावी माध्यम बन गया है। इसलिए इसके बाद पुष्प ने अपने होटल में सीनियर मैनेजर (ऑनलाइन मार्केटिंग) जयश्री चक्रवर्ती से मुलाकात की। पुष्प ये जानना चाहते थे कि क्या महेश ने चक्रवर्ती को ये एजेंडा पहले ही बता दिया गया था, पत्रकार ने जयश्री से पूछा कि न्यू इंडियन एक्सप्रेस (डिजिटल के लिए) बजट क्या है। जवाब में जयश्री ने कहा कि “[Rs.] 5 crores.” (पांच करोड़ रुपये) पुष्प जयश्री से कहते हैं कि कृपा आप हमारे अभियान के लिए एक combo deal बना दीजिए ताकि वे सौदे पर आगे बढ़ सकें। जयश्री जानना चाहती हैं कि “Okay. You want me to bring print also into it or you want only digital?” (ठीक है। आप चाहते हैं कि मैं इसमें प्रिंट भी लाऊं या आप केवल डिजिटल चाहते हैं?) पुष्प इन्हें बताते हैं कि नहीं आप प्रिंट को डिजिटल से अलग रखिए। हमारे पास डिजिटल के लिए अलग से बजट है। जयश्री कहती हैं “Only digital yeah that’s what … Okay.” (केवल डिजिटल हाँ यह है कि … ठीक है।) जयश्री से उनके बैंक एकाउंट के बारे में जानकारी लेते हुए पुष्प इनसे दोबारा एक combo deal बनाने की बात कहते हैं। जयश्री कहती हैं कि “Fine Sir, whatever we can do for the first four months whatever you said like video banner we need to run apart from that some good quotes from Bhagwad Geeta, as banner, expendable banners and whatever.” (ठीक है, जो कुछ भी हम पहले चार महीनों के लिए कर सकते हैं जो भी आपने कहा जैसे वीडियो बैनर तरह, हमें भगवद गीता के कुछ अच्छे उपदेश, बैनर, व्यय करने योग्य बैनर और जो भी हो, वो होना चाहिए।) पुष्प इन्हें कहते हैं कि हां बिल्कुल ठीक समझा आपने लेकिन आप इस सौदे में अपने Apps को क्यों शामिल नहीं कर रही हैं। जवाब में जयश्री कहती हैं “Yeah, Apps plus web everything… yeah I will just put it and send you email,” (हाँ, एप्स के साथ वेब सबकुछ … हाँ, मैं इसे अभी रखूंगी और आपको ईमेल भेजूंगी) पुष्प कहते हैं कि जो भी आप हमारे उद्देश्य के लिए बनाते हैं, उसे एक भगवा पृष्ठभूमि दें, पत्रकार उसे याद दिलाता है कि अभियान को कैसे चलाना है। जयश्री पूछती हैं कि “You want us to design it, everything or …?” (आप चाहते हैं कि हम इसे डिजाइन करें, सब कुछ या …?) पुष्प इन्हें बताते हैं कि अभियान के लिए हमारे पास कई चीजें तैयार हैं। जयश्री प्रस्ताव देती हैं कि “Yeah, you can send it to us. So that we can incase … required according to the sizes and other thing, I can get it done from my designer that I can get it done. Definitely, I will work it out and send you the proposal.” (हाँ, आप इसे हमें भेज सकते हैं, ताकि हम जरूरत पड़ने पर अन्य आवश्यक चीज़ों के अनुसार इसे कर सकें …मैं इसे अपने डिजाइनर से बनवा सकती हूं, इसे पूरा कर सकती हूं। निश्चित रूप से, मैं इसपर काम करूंगी और आपको प्रस्ताव भेजूंगी।) पुष्प इन्हें बताते हैं कि मैंने आपको पहले ही मेल भेज दिया है अब आप कभी भी उन्हें मेल कर सकती है।
जयश्री कहती हैं कि वो निश्चित रूप से ऐसा करेगी “Yeah, I will do that and also suppose in case if my boss would like to meet you so… when you [will] be coming” (हाँ, मैं ऐसा करूंगी और यह भी मान लें कि अगर मेरे बॉस आपसे मिलना चाहता हैं तो …आप कब आ सकते हैं) पुष्प कहते हैं कि मैं अगले हफ्ते आउंगा आगे जयश्री हमें बताती हैं कि “Yeah, It [has] started …. I am getting calls from BJP also to take the campaigns in New Indian Express…” (हां वो शुरू होने वाले हैं… मुझे बीजेपी से भी बहुत कॉल आ रही हैं New Indian Express पर विज्ञापन चलवाने के लिए)
