मजीठिया वेज बोर्ड : मीडियाकर्मी जीते, मालिकों ने मुंहकी खाई
सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दे दिया है. इस तरह मीडियाकर्मियों की जीत हुई और मालिक लोग हार गए. हालांकि मालिकों ने बड़ी चालाकी से कई वर्षों तक कोर्ट के चक्कर में वेज बोर्ड की सिफारिशें लटकाकर अरबों रुपये बचा लेने में भी सफलता हासिल कर ली है. कई अखबारों ने तो अपने परमानेंट इंप्लाइज तक को हटा दिया या कांट्रैक्ट पर कर दिया ताकि उन्हें वेज बोर्ड के हिसाब से बढ़ा हुआ वेतनमान और एरियर न देना पड़े.
बावजूद इसके, अखबारों में कार्यरत ढेर सारे मीडियाकर्मी कोर्ट के इस फैसले से लाभान्वित होंगे. अखबारों और न्यूज एजेंसियों में काम करने वाले पत्रकारों और गैर-पत्रकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बड़ी राहत लेकर आया है. सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने वेतन बोर्ड की सिफारिशों को चुनौती देने वाले विभिन्न अखबारों की याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि संशोधित वेतन 11 नवंबर 2011 से लागू होगा, जिस दिन केंद्र ने सिफारिशों को अधिसूचित किया था. सिफारिशें अप्रैल 2014 से कार्यान्वित होंगी और सभी बकाया राशि का भुगतान एक साल के भीतर चार किश्तों में करना होगा.