लखनऊ जनसंदेश टाइम्स को दोहरा झटका
आज लखनऊ जनसंदेश को दोहरा झटका देते हुये फीचर इंचार्ज हरे प्रकाश उपाध्याय ने बाय-बाय कह दिया। वहीं जनसंदेश में फीचर डेस्क पर हरे प्रकाश उपाध्याय के बाद सबकुछ देख रहे विनायक राजहंस ने भी आज ही जनसंदेश का दामन छोड़ दिया।
हरे प्रकाश उपाध्याय के जाने के पीछे जहां संस्थान में बेतन विसंगतियां दोषी हैं वहीं प्रधान संपादक सुभाष राय से मतभेद को भी इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। कुछ समय पहले हरे प्रकाश उपाध्याय और सुभाष राय ने मिलकर एक पत्रिका समकालीन सरोकार निकाला था। उसी दौरान किन्ही बातों को लेकर हरे प्रकाश उपाध्याय और सुभाष राय के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये थे। इसके चलते ये दोनो लोग कुछ समय के लिए अलग भी हो गये थे। जब सुभाष राय दोबारा जनसंदेश आये तो काफी मान मनौवल कर के हरे प्रकाश उपाध्याय को अपने साथ पुन: आने के तैयार कर लिए, लेकिन इन दोनो लागों का पुर्नमिलन पहले जैसा नहीं रहा। शायद यही कारण है कि आज हरे प्रकाश उपाध्याय एक बार फिर सुभाष राय का साथ और जनसंदेश टाइम्स सखनऊ का दामन दोनों एक साथ छोड़ दिया।
वहीं वेतन विसंगति और प्रधान संपादक सुभाष राय के संपादक कम और मैनेजर ज्यादा बन जाने की वजह से विनायक राजहंस ने भी जनसंदेश का दामन छोड़ दिया। जिस तरह से जनसंदेश के बड़े छोटे कर्मचारी संस्थान का साथ छोड़ रहे हैं उससे इतना तो साफ है कि जनसंदेश टाइम्स बस कुछ दिन का मेहमान रहगया है। आने वाले कुछ दिनों में संस्थान के कुछ और कर्मचारियों के छोडऩे की बात सुनी जा रही है।