मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस हुई उग्र, इस तरह जताया विरोध…
एबीपी न्यूज नेटवर्क में मिलिंद खांडेकर के मैनेजिंग एडिटर का पद छोड़ने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन मीडिया गलियारों में चर्चाओं का बाजार शुरू हो गया है। कई लोग उनके इस्तीफे के पीछे की वजह मोदी सरकार की मंशा को भांप रहे हैं। वहीं विरोधी पार्टियां भी इसे भुनाने में लग गईं हैं और सरकार को घेरने का मन बना लिया है, लिहाजा ये कह सकते हैं कि खांडेकर के अचानक यूं इस्तीफा दे देने की वजहों का अब पोस्टमार्टम शुरू हो गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘2019 की बड़ी हार हो गई, फासीवादी सरकार सत्ता को लेकर बोली जाने वाली सच्चाई को स्वीकार करने से इनकार करती है। उन्होंने आगे लिखा- मुझे पता चला है कि बीजेपी चीफ व वित्त मंत्री के बीच हुई बातचीत के बाद एक बड़े चैनल के मालिक ने एडिटर से इस्तीफा देने को कहा है क्योंकि टीवी शो ने ‘मन की बात’ में बोले गए झूठ को उजागर किया था।’
दरअसल उनका ये ट्वीट इशारा करता है कि हाल ही में चैनल के प्राइम टाइम शो ‘मास्टरस्ट्रोक’ ने जिस तरह से ये खुलासा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में एक महिला से गलत तरीके से सरकार की झूठी उपलब्धियों की तारीफ करवाई गई थी, ये उसी का नतीजा है।
हालांकि ये सच है कि चैनल के प्राइम टाइम ने जिस तरह से अपने शो में यह खुलासा किया था, उसके बाद से ‘मास्टरस्ट्रोक’ शो काफी सुर्खियों में बना रहा। पहले तो इसी प्रोग्राम केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और उसके बाद से ‘मास्टरस्ट्रोक’ के टेलिकास्ट में कई तरह की दिक्कतों की खबरें सामने आने लगीं, जोकि अभी भी जारी हैं, जैसा कि नीचे के ट्वीट में देख जा सकता है। हालांकि इस तरह की दिक्कतों को एबीपी न्यूज ने खुद स्वीकार किया है कि उनके इसी शो में दिक्कत आ रही है और अपने दर्शकों ये भरोसा दिलाया है कि वे जल्द ही इससे निजात पा लेंगे।
सुरजेवाला ने 2 अगस्त यानी आज करीब साढ़े दस बजे अपना ट्वीट किया जिसके बाद से उनके इसी ट्वीट पर उनके फॉलोअर्स की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। खबर लिखे जाने तक 353 लोग री-ट्वीट कर चुके हैं और एक हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।
भाजपा और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए संजीव धामतन नामक यूजर ने लिखा,‘मोदी और भाजपा द्वारा देश कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर दबाव की राजनीति का नतीजा है कि आज देश के निष्पक्ष व सत्यता से पूर्ण पत्रकार अपना इस्तीफा दे रहे हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दमन प्रजातंत्र के लिए हानिकारक है।’
वहीं रणधीर मलिक नामक यूजर लिखते हैं- ‘अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ये दोनों भी एंटीगुआ के समुंदर किनारे अपने दोस्तों के साथ ही रहेंगे।’
जबकि मजोरसैन यूजर लिखते हैं ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता पर भाजपा सरकार की तानाशाही व फासीवादी सोच का प्रहार:-
भारत की तानाशाही अब बोल रहा सिर चड़ के ABP न्यूज़ के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने दिया इस्तीफा, चैनल पर लग रहा था मोदी सरकार के खिलाफ कवरेज का आरोप’