पुण्य प्रसून बाजपेयी के खिलाफ एबीपी न्यूज़ का ‘मास्टरस्ट्रोक’, हटाये गए संस्थान से
देश के बड़े टीवी पत्रकार में शुमार पुण्य प्रसून बाजपेयी एक बार फिर एक बड़े विवाद का हिस्सा बन गए हैं। ताजा विवाद के अनुसार अब देश के बड़े मीडिया समूह एबीपी न्यूज नेटवर्क के साथ उनकी ठन गई है। उनके और एबीपी न्यूज के रास्ते अब अलग हो गए हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी सहारा न्यूज नेटवर्क और जी न्यूज के साथ भी उनके रिश्ते किस तरह खराब हुए थे, ये जगजाहिर है।
अपने अक्खड़ स्वभाव के लिए विख्यात पुण्य प्रसून को काफी जोरदार तरीके से एबीपी न्यूज ने करीब तीन महीने पहले अपने प्लेटफॉर्म ‘मास्टरस्ट्रोक’ शो के जरिए लॉन्च किया था। ये शो टीवी न्यूज के सबसे अहम समय यानी प्राइम टाइम 9 से 10 बजे दिखाया जाता था, पर हर तरह के प्रमोशन के बावजूद भी पुण्य प्रसून बाजपेयी का ‘मास्टरस्ट्रोक’ शो रेटिंग्स की डगर पर हर रोज दम तोड़ता नजर आया। इस शो की असफलता ये भी रही है कि ये इनोवेशन के नाम पर कुछ नया नहीं कर सका। शो का नाम भी नया नहीं था, प्रसून इसी नाम से सहारा पर शो करते थे, शो का कंटेंट फॉर्मेट भी ‘आजतक’ के शो ‘दस्तक’ का ही कॉपी वर्जन माना जा रहा था।
माना जा रहा है कि सरकार के खिलाफ तय एजेंडा चलाना भी कहीं न कहीं पुण्य प्रसून को महंगा पड़ा है। संतुलित पत्रकारिता की चाह रखने वाले दर्शकों ने जिस तरह ‘मास्टरस्ट्रोक’ को नकारा उससे ये कहा जा सकता है कि एजेंडा जर्नलिज्म में लोगों की रुचि नहीं है।
गौरतलब है कि करीब तीन महीने पहले जब पुण्य प्रसून बाजपेयी ने देश के नंबर-1 चैनल ‘आजतक’ को अलविदा कहा था, उसके बाद उन्होंने सार्वजनिक मंच पर टीवी टुडे ग्रुप पर कई तरह के आरोप भी जड़े थे। विवादों से चोली दामन का नाता रखने वाले पुण्य प्रसून ‘आजतक’ से पहले जी न्यूज पर ‘अघोषित आपातकाल’ नामक एक शो कर दर्शकों की भर्त्सना का शिकार बन चुके हैं।
उल्लेखनीय ये भी है कि सहारा न्यूज नेटवर्क के प्रमुख के तौर पर जब पुण्य प्रसून ने सहारा की कमान संभाली थी तो उस दौरान भी लालू प्रसाद के एक इंटरव्यू के लाइव टेलिकास्ट के दौरान वे कुछ ऐसा बोल बैठे थे कि उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी, पर उस समय उनके इस कृत्य का असर उनकी उस लंबी चौड़ी टीम पर भी पड़ा जिसे वे अपने भरोसे पर कई प्रतिष्ठित चैनलों से तोड़कर सहारा ले गए थे। आज भी उस टीम के कई सदस्य अपनी रोजी रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यकीनन पुण्य प्रसून बाजपेयी टीवी न्यूज का एक बड़ा नाम हैं, पर उनके साथ काम कर चुके कई पत्रकारों का मानाना है कि जितना बड़ा नाम खुद हैं, उतना ही बड़ा अब उनका अहंकार हो चुका है, जिसका खामियाजा उनकी टीम के कई सदस्यों को भी भुगतना पड़ता है।
ये वह दौर है जब पत्रकारिता की दुनिया कई तरह के संकटों के जूझ रही है, ऐसे में पुण्य प्रसून बाजपेयी के करियर ग्राफ पर कहीं ग्रहण न लग जाए ये भी चिंता का विषय है। www.bhadas4journalist.com इस कठिन दौर में पुण्य प्रसून बाजपेयी के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद करता है कि वे जल्द ही कई तरह की कंट्रोवर्सीज को पीछे छोड़ते हुए कुछ नया करेंगे और पत्रकारिता में एक बार फिर नए आयाम रचेंगे।