मजीठिया पाने वालों की लिस्ट देख भड़का भास्कर, तीन को किया बर्खास्त

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दैनिक भास्कर से एक बुरी खबर आ रही है। खबर है कि दिव्य भास्कर प्रबंधन ने अपने तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। ये तीनों लोग उस ग्रुप में शामिल थे जो मजीठिया की लड़ाई को कोर्ट में ले गए हैं। इस समूह में कुछ 37 लोग शामिल हैं। सभी लोगों को धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है कि वे लोग अपनी याचिका कोर्ट से वापस ले लें नहीं तो सभी को बर्खास्त कर दिया जाएगा। हालांकि खबर आ रही है कि जो अन्य 34 लोग थे उनसे प्रबंधन ने एक कागज पर साइन करा लिया है जिसमें लिखा गया है कि उन्हें मजीठिया नहीं चाहिए। ये तीन लोग थे जिन्होंने संभवतः साइन करने से मना कर दिया जिसके बाद प्रबंधन ने उन्हें कुछ आरोपों के बाद बर्खास्त कर दिया। पर आप डरिए नहीं बर्खास्त करने दीजिए। अपनी आवाज उठाईएं, अपने अधिवक्ता से संपर्क करिए आपको जरूर न्याय मिलेगा।
उधर दैनिक जागरण से खबर है कि यहां के प्रोडक्शन हेड सतीश मिश्रा ने अपने मातहतों को हड़काया है कि कोई भी कोर्ट में नहीं जाएगा। पर खबर है कि उनके मातहतों ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया है और कोर्ट पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि हम मजीठिया से कम कुछ नहीं लेंगे। इसका मतलब कि दैनिक जागरण के प्रोडक्शन में कुछ भी ठीक ठाक नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने मशीन के साथियों को बुलाकर डराया- धमकाया और जब बात नहीं बनी तो स्‍पेशल इन्‍क्रीमेंट देने का लालच दिया। लेकिन साथियों ने साफ कर दिया, पूरा लेंगे, मजीठिया लेंगे और सब लेंगे। मतलब कि एक बाग नहीं, एक खेत नहीं, पूरा का पूरा हक। यदि फिर भी आप लोग अभी कोर्ट नहीं गए हैं तो कोई बात नहीं आप परमानंद पांडेय जी से संपर्क कर सकते हैं। वहीं अमर उजाला के खिलाफ भी एक समाचार संपादक ने मजीठिया के लिए मुकदमा कर दिया है। अधिवक्ता उमेश जी ने बताया कि 20 दिसंबर को इस बाबत नोटिस दिया गया था फिर वहां से नोटिस का जवाब आया पर मेरे मुवक्किल इस बात से खुश नहीं है इसलिए अमर उजाला के खिलाफ भी मुकदमा कर दिया गया है। जल्द ही उस मामले पर सुनवाई होगी।

अभी भी है समय, चूकें नहीं कोर्ट जाएं तभी मिलेगा मजीठिया

यहां आप लोगों को बता दें छह फरवरी के बाद भी आप लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला हुआ है। आप लोग मुझसे काफी दिनों से पूछ रहे हैं कि क्या छह फरवरी के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया के लिए हम लोग अपील कर सकते हैं या नहीं क्योंकि सात फरवरी को एक साल पहले मजीठिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था। इस लिहाज से छह फरवरी तक ही कोर्ट में मुकदमा किया जा सकता है। हां यह सत्य है पर इसमें कोर्ट आपको कुछ रियायत देता है। छह फरवरी के बाद भी आप कोर्ट में अपनी अपील लगा सकते हैं। परमानंद पांडेय जी के अनुसार, यदि आपने अभी तक कोर्ट में अपील नहीं की है तो अब भी आप अपील कर सकते हैं। इसके लिए लेट लतीफी के लिए एक अप्लीकेशन देना होता है जिसके बाद कोर्ट सुनवाई के लिए आपकी अर्जी स्वीकार कर लेता है। इसलिए बिना झिझक आप अपनी बात परमानंद पांडेय जी को बता सकते हैं और इस मामले में उनसे मदद मांग सकते हैं। उनका कहना है कि जो लोग भी इस मामले में कोर्ट का रूख करना चाहते हैं तो वे दो तरीके से अपनी बात कोर्ट के सामने रख सकते हैं। जिन अखबारों के खिलाफ मुकदमा हो चुका है उसमें आप जुड़ सकते हैं अपने आप को इप्लीड कर सकते हैं और यदि आप के अखबार के खिलाफ कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं है तो आप नए सिरे से भी अखबार के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर कर सकते हैं। इसलिए आप देर न करें आप सुप्रीम कोर्ट में मालिकानों के खिलाफ मामला अवश्य दर्ज कराएं नहीं तो मालिकान आपको मजीठिया देने से रहा। इसलिए आगे बढ़िए साहस के साथ अपना हक मांगिए।

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परमानंद पांडेय से करें संपर्क
इन दोनों मामलों को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता परमानंद पाडेय देख रहे हैं। वे वहीं परमानंद पांडेय हैं जिन्होंने मजीठिया के लिए मालिकानों से सुप्रीम कोर्ट में दो दो हाथ करके आपको जीत दिलाई है। वे ही कंटेंम्ट की भी लड़ाई लड़ रहे हैं। आप लोगों से अपील है कि किसी भी तरह की कोई भी मजीठिया के बारे में जानकारी चाहिए या आप मजीठिया पाना चाहते हैं तो आप परमानंद पांडेय जी का मोबाइल नंबर 9868553507 पर बिना झिझक फोन कर सकते हैं और जानकारी ले सकते हैं। जान सकते हैं कि किस प्रकार से आपको मजीठिया का लाभ मिलेगा।

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