संजय अभिज्ञान के तीन लोग कर रहे अखबार की तेरही
अमर उजाला में हिंदुस्तान से जितने भी लोग आए हैं उनमें आत्मविश्वास की बेहद कमी है। साथ ही उनका मुख्य काम लोगों की चुगली करना और उनका ट्रांसफर कराना है। शायद इसका मुख्य कारण अपने लोगों को सेट करना होगा।
खैर बात करते हैं एनसीआर के संपादक संजय अभिज्ञान जी की। उनका बैडलक यह है कि जबसे वह अमर उजाला में आए हैं तबसे एनसीआर के एडीशन में इतनी गलतियां हुई हैं जिसका कोई हिसाब नहीं है। उनके तीन करीबी लोग आए दिन शिकायत करके लोगों का ट्रांसफर कराते हैं और अपनी गलतियों को दूसरों पर थोपते हैं। संपादक महोदय इस काम को बखूबी निभा रहे हैं। कईयों से ट्रांसफर करा चुके हैं और कई के पीछे लगे हैं, यहां तक की खुद उन्होंने अपने एक बंदे अनुराग अन्वेशी जी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बावजूद इसके आज तक अमर उजाला प्रबंधन ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। कहा जाता है उनकी एचआर में अच्छी पैठ है इसलिए वह लोगों को परेशान कर सकते हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकते। ऑफिस के लोग बताते हैं कि वह हर किसी को निकम्मा बताते हैं।