मीडिया हिन्दू-विरोधी क्यों है ?
विनय झा
यूपी में बलात्कार हो तो CBI द्वारा जाँच होनी चाहिए क्योंकि भाजपा शासित राज्य है, किन्तु जम्मू में बलात्कार हो तो CBI द्वारा जांच की मांग करने वाले “दरिन्दे, बलात्कारी, हैवान” आदि होते हैं क्योंकि कश्मीर घाटी की मुस्लिम पुलिस बिलकुल निष्पक्ष जाँच करती है, जिसने लाखों पण्डितों को घाटी से भगाने में पूरी “निष्पक्षता” दिखाई थी !
रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने से पहले यह देखना था कि उनलोगों ने शरण के लिए आवेदन दिया है या घुसपैठिये हैं | यदि आवेदन भी दिया है (जो कि किसी भी रोहिंग्या ने नहीं दिया) तो भी उनका पिछला रिकॉर्ड कैसा है पहले इसकी जांच होनी चाहिए, दूसरे सभी देशों में विदेशियों को शरण देने से पहले ऐसा ही होता है | घुसपैठियों को तो कहीं भी शरण नहीं दिया जाता, बल्कि सुरक्षा बालों द्वारा गोली तक मारने की छूट है | लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों को सुनियोजित तरीके से बसाया जा रहा है, वह भी जम्मू जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्र में क्योंकि वहाँ मुसलमानों की जनसंख्या में जो वृद्धि दर है वह मुसलमानों का बहुमत बनाने में कई दशक लगा सकते हैं और तबतक शेखों का तेल चुक जाएगा तो आतंकियों का खर्चा कहाँ से आयेगा ?
जम्मू के वकीलों का संगठन उस क्षेत्र से रोहिंग्या को हटाने के लिए आन्दोलन कर रहा है , किन्तु मीडिया इसकी रिपोर्टिंग से कतराती है, किन्तु वही संगठन जब एक बच्ची के बलात्कार और हत्या की जांच CBI द्वारा कराने की मांग करता है तो रिपब्लिक-टीवी के अर्णव गोस्वामी उस संगठन के अध्यक्ष सलथिया महोदय को बुलाकर अश्लील गालियाँ छोड़कर शेष सारी गालियाँ पढ़ते हैं, उनको बोलने नहीं देते हैं, और गरियाने के बाद गेट आउट कह देते हैं | किन्तु गरियाने के क्रम में मसालों की खोज में अर्णव गोस्वामी एक ऐसे मसाले की चर्चा कर देते हैं जो ध्यान देने योग्य है — उस संगठन द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को जम्मू क्षेत्र से हटाने की मांग पर हुए प्रदर्शन में अध्यक्ष के भाषण का एक अंश दिखाते हैं जिसमें अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी हिन्दुओं के बारे में कहा था कि आज इनके हाथ में तिरंगा है लेकिन रोहिंग्या को हटाया नहीं गया तो कल इन (हिन्दुओं) के हाथों में AK-47 भी हो सकता है |
इतना तो सिद्ध हो गया कि मीडिया को रोहिंग्या मुद्दे पर वकीलों के संगठन के आन्दोलन की जानकारी तो थी, किन्तु मीडिया तबतक चुप थी जबतक वकीलों को गरियाने लायक कोई मसाला न मिल जाय !
रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकवाद पूरी दुनिया को पता है | वे मूलतः बांग्लादेश के हैं जहाँ से सुभाष चन्द्र बसु की आज़ाद हिन्द फ़ौज से लड़ने के लिए अंग्रेजों ने हथियार देकर उनको बर्मा भेजा, लेकिन उन हथियारों का इस्तेमाल हुआ निर्दोष हिन्दुओं और बौद्धों के सैकड़ों गाँवों में कत्लेआम मचाने में | सात दशकों से रोहिंग्या द्वारा बर्मा/म्यांमार में आतंकवाद फैलाया जा रहा है, जिसका नियन्त्रण सऊदी अरब में बैठे बीस सेठों का गिरोह कर रहा है और पाकिस्तान से उनको हथियार भेजे जाते हैं | विवश होकर म्यांमार की सेना ने कार्यवाई आरम्भ कर दी तो अब बांग्लादेश वापस भागते हैं, किन्तु पाकिस्तानी ISI और भारतीय नेताओं की सहायता से उनका एक बड़ा हिस्सा भारत अवैध तरीके से भेजा जाता है | बांग्लादेश उनका मूल प्रदेश है, बांग्लादेश म्यांमार के अराकान से सटा हुआ है (अराकान प्रान्त को ही अरबी में रोहिंग कहा जाता है, बांग्ला और बर्मी छोड़कर अरबी भाषा में इन लोगों ने अपनी जाति का नाम रखा है क्योंकि उनको पोसने वाले गिरोह सऊदी अरब में हैं!!) भारत में भी इनके लिए जम्मू क्षेत्र चुना जाता है ताकि पूरे राज्य को भारत से अलग किया जा सके !
