पड़रौना नगर पालिका में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, जिला प्रशासन की जाँच और मंत्री नगर विकास के पत्र ने खोली पोल
ईओ पर गिर सकती है गाज, तो इस मामले में केवल ईओ ही दोषी क्यो?
नगरपालिका एक्ट/गाइड लाइन के तहत वित्तीय व्यवस्था और सेवाओं में ईओ/चेयरमैन दोनों की होती है जिम्मेदारी, हिस्सेदारी व भागीदारी
उत्तर प्रदेश में जनपद कुशीनगर के पड़रौना नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। नगर विकास मंत्री ने अधिशासी अधिकारी (ईओ) पर लगे गंभीर आरोपों की पुष्टि के बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है लेकिन सवाल उठ रहा है कि केवल ईओ ही दोषी क्योँ ?
शासनादेश/नगरपालिका एक्ट/नियमावली व गाइड लाइन के अनुसार वित्तीय व्यवस्था और सेवाओं में नगरपालिका में ईओ और चेयरमैन दोनों की होती है जिम्मेदारी, हिस्सेदारी व भागीदारी। तो इन परिस्थितियों में केवल ईओ को ही जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है? नियमानुसार वित्तीय व्यवस्था और सेवाओं में निर्माण,वेतन सहित अन्य सभी भुगतान ईओ और चेयरमैन के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, नगरपालिका प्रशासन के कामों के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी के साथ मिलकर नियमों को दरकिनार कर कई कार्य किए गए हैं। जांच में सामने आया कि इन कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और वित्तीय गड़बड़ियां की गईं। जबकि वित्तीय व्यवस्था और सेवाओं में ईओ और चेयरमैन दोनों की दोषी हैं वित्तीय अनियमितता का मामला है इसलिए प्रकरण की गहन जाँच होनी चाहिए।
जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि ठेके देने और परियोजनाओं के निष्पादन में नगरपालिका के नियमों की अनदेखी की गई। आरोप है कि नगरपालिका प्रशासन ने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाकर व्यक्तिगत रूप से धन अर्जित किया है।
मंत्री का सख्त रुख : नगर विकास मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चेयरमैन को बचाने का भरपूर प्रयास किया है और केवल ईओ को दोषी ठहराकर तुरंत विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यदि निष्पक्ष जाँच कराई जाय तो
वित्तीय व्यवस्था और सेवाओं में ईओ/चेयरमैन दोनों ही जिम्मेदार हैं राजनितिक दबाव में विभागीय मंत्री द्वारा बचाने की कोशिश की गई है एक पक्षीय कार्यवाही किया जाना इस बात का संकेत है।
जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई : सूत्रों का कहना है कि विभागीय कार्यवाही के तहत ईओ सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है, जो इस भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाएंगे।
खुलासे के बाद पड़रौना नगर पालिका परिषद में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच दहशत का माहौल है। स्थानीय जनता में भी इस खबर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
यह मामला जिले में सुशासन और पारदर्शिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
