कांग्रेस नेहरू जयंती पर अखबारों को रंग देती थी पर मोदी सरकार में ब्लैकआउट जैसा
मोदी सरकार ने कल जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती का जैसे ब्लैकआउट कर दिया। खानापूरी वाले जो आयोजन सरकार करेगी, उनका एक उद्घाटन समारोह मात्र दिल्ली में हुआ है। अखबारों में सरकार की ओर से खास विज्ञापन या विज्ञप्तियां इस मौके पर नहीं हैं। कांग्रेस सारे अखबार रंग देती थी। अति यह होती थी कि नेहरू युग के दूसरे दिग्गज नेताओं को वह कमोबेश भुला देती थी। वह सलूक मोदी सरकार ने नेहरू के साथ किया।वह भी क्षुद्रता थी, यह बड़ी क्षुद्रता है।
फिर कहना होगा कि नेहरू कांग्रेस के नेता भर नहीं थे, देश के पहले प्रधानमंत्री थे और विकास की खामियों भरी नीतियों के बावजूद आधुनिक भारत के सच्चे नायक थे। नेहरू खानदान का कांग्रेस से अद्यतन रिश्ता है, यह तो एक बात हुई। मगर मात्र इस बिना पर क्या नेहरू को कांग्रेस के पाले में धकेला जा सकता है? दुर्भाग्य की बात है कि नरेंद्र मोदी ने यही किया है; विडंबना यह है कि कांग्रेस मोदी के जाल में स्वेच्छा से फंस गई है और नेहरूजी को पार्टी के घेरे में सुशोभित कर रही है।