वकीलों के संगठन ने रोहिंग्या को जम्मू से हटाने की मांग की तो क्या गलत किया ? जम्मू क्षेत्र की सैन्य छावनी के ठीक बगल में उनको बसाया गया है और उनके मुहल्ले से सैन्य छावनी पर आतंकी आक्रमण होते हैं, पाकिस्तानियों को शरण दिया जाता है | यदि सरकार रोहिंग्या को जम्मू क्षेत्र से हटाएगी नहीं तो जो हाल म्यांमार का है वही जम्मू का होगा, और सरकार हिन्दुओं की रक्षा नहीं करेगी तो फिर वहाँ के हिन्दुओं को भी कल अपनी रक्षा में AK-47 लेना पडेगा – ऐसा कहने वाला “आतंकी” हो गया ?? घाटी के पण्डित संख्या में भी कम थे और लड़ाकू भी नहीं थे, किन्तु जम्मू के डोगरा भागने वाले नहीं हैं, उनके साथ घाटी के पण्डितों जैसा बर्ताव किया गया तो वे सचमुच हथियार उठा लेंगे |
अर्णव गोस्वामी ने जो कहा सो कहा, भाजपा के प्रवक्ता संवित पात्र ने भी अर्णव गोस्वामी की हाँ में हाँ मिलाते हुए सलथिया जी को कोसा | सलथिया जी कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद के निकट रहे हैं, किन्तु वे कांग्रेसी हैं या भाजपाई यह मुद्दा नहीं है, मुद्दा यह है कि भाजपा-पीडीपी की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को जम्मू में क्यों बसा रही है और विरोध करने वालों को गालियाँ क्यों पढ़ रही है, तथा भाजपा की शह पर मीडिया उन वकीलों के आन्दोलन की झूठी रिपोर्टिंग करके उनको बलात्कारियों के समर्थक क्यों कह रही है ? CBI द्वारा जांच की मांग करने वाले यदि बलात्कारियों के समर्थक हैं तब तो CBI भी बलात्कारियों की समर्थक है, फिर उन्नाव घटना की जांच CBI को क्यों सौंपी गयी, कश्मीर में भी शोपियन में दो महिलाओं के बलात्कार तथा हत्या की जांच CBI को क्यों सौंपी गयी ?
मीडिया यह बात छुपा रही है कि कश्मीर घाटी के जिन मुस्लिम पुलिस अधिकारियों को कठुआ काण्ड की दुबारा जाँच का भार महबूबा सरकार ने सौंपा है उनमें एक अधिकारी नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के आरोप में जेल की सजा काट चुका है |
महबूबा सरकार ने जम्मू पुलिस की जांच को उलटकर दुबारा जो जांच कराई है उस जाँच की रिपोर्ट पूरी तरह से साम्प्रदायिक है, उसमें साफ़ लिखा गया है कि मुसलमानों को भगाने के लिए हिन्दुओं ने बलात्कार और हत्या की योजना रची और मन्दिर में धार्मिक अनुष्ठान के सहित बलात्कार किया, अर्थात बलात्कार हिन्दुओं का एक “धार्मिक अनुष्ठान” होता है !! डोगरा हिन्दुओं को लक्ष्य बनाया गया है, जो जम्मू क्षेत्र पर मुसलमानों के कब्जे की राह में मुख्य बाधा हैं | इतना ही नहीं, हिन्दुओं में बाप अपने बेटे और भतीजे के साथ मिलकर बलात्कार करते हैं, यह भी रिपोर्ट में लिखा गया है |
आज रिपब्लिक-टीवी ने मृत बच्ची के माँ और बाप से पूछा कि किसी नेता ने आपसे भेंट की, तो उत्तर मिला कि किसी ने भेंट नहीं की | झट रिपोर्टर ने कह दिया कि हिन्दू एकता मंच और भाजपा के नेताओं ने भेंट नहीं की, जबकि बच्ची के माँ-बाप का कहना है कि “किसी ने भेंट नहीं की” ! महबूबा की पीडीपी सरकार के मुस्लिम नेताओं ने ही क्यों भेंट नहीं की यह रिपोर्टर ने नहीं कहा !
