प्रधानमंत्री आवास में हुई लूट, लूट नहीं… जनता का अधिकार और शक्ति: बांग्लादेश की लूटेरी इस्लामी भीड़ के साथ रवीश कुमार, देखिए वीडियो
प्रदर्शनकारियों को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर में घुस कर लूटपाट करते हुए देखा गया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पूर्व महिला प्रधानमंत्री के ब्रा और ब्लाउज भी लहराए। कैमरे के सामने महिलाओं का अंतवस्त्र लहराने वाले आखिर कैसे ‘युवा शक्ति’ कहे जा सकते हैं? इन्हें ‘लोकतंत्र’ के लिए लड़ने वाला बताया जा रहा है। कट्टर इस्लामी भीड़ के मन में महिलाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है, शायद तभी उन्होंने महिलाओं के अंतःवस्त्र कैमरे के सामने लहराए।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा मचाए गए उत्पात की जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे भारत के कुछ लोग बहुत खुश लग रहे हैं। इनमें एक नाम पत्रकार रवीश कुमार का भी है। रवीश कुमार ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट की है। इस वीडियो में वो बताते दिख रहे हैं कि किस तरह से बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शनकारी घुसे और उनके घर के सामान अपने साथ ले गए।
चैनल पर अपलोड 22 मिनट 6 सेकेंड की वीडियो में रवीश ने बांग्लादेश में मचाए उत्पात को ‘छात्रों का प्रदर्शन’ बताया। साथ ही प्रधानमंत्री भवन में घुसने वाली दंगाई भीड़ को देश की जनता कहकर वीडियो में संबोधित किया और दिखाया कि बांग्लादेश के लोग पीएम आवास से सोफे, कुर्सियाँ, अटैची, बैग, साड़ी, मछली, बकरी, खरगोश वगैरह लेकर जा रहे हैं। उन्होंने वीडियो में पहले सवाल किया कि क्या इन हरकतों को लूट कहा जा सकता है। आगे खुद जवाब देते हुए बोले- ये लूट नहीं है बल्कि जनता को ये एहसास हुआ है कि उनके पास अधिकार और शक्तियाँ हैं।
Rabies Kumar justifying the L00T in Bangladesh 🤡🤡 pic.twitter.com/ua8yTUkVpz
— desi mojito 🇮🇳 (@desimojito) August 6, 2024
रवीश कुमार जिस भीड़ के कृत्य को शब्दों के हेर-फेर से जस्टिफाई करते दिख रहे हैं और उनकी हरकतों को लोकतंत्र की लड़ाई जैसा दिखा रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि उसी भीड़ ने छात्र प्रदर्शन के नाम कितने लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस भीड़ ने थाने के थाने जला डाले। उसमें काम करने वाले पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया। यही भीड़ जो आरक्षण के नाम पर सड़कों पर उतरी है और जिसकी ताकत देख रवीश कुमार हैरानी जता रहे हैं वो खुलेआम हिंदुओं को निशाना बना रही है, मंदिरों पर हमले कर रही है… लेकिन रवीश कुमार जैसे लोग इसे छात्रों का सफल विद्रोह बताकर संबोधित कर रहे हैं और शेख हसीना जिन्हें खुद चुनावों के जरिए सत्ता मिलती रही उन्हें तानाशाह के तौर पर दिखा रहे हैं।
उनका कहना है कि मुल्क में जो आगजनी हुई है, संपत्तियों को तोड़फोड़ा गया है वो सिर्फ जनता का गुस्सा है और सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब के समय में इस गुस्से शांत नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि छात्रों का प्रदर्शन पहले शांत ही था लेकिन 12 जुलाई को शेख हसीना ने इन्हें रजाकार कह दिया था इसके बाद लोगों का गुस्सा उनपर भड़क गया। रवीश कुमार ने अपनी 22 मिनट की वीडियो में सिर्फ ये दिखाना चाहा कि किस तरह से बांग्लादेश में जो कुछ हुआ वो सही था और शेख हसीना द्वारा सरकारी नौकरी में बढ़ाया जा रहा आरक्षण गलत।
