भारत के समाचार पत्रों के ज्वलंत समस्याओं का तत्काल निराकरण करने हेतु प्रत्यावेदन
केंद्रीय संचार ब्यूरो ने अपनी विफलता को प्रकाशकों के ऊपर थोपने का कुत्सित प्रयास किया है । विगत विज्ञापन दरों से कम विज्ञापन दर के अनुबंध किस कारण जारी किए गए है ? यह जांच का विषय है । जबकि विज्ञापन दरों में बढ़ोत्तरी का मामला काफी समय से लम्बित है । दर अनुबंध बढ़ोत्तरी के साथ जारी होने चाहिए थे ।
श्रीमान सचिव,
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,
भारत सरकार
कमरा न. 655, ए-विंग,
शास्त्री भवन, नई तय दिल्ली-110001
विषय : भारत के समाचार पत्रों के प्रेस महापंजीयक कार्यालय तथा प्रमुख महानिदेशक केन्द्रीय संचार ब्यूरो कार्यालय में ज्वलंत समस्याओं का तत्काल निराकरण करने हेतु प्रत्यावेदन ।
महोदय,
आप अवगत ही होंगे कि नवीन व्यवस्थाओं के अनुसार भारत के प्रेस महापंजीयक के विनिर्दिष्ट प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से सभी पंजीकृत समाचार पत्रों को वार्षिक विवरण भरकर समय सीमा के भीतर दाखिल किया जाना है किन्तु खेद है कि उत्तरदायी अधिकारियों ने बिना प्रकाशकों की व्यवहारिक जटिलताओं को समझे व समाधान किये निर्देश लागू कर दिये हैं । जिससे पूरे देश के अख़बारों के सामने कठिन समस्याएं उत्पन्न हो गयीं हैं ।
इसी प्रकार केन्द्रीय संचार ब्यूरो में भी अनेकों समस्याएं आज भी विद्यमान हैं । जिनका निराकरण तत्काल अत्यावश्यक है । विषमताओं के त्वरित समाधान के लिए कतिपय प्रमुख बिन्दु आपके संज्ञान व सम्यक दिशा निर्देशों हेतु प्रस्तुत किये जा रहे हैं I
1. यह कि फार्म में भूलवश कोई चूक होने पर संशोधन नहीं किया जा सकता है ।
2. यह कि किसी भी तरह की स्पष्ट सहायता गाइड लाइन जारी नहीं किया गया है ।
3. यह कि समाचार पत्रों के पंजीयन के बाद साईट आगे नहीं बढ़ पा रही है ।
4. यह कि विषम परिस्थिति में फिलहाल पूर्व की भांति व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी
चाहिए ।
5. यह कि अगर कोई अपंजीकृत फर्म स्वामी है तो उस स्थिति में क्या होगा ।
6. यह कि चालीस लाख रुपए तक जीएसटी की बाध्यता नहीं है फिर यह अनिवार्यता क्यों ?