भारतीय सेना के अवकाशप्राप्त ब्रिगेडियर का यह लेख पढ़ें (http://southasiamonitor.org/…/demographic-changes-…/sl/21962), इसमें साफ़ लिखा गया है कि केवल जम्मू शहर में आगंतुक मुस्लिमों की कॉलोनियों की संख्या दो से बढ़कर तीस हो चुकी है, और सरकार की सहायता से इन बस्तियों को इस तरह से बसाया जा रहा है ताकि हिन्दू मुहल्लों को चारों ओर से घेरा जा सके (अर्थात दंगा भड़कने पर हिन्दुओं को जम्मू से भागने का अवसर न मिले)| इतना ही नहीं, सरकारी भूमि अवैध तरीके से देकर शहर से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी मुसलमानों को बसाया जा रहा है | सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 13400 रोहिंग्या और 10000 बांग्लादेशी अवैध तरीके से जम्मू क्षेत्र में बसाए गए हैं (लेखक का कहना है कि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है)- सरकार को पता है कि वे अवैध हैं फिर भी उनको भूमि, राशन कार्ड और आधार कार्ड दिए गए हैं ! 2016 में भाजपा सरकार ने राज्यसभा में बयान दिया था कि दो करोड़ बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं (इस बयान में छुपाया गया है कि चार करोड़ अन्य अवैध बांग्लादेशियों को जाली कागजात देकर वैध बनाया जा चुका है)! सरकार को पता है कि अवैध है, परन्तु कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है ! यदि देश से निकालने की शक्ति नहीं है तो उन सबको रिफ्यूजी कैम्पों में तो रहने के लिए विवश किया जा सकता है जैसा कि काश्मीरी पण्डित रहने को विवश हैं , ताकि उनपर निगरानी रखी जा सके, और ऐसी स्थिति बनायी जा सके कि वे स्वयं भागना चाहे |
इसी लेख में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पाकिस्तान से आतंकियों के घुसपैठ वाले रास्तों पर घुमन्तू मुस्लिम जातियों को अवैध रूप से सरकारी भूमि देकर बसाया जा रहा है ! हाल में कठुआ में जो बलात्कार-हत्या वाला काण्ड हुआ है उसमें भी सरकार की यही योजना है | पीडीपी-भाजपा सरकार का कथन है कि हिन्दुओं ने घुमन्तू मुस्लिमों को भगाने के लिए बलात्कार की योजना बनायी जिस कारण सरकार उन घुमन्तुओं को पुनः ढूँढकर वहां बसा रही है ! घुमन्तु मुस्लिम हैं तो घूमने दो, हिन्दू-बहुल क्षेत्रों में उनको अवैध भूमि पर बसाने के पीछे कौन सी योजना है ?
बच्ची का बलात्कार और हत्या जिस किसी ने किया उसे कठोरतम दण्ड मिलना ही चाहिए, किन्तु पूरे प्रकरण के पीछे बहुत गहरा षड्यन्त्र है | यदि सरकार का कहना सही भी है कि घुमन्तु मुस्लिमों को भगाने के लिए कुछ हिन्दुओं ने अपराध की योजना बनायी, तब भी इस बात का क्या उत्तर है कि कश्मीरी पण्डितों के पुनर्वास के मुद्दे पर सरकार चुप है किन्तु हिन्दू-बहुल क्षेत्र को मुस्लिम-बहुल बनाने के लिए म्यांमार, बांग्लादेश, पाकिस्तान, घुमन्तुओं और भारत के अन्य राज्यों के मुस्लिमों को सुनियोजित रूप से सरकार बसा रही है ?
