जनसंदेश टाइम्स आखिरी सांसें तो नहीं गिन रहा

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जनसंदेश लखनऊ, गोरखपुर या कानपुर हर जगह स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है। अखबार कहीं मार्केट में नहीं दिख रहा है। कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल रही है और तो और संस्थान के कनिष्क कर्मचारी और वरिष्ठ कर्मचारी आपस में गुत्थम गुत्थाई कीएह रह रहे हैं। ताजा खबर गोरखपुर से है गोरखपुर के संपादक शैलेंद्र मणि त्रिपाठी कुछ दिनों से संस्थान नहीं आ रहे हैं। क्यों नहीं आ रहे हैं इसकी पूरी जानकारी तो नहीं मिल पाई है, लेकीन यह माना जा रहा है की शैलेंद्र मणि त्रिपाठी और संस्थान के बाकी कर्मचारियों में कई मुद्दों को लेकर छत्तीस का आंकड़ा हो गया है। इतना ही नहीं मैनेजमेंट भी शैलेंद्र मणि मामले में दखल देने से इंकार कर रहा है। शैलेंद्र मणि जी के मोबाइल पर संपर्क करने पर पता चला की उन का मोबाइल स्विच ऑफ है। यह भी नहीं पता चल पा रहा है की आखिर वह हैं कहां? संस्थान के बाकी कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। उनकी सैलरी कभी तीन महीने बाद तो कभी चार महीने बाद दी जा रही है। यह हाल सिफ गोरखपुर संस्थान का नहीं है कमोवेश कानपुर की स्थिति भी ऐसी ही है। लखनऊ से 2010 में लांच हुए जनसंदेश टाइम्स की शुरुआती स्थिति बड़ी मजबूत थी। बाजार में पकड़ भी बहुत अच्छी थी, लेकीन डेढ़ से दो साल बीत जाने के बाद स्थिति बहुत बिगड़ गई है। यह अखबार शहर-ए-लखनऊ में कहीं नहीं दिख रहा है। यहां के कर्मचारी भी अपनी सैलरी और भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। आधे से ज्यादा संस्थान के कर्मचारी संस्थान छोड़कर जा चुके हैं। फिर भी अखबार की दशा दिन-प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है। डा. सुभाष राय के दोबारा आने पर ऐसा लगा की अखबार शायद पुन: अपनी पुरानी मजबूत स्थिति को पकड़ लेगा लेकीन राय साहब का दूसरी बार आना संस्थान को रास नहीं आया। लखनऊ एडीशन में मुद्रक के नाम पर अनुज पोद्दार का नाम प्रिंट लाइन में जाता है, इतना ही नहीं स्थानीय संपादक भी अनुज पोद्दार हैं लेकीन वो भी कहां हैं कुछ पता नहीं है। अखबार के प्रिंट लाइन में लिखा गया है की अखबार में चयन कीये गये खबरों की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय संपादक की है, लेकीन स्थानीय संपादक लापता हैं। संस्थान को भी नहीं मालूम की अनुज पोद्दार कहां हैं। जनसंदेश टाइम्स की दिन-प्रतिदिन गिरती साख के लिए कोन जिम्मेदार है इसपे मालिक को ध्यान देने की जरूरत है। अगर यही स्थिति रही तो इस अखबार को इतिहास बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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