निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्रतिनियुक्ति पर तैनात अंशमान राम त्रिपाठी को पद से हटाने की मांग हुई तेज
उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, अपर निदेशक, में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अपर निदेशक महोदय द्वारा अपनी तानाशाही कार्यप्रणाली के चलते जिस तरह कार्य किया जा रहा है उस संबंध में शासन प्रशासन के सम्मुख शिकायती पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया है श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, मूल से गोरखपुर के रहने वाले हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं ।
लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 की दृष्टिगत भारत चुनाव आयोग द्वारा इस आशय के दिशा निर्देश दिए गए थे कि तीन साल से अधिक एक ही विभाग में कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी को हटाया जाए एवं भारत चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु 6 राज्यों के गृह सचिव को हटाने का आदेश भी जारी किया गया है ।
उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, अपर निदेशक, में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अपर निदेशक महोदय द्वारा अपनी तानाशाही कार्यप्रणाली के चलते जिस तरह कार्य किया जा रहा है उस संबंध में शासन प्रशासन के सम्मुख शिकायती पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया है श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, मूल से गोरखपुर के रहने वाले हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं ।
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मूलतः भारतीय रेलवे सुरक्षा सेवा में तैनाती के दौरान वर्तमान सत्ता के गलियारों में इनकी हनक के चलते कोई कार्यवाही नही हो रही है । और अपर सूचना निदेशक लगातार विगत 3 वर्षों से अधिक उसी पद पर कार्यरत है । भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के अत्यंत करीबी होने के कारण अपर सूचना निदेशक के पद पर जमा हुए हैं जो कहीं ना कहीं विधि द्वारा स्थापित नियम और भारत चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्दोषों का स्पष्ट उल्लंघन दिखता है ।
आपके संज्ञान में यह भी लाना है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी नवीनतम आदेश के मुताबिक वर्तमान में प्रतिनियुक्ति वाले अधिकारियों समेत प्रतिनियुक्त अधिकारी को अवधि की समाप्ति की तारीख पर कार्यमुक्त माना जाएगा जब तक कि अवधि खत्म होने से पहले सक्षम प्राधिकारी ने आवश्यक अनुमोदन के साथ प्रतिनियुक्ति अवधि को लिखित में बढ़ा न दिया हो एवं दोषी अधिकारियों के पक्ष में प्रतिनियुक्ति की स्वीकृत अवधि से अधिक समय तक रुकने वाले मामलों को बंद करने में देरी से बचने के लिए कहा गया है ।
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मीडिया का बड़ा दायित्व होता है और उत्तर प्रदेश की मीडिया कहीं ना कहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर निदेशक श्री अंशुमान राम त्रिपाठी के दबाव में सरकार हितों में कार्य करती नजर आती है ।
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आपसे अनुरोध है कि लोकसभा के चुनाव को देखते हुए अपर निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पद पर कार्य करते हुए इनके द्वारा किसी खास राजनीतिक दल के लिए मीडिया पर अपना प्रभाव दिखा कर निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया में प्रभाव डाला जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि श्री अंशुमान राम त्रिपाठी द्वारा अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में अनेक टीवी चैनल, मासिक समाचार पत्रिकाओं को नियम।विरुद्ध विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री के नाम पर लाखों करोड़ों की धनराशि का भुगतान दिया गया है एवं आउटडोर पब्लिसिटी एलईडी एवं होर्डिंग के नाम पर दिए गए कार्यदेश की जांच उच्च स्तरीय समिति द्वारा कराए जाने पर बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होगा।
तथाकथित व्यक्तियों को नियम कानून और मार्गदर्शिका में उल्लिखित सिद्धांतों को दरकिनार कर राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा दिए जाने पर उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ में प्रेषित जनहित याचिका के संबंध में जवाब भी तलब किया गया है । अपर सूचना निदेशक द्वारा मान्यता नियमावली में पोर्टल के पत्रकारों को मान्यता देने का प्रावधान न होते हुए भी राज्य मुख्यालय की मान्यता प्रदान कर कहीं ना कहीं इस चुनाव में भाजपा सरकार के हितों में इस्तेमाल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जो चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उत्पन्न करते हैं ।
आचार संहिता लगने से पूर्व अनेक मीडिया चैनल एवं मासिक पत्रिकाएं जो सूचना विभाग में सूचीबद्ध भी नहीं है उनको डॉक्यूमेंट्री के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का विज्ञापन दिया गया है जो इस बात का प्रमाण है कि सूचना निदेशक द्वारा टीवी चैनल एवं समाचार पत्रों के माध्यम से चुनाव के दौरान किसी विशेष राजनीतिक दल के लिए प्रभाव डालने की रणनीति पर कार्य किया गया है जो चुनाव की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाता है ।
भारत चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में यह अति आवश्यक है कि लगतार विगत 3 वर्षों से अधिक अपर सूचना निदेशक के पद पर कार्य कर रहे श्री अंशुमान राम त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से अपर सूचना निदेशक के पद से मुक्त करके उनके मूल विभाग भारतीय रेलवे सुरक्षा सेवा में स्थानान्तरण किया जाना न्यायहित एवं जनहित में अति आवश्यक है l
अत: आप से अनुरोध है कि उपरोक्त स्थिति, तथ्यों, परिस्थितियों को देखते हुए प्रतिनियुक्ति पर तैनात श्री अंशमान राम त्रिपाठी अपर निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ का 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है इस लिए लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 की दृष्टिगत रखते हुवे अति शीघ्र सूचना अपर निदेशक के पद से मुक्त करके उनके मूल विभाग भारतीय रेलवे सुरक्षा सेवा में स्थानान्तरण किये जाने का आदेश देने की कृपा करे और एवं अंशुमान राम त्रिपाठी के 3 वर्ष के कार्यकाल में किये गए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने के भी आदेश पारित करने की महती कृपा की जाए l जोकि न्यायहित एवं जनहित में अति आवश्यक है l
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे पत्र की कॉपी……………