महिला पूर्व प्रधानमंत्री की ब्रा और ब्लाउज लहरा रही बांग्लादेश की ‘युवा शक्ति’: फ्रिज में रखी मछली से लेकर डस्टबिन तक लूट ले गए, एक साड़ी पहन कर भी निकला
76 वर्षीय शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अब फ़ौज वहाँ नियंत्रण में है, फ़ौज ही तय करेगी कि नई अंतरिम सरकार का स्वरूप क्या होगा। आरक्षण के विरोध में शुरू हुए आंदोलन ने आखिरकार उनके कार्यकाल का अंत कर दिया।
बांग्लादेश के जिन प्रदर्शनकारियों को भारत के वामपंथी/इस्लामी पत्रकार ‘युवा शक्ति’ बताते नहीं थक रहे, उन्हीं प्रदर्शनकारियों को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर में घुस कर लूटपाट करते हुए देखा गया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पूर्व महिला प्रधानमंत्री के ब्रा और ब्लाउज भी लहराए। कैमरे के सामने महिलाओं का अंतवस्त्र लहराने वाले आखिर कैसे ‘युवा शक्ति’ कहे जा सकते हैं? इन्हें ‘लोकतंत्र’ के लिए लड़ने वाला बताया जा रहा है। कट्टर इस्लामी भीड़ के मन में महिलाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है, शायद तभी उन्होंने महिलाओं के अंतःवस्त्र कैमरे के सामने लहराए।
शेख हसीना फ़िलहाल भारत के गाजियाबाद में रुकी हुई हैं, जहाँ हिंडन एयरपोर्ट पर उनका विमान सोमवार (5 अगस्त, 2024) को लैंड हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। पिछले 15 वर्षों से वो बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज थीं। एक व्यक्ति को उनके ढाका स्थित आवास से उनकी साड़ी पहन कर निकलते हुए देखा गया। उसने बाल्टी में महिलाओं के कपड़े रखे हुए थे। महिलाओं के अंतःवस्त्र तो छोड़ दीजिए, मछली और डस्टबिन तक प्रधानमंत्री आवास से लूट लिया गया। ये लोग रेफ़्रिजेरेटर से एक बड़ी भी मछली को चुरा कर ले गए।
साथ ही ‘गण भवन’ में रखे कुछ फर्नीचरों में आग लगा दी गई तो कुछ ये प्रदर्शनकारी अपने साथ उठा कर ले गए। पीएम आवास से पालतू जानवरों, टेलीविजन सेट, कंबल, जिम के उपकरण और महँगे सूटकेस तक लूट लिए गए। स्थानीय पत्रकारों की मानें तो लगभग डेढ़ हजार लोग ‘गण भवन’ में घुसे हुए थे। 76 वर्षीय शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अब फ़ौज वहाँ नियंत्रण में है, फ़ौज ही तय करेगी कि नई अंतरिम सरकार का स्वरूप क्या होगा। आरक्षण के विरोध में शुरू हुए आंदोलन ने आखिरकार उनके कार्यकाल का अंत कर दिया।
SHOCKING🚨: Radicals looted bra, fish, saree, blouse, even dustbins from #Banglade's PM Sheikh Hasina's residence.
One rioter even wore a saree and They have looted utensils from her kitchen.#BangladeshViolence #SheikhHasina #SheikhMujiburRahman #viral… pic.twitter.com/qIa3VAuxk7
— DW Samachar (@dwsamachar) August 5, 2024
खबर ये भी आ रही है कि काम के लिए पश्चिम बंगाल आए कई बांग्लादेशी नागरिक ‘अच्छे दिनों’ की आशा में वापस लौट रहे हैं। भारत में पूरी स्थिति की समीक्षा के लिए ‘कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्योरिटी’ की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। साथ ही सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई। राहुल गाँधी ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई। बांग्लादेश की स्थिति पर संसद में केंद्रीय विदेश मंत्री S जयशंकर भी अपनी बात रखेंगे।