फेक न्यूज रोकने के लिए वैरिफाइड न्यूज कल्चर को प्रमोट करना DNPA का मकसद: तन्मय माहेश्वरी
कार्यक्रम की शुरुआत डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के चेयरमैन व 'अमर उजाला' के मैनेजिंग डायरेक्टर तन्मय माहेश्वरी के स्वागत भाषण से हुई।
देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार 6 फरवरी को ‘डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (DNPA) के दूसरे ‘DNPA कॉन्क्लेव’ और अवॉर्ड समारोह का आयोजन किया गया। शांगरी ला होटल में ‘स्टोरीबोर्ड18’ के साथ मिलकर किया गया यह प्रोग्राम सुबह 10 बजे शुरू हुआ, जिसकी थीम ‘नैविगेटिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन दि मीडिया इंडस्ट्री’ रखी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के चेयरमैन व ‘अमर उजाला’ के मैनेजिंग डायरेक्टर तन्मय माहेश्वरी के स्वागत भाषण से हुई। इस दौरान डीएनपीए के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह पुरानी समाचार मीडिया कंपनियों की डिजिटल शाखाओं का एक संगठन है। हम देश में 80 प्रतिशत से अधिक डिजिटल समाचार ट्रैफिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डीएनपीए सदस्य डिजिटल ईकोसिस्टम में स्वतंत्र तरीके से और सत्यापित जानकारी प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन का फोकस डिजिटल मीडिया की ग्रोथ को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल न्यूज का ईकोसिस्टम बनाने पर है। वैसे डीएनपीए को बनाने का सिर्फ एक ही मकसद है और वह यह कि डिजिटल न्यूज ईकोसिस्टम को प्रमोट किया जाए। इसकी मदद से वैरिफाइड न्यूज कल्चर को प्रमोट किया जाए। साथ ही, फेक न्यूज को रोका जाए। सही और वैरिफाइड न्यूज ईकोसिस्टम हमारे लोकतंत्र का मूलभूत आधार है। ऐसे में हमें अपना पूरा प्रयास इस ईकोसिस्टम को विकसित करने में लगाना चाहिए। हमने ये सुनिश्चित किया कि लोगों तक अच्छा कंटेंट पहुंचे, चाहे वह टेक्स्ट फॉर्मेट में हो या फिर ऑडियो या वीडियो फॉर्मेट में।
उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने मीडिया संस्थानों के लोग मौजूद हैं। डीएनपीए परिवार का अहम हिस्सा होने के नाते हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अपने नैतिक मूल्यों से हम कभी समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारी सरकार भी तेजी से डिजिटल के क्षेत्र में काम कर रही है। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया में हमारी डिजिटल ताकत की चर्चा है।
तन्मय माहेश्वरी ने कहा कि इंटरनेट के युग में सूचना के कई स्रोत हैं, लेकिन सूचना के वास्तविक स्रोत कम होते जा रहे हैं। उन्होंने छोटे बच्चों द्वारा जानकारी खोजने के लिए इंटरनेट का सहारा लेने का उदाहरण दिया।
माहेश्वरी ने कहा कि वास्तव में, इंटरनेट की आधी जानकारी न तो सत्य है और ना ही सत्यापित है। उन्होंने कहा कि 2020 की तीसरी तिमाही में फेसबुक पर 1.8 मिलियन फर्जी खबरें और इंटरनेट पर 18 मिलियन कोविड-19 संबंधी गलत सूचनाएं थीं। माहेश्वरी ने दुख जताते हुए कहा कि वैसे यह कड़वी बात है कि गलत सूचना देने वाले प्रकाशकों को वास्तविक समाचार देने वाले प्रकाशकों की तुलना में छह गुना अधिक पाठक मिलते हैं।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि समाचार जगत में रचनात्मक गुणवत्तापूर्ण मौलिक कार्य की कीमत सदैव बनी रहेगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आने से किसी मौलिक लेखन को कभी कोई खतरा नहीं हो सकता। DNPA के अध्यक्ष तन्मय माहेश्वरी ने कहा कि नई तकनीक को सही तरीके से अपनाने पर कार्य की गुणवत्ता में सुधार आता है। इस नई तकनीक के कारण भी यही होगा।