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत में से साफ हो चुका था कि ये पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यही जानना पुष्प का मकसद था।
OPEN MAGAZINE
कार्ल मिस्त्री, जरनल मैनेजर (एडवरटाइजिंग), मुंबई; पंकज जयसवाल, एसोसिएट पब्लिशर, मुंबई और बसब घोष, रिजनल सेल्स हेड, कोलकाता ओपन मैग्जीन
ओपन मैग्जीन आरपी-संजीव गोयंका समूह द्वारा अप्रैल 2009 में लॉन्च की गई थी। ये एक कथा-पत्रकारिता प्रारूप में लाई गई। बिजली, प्राकृतिक संसाधनों, कार्बन ब्लैक, खुदरा, मीडिया, शिक्षा, मनोरंजन और बुनियादी ढांचा जैसे व्यापारों के साथ आज इसकी कीमत 31,000 करोड़ रुपये है। इस समूह के पास स्पेंसर और सारेगामा जैसे ब्रांड हैं। ओपन राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, अंतर्राष्ट्रीय मामलों और खेल आयोजनों के रूप में अलग-अलग विषयों पर अपने समाचार विश्लेषण के लिए जानी जाती है। शुरुआत में केवल 12 शहरों में पांव जमाने वाली ओपन मैंग्जीन आज देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है।
हालांकि, अप्रैल 2012 में इंडियन एक्सप्रेस ने सेना के आंदोलनों के बारे में सरकारी आशंका के संबंध में एक कहानी प्रकाशित की थी। जिसके बाद ओपन मैग्जीन को विवाद हिस्सा बनना पड़ा था। ओपन मैग्जीन के राजनीतिक संपादक हार्टोश सिंह बाल को दिए गए एक साक्षात्कार में, विनोद मेहता ने कहानी की आलोचना की थी और इसे एक plant mistake बताया था। इंडियन एक्सप्रेस के एंटरव्यू को बदनाम करने वाला बताकर, इंडियन एक्सप्रेस ने ओपन मैंग्जीन को अपने ऑनलाइन संस्करण से इंटरव्यू को हटाने और 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने के साथ साथ माफ़ी मांगने के लिए भी कानूनी नोटिस भेजा। इस विवाद के तकरीबन एक साल बाद ओपन मैग्जीन के राजनीतिक संपादक हार्टोश सिंह बाल को बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि इस पूरे मामले से कहीं न कहीं मैंग्जीन के मालिक संजीव गोयंका नाखुश थे। संजीव गोयंका को लगा था कि इस तरह के लेखन से मीडिया जगत में उनके दुश्मन खड़े हो सकते हैं।
इस मामले के बाद ये देखना दिलचस्प था कि क्या यहां पत्रकारिता मैनेजमेंट के अधीन हो गई थी। लिहाजा वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा जानना चाहते थे कि ओपन मैग्जीन का टॉप मैनेजमेंट उनके घृणास्पद मीडिया अभियान को चलाने के लिए सहमत होगा या नहीं। इस सवाल को लेकर पुष्प ओपन मैग्जीन के मुबंई दफ्तर पहुंचे और यहां उनकी मुलाकात हुई जरनल मैनेजर कार्ल मिस्त्री और ओपन मैग्जीन के एसोसिएट पब्लिशर पंकज जयसवाल से। पुष्प ने इन अधिकारियों से मुलाकात कर कोलकाता में मार्केटिंग हेड बसब घोष से भी मुलाकात की। हैरत की बात ये है कि इन सभी अधिकारियों के इंटरव्यू के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
पुष्प द्वारा हिंदुत्व के अपने एजेंडे के बारे में जानकारी देने के बाद, मिस्त्री ने पुष्प को अपनी पत्रिका के special supplement के लिए जाने का सुझाव दिया। मिस्त्री कहते हैं “I can also give you one more suggestion, of this. What we do is we have a separate section. Along with the main issue, we have that entire book, which is good. So, we take up topics like lifestyle, because the type of people that is there. So you can bring in … [yes] subtle Hindutva, and bring along it in that way. I will just show you the special [supplement] of this.” (मैं आपको इसके बारे में एक और सुझाव भी दे सकता हूं। हम क्या करते हैं हमारे पास एक अलग खंड है। मुख्य मुद्दे के साथ, हमारे पास वह पूरी किताब है, जो अच्छी है। इसलिए, हम उसमें जीवनशैली जैसे विषयों को लेते हैं, क्योंकि उसे इसी तरह के लोग पढ़ते हैं। तो आप इसमें ला सकते हैं … [हाँ] हिंदुत्व को घुमाओ, और इस तरह से इसके साथ लाओ। मैं आपको इस बारे में विशेष [पूरक] दिखाऊंगा)
