महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन घटी घटना पर एंटी हिंदू गिद्ध हर जगह सक्रिय
मैंने जून 2024 में सऊदी अरब के मक्का में हुए इस हजारों मौतों पर विस्तृत कवरेज की थी। उस वक्त मैंने इस घटना की डिटेल इकट्ठा करने के लिए दुनिया के बड़े बड़े अखबारों की रिसर्च की थी लेकिन उस वक्त उपर्युक्त सारे अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र खामोश थे । 10 हजार मौतें हो गईं लेकिन ये सारे उस घटना को कवर ही नहीं कर रहे थे । मिडिल ईस्ट के बहुत छोटे छोटे अखबारों में इन घटनाओं का वर्णन हो रहा था ।
मक्का में 10 हजार मौतों पर खामोश रहने वाले अब हंस क्यों रहे हैं
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन एक दुखद घटना घटी जिसमें मरने वालों की संख्या 30 के करीब बताई जा रही है । लेकिन इस घटना के बाद एंटी हिंदू गिद्ध हर जगह सक्रिय हो चुके हैं । बीबीसी ने एक फेसबुक पोस्ट डाली थी जिसमें महाकुंभ हादसे पर खबर थी उस पर सैकड़ों लोगों ने लाफिंग इमोजी बना रखी थी । इनमें से 99 प्रतिशत लाफिंग इमोजी बनाकर हंसने वाले मुगलमान थे।
अजित अंजुम , रवीश कुमार जैेसे तमाम हिंदूद्रोही पत्रकार जिन्होंने अब तक महाकुंभ पर कोई रिपोर्ट नहीं की थी अचानक महाकुंभ हादसे की खबरें बनाकर योगी जी को कोसने लगे । इतना ही नहीं सीएनएन, डेली मेल, बीबीसी, वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स ये सारे अंतर्राष्ट्रीय अखबार जो अब तक महाकुंभ पर रिपोर्ट ही नहीं कर रहे थे अचानक हादसे की कवरेज करने लगे । आज मैं पूछना चाहता हूं इन सभी अखबारों और सेकुलर लिबरल जिहादियों से… ये लोग उस वक्त क्यों मौन थे जब मक्का के अंदर हीट वेव्स से जून 2024 में 10 हजार लोगों की मौत हो गई थी और इनमें से ज्यादातर हज यात्री थे।
मैंने जून 2024 में सऊदी अरब के मक्का में हुए इस हजारों मौतों पर विस्तृत कवरेज की थी । उस वक्त मैंने इस घटना की डिटेल इकट्ठा करने के लिए दुनिया के बड़े बड़े अखबारों की रिसर्च की थी लेकिन उस वक्त उपर्युक्त सारे अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र खामोश थे । 10 हजार मौतें हो गईं लेकिन ये सारे उस घटना को कवर ही नहीं कर रहे थे । मिडिल ईस्ट के बहुत छोटे छोटे अखबारों में इन घटनाओं का वर्णन हो रहा था ।
सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रा में हुई हीट वेव से मौतों पर सऊदी अरब की करकार ने कवर अप किया यानी छुपा लिया । सऊदी अरब सरकार ने बाद में सिर्फ 1300 मौतों की बात मानी थी । लेकिन उस वक्त अखबारों में खबरें छप रही थीं कि 1800 से 2000 लोग तो सिर्फ इजिप्ट के ही मारे गए थे।
इस घटना पर पाकिस्तान के बहुत सारे हज यात्रियों ने वीडियो बनाए थे और लाशें गिनकर दिखाई थीं । सऊदी अरब में इतनी बड़ी मौतों की असल वजह सऊदी अरब की सरकार की लचर अव्यवस्था भी थी । लेकिन इस्लामी मीडिया ने इस घटना को छुपा लिया था लेकिन आज यही लोग कुंभ हादसे पर लाफिंग इमोजी बना रहे हैं । ईश्वर इनको सद्बुद्धि दे।
महाकुम्भ में पैदल चलने के नैरेटिव से डरने व परेशान होने की कतई आवश्यकता नहीं
कैलाश मानसरोवर यात्रा में परिक्रमा पथ 52 KM का है.
बाबा अमरनाथ 45 KM की चढ़ाई है.
केदारनाथ 16 KM की चढ़ाई है.
वैष्णो देवी 14 KM की चढ़ाई है.
वृन्दावन परिक्रमा 15 KM की है.
गोवर्धन परिक्रमा 21 KM की है.
बृज चौरासी कोस परिक्रमा तो 252 KM की है.लाखों करोड़ों श्रद्धालु हर साल जाते हैं इन तीर्थ स्थानों पर…… परन्तु कोई नहीं रोता कि हाय इतना चल लिए.. हाय यह हो गया, वह हो गया… हाय-पैर टूट गए.
प्रयागराज जैसे मध्यम स्तर के शहर में कुछ ही घण्टों के अन्तराल में करोड़ों लोगों को सीधे त्रिवेणी में उतार कर स्नान दुनिया का कोई प्रशासन नहीं करा सकता.
आपको पुण्य भी लेना है और 5, 7, 8, 10 किलोमीटर पैदल भी नहीं चलना तो फिर प्रयागराज पर अहसान करने क्यों जा रहे हो भइया… घर में ही नहाओ और ऑनलाइन संगम के दर्शन करो.
पुण्य चाहिए तो मेहनत करनी ही पड़ेगी…. और प्रयागराज तीर्थ तो वैसे भी सबसे सुलभ है…. न पहाड़ चढने हैं, न कड़कती ठण्ड में शरीर गलाना है, न सांस की दिक्क़त होगी.
यह सही बात है कि “श्रद्धालु” शिकायत नहीं करते…. शिकायत पर्यटक करते हैं.
श्रद्धालु बन कर आइये…आनन्द ही आनन्द होगा.