बौद्ध शोध संस्थान गोमतीनगर के प्रेक्षागार में सम्मानित हुए देश के पत्रकार

हिन्दी पत्रकारिता की १९७वीं वर्षगांठः वर्ष २०२३

हिन्दी पत्रकारिता की १९७वीं वर्षगांठ पर ३० मई, २०२३ को लखनऊ में बौद्ध शोध संस्थान, गोमतीनगर के प्रेक्षागार में हिन्दी पत्रकारिता दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें निम्नलिखित वरिष्ठ पत्रकारों व समाचारपत्रों को सम्मानित किया गया :–
१- शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान
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स्वर्गीय शंकरदयालु श्रीवास्तव उस पीढ़ी के महान सम्पादक थे, जिस पीढ़ी की पत्रकारिता अपने राष्ट्रीय एवं सामाजिक सरोकारों के प्रति पूर्णरूपेण समर्पित होती थी। स्वर्गीय शंकरदयालु श्रीवास्तव जितने अधिक योग्य थे, उतने ही सादगीभरे एवं विनम्र स्वभाव के थे तथा दूसरे के गुणों व क्षमता को परख लेने की शक्ति उनमें विद्यमान थी।
वैसे तो इस वर्ष भी हमारे अखबार उपलब्धियों से परिपूर्ण रहे, किन्तु इस वर्ष शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान, निम्नलिखित समाचारपत्रों को उनकी वर्ष की अलग-अलग विशेष उपलब्धि के लिए समर्पित किया गयाः-
क. दैनिक जागरण
दैनिक जागरण में सांस्कृतिक विधा के समाचारों का प्रकाशन विशेष प्रशंसनीय रहा है। एतदर्थ इस उपलब्धि पर इस वर्ष ‘दैनिक जागरण’ को ‘शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
ख. अमर उजाला
दैनिक ‘अमर उजाला’ ने जनहित में भ्रष्टाचार को उजागर करनेवाले समाचारों का जो प्रकाशन किया, उसके सराहनास्वरूप इस वर्ष दैनिक ‘अमर उजाला’ को ‘शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
ग. हिन्दुस्तान
दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ ने शहरों में नासूर बने अतिक्रमणों के विरुद्ध जो अभियान चलाया, उसके सराहनास्वरूप इस वर्ष दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ को ‘शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
घ. नवभारत टाइम्स
दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’ में राजनीतिक विश्लेषण वाले समाचारों का जो महत्वपूर्ण प्रकाशन हुआ, उसके सराहनास्वरूप इस वर्ष दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’ को ‘शंकरदयालु श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
२. बाबूराव विष्णु पराड़कर रंगभारती सम्मान
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बाबूराव विष्णु पराड़कर मराठीभाषी थे, किन्तु हिन्दी पत्रकारिता को संस्कार देने वाले पितामह होने का श्रेय उन्हें ही है। उन्होंने अंग्रेजी के उस युग में अंग्रेजी के शब्दों से हिन्दी पत्रकारिता को प्रदूषित करने के बजाय नए-नए हिन्दी शब्द गढ़े तथा उन शब्दों को लोकप्रिय बनाकर हिन्दी भाषा एवं हिन्दी पत्रकारिता का शब्द-भंडार बहुत समृद्ध किया। संसद, लोकसभा, राज्यसभा आदि तमाम शब्द पराड़करजी की ही देन हैं।
हिन्दी पत्रकारिता पराड़कर जी से कभी उऋण नहीं हो सकेगी। इस वर्ष ‘बाबूराव विष्णु पराड़कर रंगभारती सम्मान’ निम्नलिखित मूर्धन्य पत्रकारों को समर्पित किया गयाः-
श्री अच्युतानंद मिश्र
‘ बाबूराव विष्णु पराड़कर सम्मान’ से सम्मानित किए गए ८५ वर्षीय पत्रकार श्री अच्युतानंद मिश्र का सम्पूर्ण जीवन पत्रकारिता को समर्पित रहा है। वह देश के अनेक विशिष्ट समाचारपत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट(इंडिया) के संस्थापक सदस्य हैं और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। आपने शीर्षस्थ सम्पादक पंडित बाबूराव विष्णु पराड़कर पर पुस्तक सम्पादित की है तथा हिन्दी के तीन अन्य महान सम्पादकों अज्ञेय, रघुवीर सहाय व डाॅ. धर्मवीर भारती के पत्रकारीय योगदान पर इस समय पुस्तक लिख रहे हैं। पत्रकारिता में आपके योगदान की लम्बी श्रृंखला है। अस्वस्थ हो जाने के कारण आज आप गाजियाबाद से लखनऊ नहीं आ सके हैं, इसलिए आपकी सम्मान-स्मृतिका आपके भतीजे एवं पत्रकार श्री अशोक मिश्र ने ग्रहण किया।