आगे मिस्त्री पुष्प को कहते हैं कि “See this is something that we can conceptualize. This is what I am trying to say.” (यह कुछ ऐसा है जिसे हम अवधारणा बना सकते हैं। यही वह है जो मैं कहने की कोशिश कर रहा हूं)
इसके बाद मिस्त्री अपने संभावित ग्राहक यानी पुष्प से पूछते हैं कि “You can give ideas and throw ideas we can work out something. Think about it.” (आप विचार दे सकते हैं और विचारों के माध्यम से हम कुछ काम कर सकते हैं। इसके बारे में सोचो)
पुष्प इनसे कहते हैं कि मेघावी छात्रों को दिए जाने वाले la Ramnath Goenka Award जो कि इंडियन एक्सप्रेस समूह ने पत्रकारिता के लिए स्थापित किया है। अगर श्रीमद् भगवत गीता प्रचार समिति इस अवार्ड को प्रायोजित करेगी तो ये एक तरीके से हिंदुत्व पुरस्कार को बढ़ावा देने से कम नहीं होगा। इसपर मिस्त्री पुष्प को सलाह देते हैं कि “You can make in a way you don’t put Hindutva, you can put it in your plan”(आप इस तरीक से कर सकते हैं कि आप हिंदुत्व मत डालिए आप इसे अपनी योजना में डाल सकते हैं)
पुष्प मिस्त्री को बतातें हैं कि आप घोषणा कर सकते हैं कि श्रीमद् भगवद गीता प्रचार समिति शानदार छात्रों को पुरस्कृत कर रही है, इसपर मिस्त्री बताते हैं कि “Exactly, exactly. So it could be brilliant student it could be … [yes] … achievers in different field.” (बिल्कुल, बिल्कुल। तो यह शानदार छात्र हो सकता है यह हो सकता है … [हाँ] … विभिन्न क्षेत्रों में विजेता)
पत्रकार अब बताते हैं कि इस तरह के occasions के लिए हिंदुत्व शब्द का उपयोग करने की कोई ज़रूरत नहीं है, लेकिन गीता की सार्वभौमिक अपील है, इसलिए इस्कॉन है, और यदि हम गीता का जिक्र कर रहे हैं, तो इसका हमेशा अर्थ हिंदुत्व के प्रचार की ओर जाता है। इसपर मिस्त्री सहमति जताते हुए कहते हैं कि “We are not getting that word. Also we are not making it big deal, but it automatically translates.” (हमें वह शब्द नहीं मिल रहा है, इसके अलावा हम इसे बड़ा सौदा नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह खुद-ब-खुद मुद्दे को स्पष्ट कर रहा है)
हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए इस पारस्परिक समझ पर पहुंचने के बाद, पत्रकार अब उन्हें कॉम्बो सौदे के लिए एक प्रस्ताव भेजने के लिए कहता है। इसके बाद पुष्प अपने मीडिया अभियान के लिए 3 करोड़ रुपये का बजट बताकर इनसे कहते हैं कि हमारे अभियान के अर्ध-राजनीतिक चरण (semi political phase) में, वो कांग्रेस, बीएसपी और एसपी जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना चाहते हैं, और यदि जरूरत पड़े तो आप अपनी टीम के साथ इस पर चर्चा कर सकते हैं कि इसपर मिस्त्री “Okay, fair enough,” (ठीक है, बहुत बढ़िया है) कहकर अपनी राय दी। मिस्त्री कहते हैं कि “I forget to tell you we have open avenues on YouTube also.” (मैं आपको बताना भूल जाता हूं कि हमने YouTube पर भी रास्ते खोल दिए हैं) पुष्प पूछते हैं कि आपका मतलब सोशल मीडिया से है। मिस्त्री बताते हैं कि वे YouTube, फेसबुक और ट्विटर पर अपनी पत्रिका को कैसे बढ़ावा देते हैं, “हम फेसबुक और ट्विटर और अन्य माध्यमों से मैग्जीन को प्रोत्साहित करने की कोशिश करते हैं लिहाजा पब्लिक में जाकर ये भी देख लेते हैं वहां से मिल जाता है”।