सीबीआई जांच करेगी तो पूरे प्रकरण के पीछे छुपे कारणों का भी खुलासा हो जाएगा, अतः किसी भी शर्त पर कठुआ काण्ड की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जा सकती | जम्मू-क्षेत्र को भी मुस्लिम बहुल बनाने की योजना है और इस योजना में सबसे बड़ी भूमिका नेशनल कांफ्रेंस एवं पीडीपी की रही है जिसमें कांग्रेस और अब भाजपा भी पूर्ण सहयोग दे रही है |
भाजपा की विवशता को लोग समझ नहीं पाते | वेनेज़ुएला में संसार का सबसे बड़ा पेट्रोलियम भण्डार है, किन्तु अमरीका से वेनेज़ुएला की नहीं बनती जिस कारण भाजपा सरकार के आते ही वेनेज़ुएला से पेट्रोलियम का आयात तीन गुना घटा दिया गया और भारत के विरुद्ध आतंकी एवं अन्य षड्यन्त्र रचने वालों के पोषक अरब देशों से पेट्रोलियम का आयात बढाया गया है, ताकि अमरीका प्रसन्न रहे | भारतीय सेठों को अमरीका और चीन से व्यापार करना है, जम्मू के डोगरा या कश्मीरी पण्डितों या रामजन्मभूमि से उनको कोई लाभ नहीं है | भारतीय सेठों को चीन केवल 3% सूद पर मुंहमांगा कर्ज देता है जिस कारण भारतीय बैंकों को भी कर्ज की दर घटानी पड़ी है, फिर भी भारतीय बैंक चीन का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि विदेश व्यापार से अपार लाभ के कारण चीन के पास कर्ज देने के लिए संसार का सबसे विशाल भण्डार है, और अमरीका के पास सबसे शक्तिशाली सेना है जिसके बलपर कागज़ के टुकड़े छापकर दुनिया भर का सामान जबरन खरीदता है और डॉलर का मूल्य रूपये की वास्तविक क्रयशक्ति से चार गुना बढ़ाकर भारत जैसे देशों को लूटता है | अर्णव गोस्वामी दूसरे चैनल में नौकर था, अपना चैनल खोलने का पैसा कहाँ से आया ? और भी कई पत्रकार हैं जिनके पास अरबों की सम्पत्ति है जो वैध तरीकों से कमाना संभव नहीं है | पाकिस्तान या सऊदी अरब या चीन से सीधा पैसा प्रेस्टीट्यूट को नहीं आता | प्रेस्टीट्यूट को पैसा भारतीय सेठ देते हैं, जिसके बदले उन सेठों को चीन सस्ता कर्ज देता है | आपको चीन कर्ज नहीं देगा, चीन से कर्ज लेने के लिए अम्बानी और जिन्दल वाला स्टेटस चाहिए | तीन प्रतिशत पर चीन से कर्ज लेकर भारतीय बैंक में फिक्स्ड डिपोजिट में भी रख दें तो सवा तीन प्रतिशत का शुद्ध लाभ तो बैठे-बिठाए हो जाएगा ! हालाँकि अम्बानी जैसे लोग ऐसा नहीं करते, उनके पास अधिक लाभ कमाने के सैकड़ों रास्ते हैं | सबसे अच्छा रास्ता है नेताओं और अफसरों को घूस देकर सरकारी उद्यमों को पहले अलाभप्रद बना दो और फिर अलाभप्रद के बहाने उनको सस्ते में खरीद लो | अभी एयर इण्डिया को बेचना है | सेठों ने इतना कम मूल्य लगाया है कि सरकार भी घबड़ा रही है कि इतने सस्ते में बेचेंगे तो CAG या विपक्ष हंगामा खड़ा कर देगा | सस्ते में तो खरीदेंगे ही, वह पैसा भी अपनी जेब से नहीं देंगे, पहले भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर चुकाते थे, अब चीन से बेहतर सूद पर लेते हैं | उधर सऊदी अरब में अम्बानी ने पेट्रोलियम के कूँए खरीदे हैं, अम्बानी का मुख्य कारोबार ही शेखों के रहम पर टिका है | चीन और अरब देश का कहना तो मानना ही पडेगा न !
अतः प्रेस्टीट्यूट को क्या दोष दें, सत्ताधारी और विपक्षी दलों की भी औकात नहीं है कि हिन्दुओं के लिए कुछ करें |
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कठुआ के रसना गाँव के जिस मन्दिर में आठ दिनों तक नाबालिग बच्ची को बेहोश करके रखा गया और बलात्कार हुआ वह मन्दिर बगल के गाँव से केवल चार छोटे खेतों की दूरी पर है और अच्छी हालत में है (मार्बल लगा हुआ मन्दिर है), लोगों की आवाजाही लगी रहती है | अतः पुलिस की पूरी कहानी झूठी है | हिन्दुओं को गलत मुकदमों से भयभीत करके भगाने और मुस्लिमों को बसाने की योजना है जिसका विरोध भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई करना चाहती है किन्तु राष्ट्रीय नेतृत्व नहीं करने दे रहा है | यह है उस मन्दिर का वेबलिंक जिसमें बाँई ओर ऊपर मन्दिर और नीले छत वाला पुजारी का मकान है और दाहिनी ओर रसना गाँव का टोला है, रसना की मुख्य बस्ती बगल दाहिनी ओर है जो zoom-out करने पर दिखेगा (बगल में ही रेलवे स्टेशन और कई बाज़ार भी हैं, उत्तर कुछ दूरी पर छोटी पहाड़ी है, पूरा क्षेत्र में केवल हिन्दुओं की स्थायी बस्तियां है जहाँ अब मुस्लिमों को ला-लाकर बसाना आरम्भ हो चुका है, गुज्जर बकरेवाल (मुस्लिम) जाति भी पहले ठीक थी, अब उन्हें मुफ्त की भूमि का लोभ देकर राष्ट्रद्रोही और हिन्दू-विरोधी बनने की सीख दी जा रही है :–https://www.google.com/…/@32.5085399,75.25916…/data=!3m1!1e3
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आज मोदी जी ने कहा है कि “मैं PM बना यह बाबासाहब (बौद्ध) की देन है !”
लोग तो भ्रम में हैं कि मोदी जी हिन्दुओं के कारण PM बने |
यह सब कहने के बाद भी मैं कहूंगा कि आगामी चुनाव में भाजपा को ही वोट देना चाहिए, क्योंकि इसमें अच्छे लोग भी बचे हुए हैं, जबकि अन्य सारी पार्टियां पूरी तरह से हिन्दू-विरोधी हैं |
….भले ही VHP से प्रवीण तोगड़िया को हटाने का निर्णय शीघ्र हो जाय, ताकि अयोध्या में मन्दिर के साथ मस्जिद भी बन सके और “सबका साथ सबका विकास” हो |
क्योंकि अयोध्या केवल रामजी का ही जन्मस्थान नहीं है, धोबी (और उसका गधा) भी वहीं जन्मा था जिसके बहुत से वंशज आज मुसलमान भी हैं !!
संसार में कुल 12,583,000 हिन्दू धोबी हैं जिनमें से 12,270,000 भारत में और 313,000 बाहर हैं,
संसार में 9100 सिख धोबी हैं जो सब भारत में ही हैं,
और संसार में कुल 2,155,000 मुस्लिम धोबी हैं जिनमें केवल 959,000 ही भारत में हैं, जबकि 1,196,000 तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, आदि में हैं | गुलाम-कश्मीर के उत्तरी गिलगित क्षेत्र में भी बहुत से मुस्लिम धोबी हैं जहाँ से बाबर का मूल प्रदेश फरगना दूर नहीं है, क्या पता अयोध्या वाले धोबी के कुछ वंशज ही फरगाना चले गए हों, बाबर का DNA टेस्ट होने के बाद ही पक्का निष्कर्ष निकलेगा ! तभी तो अयोध्या में बाबर के मस्जिद का दावा कर रहे हैं ! वैसे भी मुस्लिम धोबियों की सबसे बड़ी आबादी मुल्तान से अयोध्या तक ही है – चित्र संलग्न है !
विनय झा के फेसबुक पेज से सभार