मानहानि मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेंगे पूर्व संपादक तरुण तेजपाल और पत्रकार अनिरुद्ध बहल
पूर्व एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह भरोसा दिया है कि वह एक पूर्व अधिकारी को बदनाम करने के मामले में अंग्रेजी के राष्ट्रीय अखबार में बिना शर्त माफी मांगेंगे।
तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल और पत्रकार अनिरुद्ध बहल एक सैन्य अधिकारी के खिलाफ मानहानि मामले में माफी मांगने को तैयार हैं. ये बात उन्होंने 12 जनवरी 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट के सामने कही.
वह एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में लिखित माफ़ीनामा प्रकाशित करा के बिना शर्त माफी मांगेंगे। यह माफी पत्र पूर्व सैन्य अधिकारी अहलूवालिया के लिए लिखा जाएगा व वह अपने माफीनामे में यह स्पष्ट कर देंगे कि सुश्री अहलूवालिया ने न ही कोई रिश्वत मांगी थी और न ही स्वीकार की थी। वे दिल्ली उच्च न्यायालय को 10-10 लाख रुपये का भुगतान भी करेंगे।
2001 में, तहलका ने “ऑपरेशन वेस्टसाइड” नामक एक स्टिंग ऑपरेशन चलाया। तत्कालीन मेजर जनरल एम.एस. अहलूवालिया ने कथित तौर पर रक्षा सौदों में रिश्वत ली। अहलूवालिया ने इस संबंध में मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
इस मामले में पिछले साल जुलाई (2023) में दिल्ली हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश ने तहलका के तरुण तेजपाल, अनिरुद्ध बहल को मानहानि का दोषी पाया था। अदालत ने इन लोगों को अहलूवालिया को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल ने आदेश के खिलाफ अपील की।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति ने 12 जनवरी, 2024 को अपील पर सुनवाई की। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में माफी माँगना बड़ी राहत होती है । इसलिए, तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल को एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के द्वारा माफी मांगनी चाहिए।
अदालत ने वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और प्रमोद कुमार दुबे की इस दलील पर भी विचार किया कि दोनों अभियुक्त इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ हैं।
तहलका मैगजीन के पूर्व एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल और पत्रकार अनिरुद्ध बहल ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह भरोसा दिया है कि वह 2001 में सेना के एक पूर्व अधिकारी को बदनाम करने के मामले में अंग्रेजी के राष्ट्रीय अखबार में बिना शर्त माफी मांगेंगे। ये माफीनामा पूर्व मेजर जनरल एम.एस अहलूवालिया के लिए लिखा जाएगा।
ये बात उन्होंने कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कही है। तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की ओर से कहा गया कि वे माफीनामे में ये साफ करेंगे कि एम.एस अहलूवालिया ने न तो कोई रिश्वत मांगी थी और न ही ली थी।
सुनवाई के दौरान तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल ने हाई कोर्ट से कहा कि वे दस-दस लाख रुपये हाई कोर्ट में जमा कराने को तैयार हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि दस-दस लाख रुपये की रकम दो हफ्ते में जमा कराएं।
दरअसल हाई कोर्ट तरुण तेजपाल की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें तेजपाल ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 21 जुलाई 2023 को सेना के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल को आदेश दिया था कि वे मेजर जनरल अहलूवालिया को बदनाम करने की एवज में दो करोड़ रुपये का मुआवजा दें।
सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अहलूवालिया की छवि न केवल आम लोगों की नजर में खराब हुई, बल्कि उन आरोपों से वे उबर नहीं पाए। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ तेजपाल और बहल ने पुनर्विचार याचिका के रूप में चुनौती दी। सिंगल बेंच ने दोनों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया।
बता दें कि साल 2001 में, तहलका ने ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि तब मेजर जनरल एम.एस अहलूवालिया ने रक्षा सौदों में रिश्वत ली। स्टिंग ऑपरेशन tehelka.com और जी टीवी नेटवर्क पर दिखाया गया था। इस पर मेजर जनरल अहलूवालिया ने मानहानि का केस किया था। अहलूवालिया ने मानहानि याचिका में जी टेलीफिल्म लिमिटेड, इसके चेयरमैन सुभाष चंद्रा और पूर्व सीईओ संदीप गोयल को भी आरोपी बनाया था लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया।