अखिलेश सरकार में सच लिखने का ईनाम —-पत्रकार को बना डाला माफिया !
ये बात मैं हवा में नहीं लिख रहा बल्कि मेरा नाम भी उन लोगो की लिस्ट में शामिल है जिन्हें सच लिखने और कहने की कीमत चुकानी पड रही है तेरह साल की पत्रकारिता में पहली बार ऐसा अनुभव हुआ है की मुझे सच लिखने के ईनाम के तौर पर खनन माफिया से लेकर खतरनाक अपराधी तक का खिताब मिल चुका है और मेरे खिलाफ गंभीर धाराओं में मुक़दमे दर्ज हो चुके है और दिलचस्प बात तो ये है की इस पूरी साजिश में कुछ दलाल किस्म के पत्रकार जो कई बार वसूली के फेर में जेल जा चुके है अहम् किरदार अदा कर रहे है !
मेरी आवाज़ को दबाने का सिलसिला तो तब ही शुरू हो गया था जब मैंने बाराबंकी में ग्राम्य विकास मंत्री अरविन्द सिंह गोप के करीबी धीरेन्द्र वर्मा की करतूत उजागर करी थी की किस तरह धीरेन्द्र वर्मा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की धज्जिया उड़ाकर बिना मंत्री का दर्जा मिले ही अपनी कई कई गाडियों पर लाल बत्ती और हूटर लगा कर अपना भौकाल जमाते घूम रहे है ! लेकिन महीनो बीतने के बाद भी ग्राम्य विकास मंत्री अरविन्द सिंह गोप की चाटुकारिता में जुटा बाराबंकी का प्रशासन और पुलिस फर्जी लाल बत्ती और हूटर हटवाने की हिम्मत नहीं जुटा सका !
इसी कड़ी में मैंने प्रदेश के नियोजन राज्य मंत्री फरीद महफूज़ किदवई का वो गैर जिम्मेदाराना बयान भी उजागर किया जिसमे उन्होंने कहा था ” फर्जी लाल बत्ती लगाने वालो को आगे चल कर मंत्री पद दिया जायेगा ”
प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री राजा राजीव कुमार सिंह के करीबी लोगो ने जब सड़क पटाई के विवाद को लेकर टिकैत नगर के एक गाँव में तोड़फोड़ और आगज़नी कर तांडव मचाया तो पीडितो की आवाज़ को शासन और प्रशासन के कानो तक पहुचाने के लिए मैंने इस तांडव की खबर चलाई लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की गयी !
प्रदेश के नियोजन राज्य मंत्री फरीद महफूज़ किदवई ने जनपदवासियो को बधाई देने के लिए लगवाई अपनी सैकड़ो होर्डिंगो में राष्ट्र ध्वज तिरंगे का अपमान करते हुए राष्ट्र ध्वज को अपने पैरो के पास छपवा दिया हमने इस बाबत भी खबर चलवाई लेकिन बाराबंकी जिला प्रशासन मंत्री जी के खिलाफ कारवाई तो दूर उनकी होर्डिंगो को भी हटवाने की हिम्मत नहीं जुटा सका लेकिन मंत्री जी ने होर्डिंगो में बने तिरंगे को रंग से पोतवा कर एक बार फिर राष्ट्र ध्वज का अपमान कर डाला है लेकिन प्रशासन तमाशाई बना है !
बाराबंकी में मंत्री अरविन्द सिंह गोप और विधायक सुरेश यादव के संरक्षण में चलने वाले अवैध खनन को भी मैंने उजागर किया लेकिन सत्ताधारी नेताओ के तलवे चाटने वाले बाराबंकी जिला प्रशासन ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के बदले नियम कानून को धता बताते हुए मेरे निर्माणाधीन पेट्रोल पम्प पर हुई मिटटी पटाई को आधार बनाते हुए मुझे ही खनन माफिया का प्रमाण पत्र पकड़ा दिया ! जबकि ये पटाई मैंने पम्प की बाउंड्री वाल बनाने में निकली मिटटी , डीजल और पेट्रोल के टैंक लगाने के लिए खोदे गए गड्ढे और पम्प के ठीक पीछे मौजूद अपने ही खेत से ही कराई थी ! इतना ही नहीं प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में 2012 घनमीटर मिटटी की पटाई की बात लिखी है जबकि मौके पर कुल 800 घनमीटर मिटटी की पटाई हुई है !
शायद सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के नेताओ और उनके तलवे चाटने वाले भ्रष्ट अधिकारियो को लगा की उनकी इस काली करतूत से मेरे हौसले पस्त हो जायेंगे और मैं उनके काले कारनामो के खिलाफ लिखना बंद कर दूंगा लेकिन मैंने अपने फ़र्ज़ से समझौता नहीं किया और सदर विधायक सुरेश यादव का भाई धर्मेन्द्र यादव जब गोवा में कालगर्ल के साथ रंगरेलिया मनाते पकड़ा गया तो इस मामले की भी खबर चलाई !
