‘मैं कालापानी की सजा काटकर आया हूँ, पत्रकारिता करते रहूँगा’: समर्थकों के सामने मनीष कश्यप ने भरी हुँकार, खुली जीप पर निकला काफिला
रिहाई के दौरान बेउर जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बाद भी उनके समर्थकों का एक बड़ा समूह उनकी अगवानी के लिए पहुँचा था। इस दौरान कश्यप ने कहा, “मैं जेल में कालापानी की सजा काटकर आया हूँ। आगे भी पत्रकारिता करते रहूँगा। अगर मैं डरा तो ये समझेंगे कि हमने एक पत्रकार को डरा दिया।
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित जुल्म पर वीडियो बनाने वाले बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप शनिवार (23 दिसंबर 2023) को पटना के बेऊर जेल से बाहर आ गए। जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने उन्हें माला पहनाई और उन्हें कंधे पर उठा लिया। इसके बाद ओपन जीप में उनका काफिला निकला।
रिहाई के दौरान बेउर जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बाद भी उनके समर्थकों का एक बड़ा समूह उनकी अगवानी के लिए पहुँचा था। इस दौरान कश्यप ने कहा, “मैं जेल में कालापानी की सजा काटकर आया हूँ। आगे भी पत्रकारिता करते रहूँगा। अगर मैं डरा तो ये समझेंगे कि हमने एक पत्रकार को डरा दिया।”
बताते चलें कि यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को सभी मामलों में जमानत मिल गई है। दो दिन पहले 20 दिसंबर 2023 को अंतिम मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके बाद मनीष कश्यप को जेल से रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
मनीष कश्यप के दोस्त ने मणि द्विवेदी ने कहा था कि मनीष के ऊपर तमिलनाडु में दर्ज सारे मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। अब पटना के सिविल कोर्ट से भी सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। मणि ने कहा कि बेतिया कोर्ट से भी उन्हें बेल मिल चुका था। एक मामला पटना हाईकोर्ट में लंबित था, उसमें भी 20 दिसंबर 2023 जमानत मिल गई।
दरअसल, मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित फर्जी वीडियो शेयर किया था। इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज किया था। मनीष कश्यप के खिलाफ पटना आर्थिक अपराध इकाई ने 4 केस दर्ज किए हैं। इसमें 3 बिहारी मजदूरों की तमिलनाडु में पिटाई के फर्जी वीडियो मामले में है।
वहीं, तमिलनाडु पुलिस ने कुल 13 केस दर्ज किए हैं। इनमें 6 मामले में मनीष कश्यप नामजद आरोपी हैं। इसको लेकर तमिलनाडु पुलिस ने 6 अप्रैल 2023 को यूट्यूबर कश्यप पर NSA लगाया था। इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी विरोध हुआ था और लोगों ने इसे राजनीतिक दमन बताया था। बाद में कोर्ट ने NSA से हटा दिया था।
![](https://bhadas4journalist.com/wp-content/uploads/2024/03/b4jmobile2.png)