जब जागरण, नोएडा के कर्मचारियों ने लेबर इंस्पेक्टर को घेरा
मजीठिया से बचने के लिए जागरण प्रबंधन द्वारा उठाया जा रहा अब हर पैंतरा उसी पर भारी पड़ रहा है। खबर है कि पूर्व में स्थानांतरित किए गए चार कर्मचारियों को ज्वाइन कराने पहुंचे लेबर इंस्पेक्टर को वहां के कर्मचारियों ने उस समय घेर लिया जब उन्हें पता चला कि कोई लेबर इंस्पेक्टर दफ्तर पहुंचा है। कर्मचारियों ने इंस्पेक्टर से ढेरों शिकायतें की। सूत्रों ने बताया कि यह सब सुन कर इंस्पेक्टर काफी नाराज हुआ और प्रतिकूल प्रविष्ठि बनाकर जागरण प्रबंधन को थमा दिया है। अब विभिन्न मुद्दों पर लेकर जागरण प्रबंधन श्रमायुक्त के यहां चार तारीख को पेश होगा।
आपको बता दें कि 30 मई को लेबर इंस्पेक्टर राधेश्याम सिंह मजीठिया से प्रताडि़त चार कर्मचारियों को उपश्रमायुक्त के आदेश पर ज्वाइन कराने नोएडा के दफ्तर में आए थे। कर्मचारियों को पता चला तो वे भी अपना दुख बताने के लिए इंस्पेक्टर को घेर लिया। किसी ने सैलरी नहीं बढ़ने की शिकायत की तो किसी ने पदोन्नत को लेकर। बताया गया है कि प्रबंधन प्रमोशन में पारदर्शिता नहीं बरतता है और अपने चेले चपाटों को ही प्रमोट करता है। इसके लिए जितने भी नाटक रचना है उतना रचता है। एक सूत्र ने बताया कि मजीठिया से प्रताड़ित उन चारों लोगों को जिसमें अभिषेक राजा, राणा, आनंद और श्रीकांत को लेबर इंस्पेक्टर ज्वाइन करने पहुंचे तो प्रबंधन ने उन्हें नोएडा में ज्वाइन कराने से इंकार कर दिया। प्रबंधन ने कहा कि इन लोगों को वहीं ज्वाइन करना होगा जहां वे स्थानांतरित किए गए हैं। पर जगजीत राणा ने कहा कि मेरा तो स्थानांतरण ही नहीं हुआ है तो प्रबंधन के पास कोई उत्तर नहीं था। इसपर प्रबंधन के दो अधिकारी इंस्पेक्टर से उलझते नजर आए। फिर इंस्पेक्टर ने पुनः चार जून को लेबर आफिस में तलब किया है। अब देखना है कि प्रबंधन कौन सा पैंतरा बदलता है। पर इतना तो यह है कि इन चारों लोगों को प्रबंधन को अब हर हाल में ज्वाइन कराना पडेगा।