किसी स्वर्ग से कम नहीं है अलीगढ़ जेल
अलीगढ़ की जिला जेल इन दिनों आम जनमानस में चर्चा का विषय बनी हुयी है। जेल के नए जेल अधीक्षक संजीव त्रिपाठी के नेतृत्व में जेल में कराए जा रहे अभूतपूर्व सुधारों के कारण वह खूब वाह-वाही लूट रहे हैं। जेल में बन्द कुछ कैदियों का मानना है कि संजीव त्रिपाठी ने जेल को स्वर्ग बना दिया है। जिस दिन से वह अलीगढ़ जेल अधीक्षक बन कर आए उसी दिन से अलीगढ़ जेल में सुधार और विकास कार्य निरंतर जारी है।
हमारे भड़ास4पुलिस संवाददाता देवेन्द्र पाराशर ने जेल का दौरा किया। जेल में बन्दियों के लिए एक बेहतरीन हेल्थ क्लब बनवाया गया है। जेल अधीक्षक के अनुसार उन सारी मशीनों का निर्माण बन्दियों ने खुद किया है। इसके अलावा जिला जेल को दो हिस्सों में बांटा गया है। दोनो हिस्सों में बन्दियों के लिए गर्मी में ठण्डे पानी की व्यवस्था के लिए बड़े-बड़े वाटर कूलर लगाए गए हैं। प्रत्येक बैरक में रंगीन टीवी व केबल की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सुबह-शाम बैरकों में सीडी के माध्यम से संगीत की भी व्यवस्था की जाती है। नवरात्रों पर माता रानी के भजन सुनाये जाते हैं।
प्रत्येक बैरक की दीवारों पर सुन्दर सुन्दर पेंटिंग की गई है, जिन्हें बन्दियों ने स्वयं किया है। बन्दियों के लिए जेल में विभिन्न प्रकार के खेल खेलने की भी सुविधा है। नवरात्रों पर तो जेल में विशेष पूजा-अर्चना की व्यवस्था है। व्रत रखने वाल बन्दियों को फलाहार में दो केले, 250 ग्राम दूध, आधा किलो उबले आलू, 100 ग्राम चीनी प्रति बन्दी को शाम को उपवास खोलते समय दिए जाते हैं। इसके अलावा जेल में लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है। जिसमें कैदी अपनी मनपसन्द किताबें मनोरंजन व ज्ञान की किताबें पढ़कर अपना समय व्यतीत करते हैं। जेल में 150-200 बन्दियों के लिए एक पाठशाला भी खुलवाई गई है। इन्हीं में से दस बारह बन्दी उन्हें पढ़ाते हैं। बन्दियों के अनुसार जेल में नए जेल अधीक्षक संजीव त्रिपाठी के आने के बाद खाने की व्यवस्था में जबरदस्त सुधार हुआ है।
हमारे संवाददाता ने जेल के दोनों भण्डारों का भ्रमण किया तो पाया कि किसी के आम-आदमी की रसोई से भी ज्यादा खूबसूरत व साफ सुथरे हैं दोनो भण्डारे। संजीव त्रिपाठी खाना बनने के बाद पहले खुद खाकर देखते हैं। उसके बाद खाना बन्दियों को बंटवाया जाता है। धीरे-धीरे अलीगढ़ जेल को विदेशी पैटर्न के आधार पर हाईटेक किया जा रहा है। जेल के मार्ग के दोनों ओर लाइट लगाई गई हैं। जो रात होने पर जगमगाती हैं। सुबह-शाम पूरी जेल में सुरीला संगीत गूंजता है। अलीगढ़ जेल में बन्द बन्दी इन सारी सुविधाओं से बडे़ खुश हैं और वो तो यहां तक कहते है कि संजीव त्रिपाठी ने जेल को स्वर्ग जैसा बना दिया है।