यूपी की लुटेरी पुलिस!
गोंडा
गोण्डा पुलिस अब अपराधों को रोकने के बजाए खुद भी अपराध करने लगी है। अपराध भी कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि जघन्य अपराध। इस बात का खुलासा आज गोण्डा के एसपी आरपी सिंह यादव के बयानों के द्वारा हुआ। मृतक आश्रित कोटे से दरोगा बने कार सवार दो उप-निरीक्षकों ने 24 जुलाई को इलहाबाद हाईवे पर नवाबगंज थानाक्षेत्र के लकड़मण्डी के पास अवैध रूप से लाखों के आभूषण लूट लिए। पीडि़त ने नवाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी। कार नम्बर के सहारे पुलिस कार मालिक व चालक के रास्ते लुटेरे दरोगाओं तक पंहुच गई। प्रदेश की सरकार में कानून व्यवस्था के शर्मनाक चेहरे का पर्दाफाश करने वाली इस सनसनीखेज घटना को अंजाम देने वाले दोनों युवा दरोगा अवकाश लेकर वर्दी में अपने गृह जनपद सहजनवा जा रहे थे।
सूत्रों के अनुसार दरोगाओं ने अपने साथियों के साथ पहले नवाबगंज में शराब पी और उसके बाद अवैध तरीके से धनार्जन के उद्देश्य से लूट की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया। गिरफ्तार दरोगा ने जिस तरह से बताया की वो नशे में इतना धुत था कि उसे किए गए अपराध की गम्भीरता का भी ध्यान नहीं रह गया। इससे यह भी साफ हो रहा है कि यूपी पुलिस नशा निरोधक कानून का पालन करने और करवाने में भी अक्षम है। इस पूरे मामले में जहां एक दरोगा धमेन्द्र यादव गिरफ्तार है।
वहीं दूसरा आरोपी दरोगा कुलदीप तिवारी एक शातिर अपराधी की भांति घटना के 12 दिन बाद भी फरार है। ऐसे में सोचा जा सकता है कि जिलों, प्रदेशों व सम्पूर्ण भारत की जनता की रक्षा करने व सभी प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण करने के साथ ही अपराधियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सम्भालने वाली यूपी पुलिस के दरोगा जब दिन-दहाड़े लूट जैसी घटना को अंजाम देने लगे हैं तो जनता की सुरक्षा व पुलिस की विश्वसनीयता पर जहां एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, वहीं समाजवादी पार्टी की वर्तमान प्रदेश सरकार में कानून व्यवस्था की दुर्गति का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।