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महाकुम्भ 2025 : योगी के ‘हनुमान’ शिशिर ने सम्भाल रखी है कमान

सिर्फ यही नहीं महाकुंभ 2025 में ADG, DIG और SSP ने सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले रखी है, पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में घूम घूमकर भ्रमण कर रहे हैं। DIG महाकुंभ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी तो घोड़ों पर सवार होकर मुआयना करते दिखे। साफ है महाकुंभ को सफल बनाने के लिए योगी और उनकी टीम पूरी मुस्तैदी के साथ जुटी हुई है। 

45 करोड़ सनातनियों की सुरक्षा के लिए योगी ने उतारे ऐसे धाकड़ अधिकारी, ठंड में बाइक पर ले जा रहे थे बाइक 

योगी सरकार की पोर्टफोलियो सुरक्षा व्यवस्था, एडीजी, आस्तिक और मठाधीश ने समिति की व्यवस्था की

मुख्यमंत्री  योगी  आदित्यनाथ  के  निर्देश  पर  सुरक्षा  सुनिश्चित  करने  के  लिए  पूरे  मेला  क्षेत्र  में  भ्रमण  करते हुए आला अधिकारी  पहुंचे   

एडीजी  भानु  भास्कर  ने  संपूर्ण  मेला  क्षेत्र  की  यात्रा संगम नोज में वॉच टावर पर चढ़ाकर आश्रमों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंधों का  भ्रमण किया               

महाकुंभ 2025 का हर्षोल्लास के साथ आगाज हो गया है। असमंजस में चल रहे महाकुंभ में आए आठवें लागातार अमृत स्नान का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। इस अमृत स्नान में शामिल होने के लिए कई करोड़ भक्तों की भीड़ उमड़ी और सबसे खास बात प्रशासन की ऐसी थी कि किसी को तिनके भर की भी दिक्कत नहीं हुई। जैसे ही जरा सी भीड़ का सहारा लिया गया वैसे ही योगी के धाकड़ अधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया। तभी तो एक अधिकारी मोटरसाइकिल पर तो दूसरा मोटरसाइकिल पर ही यात्रा करने के लिए निकल गया। तीसरा तो रिश्तो पर सवार होकर यात्रा करने लगे। गैंग चलाये योगी ने अपने जिन प्रतिष्ठित अधिकारियों को पद पर नियुक्त किया है वो लोग के लिए जी जान से बने हुए हैं।

महाकुंभ के अमृत स्नान में शामिल हुए लाखों करोड़ों की संख्या में आवाहन मंदिर में तिनके भर की भी दिक्कत ना आए ये देखने के लिए मोटरसाइकिल से ही जियाजा लेकर पहुंच गए योगी के ‘रत्न’ या यूं कहें कि मुख्यमंत्री योगी के हनुमान शिशिर तो फिर से शुरू करें प्रकट हुए मृत्युंजय कुमार। इतना ही नहीं DIG महाकुंभ के घोड़ों पर सवार होकर निकलना पड़े ताकि आपदाओं का सामना न करना पड़े। योगी के हनुमान निर्देशक की सलाह शिशिर बाइक पर महाकुंभ में मीडिया को हर संभव सहयोग और सुविधा के लिए जानकारी दे रहे हैं। ये एक बनगी है. इसी तरह हर कर्मचारी और कर्मचारी महाकुंभ में अपने-अपने अनुयायियों को समर्पित करते हुए अपने कर्तव्य की आस्था में शामिल हो रहे हैं।

धर्म कर्तव्यपालन का आदेश देता है। ऐसे लोग अनमोल होते हैं जो अपने कर्तव्य का पालन करते हैं और पूरी ईमानदारी से काम करते हैं। कर्त्तव्यपरायणता और धार्मिक आस्था का मिलन ऐसी महाशक्ति ईश्वरीय चमत्कार जैसा होता है। जो बड़े से बड़े उपन्यास का सामना करने में सफल होते हैं।

महाकुंभ में दिन पर दिन आश्रम की शांति स्थापित की जा रही है, ऐसे में योगी प्रशासन ने पूरी ताकत लगा रखी है, कहीं से भी किसी को कोई दिक्कत ना आए इसके लिए अलग-अलग तरकीबें निकाली गईं। ऐसे में आम आदमी की तरह जब वो बाइक पर पैसा लेने के लिए निकलता है तो लोगों ने उनके वीडियो बनाए और उसके बाद से ही उनकी शान शौकत की जा रही है।

