BIG BREAKING : भ्रष्टाचार, घूसखोरी, टैक्स चोरी के मामले में नए-नए कीर्तिमान गढ़ रहा है लखनऊ नगर निगम

20,20,804 रूपया का गृहकर बड़े बकायेदारों की लिस्ट में प्रकाशित सन्तोष श्रीवास्तव का नाम रातों रात बदल कर नीतू श्रीवास्तव पत्नि सन्तोष श्रीवास्तव के नाम से गृहकर रू0 8,100.00 कर निगम को लाखों रूपयों की आर्थिक क्षति पहुॅचाने वाले घूसखोर अधिकारी के खिलाफ अबिलम्ब सख्त विभागीय, वैधानिक कार्यवाही करने, चल-अचल सम्पति जब्त करने, मूल्यांकन तिथि 01-04-2014 से एक भी पैसा गृहकर व अन्य कर नहीं देने वाले भवन स्वामी सन्तोष श्रीवास्तव के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने, भवन सीज कर बकाया सभी टैक्स धनराशियों की वसूली करने की मांग

भ्रष्टाचार, घूसखोरी, टैक्स चोरी, निगम को आर्थिक क्षति पहुॅचाने की शिकायत

श्रीमान नगर आयुक्त                                              पत्र संख्या – सूचना-5069
नगर निगम लखनऊ                                              दिनांक – 13-03-2025

सन्दर्भ – जोन 6 के न्यू हैदरगंज वार्ड द्वितीय(124) के बुद्धेश्वर विहार 5291(हर्ष नगर) भवन आईडी 9157एच76856 भवन नम्बर 599बीबी/508/001