मिस्त्री पुष्प को कहते है कि वह हमारे अभियान को बढ़ावा देने के लिए इन प्लेटफॉर्म का उपयोग करेंगे “So we can work out.(तो हम काम कर सकते हैं) जिंगल्स आ गया आपका मेरा YouTube भी I’ll work things out(मैं चीजों पर काम करूंगा)” पुष्प इन्हें कहते हैं कि यही तो हम आपसे चाहते हैं। अब पुष्प इन्हें बताते हैं कि जब हमारे हिंदूवादी नेता जनता के लिए भाषण देते हैं, उन सभी नेताओं ने जो कहा है या करते हैं, उनका सभी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रचार करें। इसपर मिस्त्री “जी” कहकर अपनी रजामंदी जाहिर करते हैं। मिस्त्री पूछते हैं कि यहां सवाल ये है कि content तैयार कौन करेगा। “इसमें content मेरे को बनाना है या आप बना के मेरे को दोगे… This is my question to you (मेरा सवाल आपसे ये है) ” पुष्प इन्हें बताते है कि ये सब उन्हीं के ऊपर है। वो जैसा चाहें कर सकते हैं। मिस्त्री भी “okay” कहकर सहमति जताते हैं। मिस्त्री डिजिटल प्रचार पर दोनों के बीच हुई चर्चा को दोहराते हैं “Twitter, Facebook वो हो गया…” पुष्प मिस्त्री को याद दिलाते हैं कि उन्हें हमारे हिंदूवादी नेताओं का प्रचार करना है। इस पर भी सहमति जताते हुए मिस्त्री कहते हैं कि “हां नहीं नहीं आपको जो भी डालना है आपको जो भी डालना है”
अब पुष्प इनसे कहते हैं कि आपको हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ विश्वसनीय और प्रामाणिक समाचारों के साथ खेलना होगा। चूंकि वे चुनाव ध्रुवीकरण के लिए अपने कार्ड खेलेंगे, तो हम भी ऐसा करेंगे। जब हम इस तरह के आक्रामक अभियान में होते हैं तो हमाके पास 90 प्रतिशत काम होगा, बाकी हम प्रबंधन करेंगे। लेकिन आपको हमारे राजनीतिक संदेश देने के दौरान इसे नैतिक रूप से खेलना होगा। इस सवाल पर भी मिस्त्री “correct” कहकर अपनी सहमति जताते हैं। आगे पुष्प इनसे कहते हैं कि वह इनकी मैग्जीन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का पूरा विज्ञापन स्थान बुक कराना चाहते हैं, ताकि कहीं भी उनके प्रतिद्वंदियों को देखा या सुना न जा सके। इसपर एक बार फिर मिस्त्री “Correct, correct,” बोलकर समझौते पर अपनी रजामंदी की मुहर लगा देते हैं।
मिस्त्री ने ही ओपन मैग्जीन के एसोसिएट पब्लिशर पंकज जयसवाल के साथ पुष्प की बैठक की व्यवस्था की, जयसवाल को उनके सहयोगी ने पहले ही एजेंडा के बार में बता दिया था क्योंकि जयसवाल इस मुद्दे पर सीधे बात करते हैं। अब, गौर से सुनिए जयसवाल ने क्या कहा “जहां तक मुझे लगता है कि as far as agenda is concerned कोई भी अगर sponsorship करेगा कोई भी अगर advertise करेगा कोई भी कोई promote केरगा उसका एजेंडा तो रहता ही है” अभियान के पहले चरण का सौदा पक्का करते हुए पुष्प इनसे पूछते है कि क्या आपके सहयोगी मिस्त्री ने आपके मेरे अभियान के बारे में सब कुछ बता दिया है सवाल के जवाब में जयसवाल कहते हैं “हां जी.. That has already been told, but if you want to brief I may discover something,” (यह पहले ही बताया जा चुका है, लेकिन यदि आप संक्षेप में बताना चाहते हैं तो मुझे कुछ पता चल जाएगा)