३. ‘लक्ष्मीनारायण गर्दे रंगभारती सम्मान’
बाबूराव विष्णु पराड़कर के समकालीन लक्ष्मीनारायण गर्दे भी उन्हीं की तरह महान पत्रकार थे। वह भी मूलरूप से मराठीभाषी थे, किन्तु हिन्दी पत्रकारिता के शुरुआती दौर में उसकी आधारशिला बेहद सुदृढ़ करने का श्रेय लक्ष्मीनारायण गर्दे को है। इस वर्ष ‘लक्ष्मी नारायण गर्दे रंगभारती सम्मान’ निम्नलिखित दो श्रेष्ठ पत्रकारों को समर्पित किया गयाः-
क. श्री ज्ञानेंद्र शर्मा
‘लक्ष्मी नारायण गर्दे रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री ज्ञानेंद्र शर्मा एक जानेमाने पत्रकार, साहित्यकार व लेखक हैं, जिन्होंने हजारों की संख्या में आलेख लिखे हैं। आपने मीडिया के कई महत्वपूर्ण अंगों में काम करने का गौरव हासिल किया। प्रदेश के प्रथम राज्य सूचना आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर काम करते हुए आपने सूचना के अधिकार के अंतर्गत न्याय दिलाने की दिशा में सैकड़ों महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। आपने अपने कार्यकाल में सूचना का अधिकार अधिनियम की बारीक व्याख्या की और विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अनगिनत फैसले किए, जिनमें से अनेक फैसले काफी चर्चित रहे। आप अपनी सक्रिय पत्रकारिता के दौरान कई प्रमुख समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रमुख पदों पर रहे।
ख. श्री जगदम्बा प्रसाद शुक्ल
‘लक्ष्मी नारायण गर्दे रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री जगदम्बा प्रसाद शुक्ल का जन्म ४ फरवरी, १९४२ को सुलतानपुर जनपद के सरावन ग्राम में हुआ था। वर्ष १९६१ में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीएससी करने के बाद आपने शिक्षक के रूप में कार्य किया, जिसके बाद प्रेस ट्रस्ट आॅफ इंडिया(पीटीआई) समाचार एजेंसी से पत्रकारिता की शुरुआत की। पीटीआई के कोलकाता एवं दिल्ली-कार्यालयों में काम करने के उपरांत वर्ष १९७५ में आप लखनऊ आए। वर्ष १९८६ में लखनऊ में ‘हिन्दू’ समाचारपत्र के संवाददाता बने, जहां से २००४ में सेवानिवृत्त हुए। आपका हिन्दी व अंग्रेजी, दोनों पर समान अधिकार है। आपने एक उपन्यास एवं ‘हिन्दू धर्म संस्कृति’ नामक पुस्तक लिखी। प्रसिद्ध फिल्म-कलाकार कंगना रनौत इमरजेंसी पर फिल्म बना रही हैं तथा आप उस फिल्म से इतिहास-सलाहकार के रूप में जुड़े हुए हैं।
४. ‘रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर रंगभारती सम्मान’
जिन मराठीभाषी महान पत्रकारों की तिकड़ी ने हिन्दी पत्रकारिता को गौरवान्वित किया, उनमें बाबूराव विष्णु पराड़कर एवं लक्ष्मीनारायण गर्दे के साथ तीसरी कड़ी रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर थे। ‘रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर रंगभारती सम्मान’ निम्नलिखित वरिष्ठ पत्रकारों को समर्पित किया गयाः-
क. श्री अजय कुमार
‘रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए ७८ वर्षीय श्री अजय कुमार ने वर्ष १९६६ में लखनऊ विश्वविद्यालय से एमकाॅम करने के बाद फरवरी, १०९७० में दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ से पत्रकारिता आरम्भ की तथा बाद में दैनिक ‘तरुण भारत’ व दैनिक ‘आज’ से जुड़े। ‘माया’, ‘मनोहर कहानियां’, ‘सत्यकथा’, ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ आदि मशहूर पत्रिकाओं में आपके अपराधविषयक समाचारों एवं राजनीतिक विश्लेषणों का नियमित रूप से प्रकाशन हुआ। वर्तमान में आप ‘प्रभासाक्षी डॉट कॉम न्यूज पोर्टल’ में उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं। आपका लेखन निरंतर जारी है।