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जिसने भी वीडियो देखा उसे ऐसा लगा जैसे योगी के निर्देश का पालन करना कोई सही मायने में सूचना निदेशक शिशिर से सीखे। आपको बता दें शिशिर सिंह को योगी के हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। शिशिर सिंह को जो लोग जानते हैं वो बताते हैं कि ये ऐसे अधिकारी हैं जो 24×7 प्रो एक्टिव मोड़ में रहते हैं। इन्हें जानने वाले ये भी कहते हैं कि इन्हें देखकर ही लगता है कि ऐसे कुछ लोग रीढ़ वाले होते हैं किसी शासन व्यवस्था में।
सिर्फ यही नहीं महाकुंभ 2025 में ADG, DIG और SSP ने सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले रखी है, पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में घूम घूमकर भ्रमण कर रहे हैं। DIG महाकुंभ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी तो घोड़ों पर सवार होकर मुआयना करते दिखे। साफ है महाकुंभ को सफल बनाने के लिए योगी और उनकी टीम पूरी मुस्तैदी के साथ जुटी हुई है।

आइये अब हम आप को बताते हैं कैसी है महाकुम्भ की सुरक्षा ब्यवस्था


महाकुंभ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखते हुए 45 करोड़ लोगों की सुरक्षा के लिए जल पुलिस के लिहाज से चार जोन का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। जिसमें बाकायदा 107 बीटों में बंटे सुरक्षा कर्मी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए मौके पर तैनात हैं। यहां कुल 10 कंपनी पीएसी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ और 141 सुरक्षाकर्मियों के अलावा 700 नावों पर रक्षक तैनात किए गए हैं। इनके साथ स्वास्थ्य कर्मियों की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं।

आईजी पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ में 10 कंपनी पीएसी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी काम कर रही है। संगम में स्नान करने के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। जिसमें सुरक्षा कर्मियों को 107 बीटों में बांटा गया है। यही नहीं स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए इसके लिए बाकायदा चिकित्सक और जन औषधि केंद्रों से युक्त आधुनिक वाटर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जल पुलिस अलग से थाने और चौकियों के साथ 16 सब कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी में लगी है। जिससे पलक झपकते ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया कराई जा सके।

उन्होंने बताया कि कोई अनहोनी न होने पाए, इसके लिए थर्मो-प्लास्टिक के फ्लोटिंग ब्लाक्स को जोड़कर बैरिकेडिंग बनाई गई है, जिस पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।

चार जोन का सुरक्षा चक्र

महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। इसके तहत जल पुलिस को चार जोन में बांटकर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

पहला जोन (संगम क्षेत्र)

पहला संगम का घेरा रहेगा, जिसमें 25 बीट में 290 पीएससी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 8 पीएससी गोताखोर, 30 सुरक्षाकर्मी, 18 प्राइवेट गोताखोर, 26 होमगार्ड, 27 मोटर बोट और 113 नाव सुरक्षा इंतजाम में लगाए गए हैं।

दूसरा जोन (बरगद घाट)

दूसरा बरगद घाट का घेरा रहेगा। इस दूसरे जोन में 28 बीट में 33 सुरक्षाकर्मी, 100 पीएसी व एनडीआरएफ एसडीआरएफ, 50 होमगार्ड, 40 पीएससी गोताखोर, 50 प्राइवेट गोताखोर, 24 मोटर बोट और 77 नाव की ब्यवस्था है।

तीसरा जोन (संगम क्षेत्र से दुर्वासा)

तीसरा जोन संगम क्षेत्र से दुर्वासा का होगा। इस तीसरे जोन में 16 बीट के अंतर्गत 21 सुरक्षाकर्मी, 68 पीएसी व एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 16 प्राइवेट गोताखोर, 28 होमगार्ड, 8 मोटर बोट और 99 नाव सुरक्षा के लिए उपलब्ध है।

चौथा जोन (संगम क्षेत्र से फाफामऊ)

चौथा जोन 38 बीटों वाला रहेगा, जिसमें 50 सुरक्षाकर्मी और पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ 210, 14 पीएससी गोताखोर, 19 प्राइवेट गोताखोर, 64 होमगार्ड, 33 मोटर बोट और 311 नाव की ब्यवस्था है।

इतनी बड़ी संख्या की सुरक्षा का मॉडल सैकड़ों देशों का स्टडी प्वाइंट बन गया है। ये आयोजन कम्युनिकेशन और अनेकता में एकता की मिसाल बन कर पेश हो रहा है। गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम किस तरह सनातनी संपूर्ण शक्तियों को अपने बाहों में समेट सकता है। हर जाति, प्रत्येक सम्प्रदाय और पंथ का अटूट गुलदस्ता हिन्दुत्व को महाशक्ति बना रहा है। हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दर्पण बनकर महाकुंभ देश के आर्थिक विकास,पर्यटन, व्यापार और स्वरोजगार की उन्नति,प्रगति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। ये भी देखने लायक है कि महाकुंभ की आस्था के रूप में भारत की आध्यात्मिक शक्ति किस तरह प्रासंगिक है और विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

डिजिटल महाकुंभ के जरिए दुनिया हमारी इन खूबियों को पल-पल देख रही है, सीख रही है, प्रेरणा ले रही है। आस्था के इस अनुष्ठान से सैकड़ों देश भारत के प्रति आस्थावान हो रहे हैं। अयोध्या और काशी के बाद प्रयागराज का भी कायाकल्प हो गया है।

