महिला पत्रकार की सारी शर्तें जागरण ने माना, अलिखित समझौता हुआ

दैनिक जागरण, गाजियाबाद की महिला पत्रकार के साथ आज प्रबंधन ने अलिखित समझौता कर लिया। हालांकि अंतिम और लिखित समझौता आठ तारीख को महिला थाने में होगा जहां दोनों पक्ष थानेदार के सामने पेश होंगे। बताया जा रहा है कि महिला पत्रकार की हर शर्त को स्वीकार कर लिया गया है। प्रबंधन उसे वह सब कुछ देने को तैयार हो गया है जिसकी मांग महिला पत्रकार ने किया है। महिला पत्रकार ने एक महीने का वेतन, गाजियाबाद में स्थानांतरण, तीन महीने का मेडिकल बिल और आगे परेशान न करने का आश्वासन मांगा था। जिसे एचआर, जीएम और मुख्य आरोपी ने स्वीकार कर लिया। हां यहां एक बात बता दें कि यह सिर्फ मानसिक शोषण का मामला था शारीरिक शोषण का नहीं। जैसा कि संबंधित पक्ष ने कहा। पर जो भी हो अब इस कहानी का पटाक्षेप हो गया है। पीड़ित महिला की जीत गई है और आरोपी दंड़वत हो गए हैं। पर यहां साफ कर दें कि मेरी नजर आरोपित और आरोपी की तस्वीर कुछ धुंधली दिखाई दे रही है। पर चलिए जो भी हो एक सुखद एहसास के साथ महिला पत्रकार और आरोपी तीनों अधिकारी साथ काम कर सकेंगे। 
आपको बता दें कि पीड़ित महिला पत्रकार को आज जागरण प्रबंधन ने नोएडा दफ्तर बुलाया था। वहां न केवल जागरण के अधिवक्ता मौजूद थे बल्कि जीएम, एचआर और मुख्य आरोपी भी थे। उनका नाम यहां इसलिए नहीं दिया जा रहा है कि संभव है कि उनका कोई दोष न हो। क्योंकि यह मामला अब मानसिक शोषण में बदल गया है। मुख्य आरोपी ने आज भी कहा, उनका इस मामले से कुछ लेना देना नहीं। उन्होंने आज भी वही दोहराया और कहा कि आप यहां काम करिए। आप यहां से रिटायर होकर जाइए। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में नहीं पड़ना चाहते इसलिए सबकुछ वापस ले लो। जीएम ने भी कहा कि आप शिकायत वापस लेकर काम शुरू करो। आपके काम में कोई दखल नहीं देगा। आगे हमलोग हैं ही। कुछ मिलाकर इस अधूरी, अटपटी कहानी का अंत हो गया। इसपर अंतिम मुहर महिला थाने में लग जाएगा जिसके बाद एक ऐसे अध्याय की शुरुआत होगी जो आज तक के जागरण के इतिहास में कभी नहीं हुआ।

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