ख. श्री राजेंद्र द्विवेदी
‘ रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए सरल स्वभाव वाले श्री राजेंद्र द्विवेदी लेखनी के धनी हैं। आप पिछले ३५ वर्षों से मीडिया से जुड़े हुए हैं। विद्यार्थी जीवन से ही आपकी राजनीतिक एवं आर्थिक विषयों में विशेष रुचि रही है। राजनीतिक एवं चुनावी विश्लेषण में आपको विशेष दक्षता प्राप्त है तथा इस विषय में पुस्तकें भी लिख चुके हैं। वर्तमान में आप ‘यू रीड मीडिया ग्रुप’ के प्रबंध सम्पादक एवं मासिक पत्रिका ‘डाटास्ट्रीट’ के प्रधान सम्पादक हैं।
ग. श्री सुरेश बहादुर सिंह
‘रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री सुरेश बहादुर सिंह की जन्मतिथि १२ अक्तूबर, १९५८ है। लखनऊ विश्वविद्यालय से परास्नातक एवं विधि स्नातक होने के बाद आपने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ जर्नलिज्म से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया। वर्ष १९८३ में दैनिक ‘नेशनल हेराल्ड’ में उपसम्पादक एवं संवाददाता बने। बाद में ‘एएनआई’ एवं ‘वीआई टीवी’ में संवाददाता के रूप में कार्य किया, जिसके उपरांत ‘वाह इंडिया’ में प्रधान संवाददाता बने। वर्ष २००१ में दैनिक ‘जनसत्ता’ में प्रधान संवाददाता बनाए गए, जिसके बाद वर्ष २००२ में विशेष संवाददाता बने। ‘दस्तक’ का सम्पादन किया तथा ‘चौथी दृष्टि’ के सलाहकार सम्पादक हुए। वर्तमान में आप ‘जनसंदेश टाइम्स’ के ब्यूरोप्रमुख हैं।
५. ‘सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय रंगभारती सम्मान’
सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय को यदि हिन्दी साहित्य में नई विधा को जन्म देकर उस विधा को समृद्ध बनाने का श्रेय है तो उन्हें हिन्दी पत्रकारिता को आदर्श एवं पैना रूप प्रदान करने का श्रेय भी है। ‘नवभारत टाइम्स’ के श्रेष्ठतम सम्पादक के रूप में उनका नाम अमिट रहेगा। ‘सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय रंगभारती सम्मान’ से निम्नलिखित पत्रकारों को सम्मानित किया गयाः-
क. डाॅ. हरिराम त्रिपाठी
‘सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए डाॅ. हरिराम त्रिपाठी ५२ वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं। अमेठी जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के मूल निवासी डाॅ. त्रिपाठी ने भारतीय प्राविधिक संस्थान(आईआईटी) से इंजीनियरी की पढ़ाई की तथा उसके बाद विज्ञान से सम्बंधित विषयों पर हिन्दी में लेखन-कार्य करते हुए पत्रकारिता में सक्रिय हुए। कालांतर में प्रेसट्रस्ट आॅफ इंडिया(पीटीआई) में सेवारत हुए। हिन्दी की विज्ञान- पत्रकारिता विषय पर शोध-प्रबंध प्रस्तुत कर आपने रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से डाॅक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में आप ‘त्रिवेणी न्यूज’ नामक महत्वपूर्ण पोर्टल एवं न्यूज एजेंसी का संचालन कर रहे हैं तथा उसके सम्पादक हैं।
ख. श्री योगींद्र द्विवेदी
‘सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री योगीन्द्र द्विवेदी पुरानी पीढ़ी के मूर्धन्य पत्रकारों में हैं। ७३ वर्षीय श्री द्विवेदी विगत ५२ वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं तथा दैनिक ‘नवजीवन’, दैनिक ‘अमृत प्रभात’ आदि अनेक ख्यातिप्राप्त दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक पत्र-पत्रिकाओं में महत्वपूर्ण रूप में कार्य कर चुके हैं।
ख. श्री स्नेह मधुर
