महिला पत्रकार ने टीवी27 न्यूज़ चैनल के निदेशक और सीईओ शान्तनु शुक्ला के ख़िलाफ़ दर्ज कराई एफ़आईआर

इस प्रकरण को लेकर शान्तनु शुक्ला का कहना है कि वे पहले ही यूपी के डीजीपी को अपने ख़िलाफ़ हो रही साज़िश के ख़िलाफ़ पत्र लिख चुके हैं और पत्र में सारे पात्रों और पूरी कहानी की जानकारी दे चुके हैं।

एक महिला पत्रकार ने टीवी27 न्यूज़ चैनल के निदेशक और सीईओ शान्तनु शुक्ला के ख़िलाफ़ नोएडा में एफ़आईआर दर्ज करा दी है। महिला पत्रकार ने टीवी27 न्यूज़ चैनल के भोपाल ऑफिस में कार्य करने के दौरान शोषण-उत्पीड़न की बात कही है। हालाँकि शान्तनु शुक्ला इन आरोपों से लगातार इनकार करते रहे हैं और इसे एक बड़ी साज़िश का हिस्सा करार देते हैं।

इस प्रकरण को लेकर शान्तनु शुक्ला का कहना है कि वे पहले ही यूपी के डीजीपी को अपने ख़िलाफ़ हो रही साज़िश के ख़िलाफ़ पत्र लिख चुके हैं और पत्र में सारे पात्रों और पूरी कहानी की जानकारी दे चुके हैं। देखें पत्र का एक हिस्सा-

टीवी27 नामक एक चैनल के संपादक शांतनु शुक्ला पर पहले भी कई किस्म के आरोप लगे हैं. कई मीडिया कर्मचारियों ने भड़ास से संपर्क कर अपने द्वारा की गई शिकायतें, मेल, चैट स्क्रीनशाट आदि भेजकर आरोपों की पुष्टि की. मीडियाकर्मियों ने कहा कि वे समय आने पर खुलकर नाम परिचय सहित भड़ास के माध्यम से सच्चाई सामने ले आएंगे.

वहीं, इस मामले में जब शांतनु से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन पर सब फर्जी आरोप लगाए गए हैं. सारे आरोप निराधार हैं. कल सोमवार को मैं इस मामले में मानहानि का लीगल नोटिस भिजवाउंगा. मैं रामभद्राचार्य का मीडिया सलाहकार रहा हूं. जो लोग आरोप लगा रहे हैं, मेरे सामने आकर कहें. मैनें इसे लेकर ट्वीट भी किया है, फेसबुक पर भी डाला है.

उधर, टीवी27 से खुद को कार्यमुक्त किए जाने की चर्चाओं को लेकर भी शांतुन ने बताया कि उनका कहीं कोई इस्तीफा नहीं हुआ है. ये सब बेसिर पैर की खबरें उड़ाई जा रही हैं. वे आज भी टीवी27 में कार्यरत हैं.

इस बीच शांतनु शुक्ला ने एक पत्रकार और उसकी वेबसाइट को लीगल नोटिस भेज दिया है. देखें नोटिस की कॉपी-

नोटिस पाने वाले पत्रकार अवनीश जैन का पक्ष पढ़िए-

मेरा TV 27 के साथ Franchise Agreement था जो कि श्री विकास मिश्रा जी (तत्कालीन डायरेक्टर) ने किया था। अचानक से शांतनु शुक्ला ने TV 27 को Join किया और मुझे WhatsApp call करके कहा कि मैं रामभद्राचार्य जी की तीसरी आंख हूं और उनके कहने से उनके अनुयाई ने यह चैनल खरीद लिया है और चैनल से पुरानी टीम को निकाला जाएगा और लक्ष्मी नारायण मालवीय (चैनल के मालिक) का सिर्फ दस प्रतिशत शेयर रह गया है और अब जो कुछ होगा मेरी मर्जी से होगा और आप मुझे नोएडा आफिस में Appointment लेकर मिलिए।

फोन पर हुई सारी बातें मैंने विकास मिश्रा जी को बताईं तो उन्होंने शांतनु को सिरियस नहीं लेते हुए सिर्फ अपने काम पर ध्यान देने के लिए कहा।

 

इस बीच भोपाल से आदित्य मिश्रा और नोएडा से विवेक पाठक मुझे शांतनु शुक्ला से मिलने के लिए दबाव बनाने लगे। उत्तराखंड से लगभग सवा करोड़ रुपए के विज्ञापन का चालीस प्रतिशत कमीशन शांतनु ने रुकवाने का षड्यंत्र रचा ओर इसी तरह से लगभग बीस लाख रुपए उत्तर प्रदेश फ्रेंचाइजी श्री अमित चौधरी के रुकवा दिये और हम लोगों से दस दस लाख रुपए की मांग करी और विकास मिश्रा के खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। चैनल में ही कार्यरत एक महिला के साथ हैरेसमेंट की बात सामने आई और उसके अलावा कई पत्रकारों के शोषण की बातें सामने आई।

 

हमारे कमिशन को लेकर एक मीटिंग नोएडा में रखी गई जिसमें मैं, अमित चौधरी, मालवीय जी, विकास मिश्रा और शांतनु शुक्ला भी था। मीटिंग में मालवीय ने कहा आपका एग्रीमेंट विकास के साथ है मेरे हस्ताक्षर नहीं है इसलिए मैं कोई भुगतान नहीं करूंगा और जैसा शांतनु शुक्ला कहेगा वैसा ही होगा। हमारे अलावा ऐसे ही अनेकों सप्लायर और ठेकेदारों के भुगतान को शांतनु ने मालवीय से कहकर मना करवा दिया।

जिस महिला ने चैनल छोड़ दिया उसने अपनी शिकायत चैनल के मालिक और संबंधित विभागों को ईमेल के माध्यम से किया लेकिन शांतनु ने कोई कार्रवाई नहीं होने दी और महिला को धमकी देने लगा। महिला ने पुनः अपनी शिकायत के बारे में चैनल के मालिक और HR से पूछा तो चैनल के मालिक ने शांतनु को बुलाकर पूछा और सभी ग्रुप से रिमूव कर दिया, HR ने भी कारवाई के बारे में महिला को सूचित किया। इस बात का मैसेज मुझे महिला ने भेजा और कहा कि जो मेरे साथ हुआ वह किसी और महिला के साथ ना हो तो इस मैसेज को अपनी जान पहचान के लोगों से शेयर कर दीजिए, तब मैंने मैसेज जान पहचान के लोगों में फारवर्ड कर दिया।

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