इलाहाबाद दैनिक जागरण से विदा हुए, महाप्रंबधक-श्री गोविन्द श्रीवास्तव
इलाहाबाद, दैनिक जागरण को अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर, आज हमारे सम्मानित महाप्रबंधक श्री गोविन्द श्रीवास्तव जी रिटायर्ड हो गए। आज के दिन को लेकर विगत कई महीनों से, मैंने अक्सर उनके आंखों में भावुकता को महसूस किया। उन्होने अपने कार्यकाल में अनेकों उतार चढ़ाव देखें। कभी अच्छे वक्त तो कभी बुरा वक्त, लेकिन उनका विश्वास सदा उनके साथ रहा।
मेरा उनसे सम्पर्क पहली बार उस वक्त हुआ जब वो मार्केटिंग विभाग के एरिया मैनेजर हुआ करते थे। तब से लेकर अब तक मैंने कभी उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से किसी का अहित होते नहीं देखा। ये बात और है कि कुछ कर्मचारियों में उनके प्रति नराजगी है, पर ऐसा कम ही होता है कि उच्च पद पर आसीन व्यक्ति सभी को खुश रख सके। मैनेजमेंट की बातों को कर्मचारियों के बीच लागू कराने, जैसे कर्मचारियों का निष्कासन, स्थानान्तरण हेतु तो वो माध्यम मात्र ही थे, ये सारी चीजें तो हायर मैनेंजमेंट की ओर से निर्धारित की जाती है। उनके द्वारा किये गये स्थानान्तरण एवं निष्कासन को तो सभी ने देख लिया, पर ऐसा करने के दौर में उन्हें कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ा होगा ये कभी किसी ने नहीं सोचा, वो अक्सर अपनी इन तकलीफों को जाने-अनजाने किसी किसी से साझा किया करते थे। उनके रिटायरमेंट के मौके पर लगभग सभी लोगों एवं विभागों ने अपने-अपने तरीके से विदाई दी। किन्तु उस संस्थान में जहां उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया, अपना आखिर वक्त कैसा गुजरा ये तो वो ही बता सकते हैं। अन्तिम वक्त तो ऐसा लग रहा था जैसे उनके कदम संस्थान से बाहर जाने को तैयार ही नहीं है, एकदम जड़ से खड़े रहे हम लोगों के बीच, और आंखों में संस्थान से दूर जाने को आंसू लिए वो चले गये, परन्तु उनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा ताजा रहेगी…
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