तहलका संपादक तरुण तेजपाल को नहीं मिली राहत
अपनी सहयोगी पत्रकार के साथ रेप के आरोपों का सामना कर रहे तहलका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल को मंगलवार को अपनी जमानत याचिका पर अदालत से किसी तरह की तत्काल राहत नहीं मिली और अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख चार मार्च तक के लिए टाल दी।
बंबई हाईकोर्ट की गोवा पीठ की न्यायाधीश मृदुला भटकर ने मामले में चार मार्च को सुनवाई निर्धारित की और अभियोजन पक्ष से अपराध शाखा द्वारा कल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किए गए आरोप पत्र को पेश करने को कहा।
अदालत ने साथ ही तेजपाल को सत्र अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने की भी अनुमति दी, क्योंकि आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है। 50 वर्षीय तेजपाल पर पिछले साल नवंबर में गोवा में महिला पत्रकार के साथ रेप, यौन शोषण और शील भंग करने के आरोप लगाए गए हैं।
तेजपाल इस समय वास्को शहर के पास साडा उपकारागार में बंद हैं जो यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर है। आज सुनवाई के दौरान तेजपाल खुद अदालत में मौजूद थे और उन्हें मामले में दोबारा सुनवाई के लिए चार मार्च को मौजूद रहने की अनुमति मिली है।
अदालत से निकलते हुए तेजपाल ने संवाददाताओं से कहा कि आरोप पत्र राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है। मैंने कुछ गलत नहीं किया। गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने तेजपाल पर महिला पत्रकार का रेप, यौन शोषण और शील भंग करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार घटना तब हुई जब तेजपाल और पीड़िता गोवा में आयोजित तहलका के कार्यक्रम थिंक फेस्ट में शामिल होने के लिए आए हॉलीवुड स्टार को वापस होटल छोड़ने गए थे।
पुलिस ने कहा कि तेजपाल ने अपना अपराध स्वीकार किया था। जांच अधिकारी ने तेजपाल पर गोवा में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद गिरफ्तारी से बचने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने कल तेजपाल के खिलाफ 2,846 पन्ने का आरोप पत्र दायर किया। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354, धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 341 और धारा 342 (गलत तरीके से कैद करके रखना), धारा 376 (रेप), धारा 376 (2) (एफ) और धारा 376 (2) (के) (आधिकारिक पद का फायदा लेकर कस्टडी में महिला से रेप करना) के तहत आरोप लगाया।