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₹55 लाख देकर ‘डंकी रूट’ से अमेरिका गया ‘गरीब’ सतपाल सिंह, इंडिया टुडे के मंच से उसे ‘बेचारा’ दिखा रहे थे राजदीप सरदेसाई: नेटिजन्स ने रगड़ कर ‘इमोशन’ का भूत उतारा

डंकी रूट' से अमेरिका जाने और फिर हथकड़ी पहनाकर डिपोर्ट हुए सतपाल सिंह को इंडिया टुडे ने मंच दिया, लोगों ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया। लोग राजदीप पर गैरकानूनी इमिग्रेशन को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं।

राजदीप सरदेसाईइंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सतपाल सिंह नाम के एक शख्स को बुलाया, जो अमेरिका से डिपोर्ट हुआ था। सतपाल ने 55 लाख रुपये खर्च कर गैरकानूनी तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे वापस भेज दिया गया। इस इंटरव्यू ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया। लोग राजदीप पर गैरकानूनी इमिग्रेशन को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं।

सतपाल ने बताया कि उसने पंजाब के फिरोजपुर से अमेरिका जाने के लिए अपनी जमीन बेची। उसका कहना था कि गरीबी की वजह से ऐसा किया, क्योंकि पिता की किडनी फेल हो गई थी और माँ की हार्ट सर्जरी हुई थी। उसने ट्रैवल एजेंट को 55 लाख दिए, जो उसे सूरीनाम ले गया। एजेंट ने वादा किया था कि वो फ्लाइट से अमेरिका जाएगा, लेकिन बाद में गैरकानूनी रास्ता अपनाने को कहा। सतपाल ने कहा, “मैं ऐसा नहीं करना चाहता था, लेकिन मजबूरी थी।”

सतपाल ने अपनी आपबीती सुनाई कि अमेरिका में उसे ठंडे कमरों में रखा गया, बीमार होने पर दवा नहीं दी गई और डिपोर्टेशन के दौरान 15 दिन पनामा और 5 दिन सैन डिएगो में हथकड़ियों में रखा गया। उसने कहा, “हमें जानवरों की तरह ट्रीट किया गया।” उसने पंजाब सरकार से फर्जी एजेंट्स पर कार्रवाई और नौकरी देने की गुहार भी लगाई। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने सतपाल को ही कटघरे में खड़ा किया।

पॉपुलर एक्स यूजर @GabbbarSingh ने ट्वीट कर पूछा कि 55 लाख खर्च करने वाला शख्स पीड़ित कैसे हो सकता है? उन्होंने तंज कसा कि क्या इंडिया टुडे अब ‘डंकी विकास योजना’ शुरू करेगा?

पद्मश्री से सम्मानित मोहनदास पई ने भी राजदीप को लताड़ा और कहा, “आप गैरकानूनी काम को ग्लोरिफाई क्यों कर रहे हैं? ये लोग जानते थे कि ये गलत है, फिर भी 55 लाख खर्च किए। इसे यहाँ इन्वेस्ट करते तो बेहतर जिंदगी होती।”

राजदीप ने जवाब में कहा, “मैं किसी को ग्लोरिफाई नहीं कर रहा। डंकी रूट लेने वालों की कहानी सुनना जरूरी है। ये एजेंट्स के शिकार हैं, विलेन नहीं। सवाल ये है कि लोग जमीन बेचकर विदेश क्यों जाना चाहते हैं? हम अपने आरामदायक जीवन से गरीबों को निशाना बनाना बंद करें। इन्हें रिहैबिलिटेट करें, जज न करें।” लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं। उनका कहना है कि 55 लाख रुपये वाला शख्स ‘गरीब’ कैसे हो सकता है? कुछ ने सतपाल को ‘भोला’ नहीं, बल्कि ‘दिल से पागल’ बताया, जो अमेरिकी सपने के पीछे सब कुछ दाँव पर लगा बैठा।

ये विवाद तब और बढ़ा, जब हाल ही में अमेरिका से कई भारतीयों को हथकड़ियों में डिपोर्ट किया गया। सतपाल की कहानी ने इस बहस को हवा दी। पहले भी अमेरिका गैरकानूनी इमिग्रेंट्स को वापस भेजता था, लेकिन इस बार तस्वीरों ने सनसनी मचा दी। कुछ लोगों ने इसे मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश माना। कुल मिलाकर सतपाल की कहानी और राजदीप का उसे मंच देना लोगों को पसंद नहीं आया। लोग कह रहे हैं कि गैरकानूनी काम को जायज ठहराना गलत है, चाहे मजबूरी हो या एजेंट की धोखेबाजी।

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