‘सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय रंगभारती सम्मान ‘ से सम्मानित किए गए श्री स्नेह मधुर पत्रकारिता की कसौटी पर बिलकुल खरे पत्रकार हैं। आप प्रयागराज के निवासी हैं तथा वहीं आपने विश्वविद्यालय से विधि स्नातक होने के उपरांत चार दशक तक पत्रकारिता की हर विधा में महारत हासिल की। अनेक सुविख्यात पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहने के बाद आप अब स्वतंत्र रूप से लेखन कर रहे हैं। आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। फिल्मों में भी आपकी रुचि रही तथा अभिनय के साथ फिल्म की अनेक विधाओं में आपने प्रवीणता हासिल की।
६. ‘गणेशशंकर विद्यार्थी रंगभारती सम्मान’
गणेशशंकर विद्यार्थी ऐसे जीवट पत्रकार थे, जिन्होंने आदर्श और सिद्धांत की बलिवेदी पर अपना जीवन निछावर कर दिया था तथा शहीद पत्रकार होने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ। कानपुर की धरती उनके त्यागमय जीवन की साक्षी बन गई। ‘गणेशशंकर विद्यार्थी रंगभारती सम्मान’ निम्नलिखित पत्रकारों को समर्पित किया गयाः-
क. श्री दिलीप सिन्हा
‘गणेशशंकर विद्यार्थी रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री दिलीप सिन्हा विगत पचास वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। आपकी अवस्था ७० वर्ष है तथा आप विधि स्नातक हैं। वर्ष १९७३ में आपने ‘नेशनल हेराल्ड ग्रुप’ के समाचारपत्र ‘नवजीवन’ के संवाददाता के रूप में पत्रकारिता की शुरुआत की तथा समाचार सम्पादक पद से सेवानिवृत्त हुए। आप अन्य अनेक राष्ट्रीय दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहे।
ख. श्री श्रीधर अग्निहोत्री
‘गणेशशंकर विद्यार्थी रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री श्रीधर अग्निहोत्री मूलरूप से कानपुर के निवासी हैं तथा विगत २७ वर्षों से विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं, चैनलों एवं डिजिटल मीडिया में कार्य करने का आपको अनुभव है। फिल्मों में भी आपकी बहुत रुचि है तथा फेसबुक में ‘आज शनिवार है’ शीर्षक आपका साप्ताहिक फिल्मी स्तम्भ बड़ा लोकप्रिय हो रहा है।
७. ‘डॉ• धर्मवीर भारती रंगभारती सम्मान’
डॉ• धर्मवीर भारती उन महानतम पत्रकारों में थे, जिन्होंने हिन्दी को न केवल प्रांजलस्वरूप प्रदान किया, बल्कि उसे अतिशक्तिमान बनाया। धर्मयुग के सम्पादक के रूप में उन्होंने हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता एवं गरिमा प्रदान की। ‘धर्मयुग’ की भाषा इतनी सशक्त होती थी कि लोग उस पत्रिका को सही भाषा की कसौटी मानकर उससे सही हिन्दी सीखते थे।
क. सुश्री रूबिका लियाकत
‘डॉ• धर्मवीर भारती रंगभारती सम्मान’ देश के अतिलोकप्रिय चैनल ‘एबीपी’ की महत्वपूर्ण ऐंकर सुश्री रूबिका लियाकत को दिया गया। सुश्री रूबिका लियाकत ने दूरभाष पर इस ‘सम्मान’ के लिए हार्दिक धन्यवाद देते हुए यह विवशता बताई कि मंगलवार को उनके कार्यक्रम का दैनिक प्रसारण होता है, जिसमें उनकी मौजूदगी अनिवार्य रहती है। सुश्री रूबिका लियाकत ने सम्मान के लिए बहुत आभार व्यक्त हुए कहा कि यदि आयोजन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था हो सके तो वह उस माध्यम से यहां मौजूद सभी आगंतुकजनों से वार्तालाप करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी रविवार को हमारी सम्मान-स्मृतिका ग्रहण करने लखनऊ अवश्य आएंगी।
ख. श्री प्रदीप शाह
‘डॉ• धर्मवीर भारती रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री प्रदीप शाह लखनऊ के उन गिनेचुने प्रेस छायाकारों में हैं, जिन्होंने अपने कैमरे द्वारा खींचे हुए दुर्लभ चित्रों से धूम मचाई। आप वर्ष १९७६ से १९८५ तक ‘पैन इंडिया न्यूजपेपर अलायंस’ में रहे, जिसके उपरांत आपने विभिन्न समाचारपत्रों में कार्य करने के बाद ३५ वर्षों तक दैनिक ‘पायनियर’ में प्रेस छायाकार के रूप में कार्य किया और गत वर्ष वहां से रिटायर हुए।
ग. श्री भगवंत प्रसाद पांडेय