ये सुनिश्चित करने के लिए कि जयसवाल औपचारिक रूप से अपनी पत्रिका में एजेंडे पर सहमत होने से पहले इस एजेंडे को लेकर स्पष्ट हैं भी या नहीं, पुष्प फिर से उन्हें बताने लगते हैं कि अभियान का पहला चरण test and trial होगा जिसमें हम सिर्फ हिंदूत्व का प्रचार करेंगे। आगे पुष्प कहते हैं कि आप मुझे 3 करोड़ रुपये के लिए कॉम्बो डील दे सकते हैं। जिसमें प्रिंट और डिजिटल दोनों शामिल होंगे और फिर हमारे हिंदुत्व के नेताओं का सम्मानजनक प्रचार होना चाहिए। मिस्त्री दोबारा याद दिलाते हुए कहते हैं कि “सोशल मीडिया आपने बोला था ना” पुष्प मिस्त्री की बात का हां में जवाब देकर कहते है कि मेरे अभियान के लिए सारी विज्ञापन की जगह अभी से बुक कर दो। इसपर जयसवाल कहते हैं कि “मुझे आप तीन-चार दिन का टाइम दे दीजिए, इसको कैसे आगे लेकर जाना है मुझे editorial में भी बात करनी है इस बारे में इसको कैसे genuinely आगे लेकर जाना है”।
पुष्प उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, और नैतिक मुद्दों पर भी चर्चा करते है। ताकि आखिर में दोनों इस समझौते पर सुरक्षित रहें। अपने संभावित ग्राहक पुष्प की बातों पर सहमति जताते हुए जयसवाल कहते हैं कि “जी, ठीक है absolutely. जब हम उस चीज़ को आगे लेकर जाएंगे तो कोई hurdles ना हों और हम उसको confidently आगे लेकर जाएं … जैसे अभी आपने कहा ना कुछ चीजें आएंगी कुछ negativity आएगी उस चीज को हमने साइड करके…”
कांग्रेस, बीएसपी और एसपी जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाने के अपने एजेंडे पर आते हुए पुष्प पूछते हैं कि वे डिजिटल मीडिया पर कैसे करेंगे। पुष्प इन्हें सलाह देते हैं कि एक घटना या संगोष्ठी का आयोजन करें और एक नकली कलाकार को किराए पर रखें, जो हमारे लिए नौकरी करे। तो जब दर्शक चाय का आनंद ले रहे हों तो एक मजेदार क्षण आए जिसमें वो कलाकर व्यंगात्मक तरीके के हमारे प्रतिद्वंदियों की खिल्ली उड़ाए। पुष्प के इस विचार पर मिस्त्री कहते हैं कि “वो भी हो सकता है” आगे जयसवाल मिस्त्री को कहते हैं कि “उसमें लिख लो” जयसवाल पुष्प को कहते हैं कि टीवी स्क्रीन पर ऐसी नकली प्रसारण होने पर इसका असर पड़ेगा। “Screen लगी रहती है उसमें अगर चल जाए तो बहुत अच्छा उसमें क्या होता है एकदम visibility different मिलती है” इस आइडिया की सराहना करते हुए जयसवाल आगे कहते है कि “It’s an innovative.कोई भी चीज innovative way में project के साथ match कर रही हैं तो why not.देखिए कुछ चीजें नहीं करेंगी कुछ चीजें करेंगी भी … right जो भी करना है confidently कर रहे हैं”।
उसके साथ पूरी तरह से सहमत होने पर, जब पत्रकार उसे अपने प्रस्तावित अभियान पर काम करने के लिए कहते हैं तो जयसवाल कहते है कि “इसलिए मैंने आपने थोड़ा सा ही time मांगा है मुझे भी कुछ लोगों से बात करनी है क्योंकि ये process है तो आगे इस चीज को लेकर जाना चाहता हूं confidently आगे लेकर जाना चाहता हूं”।
आखिरकार, जयसवाल बताते हैं कि उनकी वफादारी कहां है क्योंकि वो हमें बताते हैं कि “ये बहुत अच्छा काम है, ये मेरे thought processके साथ match कर रहा है … मैं आपको ये भी बता दूं मैं इससे हूं.. इससे ये personal आपको”।
जयसवाल के मुंह से ये सब सुनकर आप अंदाजा लगा सकते है कि एक जाने-माने मीडिया संस्थान में जिम्मेदार पद पर बैठा एक अधिकारी किस कदर पक्षपाती है। जाहिर है निष्पक्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में ऐसे व्यक्ति कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं। मिस्त्री और जयसवाल ही नहीं कोलकाता में बैठे इनके सहयोगी बसब घोष भी खुलकर कहते हैं कि उनकी ‘ओपन मैग्जीन’ मोदी सरकार की समर्थक है। चूंकि पुष्प घोष को संक्षेप में बताना शुरू करते हैं कि श्रीमद् भगवद् गीता और भगवान कृष्ण के उपदेशों का उपयोग करके हिंदुत्व को कैसे बढ़ावा देना है, उन्होंने घोष को बताया कि उनके हिंदुत्व एजेंडे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इसपर घोष कहते हैं कि “बिल्कुल हटना नहीं है”।
