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पत्रकार की जमीन पर अवैध कब्जा, धमकी और रंगदारी की मांग

मान्यता प्राप्त पत्रकार सुरेन्द्र दुबे की जमीन पर जबरन कब्जे और धमकी का गंभीर मामला सामने आया है। सुरेन्द्र दुबे ने कई वर्षों पहले यह जमीन खरीदी थी और उस पर बाउंड्री करवा कर नियमित देखरेख भी कर रहे थे। मगर बीते दो महीनों से व्यक्तिगत व्यस्तताओं के चलते वे अपनी जमीन पर नहीं जा सके। 9 अप्रैल 2025 की सुबह जब वे जमीन पर पहुँचे, तो देखा कि पुरानी दीवार को गिराकर एक नई दीवार खड़ी कर दी गई है। यह देखकर वे हैरान रह गए। जब उन्होंने दीवार पर लिखे मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, तो फोन उठाने वाले राधेश्याम सिंह नामक व्यक्ति ने उन्हें गालियाँ दीं और धमकाते हुए कहा, "पैसा दो और जमीन ले लो। हमारी नजर जिस जमीन पर पड़ जाती है, वह हमारी हो जाती है। इलाके में हमारा नाम पूछ लेना, फिर फोन करना।"

पत्रकारों में आक्रोश, सरकार से बुलडोजर कार्रवाई की मांग

पत्रकार की जमीन पर दबंगों का कब्जा: योगी सरकार से न्याय की गुहार

पहले दी चेतावनी, अब कब्जा: भू-माफियाओं की सुनियोजित साजिश

व्यस्तता बनी धोखे की वजह, दबंग द्वारा पत्रकार से मांगे जा रहे लाखों रुपए

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मान्यता प्राप्त पत्रकार सुरेन्द्र दुबे की जमीन पर जबरन कब्जे और धमकी का गंभीर मामला सामने आया है। सुरेन्द्र दुबे ने कई वर्षों पहले यह जमीन खरीदी थी और उस पर बाउंड्री करवा कर नियमित देखरेख भी कर रहे थे। मगर बीते दो महीनों से व्यक्तिगत व्यस्तताओं के चलते वे अपनी जमीन पर नहीं जा सके।

9 अप्रैल 2025 की सुबह जब वे जमीन पर पहुँचे, तो देखा कि पुरानी दीवार को गिराकर एक नई दीवार खड़ी कर दी गई है। यह देखकर वे हैरान रह गए। जब उन्होंने दीवार पर लिखे मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, तो फोन उठाने वाले राधेश्याम सिंह नामक व्यक्ति ने उन्हें गालियाँ दीं और धमकाते हुए कहा, “पैसा दो और जमीन ले लो। हमारी नजर जिस जमीन पर पड़ जाती है, वह हमारी हो जाती है। इलाके में हमारा नाम पूछ लेना, फिर फोन करना।”

सुरेन्द्र दुबे ने बताया कि दो महीने पहले वे अपने सहयोगी उपेन्द्र दीक्षित के साथ प्लॉट देखने गए थे। उपेन्द्र दीक्षित की जमीन भी उसी जगह बगल में स्थित है। उस दौरान गांव के ही निवासी विजय कुमार ने उनसे जमीन बेचने को कहा था। जब उन्होंने इंकार किया, तो विजय कुमार ने मौन चेतावनी दी थी, जो अब अवैध कब्जे के रूप में सामने आई है।
यह पूरी घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा प्रतीत होती है, जिसमें भू-माफियाओं ने न सिर्फ जमीन कब्जाई, बल्कि खुलेआम धमकी देकर रंगदारी की भी मांग की।

सुरेन्द्र दुबे ने घटना की जानकारी तत्काल 112 पर कॉल कर पुलिस को दी और फिर जिले के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। उनका कहना है कि यदि इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रवृत्ति और बढ़ेगी।
इस घटना ने पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। जिले के पत्रकारों में इस अवैध कब्जे और धमकी को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। पत्रकारों का कहना है कि जब एक मान्यता प्राप्त पत्रकार की जमीन भी सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन नहीं है।

पत्रकारों ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग, एक सख्त संदेश देना ज़रूरी है, ताकि कानून का शासन स्थापित हो सके और जनता का प्रशासन पर भरोसा बना रहे।

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