सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जेबी यूनियन का पर्दाफाश होने से बिलबिलाए सतीश मिश्रा

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जेबी यूनियन का पर्दाफाश होने से बिलबिलाए सतीश मिश्रादैनिक जागरण प्रबंधन ने की गुंडागर्दी
सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया मामले की सुनवाई की तारीख नजदीक आते ही दैनिक जागरण प्रबंधन की गुंडागर्दी बढ़ गई है। बताया जाता है कि दैनिक जागरण की कानपुर यूनिट में डाइरेक्‍टर पद पर तैनात सतीश मिश्रा जेबी यूनियन का पर्दाफाश होने से इतना बिलबिला गए कि वह जगदीश मुखी से मारपीट करने पर उतर आए। वह जगदीश मुखी को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं!
जगदीश मुखी नोएडा कार्यालय में इलुस्‍ट्रेटर के रूप में काम कर रहे थे। कुछ माह पूर्व उनका तबादला कानपुर कर दिया गया था। उस समय उनकी पारिवारिक परिस्थितियों को दरकिनार कर उन्‍हें जबरन कानपुर भेज दिया गया। इससे पूर्व भी एक मशीनमैन से कानपुर में मारपीट की गई थी। उसके बाद रतन भूषण का तबादला कानपुर किया गया, जिससे रुष्‍ट कर्मचारियों ने पिछले 7 जुलाई को नोएडा में काम बंद कर दिया था। कर्मचारियों की इस एकजुटता से प्रबंधन को झुकना पड़ा था और उस समय किए गए तबादले वापस ले लिए गए थे। इस घटना के बाद दैनिक जागरण प्रबंधन के कान खड़े हो गए थे और सतीश मिश्रा ने नोएडा आकर जेबी यूनियन गठित करने का गुरु मंत्र दिया था। इसी यूनियन के जरिये प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट के सामने कुछ हेराफेरी करने की जुगत भिड़ा रहा था कि यूनियन के कागजात लीक हो गए और प्रबंधन की मंशा सबके सामने आ गई। बता दें कि नोएडा से जम्‍मू स्‍थानांतरित मुख्‍य उपसंपादक श्रीकांत सिंह पर भी नोएडा में दैनिक जागरण प्रबंधन ने हमला करा दिया था और मौके पर उनसे 36 हजार रुपये छीन लिए गए थे। इस मामले की जांच वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्‍टर प्रीतेंद्र सिंह के आदेश पर क्षेत्राधिकारी द्वितीय डॉक्‍टर अनूप सिंह कर रहे हैं। अब हालत यह हो गई है कि दैनिक जागरण प्रबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बल पर अत्‍याचार की सीमा लांघ रहा है, जिससे केंद्र सरकार और भाजपा की किरकिरी हो रही है। इससे कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है। दैनिक जागरण प्रबंधन ने यह साबित कर दिया है कि उसे नियम, कानून, पुलिस प्रशासन और अदालतों तक की कोई परवाह नहीं है। इससे खार खाए कर्मचारी किसी भी दिन धरना और प्रदर्शन करने को बाध्‍य हो जाएंगे और कानून व्‍यवस्‍था के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा हो सकती है। जागरण प्रबंधन को सिर्फ हड़ताल की भाषा समझ में आती है। कर्मचारियों का अहित करने के लिए पिछले कई दिनों से उच्‍चस्‍तरीय बैठकों का दौर नोएडा कार्यालय में चल रहा है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया मामले की सुनवाई के बाद कितना बड़ा भूकंप आएगा, यह देखने वाली बात होगी।

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