पुष्प कहते हैं कि अगर कोई हिंदुत्व को पसंद नहीं करता है, तो ये उनकी समस्या है। हमें हिंदुत्व को बढ़ावा देना है पत्रकरिता को दूसरे स्थान पर रखना है, यहां घोष कहते है कि “और कोई गलत बात भी नहीं है”।
पुष्प कहते हैं कि लेकिन इस बार हम अयोध्या मुद्दे का उपयोग नहीं कर रहे हैं क्योंकि पार्टी द्वारा पिछले 25 वर्षों से इसे भरपूर निचोड़ा गया है। हम भगवत गीता का उपयोग कर रहे हैं जिसमें सार्वभौमिक स्वीकार्यता (universal acceptance) है और राम और अयोध्या जैसा कोई विवाद भी नहीं हैं। हम अपनी सार्वभौमिक अपील को राजनीतिक रूप से भुनाएंगे।
आगे पुष्प कहते हैं कि दूसरे चरण में, हमारा उद्देश्य उन पप्पू जिंगल्स का इस्तेमाल करके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को झुकाना है। हमने इस पप्पू शब्द को बनाने के लिए बहुत सारी “गाढ़ी कमाई” इस्तेमाल की है ताकि लोग उसे कभी गंभीरता से ना ले पाएं। अगर डिजिटल प्लेटफार्मों पर इन जिंगल्स को बढ़ावा दिया जाता है तो उसकी चरित्र हत्या (character assassination) के साथ हमारे राजनीतिक उद्देश्य भी पूरा हो जाएगा। पुष्प की बात पर सहमति जताते हुए घोष “हमम” में जवाब देते हैं। आखिरकार घोष चरित्र हत्या वाली बात पर कहते हैं “Correct, correct.” आगे पुष्प फिर से उन्हें समझाते हुए कहते हैं कि हमारा एजेंडा पप्पू के कद को काटना है। सहमति जताते हुए घोष कहते हैं कि “Downsize.”(कद को काटना है)
पुष्प घोष से कहते है कि हां, यही हम हासिल करना चाहते हैं। अपने एजेंडे के दो मुख्य बिंदुओं हिंदुत्व को बढ़ावा देना और राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की चरित्र हत्या को दोहराते हुए पुष्प कहते है कि वह चुनाव के दौरान सांप्रदायिक माहौल बनाना चाहते हैं क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी दल अल्पसंख्यक कार्ड खेलेंगे। चूंकि पुष्प घोष को अपने सांप्रदायिक एजेंडा को ज़ोरदार तरीके से स्पष्ट करते हैं तो जवाब में घोष कहते हैं कि “Hmm, definitely(बिल्कुल) … hmm,”
पुष्प इन्हें कहते है कि इन दोनों चरणों के बाद.. हम अपने अभियान को अगले चरण की तरफ बढ़ाएंगे। एजेंडा को बहुत अच्छी तरह समझने के बाद, घोष ने मोदी समर्थक ‘ओपन मैग्जीन’ की संपादकीय नीति को बताया “आचार्य जी शायद आप भी busy रहते हैं आप शायद open देखते नहीं हैं regular. मैं आपको एक बात बताता हूं open जितना support करते हैं संगठन का शायद ही कोई करता होगा आप थोड़ा समय निकालिए मेरे पास पुराना issue है इनका…आप अगर कष्ट करके थोड़ा time निकाल के देखिएगा मेरा तो copy आने वाला है ये issue भी cover मोदी जी के ऊपर ही है”।
घोष के इस बयान के बाद ये समझने की गुंजाइश ही खत्म हो जाती है कि कैसे एक मीडिया संस्थान में पक्षपात की सीमाओं को लांघकर पत्रकारिता के सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है।
