दिव्य भास्कर के जूनागढ़ में मजीठिया के लिए केस करने पर तीन टर्मिनेट

दिव्य भास्कर के जूनागढ़ में मजीठिया के लिए केस करने पर तीन टर्मिनेट
दिव्य भास्कर, जूनागढ़ से खबर है कि यहां मजीठिया के लिए केस करने पर तीन लोगों को टर्मिनेट कर दिया गया है। ये तीनों लोग मार्केटिंग में तैनात थे। जिन लोगों को प्रबंधन ने टर्मिनेट किया है उसमें प्रशांत सोनपाल, मनीष कियानी और जय प्रकाश भवसार का नाम शामिल है।

उधर, दैनिक भास्कर भिलवाडा़ से खबर है कि यहां 14 लोगों ने मजीठिया के लिए कोर्ट का रुख किया है। इससे प्रबंधन ने हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि इन लोगों को मनाने के लिए 11 फरवरी को कुलदीप व्यास, संपादक राजेश रवि आए थे पर वे सफल नहीं हो पाए। पर उन्होंने इन सभी लोगों को धमकाया कि आप सभी लोगों को निकाल दिया जाएगा। इससे लोगों में गुस्सा था और इन लोगों ने दफ्तर के बाहर खूब नारेबाजी की जिससे पूरा का पूरा प्रबंधन हिला हुआ है।

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मजीठिया पाना है तो परमानंद पांडेय से करें संपर्क
यदि आपको मजीठिया पाना है तो आप अब भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता परमानंद पाडेय से संपर्क कर सकते हैं। वे वहीं परमानंद पांडेय हैं जिन्होंने मजीठिया के लिए मालिकानों से सुप्रीम कोर्ट में दो दो हाथ करके आपको जीत दिलाई है। वे ही कंटेंम्ट की भी लड़ाई लड़ रहे हैं। आप लोगों से अपील है कि किसी भी तरह की कोई भी मजीठिया के बारे में जानकारी चाहिए या आप मजीठिया पाना चाहते हैं तो आप परमानंद पांडेय जी का मोबाइल नंबर 9868553507 पर बिना झिझक फोन कर सकते हैं और जानकारी ले सकते हैं। जान सकते हैं कि किस प्रकार से आपको मजीठिया का लाभ मिलेगा।

अब भी खुला है सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
यहां आप लोगों को बता दें छह फरवरी के बाद भी आप लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला हुआ है। आप लोग मुझसे काफी दिनों से पूछ रहे हैं कि क्या छह फरवरी के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया के लिए हम लोग अपील कर सकते हैं या नहीं क्योंकि सात फरवरी को एक साल पहले मजीठिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था। इस लिहाज से छह फरवरी तक ही कोर्ट में मुकदमा किया जा सकता है। हां यह सत्य है पर इसमें कोर्ट आपको कुछ रियायत देता है। छह फरवरी के बाद भी आप कोर्ट में अपनी अपील लगा सकते हैं। परमानंद पांडेय जी के अनुसार, यदि आपने अभी तक कोर्ट में अपील नहीं की है तो अब भी आप अपील कर सकते हैं। इसके लिए लेट लतीफी के लिए एक अप्लीकेशन देना होता है जिसके बाद कोर्ट सुनवाई के लिए आपकी अर्जी स्वीकार कर लेता है। इसलिए बिना झिझक आप अपनी बात परमानंद पांडेय जी को बता सकते हैं और इस मामले में उनसे मदद मांग सकते हैं। उनका कहना है कि जो लोग भी इस मामले में कोर्ट का रूख करना चाहते हैं तो वे दो तरीके से अपनी बात कोर्ट के सामने रख सकते हैं। जिन अखबारों के खिलाफ मुकदमा हो चुका है उसमें आप जुड़ सकते हैं अपने आप को इप्लीड कर सकते हैं और यदि आप के अखबार के खिलाफ कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं है तो आप नए सिरे से भी अखबार के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर कर सकते हैं। इसलिए आप देर न करें आप सुप्रीम कोर्ट में मालिकानों के खिलाफ मामला अवश्य दर्ज कराएं नहीं तो मालिकान आपको मजीठिया देने से रहा। इसलिए आगे बढ़िए साहस के साथ अपना हक मांगिए।

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