अमर उजाला, वाराणसी में छप रहीं छपी खबरें बाईलाइन
अमर उजाला वाराणसी आज कल अपने हाथों अपनी पीठ थपथपाकर काम कर रहा है। ताज़ा मामला विश्वनाथ मंदिर न्यास की बैठक की खबर को लेकर है। 30 सितंबर को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की न्यास की बैठक मंडलयुक्त सभागार में हुई। यह बैठक हर महीने मंदिर की कार्य प्रणाली और नये कार्यों के संदर्भ में की जाती है। 30 सितंबर को भी बैठक हुई जिसमें प्रमुख मुद्दा बाबा के शिखर को स्वर्ण जनित करने के संदर्भ में था। लकिन न्यास परिषद प्रेसीडेंट अशोक द्विवेदी इसे यह कह कर खारिज़ कर दिए कि जब तक पत्थरों का क्षरण नहीं रोका जाता तब तक शिखर को स्वर्ण मंडित नहीं किया जा सकता। यह खबर सभी अखबारों में लगी। अमर उजाला ने भी इस खबर को पेज वन पर छपा, जिसमे सॉफ लिखा है कि न्यास प्रेसीडेंट ने बकवास करार दिया. ठीक उसके दूसरे दिन 2 अक्टूबर को अमर उजाला ने पेज 4 पर.”शिखरों को स्वर्ण मंडित करने का प्रस्ताव स्थगित” अमर उजाला एक्सक्लूसिव बाइलाइन अनूप ओझा के नाम प्रकाशित किया। जब यह खबर सभी अखबार पहले ही प्रकाशित कर दिए थे तो यह अमर उजाला एक्सक्लूसिव कैसे हो गई। वैसे भी संपादक जी कुछ खास मेहरबना रहते है ऐसे काम करने वालों पर। मीटिंग में भी तारीफ करते नहीं थकते। वैसे संपादक जी ने एक खबर छूटने पर किसी को डेस्क पर भगा देते हैं अब देखना यह है कि एक्सक्लूसिव गुरु को क्या बोलते है संपादक जी या फिर ऐसे ही अमर उजाला की साख को मटियामेंट होते देखते रहते हैं।