Conclusion: कैमरे के इन सब confessions से ये स्पष्ट हो जाता है कि paid news की खाई काफी गहरी हो गई है क्योंकि ये अब कुछ ऐसे व्यक्तियों तक ही सीमित नहीं रही जो paid content प्रकाशित करते समय समाचार कहानियों या रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करते हैं। पिछले कुछ साल में paid न्यूज संस्थागत हो गई है तहकीकात में ये बात साफ हो गई क्योंकि न्यूज़ बिजनेस में ऐसा कोई भी एजेंडा मान्य नहीं है जो अत्यधिक सांप्रदायिक हो और किसी के लिए अपमानजनक हो और ना ही कोई अकेले ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है विशेष रूप से जब पालन करने के लिए स्पष्ट कानून हैं और कानून के सख्त दिशानिर्देश हैं।
ऐसा करना आईपीसी की धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है। इसके अलावा ये Prevention of Money Laundring Act 2002, Representation of the People Act 1951, Election Commission of India के Conduct of Election Rules 1961, Companies Act 1956, Income Tax Act 1961, Consumer Protection Act 1986 और Cable Television Network Rules 1994 का खुला उल्लंघन है। साथ ही ये तमाम कारनामे Norms and Journalistic Conduct of the Press Council of India जोकि 1978 में भारतीय संसद द्वारा प्रैस के watchdog के रूप में स्थापित किया गया था का भी खुले तौर पर उल्लंघन है। हालांकि कोई तर्क दे सकता है कि इस तरह का उल्लंघन काल्पनिक है फिर भी भारतीय मीडिया के तमाम तथ्यों को झुठलाना या अफवाहों को खबरों के रूप में पेश करना खासकर नागरिक संघर्षों के दौरान सांप्रदायिक भावनाओं को झुठलाना किसी बड़े अपराध से कम नहीं।
अन्य कानूनी प्रावधानों के अलावा समाचार प्रसारण परिषद प्राधिकरण के “Paid न्यूज पर मानदंड और दिशानिर्देश” हैं और भारत की प्रेस काउंसिल के “पत्रकारिता आचरण 2010 के मानदंड” हैं। सभी मीडिया प्रतिष्ठानों से इनका पालन करने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन क्या वे वास्तव में ऐसा करने की परवाह करते हैं? हमारी तहकीकात में जो जवाब में मिला है वो है ‘नहीं’।
हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि ऑपरेशन 136: पार्ट-2 को भारतीय मीडिया को कमजोर करने या एक संस्थान के रूप में इसकी पवित्रता पर सवाल उठाने की कोशिश के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। हमारी जांच इन मीडिया प्लेटफार्मों में काम कर रहे पत्रकारों पर सवाल खड़ा करना या उनके लिए एक गलत सोच स्थापित करने का इरादा नहीं रखती है। उन्होंने अतीत में अच्छी पत्रकारिता की होगी और भविष्य में ऐसा करेंगे। हालांकि यदि कोई भी मैनेजमेंट paid न्यूज में शामिल होता है तो ये वहां काम करने वाले पत्रकारों के लिए बहुत कठिन माहौल बनाता है। इस कहानी का उद्देश्य पिछले तीन दशकों से भारतीय मीडिया को दागदार वाली छवि से निकालकर, हमारी ईमानदारी को रेखांकित करना है और साथ ही इस स्थिति को सुधारने का प्रयास करना है। ताकि लोकतंत्र के इस जीवंत स्तंभ में भारत के नागरिकों का विश्वास डिगने न पाए।
आखिरकार हम जिक्र करते हैं Hoover Institution में अमेरिकी अर्थशास्त्री और सामाजिक सिद्धांतकार और सीनियर फेलो थॉमस सोवेल का। जिन्होंने आज के मीडिया परिदृष्य पर एक टिप्पणी की थी। सोवेल ने कहा था,“यदि मीडिया में लोग यह तय नहीं कर सकते कि वे business of reporting news में हैं या manufacturing propaganda के कारोबार में हैं, तो महत्वपूर्ण बात ये है कि जनता उस अंतर को समझती है, और उसके अनुसार अपने समाचार स्रोतों का चयन करती है।” लेकिन सवाल ये है कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए क्या भारत के लोगों के पास यह विकल्प है?
Disclaimer: तहकीकात के दौरान कुछ विशिष्ठ समूहों और लोगों के नामों का इस्तेमाल किया गया है जो पूरी तरह आकस्मिक थे और सच्चाई को सामने लाने के लिए जरूरी थे