फेक न्यूज़ के दौर में भारत में फिर अख़बारों की ही ओर लौट रहे हैं लोग : रिपोर्ट

नई दिल्ली। फेक न्यूज़ को लेकर मीडिया टीवी और डिजिटल मीडिया सवालों के घेरे में है लेकिन अख़बारों पर लोगों की विश्वश्नीयता अभी भी बरकरार है। ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन्स (एबीसी) की रिपोर्ट की माने तो पिछले दस साल के दौरान देश में प्रिंट मीडिया 4.87% की सालाना ग्रोथ (सीएजीआर) के साथ बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार 2006 में प्रकाशनों की प्रसार संख्या 3.91 करोड़ प्रतियां थीं। 2016 तक यह बढ़कर 6.28 करोड़ तक पहुंच गईं। इस दौरान प्रसार संख्या में 2.37 करोड़ प्रतियों का इजाफा हुआ।

यह तथ्य ऐसे समय सामने आए हैं जब देश में प्रिंट को मीडिया के अन्य माध्यमों से कड़ी चुनौती मिल रही है। एबीसी एक स्वतंत्र संस्था है जो प्रकाशनों की प्रसार संख्या का हर छह महीने में ऑडिट कर उन्हें प्रमाणित करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में पेड न्यूजपेपर्स की प्रसार संख्या में 2 से 12% तक गिरावट का रुख है।

वहीं अकेले भारत में पेड न्यूजपेपर्स की संख्या 12% की रफ्तार से बढ़ रही है। जापान, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में जहां पेड न्यूजपेपर्स की संख्या तीन साल से जस की तस बनी हुई है।वहीं भारत में यह लगातार दो अंक में बढ़ रही है। 2013 में यह 5,767 थी जो 2014 में 16.70% बढ़कर 6,730 हो गई। वहीं 2015 में इनकी संख्या में 16.95% का इजाफा हुआ और इनकी संख्या बढ़कर 7,871 हो गई।

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