विदेशी फडिंग से टुकड़े-टुकड़े वाली साजिश! न्यूजक्लिक पर FIR में चौंकाने वाली बातें; पत्रकारों के भी नाम
पुलिस ने एफआईआर में कहा, 'यह पता चला है कि गौतम नवलखा जो पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में 2018 में इसकी स्थापना के बाद से शेयरधारक हैं, वह भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। जैसे कि सक्रिय रूप से प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और गुलाम नबी फाई जो कि पाकिस्तान की ISI का एजेंट है, उसके साथ साठगांठ रखते हैं
न्यूजक्लिक पर छापेमारी और पत्रकारों से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की एफआईआर से न्यूजवेबसाइट को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस ने गुप्त इनपुट का हवाला देते हुए कहा कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से साजिश के तहत भारतीय और विदेशी संस्थाओं की ओर से देश में अवैध रूप से करोड़ों की विदेशी पैसे का निवेश किया गया है। आरोपियों ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपए से ज्यादा हासिल किए।
गौतम नवलखा का कनेक्शन
पुलिस ने एफआईआर में कहा, ‘यह पता चला है कि गौतम नवलखा जो पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में 2018 में इसकी स्थापना के बाद से शेयरधारक हैं, वह भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। जैसे कि सक्रिय रूप से प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और गुलाम नबी फाई जो कि पाकिस्तान की ISI का एजेंट है, उसके साथ साठगांठ रखते हैं। यह भी पता चला कि गौतम नवलखा 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था।’
पुलिस ने कहा कि अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया है। यह भी पता चला है कि ये पैसा तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि दी गई थी।
अरुणाचल और कश्मीर को भारत के नक्शे में ना दिखाने की बात
पुलिस को गुप्त सूचना मिली है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और नेविल रॉय सिंघम के स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया है, जो कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके इरादे को उजागर करता है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह कहानी फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से भारत में लोगों की आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध को लंबा करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी साजिश रची है। कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी प्रचारित की गई है। यह पता चला कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी। पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल, जिसका स्वामित्व और रखरखाव पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है, उसने विदेशी फंड के बदले में पेड न्यूज के माध्यम से इन झूठी कहानियों को फैलाने के लिए किया गया है।