विषय – 20,20,804 रूपया का गृहकर बड़े बकायेदारों की लिस्ट में प्रकाशित सन्तोष श्रीवास्तव का नाम रातों रात बदल कर नीतू श्रीवास्तव पत्नि सन्तोष श्रीवास्तव के नाम से गृहकर रू0 8,100.00 कर निगम को लाखों रूपयों की आर्थिक क्षति पहुॅचाने वाले घूसखोर अधिकारी के खिलाफ अबिलम्ब सख्त विभागीय, वैधानिक कार्यवाही करने, चल-अचल सम्पति जब्त करने, मूल्यांकन तिथि 01-04-2014 से एक भी पैसा गृहकर व अन्य कर नहीं देने वाले भवन स्वामी सन्तोष श्रीवास्तव के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने, भवन सीज कर बकाया सभी टैक्स धनराशियों की वसूली करने की मांग
महोदय,
आपकी सेवा में निगम में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा घूसखोरी कर निगम को आर्थिक क्षति पहुॅचाने  के सम्बन्ध में निम्न से अवगत कराना हैं-
जोन 6 के न्यू हैदरगंज वार्ड (124) के बुद्धेश्वर विहार 5291 (हर्ष नगर) के भवन आईडी 9157एच76856 भवन नम्बर 599बीबी/508/001 जो निगम के अभिलेखों में सन्तोष श्रीवास्तव {समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय, हाजीपुर महमूदाबाद सीतापुर में वर्तमान में कार्यरत  प्रधानाचार्य पद पर तैनात}  पिता का नाम (स्थान खाली) सम्पर्क सू़त्र (स्थान खाली) के नाम से दर्ज हैं (स्पष्ट हैं कि घूस खाकर निगम के अधिकारी ने आवश्यक प्रपत्रों का अवलोकन-सत्यापन किये बिना ही आधी-   अधूरी जानकारी दर्ज कर भवन आईडी और भवन संख्या जारी कर दिया)। विभाग द्वारा आरटीआई के जरीए उपलब्ध कराए वित्तीय वर्ष 2024-25 के हाउस टैक्स बिल के मुताबिक उक्त भवन का मूल्यांकन दिनांक 01-04-2014 तथा वार्षिक मूल्य 11,04,264.00 रूपया हैं जिस पर रू0 1,65,639.60 चालू वर्ष का कर, बकाया रू0 16,56,396.00 एंव ब्याज रू0 1,98,767.52 कुल देय रू0 20,20,804 उल्लेखित है। छाया प्रति संलग्न। स्पष्ट हैं कि निगम के अधिकारियों ने घूस के चक्कर में भवन मूल्याकंन तथा गृहकर का निर्धारण किये जाने के लिए आवश्यक सभी कागजातों, अभिलेखों आदि की गहन जॉच नहीं किया। घोर लापरवाही
एलडीए द्वारा भवन को सील किये जाने पर प्रकाशित समाचार में उक्त भवन का नाम ‘ओम पैलेस गेस्ट हाउस’ तथा 4500 वर्गफीट निर्मित बताया गया हैं। संलग्न फोटों में भी भवन तीन मंजिला आलीशान भवन हैं जिसकी जमीन की ही कीमत करोड़ों में हैं।
भवन मूल्यांकन किये जाने के वर्ष से लेकर आज तक गृहकर की वसूली नहीं किया जाना  सम्बन्धित अधिकारी की कार्य के प्रति लापरवाही, अकर्मठता को तो साबित करता ही हैं उनकी ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा होता हैं। क्यों नहीं हर साल टैक्सों की वसूली किया, क्यों इन्तजार किया गया कि टैक्स का बकाया लाखों में हो जाय तो इसका नाम बड़े बकायेदारों की सूची अखबार में प्रकाशित कर लाखों रूपयों की काली कमाई किया जाय। क्या इसी तरह का घंधा अन्य बकायेदारों के साथ भी अधिकारी लोग कर रहे हैं, जॉच का विषय है।
इस बकाये के सम्बन्ध में दिनांक 25-10-2024 को दैनिक जागरण में प्रकाशित बड़े बकायेदारों में वार्ड हैदरगंज द्वितीय में सन्तोष श्रीवास्तव का नाम भी दर्ज हैं। छाया प्रति संलग्न।
लेकिन अचानक से उक्त भवन के हाउस टैक्स बिल में भवन आईडी व भवन नम्बर के स्वामी का नाम सन्तोष श्रीवास्तव की जगह नीतू श्रीवास्तव पत्नि सन्तोष श्रीवास्तव का नाम दर्ज हो गया जबकि बिल वित्तीय वर्ष 2024-25 ही हैं (अर्थात एक ही वित्तीय वर्ष में एक ही भवन के दो-दो बिल और दोनों में स्वामी अलग-अलग) लेकिन मूल्यांकन तिथि 01-04-2024, चालू वर्ष का कर 8,100.00, बकाया 72,900.00 ब्याज 00.00 कुल देय कर 81,000.00 बताया जा रहा हैं। बिल की छाया प्रति संलग्न। इस सम्बन्ध में अवगत कराना हैं कि भवन स्वामी का नाम परिवर्तन प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। आमतौर पर तो लोगों को म्युटेशन कराने में महीनों नहीं सालों लग जाते हैं और वह भी बिना जेब गरम किये नहीं होता हैं। प्रश्नगत मामले में रातों-रात किस आधार पर किया गया और सम्बन्धित कौन-कौन से दस्तावेज दाखिल किये गये, कौन-कौन सी प्रक्रिया का पालन किया गया? स्पष्ट किया जाना चाहिए। वैसे भी सामान्य व आवश्यक नियम हैं कि नाम परिवर्तन से पूर्व बकाये सभी टैक्सों का भुगतान किया जाना अनिवार्य होता हैं। इस भवन का बकाया 20,20,804.00 रूपया कब और किस माध्यम से जमा किया गया हैं? स्पष्ट करें।
भवन के स्वामी का नाम परिवर्तन करके भवन का मूल्याकंन किस आधार पर रू0 54,000.00 वार्षिक तथा गृहकर 8,100.00 निर्धारित किया गया, बहुत बड़ा प्रश्न हैं। यह भी कि मूल्यांकन तिथि 01-04-2024 से वित्तीय वर्ष 2024-25 में उस पर 72,900.00 रूपया बकाया कैसे हो गया? गृहकर के अतिरिक्त अन्य कौन-कौन से टैक्स जोड़ा गया हैं? यहॉ एक बार फिर घपला किया गया और दूबारा बिल डाउनलोड करने पर उसमें एरियर रू0 7,900.00 ही बता रहा हैं तथा टोटल आउटस्टैन्डिंग बैलेंस रू0 16,000.00 दिखाया जा रहा हैं। अर्थात सीधी भाषा में रू0 20,20,804.00 की जगह केवल रू0 16,000.00 यानि रू0 20,04,804.00 का निगम को शुद्ध नुकसान और सम्बन्धित अधिकारी ने कम से कम इसका आधा-चौथाई तो खाया ही होगा। यह तो केवल एक प्रकरण हैं। जोन में तो इससे भी बड़े बकायेदार लोग हैं।