‘डॉ• धर्मवीर भारती रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री भगवंत प्रसाद पांडेय पुरानी पीढ़ी की राष्ट्रवादी पत्रकारिता के ज्वलंत उदाहरण हैं। उत्तर प्रदेश में अम्बेदकरनगर जनपद के मूल निवासी श्री भगवंत प्रसाद पांडेय कई दशकों से लखनऊ में पत्रकारिता कर रहे हैं। ७८ वर्ष की अवस्था हो जाने के बावजूद आप अभी भी पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त हैं। आप महान राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ स्वर्गीय बलराज मधोक के साथ दस वर्षों तक सक्रिय रहे हैं। वर्तमान में आप कतिपय महत्वपूर्ण पुस्तकें लिख रहे हैं।
८. ‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’
प्रयागराज से प्रकाशित देश के प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक समाचारपत्र ‘भारत’ में वरिष्ठ पत्रकार हेरम्ब मिश्र हिन्दी पत्रकारिता में पराड़कर युग के बाद डॉ•] धर्मवीर भारती एवं सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय की तरह बहुत महान पत्रकार थे। निर्धनता के वातावरण में रहकर भी स्वर्गीय हेरम्ब मिश्र हिन्दी पत्रकारिता के शिखर-पुरुष सिद्ध हुए और अपनेआप में एक संस्था बन गए। उन्होंने पत्रकारिता पर कई बेजोड़ पुस्तकें लिखीं। आज ‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’ से निम्नलिखित श्रेष्ठ पत्रकारों को अभिनंदित किया गयाः-
क. श्री अवनीश त्यागी
‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री अवनीश त्यागी की जन्मतिथि १८ जून, १९ है। आप मूलतः हापुड़ के रहने वाले हैं। आपने राजनीतिशास्त्र एवं इतिहास में एमए किया है तथा एलएलबी भी किया। आप विगत तीन दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं तथा लखनऊ में ‘दैनिक जागरण’ के ब्यूरो में विशेष संवाददाता पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में आप भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश-प्रवक्ता हैं।
ख. श्री रतिभान त्रिपाठी
‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री रतिभान त्रिपाठी की जन्मतिथि तीन जुलाई, १९६७ है। मूलरूप से आप चित्रकूट जनपद के निवासी हैं, किन्तु आपकी कार्यस्थली प्रयागराज रही। अब आप लखनऊ में रह रहे हैं। आपने हिन्दी एवं पत्रकारिता में परास्नातक की शिक्षा प्राप्त की तथा विगत ३५ वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। आपने ‘नवभारत टाइम्स’ व ‘प्रयागराज टाइम्स’ से पत्रकारिता की शुरुआत की तथा ‘दैनिक जागरण’ में वाराणसी, प्रयागराज एवं लखनऊ में २२ वर्षों तक संवाददाता, मुख्य संवाददाता, सम्पादकीय प्रभारी एवं प्रादेशिक प्रभारी रहे। आपने दस पुस्तकों का लेखन-सम्पादन किया।
ग. डॉ• अतुल कुमार सिंह
‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए डा• अतुल कुमार सिंह हरदोई जनपद के निवासी हैं तथा आपने पत्रकारिता में परास्नातक किया है और महत्वपूर्ण शोध-कार्य द्वारा पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने ‘अमर उजाला’ एवं अन्य अनेक महत्वपूर्ण समाचारपत्रों व समाचार एजेंसियों में कार्य किया तथा इस समय ‘स्वदेश’ के स्थानीय सम्पादक हैं। आपकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। वास्तविक पत्रकारिता वह होती है, जिसमें पत्रकार देश और समाज के प्रति दायित्व से अपने को सम्बद्ध करे। डॉ• अतुल कुमार सिंह ऐसे ही श्रेष्ठ पत्रकार हैं।
घ. श्री सुरेंद्र अग्निहोत्री
‘हेरम्ब मिश्र रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री सुरेंद्र अग्निहोत्री उत्तर प्रदेश के ललितपुर जनपद के निवासी हैं तथा आपकी जन्मतिथि एक जुलाई, १९६६ है। आप विगत तीन दशकों से पत्रकारिता में हैं तथा दर्जनों महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लिखते रहे हैं। लखनऊ में आप दो दशक तक दैनिक भास्कर के ब्यूरो प्रमुख भी रहे। वर्तमान में आप भोपाल, ग्वालियर, झांसी आदि से प्रकाशित होने वाले दैनिक सत्ता सुधार के लखनऊ में ब्यूरो प्रमुख हैं।
९. कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान
लगभग 65 वर्ष पूर्व प्रयागराज से प्रकाशित हो रहे सुविख्यात राष्ट्रीय समाचारपत्र दैनिक भारत के सम्पादकीय विभाग में अनेक अत्यंत उच्चकोटि के पत्रकार थे, जिनमें स्वर्गीय कृष्णबिहारी श्रीवास्तव भी अग्रणी थे। वह लाजवाब प्रतिभा से युक्त थे। अतः उनकी महान स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए‌ कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान शुरू किया गया है तथा इस सम्मान से निम्नलिखित श्रेष्ठ पत्रकार सम्मानित किए गएः-
क. राम सिंह तोमर
कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान से सम्मानित किए गए श्री राम सिंह तोमर की खोजी पत्रकारिता में विशेष महारत है। आपने एक ऐसे मामले की तह में जाकर अपराधियों की कलई खोली थी, जिसमें पुलिस ने उन अपराधियों को पूरी तरह दोशमुक्त कर रखा था। उस प्रकरण से श्री राम सिंह तोमर की खोजी पत्रकारिता की धूम मच गई थी। आप वर्ष 1984 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं तथा अनेक महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं से आपका जुड़ाव रहा। वर्ष 1998 में आप मेरठ से लखनऊ आए तथा यहां पर पत्रकारिता कर रहे हैं।
ख. श्री अजय श्रीवास्तव
‘कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री अजय श्रीवास्तव लगभग तीन दशक से पत्रकारिता कर रहे हैं तथा ‘जनसत्ता’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ सहित कई अखबारों से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में आप ‘नार्थ इंडिया स्टेट्समैन’ से जुड़े हुए हैं। आप पत्रकारों के हित के लिए विगत दो दशकों से निरंतर सचेष्ट रहते हैं।
ग. श्री अजय वर्मा
‘कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए श्री अजय वर्मा पहले राजनीति में सक्रिय थे, किन्तु अपने स्वभाव के कारण आप राजनीति की बंदिशों से अलग उन्मुक्त भाव से जनकल्याण करना चाहते थे। इसके लिए आपको पत्रकारिता का क्षेत्र अधिक उपयुक्त प्रतीत हुआ और इसलिए वर्ष १०८९ में आपने राजनीति छोड़कर पत्रकारिता में पदार्पण किया। मेरठ से प्रकाशित दैनिक ‘मेरठ समाचार’ के आप लखनऊ में संवाददाता बने तथा २७ वर्षों तक उस रूप में कार्यरत रहे। वर्तमान में आप दैनिक ‘मुकाम’ समाचारपत्र से जुड़े हुए हैं।
घ. श्री अतुल चतुर्वेदी
‘कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए इटावा के वरिष्ठ पत्रकार श्री अतुल चतुर्वेदी ने पत्रकारिता में परास्नातक किया और देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित दैनिक अखबार ‘पब्लिक एशिया’ द्वारा वर्ष १९९५ से पत्रकारिता आरंभ की। उसके बाद ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘राष्ट्रीय स्वरूप’, ‘कुबेर टाइम्स’, ‘मीडिया मंच’, ‘एनडीटीवी’ आदि से जुड़े रहे। वर्तमान में आप दूरदर्शन समाचार में कार्यरत हैं तथा ‘इटावा टाइम्स’ का सम्पादन कर रहे हैं।
ङ- श्री राजीव अहूजा
‘कृष्णबिहारी श्रीवास्तव रंगभारती सम्मान’ से सम्मानित किए गए वरिष्ठ पत्रकार श्री राजीव अहूजा जितने श्रेष्ठ पत्रकार हैं, उतने ही अधिक सज्जन व्यक्ति हैं। आप इतने परिश्रमी हैं कि आपको कठोर परिश्रम का पर्याय कहा जा सकता है। आपने वर्ष १९८९ में मूर्धन्य पत्रकार स्वर्गीय अखिलेश मिश्र के पथप्रदर्शन में पत्रकारिता आरम्भ की और बाद में ‘नवयुग अमियान’ मासिक पत्रिका का सम्पादन किया। तदुपरान्त अनेक महत्वपूर्ण अखबारों से जुड़े रहे तथा वर्ष १९९० से स्वतन्त्र रूप से पत्रकारिता कर रहे हैं।
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