हाल ही में 3 सितम्बर को बाराबंकी की नवाबगंज तहसील में लगे डीएम और एसपी के दरबार में एक पति पत्नी के झगड़े से गुस्साए सीओ सिटी विशाल विक्रम सिंह ने अजहर नाम के आदमी को तहसील परिसर में दौड़ा दौड़ा कर जानवरों की तरह लातो घूसों से पीटा और जब हमने इस अमानवीय कृत्य की खबर चलाई तो समाजवादी पार्टी के नेताओ की चाटुकारिता के दम पर सीओ सिटी का चार्ज पाने वाले विशाल विक्रम सिंह बौखला गए और उन्होंने और उनके आकाओ ने कुछ दलाल और घटिया किस्म के लोगो के साथ मिलकर मेरे खिलाफ साजिश रची और इसी साजिश के तहत 16 सितम्बर को बाराबंकी की नगर कोतवाली में मेरे खिलाफ ( IPC -147 ,148 ,333 ,506 ) असलहो से लैस होकर दंगा करने , सरकारी कर्मचारी को डराने धमकाने और काम न करने देने जैसी संगीन धाराओ के तहत मुकदमा अपराध संख्या 731/13 लिख दिया गया और मुझे भनक तक नहीं लगने दी गयी !
हद तो ये रही की खुद को पत्रकार बताने वाले जिन दर्जन भर दलाल और घटिया लोगो की तहरीर पर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है उनका इतिहास शुरू से ही दागदार रहा है आम जनता को डरा धमका कर पैसा वसूली का धंधा करने वाले ये लोग कई बार जेल भी जा चुके है और इन लोगो के खिलाफ कई मुक़दमे भी दर्ज है ! इन दलाल और घटिया लोगो ने 9 जून 2012 को बाराबंकी के रामनगर थाने में हरिनाथ शुक्ला नाम के एक आदमी के खिलाफ IPC – 504 ,506 ,147 ,352 ,392 ( मारपीट ,गाली गलौच ,धमकी और लूट ) की धाराओ में मुकदमा दर्ज कराया था और बाद में उस आदमी से दस लाख रूपये की मांग कर रहे थे ये तो भला हो रामनगर पुलिस का जिसने विवेचना के दौरान मुक़दमे के फाइनल रिपोर्ट लगा दी और उस गरीब की जान बच गयी !
बाराबंकी में आईबीएन – सेवन चैनल के रिपोर्टर डी के सिंह के खिलाफ भी इस वसूली गिरोह का सरगना सरफ़राज़ वारसी 13 .06 .2012 को नगर कोतवाली में ही IPC -506 (धमकाने ) की धाराओं में मुकदमा नंबर 111 /12 लिखवा चुका है और ये मामला भी जांच में झूठा पाया गया था !
इन एक दर्जन दलालों में से एक मसरूर वारसी के खिलाफ नगर कोतवाली बाराबंकी में ही धोखा धडी और चार सौ बीसी करके नब्बे साल के बूढ़े आदमी मुबारक अली का पैतीस लाख रुपया हजम करने के मामले में IPC -406 ,419 ,420 ,467 ,468 ,138 एनआई एक्ट की धाराओं में मुकदमा अपराध संख्या – 1896 /10 लिखा हुआ है और ये दलाल गिरोह इस मुक़दमे में हाई कोर्ट तक में फर्जीवाड़ा कर चुका है और इस मामले में सीजेएम कोर्ट से गैर ज़मानती वारंट भी जारी हो चुका है लेकिन अधिकारियो के पाँव पकड़ कर ये दलाल कानून को गुमराह कर रहे है !
हाल ही में इसी दलाल गिरोह के सरगना सरफ़राज़ वारसी ने बंकी निवासी एक आदमी के खिलाफ भी फर्जी मुकदमा लिखाने की कोशिश करी थी लेकिन सिविल लाइन चौकी इंचार्ज ने दोनों ही पक्षों को १५१ (शांति भंग) में पाबंद करके अपना पल्ला झाड लिया था !
इस दलाल गिरोह के कारनामो की लिस्ट तो बहुत लम्बी है और उसकी चर्चा करके मैं अपना और आपका समय नहीं ख़राब करना चाहता लेकिन एक बात मैं समाजवादी पार्टी के गुंडे नेताओ और उनके तलवे चाटने वाले भ्रष्ट अधिकारियो से ज़रूर कहना चाहता हूँ की मेरी कलम किसी नेता , पार्टी या अधिकारी के हित में नहीं बल्कि आम जनता के हित में लिखती है और आगे भी हम आम जनता के हित में ही लिखते रहेंगे भले ही आप लोग मेरे खिलाफ कितने ही फर्जी मुक़दमे क्यों न लिख डालो ………..जय हिन्द , जय भारत !