राजस्थान पत्रिका में इंक्रीमेंट की राशि से चारों ओर असंतोष

patrikaदैनिक जागरण औऱ दैनिक भास्कर के बाद राजस्थान पत्रिका में भी वेतन के साथ इंक्रीमेंट की राशि आ गई है। पर इस राशि को लेकर सभी यूनिटों में जबरदस्त असंतोष है।
सूत्रों का कहना है कि यहां भी अपनों की ही चली है पर सामान्य तौर पर 450 रुपये से लोकर 12 सौ रुपये तक का इंक्रीमेंट हुआ है। इस महंगाई के दौर में जहां सभी अखबार फायदे में हैं वहीं इतनी सी रकम की बढोतरी से कर्मचारी क्या खाएगा क्या पकाएगा। इसे लेकर घमासान है। आपको बता दें कि दैनिक जागरण को भी पिछले साल के मुकाबले उम्मीद से ज्यादा मिला है वहीं दैनिक भास्कर समूह ने 74 फीसदी ज्यादा मुनाफा कमाया है। वही हाल पत्रिका का भी है। इन अखबारों ने अपने फायदे के लिए कई नियम बनाए हैं पर कर्मचारियों के लिए इनके यहां नियम नहीं हैं। नहीं तो एक साल के भीतर पेट्रोल जहां बीस रुपये बढ़ा है वहीं प्याज भी इस समय 80 रुपये बिक रहा है। बच्चों की फीस और मकान मालिक का 10 फीसदी किराया बढ़ना तो तय है ही। पर ऐसे में इनकी कंपनियों द्वारा 450 रुपये की बढ़ोतरी न केवल शर्मनाक है बल्कि इन अखबार मालिकों की शोषणकारी प्रवृति को छलकाती है। क्या ये मालिक नहीं जानते हैं कि महंगाई सुरषा की मुंह की तरह लगातार मुंह बढ़ाए जा रही है और इनकी इंक्रीमेंट की राशि लगातार छोटी होती जा रही है। हालांकि उसमें कुछ साइटों का भी अहम रोल है जो देश में बिना मंदी और छंटनी के ही मंदी और छंटनी कराने लगते हैं। इन खबरों से इन अखबार मालिकों को मौका मिल जाता है और उसी का यह सहारा लेकर ये इंक्रीमेंट की राशि को बौना कर देते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि सभी अखबार इस समय फायदे में हैं। केवल उन्ही अखबारों और चैनलों को नुकसान हुआ है जो छोटे कारोबारियों के हैं। या फिर नए हैं जिनको अखबार चलाने का सहूर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस इंक्रीमेंट से नाराज होकर पत्रिका, चेन्नई से तीन लोगों ने इस्तीफा दे दिया है औऱ कुछ देने की तैयारी में हैं। जयपुर से भी कुछ इस्तीफे की संभावना है। कहने का लब्बोलुआब है कि यह इंक्रीमेंट राशि किसी को पच नहीं रही है जिससे अंदरखाने असंतोष मचा हुआ है।

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