देश को गौरवान्वित करने वाले इस भव्य और दिव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके अफसरों को बड़ा श्रेय जाता है। मुख्य सचिव हो, प्रमुख सचिव सूचना, डीजीपी, निदेशक सूचना, मुख्यमंत्री के सलाहकार या अन्य हजारो कर्मचारी, हर किसी में आस्था के मनोभाव से अद्भुत शक्तियों और क्षमताओं का समावेश इस एतिहासिक अनुष्ठान को सफल बना रहा है।

डिजिटल महाकुंभ के पल-पल के मनमोहक आध्यात्मिक दृश्यों में एक ऐसी भी तस्वीर आज सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही है जिसमें उ.प्र. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक सूचना शिशिर और मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार बाइक और स्कूटी पर घूम-घूम कर कुंभ की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में लगे हैं। कई अफसर और कर्मचारी दिनों रात मेहनत में जुटे हैं। ड्यूटी के कर्तव्य के साथ आस्था ने जैसे इन्हें अतिरिक्त ईश्वरीय वरदान की शक्ति प्रदान कर दी हो।

सैकड़ों एकड़ में फैले इस आयोजन का मीडिया सेटर भी भव्य है। यहां ना सिर्फ उत्तर प्रदेश या देश की मीडिया बल्कि विश्व भर की मीडिया डेरा डाले है। इसकी व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए निदेशक सूचना शिशिर जी ने जी जान लगा दी है। बताया जाता है कि शिशिर जी को मांसपेशियों की समस्या के चलते ज्यादा पैदल चलने में पैर में दिक्कत होती है। इसके बावजूद वो मीडिया सेंटर की व्यवस्था और डिजिटल महाकुंभ को सफलता की श्रेष्ठता पर ले जाने के लिए दिनों रात दौड़-भाग कर रहे हैं। इस दौड़-भाग के लिए ही उन्होंने दो पहिए वाहन का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है।

महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी लगाई आस्था की डुबकी, चाक-चौबंद व्यवस्था देख हो रहे गदगद

पौष पूर्णिमा स्नान के साथ धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेला सोमवार (13 जनवरी) से शुरू हो गया। महाकुंभ ने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया है। पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया। विदेशी पर्यटकों ने खुद को भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा कि हमें यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा।

अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल अब ‘बाबा मोक्षपुरी’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने जूना अखाड़े से जुड़ने की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसका अपना परिवार और करियर था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है और मैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया।”

माइकल ने कहा, “प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारण और बेजोड़ है।” महाकुंभ ने विदेशियों के एक विविध समूह को भी आकर्षित किया है। इसमें इस धार्मिक आयोजन को फिल्माने वाले दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने की ललक रखने वाले जापानी पर्यटक तक शामिल हैं।

स्पेन की क्रिस्टीना ने इस आयोजन की भव्यता पर विस्मय व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक अद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।” एक अन्य विदेशी श्रद्धालु ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलने की बात कही।

उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैं पवित्र जल में डुबकी लगाने का अवसर पाकर कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। मुझमें पूर्णता का जो भाव जगा है, उसे मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती।” इटली से आने वाली वेलेरिया ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को ‘अद्भुत और रोमांचक’ करार दिया। हालांकि, उन्होंने और उनके पति मिखाइल ने ठंडे मौसम के कारण पवित्र जल में डुबकी नहीं लगाई।

मिखाइल ने मजाकिया लहजे में कहा, “मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने संगम में डुबकी लगाई, तो वह मुझे छोड़ देगी, क्योंकि पानी बहुत ठंडा है!”कपल ने कहा कि ठंड कम होने पर वे एक बार फिर महाकुंभ में आने की कोशिश करेंगे।

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मोक्ष की खोज में विदेशी भक्त:- पहली बार महाकुंभ में ब्राजील के योग साधक शिकू ने ‘मोक्ष’ की खोज को अपनी यात्रा का मकसद बताया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। इस बार 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग का महाकुंभ बना है और इसमें भी खास रचनाएं हैं। मैं यहां मानता हूं कि बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। जय श्रीराम।” फ़्रांसीसी पत्रकार मेलानी में इस समारोह में एक स्पिरिचुअल रोमांच का जन्म हुआ।

मेलोनी ने कहा, “जब मैंने भारत की यात्रा की योजना बनाई थी, तब मुझे महाकुंभ के बारे में पता नहीं था। लेकिन एक बार जब मुझे इसके बारे में पता चला, तो मुझे लगा कि मुझे यहां आना ही होगा। साधुओं से।” लाभ और इस आकर्षक फिल्म को देखना जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है।” उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ में विदेशी पर्यटकों समेत कुल 40 से 45 करोड़ के निवेश की उम्मीद है।

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