शेखर पंडित ने उठाई आवाज- स्वर्गीय के विक्रम राव को मिले पद्म विभूषण सम्मान
कलम न रूकती है और न ही टूटती है , के विक्रम राव का परिवार इसका जीवंत उदाहरण है जहां पीढ़ी दर पीढ़ी कलम अपना अस्तित्व और अपना रंग दिखाती रहती है, भले ही आज पत्रकारिता जगत के एक मजबूत स्तंभ के जीवन चक्र का अंत हुआ है लेकिन उनकी लेखनी उनके जीवन के अमरत्व को दर्शाती रहेगी और जिस तरह अपने पिताजी के जीवन चक्र समाप्ति के उपरांत के विक्रम राव का नाम पत्रकारिता जगत में चमकता रहेगा
आसमान से चमकेगा भारतीय पत्रकारिता जगत का जगमगाता सितारा
पत्रकारिता जगत में भीष्म पितामह के रूप में जो छाप दिवंगत के विक्रम राव ने बनाई उसको देखकर राज्य सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी वही शेखर पंडित द्वारा स्वर्गीय विक्रम राव द्वारा पत्रकारिता, साहित्य क्षेत्र में किये गए योगदान को देखते हुए पद्म विभूषण सम्मान से अलंकृत किये जाने की मांग की गई है। मीडिया जगत के सभी साथियों से अनुरोध है कि इस मांग को आगे बढ़ाने और स्वीकृत किये जाने में सहयोग देने के लिए हर सम्भव प्रयास करें।
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शेखर पंडित
सदस्य राज मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति
पत्रकारिता जगत को रोशन करके एक नए युग का प्रारंभ करने वाले के विक्रम राव का निधन हम सबके लिए बेहद कष्टकारी है, डॉ. राव पत्रकारिता के क्षेत्र में दशकों से सक्रिय थे और उन्होंने श्रमजीवी पत्रकारों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाया। उनका जीवन संघर्षशील पत्रकारिता, सिद्धांतनिष्ठ विचारों और निर्भीक लेखनी का पर्याय रहा। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट IFWJ के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ जहां एक तरफ उन्होंने विश्व भर के पत्रकारों को एकजुट करके संगठनात्मक ढांचे में लाने का प्रयास किया गया तो वही उत्तर प्रदेश के हर छोटे बड़े पत्रकारों को अपना सानिध्य और मार्गदर्शन देकर पत्रकारिता की सही दिशा और दशा दिखाने का हमेशा प्रयास किया गया। जिस तरह एक सिपाही जंग के मैदान में ही वीरगति प्राप्त करना चाहता है ठीक उसी तरह के विक्रम राव का कलम कभी रुका नहीं और अपनी लंबी बीमारी के दौरान भी प्रतिदिन उनके द्वारा स्वर्णिम अक्षरों के लेख लिखे जाते रहे और समस्त पत्रकार बिरादरी के लिए अत्यंत गर्व की बात है की जीवन चक्र समाप्ति से पहले भी उनके लिखे को समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया भारत-पाकिस्तान के युद्ध को जिस तरह से उन्होंने अपनी कलम के माध्यम से अनोखा दृष्टांत दिखाते हुए लिखा वह आने वाली मीडिया के लिए यादगार बन गया है
कलम न रूकती है और न ही टूटती है , के विक्रम राव का परिवार इसका जीवंत उदाहरण है जहां पीढ़ी दर पीढ़ी कलम अपना अस्तित्व और अपना रंग दिखाती रहती है, भले ही आज पत्रकारिता जगत के एक मजबूत स्तंभ के जीवन चक्र का अंत हुआ है लेकिन उनकी लेखनी उनके जीवन के अमरत्व को दर्शाती रहेगी और जिस तरह अपने पिताजी के जीवन चक्र समाप्ति के उपरांत के विक्रम राव का नाम पत्रकारिता जगत में चमकता रहेगा वैसे ही उनकी अगली पीढ़ी अपने पिता से मिले गुणों से समाज को जाग्रत करने का काम करते रहेंगे। के विक्रम राव के अंतिम समय मे सेवा करते रहे उनके पुत्र के विश्वदेव राव का नाम भी भविष्य में अपने पिता द्वारा लिखी पुस्तकों और उनके कार्यकलापो को आगे बढ़ाने में दिखता रहेगा।
विश्व के पत्रकारों को एकजुटता और संगठन ढांचे में ढालने का कार्य के विक्रम राव द्वारा IFWJ संगठन से किया गया और उनके पुत्र द्वारा बचपन से ही अपने पिता के साथ रहकर पत्रकारिता के हर दांव में दक्षता हासिल की गयी है और आने वाले भविष्य में के विक्रम राव की कलम भी अपने पिता के नामों को उज्जवल करती हुई चलती रहेगी और के विक्रम राव द्वारा लिखी 13 पुस्तको का विमोचन पूरी भव्यता से कराया जायेगा क्योंकि ये पुस्तकें नहीं बल्कि पत्रकारिता के लिए धर्मग्रंथ होगा जिसको के विक्रम राव ने अपने जीवन काल में कलमबद्ध किया गया है। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शेखर पंडित
9415922005
सदस्य राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त समिति