जिस भवन का मूल्यांकन दिनांक 01-04-2014 को रू0 11,04,264.00 किया गया थ उसी भवन का दिनांक 01-04-2024 को मात्र रू0 54,000.00 ही। क्या यह सम्भव हैं? अतिगम्भीर प्रश्न हैं सम्बन्धित      अधिकारी को अबिलम्ब निलम्बित करके, सम्बन्धित पत्रावली को जब्त करके उच्चस्तरीय जॉच निगम के लिए नितान्त आवश्यक हैं।
जोनल अधिकारी जो जन सूचना अधिकारी का भी कार्य संभाल रहे हैं, से कुछ भी पूछने पर थर्ड पार्टी अथवा धारा 8 का बहाना बनाकर अपनी घूसखोरी और भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं। जिस भवन स्वामी का नाम बकायेदारों की सूची में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जाता हो उसकी जानकारी आरटीआई एक्ट में न तो थर्ड पार्टी हैं और न ही किसी अन्य धारा में संरक्षित हैं। एक्ट तो बना ही ऐसे लोगों के कालेकारनामों को उजागर करने के लिए। बताया यह भी जाता हैं कि इन्होंने इस तरह की घूसखोरी करके अकूत सम्पति एकत्र कर रखा हैं जिसे अबिलम्ब जब्त किया जाना विभाग और जनहित में तथा माननीय मुख्य मंत्री जी की मंशाओं (भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस) के अनुपालन के लिए भी अतिआवश्यक हैं।
यह भी अवगत कराना हैं कि प्रश्नगत भवन से अन्य कर (कूड़ा, सीवर, जल, सम्पतिकर) की भी  वसूली नहीं किया गया हैं बल्कि उसके बदले में मोटी रकम घूस में खाई गई हैं।
आपकी सेवा में यह भी अवगत कराना आवश्यक हैं कि भवन स्वामी एक लोक सेवक हैं जिसने अपनी कालीकमाई से इस बेनामी सम्पति को बनाया गया हैं। इसी कारण निगम में उसने अपनी और भवन की पूरी जानकारी नहीं दी हैं। एलडीए के मुताबिक इस भवन का एलडीए से नक्शा भी स्वीकृत नहीं कराया गया हैं। अवैध निर्माण के आरोप में एलडीए ने दिनांक 17-10-2023 को सील भी कर दिया हैं। बिजली विभाग से उसके किरायेदार आलोक मिश्रा (आर्य प्रोफेशनल एकेडमी कम्पनी) ने दिनांक 25-08-2023 से 20 किलोवाट का कनेक्शन नम्बर 7695007800 ले रखा हैं। जिसका भी बकाया 1,60,054.00 रूपया हैं। भवन निर्माण के पश्चात से लिए गए कनेक्शन के बारे में विभाग कुछ भी नहीं बता रहा हैं। स्पष्ट हैं कि विद्युत विभाग के    अधिकारियों ने भी भवन स्वामी सन्तोष श्रीवास्तव से मोटी रकम घूस में ले रखा हैं। तभी तो आगे-पीछे के बकाये की वसूली नहीं कर रहा हैं।
निवेदन हैं कि भवन के मूल्यांकन तिथि से लेकर आज तक के उन सभी जिम्मेदार अधिकारियों की जिन्होने अवैध तरीके से भवन आईडी, भवन नम्बर जारी किया, आज तक गृहकर सहित अन्य करों की वसूली नहीं किया, साथ-साथ नियम विरूद्ध तरीकों से रातों-रात भवन स्वामी का नाम पर्रिवतित कर बकाये टैक्स 20,20,804.00 रूपया का निगम को क्षति पहुॅचाने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने, सम्पतियों को जब्त करने, भवन स्वामी से अगला-पिछला पूरा गृहकर सहित अन्य सभी टैक्स की वसूली करने का कष्ट करें। साथ ही आग्रह हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही करने हेतु औपचारिक स्वीकृति प्रदान करने का कष्ट करें।
प्रतिलिपी- सूचनार्थ एंव आवश्यक कार्यवाही हेतु आग्रह के साथ-
1- माननीय मुख्य मंत्री जी, उ0प्र0 शासन, लखनऊ
2- माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), नगर विकास उ0प्र0 शासन, लखनऊ
3- माननीय राज्य मंत्री, समाज कल्याण (स्वतन्त्र प्रभार), उ0प्र0 शासन, लखनऊ- सन्तोष कुमार श्रीवास्तव   प्रधानाचार्य जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय हाजीपुर महमूदाबाद सीतापुर के आय से अधिक   सम्पति के सम्बन्ध में अबिलम्ब सख्त कार्यवाही अपेक्षित
4- श्रीमान प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग, उ0प्र0 शासन, लखनऊ- सन्तोष श्रीवास्तव को निलम्बित   कर आय से अधिक सम्पति को जब्त करना अपेक्षित हैं।
5- श्रीमान प्रमुख सचिव, नगर विकास, उ0प्र0 शासन, लखनऊ
6- श्रीमान प्रबन्ध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, लखनऊ- किरायेदार तथा भवन स्वामी से विद्युत   बकाये की वसूली नहीं करने की अबिलम्ब कार्यवाही अपेक्षित
7- श्रीमान उपाध्यक्ष, एलडीए, लखनऊ- अवैध निर्माण के सम्बन्ध में अबिलम्ब सख्त कार्यवाही अपेक्षित
8- श्रीमान एडीजी, भ्रष्टाचार निवारण सगंठन, उ0प्र0 लखनऊ- कालीकमाई से अकूत सम्पति एकत्र करने   वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त आवश्यक कार्यवाही अपेक्षित
9- माननीया महापौर, नगर निगम, लखनऊ- संज्ञान में लेकर स्पष्ट एंव सख्त कार्यवाही अपेक्षित
10- श्रीमान मुख्य नगर लेखा परीक्षक, नगर निगम लखनऊ
शिकायतकर्ता
महेन्द्र अग्रवाल (वरिष्ठ नागरिक)
326-ए, प्रिंस काम्पलेक्स हजरतगंज, लखनऊ-226001
मो-9140083441 ईमेल-adv.mahendra7080@gmail.com
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