7. यह कि वर्तमान में पूर्ववर्ती व्यवस्था होनी चाहिए जब तक कोई स्थायी समाधान अस्तित्व में न आ जाये । प्रेस का पंजीयन प्रमाण पत्र ही उचित होगा ।
8. यह कि अधिकांश लघु मध्यम अखबारों के निजी प्रेस नहीं हैं। वे अनुबंध पर छपाई
करवाते हैं । प्रेस को कागज आदि उपलब्ध कराया जाता है और प्रेस मालिक को मजदूरी का भुगतान
किया जाता है ।
9. यह कि वार्षिक विवरण न जमा होने पर पेनाल्टी बकाया है तो फार्म नहीं भर सकेंगे ।
10. यह कि यदि जमा का प्रमाण हैं तो भी बकाया प्रदर्शित है शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होती ।
11. यह कि टाइटिल कोड भी उपलब्ध नहीं हो रहा है । वेबसाइट में डाटा नाट फाउंड प्रदर्शित हो रहा है । सभी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के कोड सुविधानुसार मिलने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाये ।
12. यह कि केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा अभी तक हजारों समाचार पत्रों व पत्रिकाओं को दर अनुबंध नहीं भेजे गए हैं । अनावश्यक आपत्तियां लगाकर प्रकाशकों को उत्पीड़ित करने का क्रम जारी है ।
13. यह कि नियमानुसार दर अनुबंध दो साल के लिए किया जाना चाहिए था किंतु अप्रैल
2024 से दिसंबर 2025 तक किया गया है। जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक विगत दर
अनुबंध की वैधता को बढ़ाया गया था । इसलिए वर्तमान दर अनुबंध को 31 मार्च 2026
तक की अवधि तक का किया जाना न्याय संगत होगा । केंद्रीय संचार ब्यूरो ने 1 जनवरी
2024 को नया दर अनुबंध किन परिस्थितियों के कारण नहीं किया गया ? तकनीकी समस्या ब्यूरो की हो सकती है न कि प्रकाशकों की ।
14. यह कि केंद्रीय संचार ब्यूरो ने अपनी विफलता को प्रकाशकों के ऊपर थोपने का कुत्सित प्रयास किया है । विगत विज्ञापन दरों से कम विज्ञापन दर के अनुबंध किस कारण जारी किए गए है ? यह जांच का विषय है । जबकि विज्ञापन दरों में बढ़ोत्तरी का मामला काफी समय से लम्बित है । दर अनुबंध बढ़ोत्तरी के साथ जारी होने चाहिए थे ।
15. यह कि पूरे देश के सभी अख़बारों के रेट 1अप्रैल 2024 से जारी किया जाना विधि विहित है जबकि रेट साईट पर लोड होने की तिथि से दिए गए हैं जो किसी भी दशा में उचित नहीं है । 1.4.2024 व जारी होने की तिथि के मध्य तक कौन सी दरें होंगी यह पूर्णतया अनिश्चित है ।
अस्तु ! आपसे विनम्र आग्रह है कि उपरोक्त मामलों में प्रेस महापंजीयक तथा प्रमुख महानिदेशक सी. बी.सी. को तत्काल निर्देश जारी कर सन्दर्भित समस्याओं को तत्काल हल करने तथा सम्यक व्यवस्था होने तक अविलम्ब वर्तमान व्यवस्था को शिथिल कर पूर्ववर्ती व्यवस्था को ही प्रभावी रखने का आदेश निर्गत करने का अनुग्रह करें ।
सादर !
भवदीय
(गुरिन्दर सिंह)
सदस्य
भारतीय प्रेस परिषद
(श्याम सिंह पंवार)
सदस्य
भारतीय प्रेस परिषद
(एल. सी. भारतीय)
सदस्य
भारतीय प्रेस परिषद
(अशोक कुमार नवरत्न)
पूर्व सदस्य, भारतीय प्रेस परिषद
राष्ट्रीय महासचिव AIS&MNF
(पवन सहयोगी)
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आई.ए.पी.एम
(दीनदयाल मित्तल)
राष्ट्रीय महामंत्री, आई.ए.पी.एम.
(अखिलेश चन्द्र शुक्ल)
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अ.भा.स.प.ए.
प्रतिलिपि निम्नलिखित को तत्काल आवश्यक कार्यवाही हेतु :
1. न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई जी, चेयरपर्सन, भारतीय प्रेस परिषद, द्वितीय तल, सूचना भवन, सी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्स, लोदी रोड, नई दिल्ली –110001
2. भारत के समाचार पत्रों के प्रेस महापंजीयक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, सूचना भवन, नौंवी मंजिल, सी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्स, लोदी रोड, नई दिल्ली ।
3. प्रमुख महानिदेशक, केन्द्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, सूचना भवन, सी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्स, लोदी रोड, नई दिल्ली ।