दर्द-ए-बयां
-
EPW ने सारा दोष प्रणंजय गुहा के सिर मढ़ा, अडानी की खबर हटाने पर साधी चुप्पी
इकोनमिक एंड पॉलिटिकल वीकली( EPW) पत्रिका से प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के इस्तीफ़े का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पत्रिका…
Read More » -
विधानसभा कैंटीन से धक्के मारकर खदेड़े गए पत्रकार, अफसरों ने उड़ाई हंसी, पत्रकारों के हाथ से छीन ली गई खाने की प्लेटें
विधानसभा में कुछ मंत्रियों के इशारे पर पत्रकारों के साथ इस दशक का सबसे बुरा बर्ताव हुआ। विधानसभा में पत्रकारों…
Read More » -
4पीएम पर हमले का सच: पड़ोसियों के बीच हुई एक हल्की सी झड़प को संजय शर्मा ने पत्रकारिता हुआ जघन्य हमला बताकर किया हंगामा
राजधानी के गोमती नगर इलाके में स्थित एक छापाखाना के दफ्तर के बाहर आपस में ही पड़ोसियों के बीच एक…
Read More » -
‘चौथी दुनिया’ के प्रधान संपादक संतोष भारतीय जी ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल के सुसाइड नोट पर जो लिखा वो सैल्यूट करने के लायक है, यह साहस ‘चौथी दुनिया’ ही कर सकता है…
प्रभात रंजन दीन जी के फेसबुक वाल से सभार साथियो! आपको याद होगा कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री…
Read More » -
…इसे कहते हैं दोगली पत्रकारिता, तेजस्वी के गुंडे पीट रहे थे मीडियाकर्मियों को और ABP News बिहार के एडिटर Prakash Kumar दांत निकलकर हंस रहे थे
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्ड्स ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से मारपीट की जिसमें कई…
Read More » -
पठानिया जी का अंतिम संदेश- ”जिंदगी बहुत खूबसूरत है, लेकिन अपनों के बिना तू अच्छी नहीं लगती”
भला ऐसे भी कोई जाता है… : जिंदगी बहुत खूबसूरत है, लेकिन अपनों के बिना तू अच्छी नहीं लगती। मेरे व्हाट्सएप…
Read More » -
नहीं रहे धर्मशाला के वरिष्ठ पत्रकार राकेश पठानिया
एक कलमकार की मौत और सौ सवाल : कहने को तो अब हिमाचल प्रदेश का शहर धर्मशाला प्रदेश की दूसरी राजधानी…
Read More » -
एनडीटीवी के पत्रकार से जबरन लगवाया जय श्रीराम का नारा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की घटना की निंदा
एनडीटीवी के पत्रकार मोहम्मद अतहरुद्दीन ‘मुन्ने भारती’ के साथ हुई घटना की मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस जांच कर रही है. मुन्ने भारती…
Read More » -
ब्राह्मण 5, दलित 2 लाख! लव जिहाद का रेट कार्ड
लव जिहाद को कल तक हिंदू संगठनों का झूठ और सियासी मुद्दा कहकर खारिज करने वाली मीडिया को आखिरकार सच्चाई…
Read More » -
मैं संपादक विनोद शुक्ल के लिए थोड़ी बेहतर नस्ल के कुत्ते से ज्यादा कुछ नहीं था : राघवेंद्र दुबे
रामेश्वर पाण्डेय ‘काका’ की 10 जून की एक पोस्ट याद आयी। उन्होंने लिखा है– 1) मालिक ने कहा हम पर…
Read More »